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  • भजन 115:4-8
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    •  4 उनकी मूरतें सोने-चाँदी की बनी हैं,

      इंसान के हाथ की कारीगरी हैं।+

       5 उनका मुँह तो है पर वे बोल नहीं सकतीं,+

      आँखें हैं पर देख नहीं सकतीं,

       6 कान हैं पर सुन नहीं सकतीं,

      नाक है पर सूँघ नहीं सकतीं,

       7 हाथ हैं पर छू नहीं सकतीं,

      पैर हैं पर चल नहीं सकतीं,+

      उनके गले से कोई आवाज़ नहीं निकलती।+

       8 उनके बनानेवाले और उन पर भरोसा रखनेवाले,

      दोनों उनकी तरह हो जाएँगे।+

  • यशायाह 46:6
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    •  6 ऐसे लोग हैं जो थैली से सोना निकाल-निकालकर देते हैं

      और तराज़ू पर चाँदी तौलते हैं।

      वे सुनार को काम पर लगाते हैं और सुनार उससे देवता की एक मूरत बनाता है,+

      फिर वे उस मूरत के आगे दंडवत करते हैं, उसकी पूजा करते हैं।+

  • प्रेषितों 17:29
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 29 हम परमेश्‍वर के बच्चे हैं+ इसलिए हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि परमेश्‍वर सोने या चाँदी या पत्थर जैसा है, या इंसान की कल्पना और कला से गढ़ी गयी किसी चीज़ जैसा है।+

  • 1 कुरिंथियों 10:19
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 19 तो क्या मेरे कहने का यह मतलब है कि मूर्ति या मूर्ति के आगे चढ़ाया बलिदान मायने रखता है?

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