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मरकुस 5:38-43पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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38 जब वे सभा-घर के अधिकारी के घर पहुँचे, तो उसने देखा कि वहाँ काफी होहल्ला मचा है। लोग ज़ोर-ज़ोर से रो रहे हैं, मातम मना रहे हैं।+ 39 यीशु ने अंदर जाने के बाद उनसे कहा, “तुम क्यों रो रहे हो और होहल्ला मचा रहे हो? बच्ची मरी नहीं बल्कि सो रही है।”+ 40 यह सुनकर वे उसकी खिल्ली उड़ाने लगे। मगर यीशु ने उन सबको बाहर भेज दिया और लड़की के माँ-बाप और अपने साथियों को लेकर वह अंदर गया जहाँ लड़की थी। 41 फिर यीशु ने बच्ची का हाथ पकड़कर कहा, “तलीता कूमी,” जिसका मतलब है, “बच्ची, मैं तुझसे कहता हूँ, उठ!”+ 42 उसी वक्त वह लड़की उठकर चलने-फिरने लगी। (वह 12 साल की थी।) यह देखकर उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। 43 मगर यीशु ने बार-बार उन्हें सख्ती से कहा* कि वे इस बारे में किसी को न बताएँ+ और फिर कहा कि लड़की को कुछ खाने के लिए दिया जाए।
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लूका 8:52-56पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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52 लेकिन सब लोग रो रहे थे और छाती पीटते हुए उस लड़की के लिए मातम मना रहे थे। यीशु ने कहा, “मत रोओ!+ लड़की मरी नहीं बल्कि सो रही है।”+ 53 यह सुनकर वे उसकी खिल्ली उड़ाने लगे क्योंकि वे जानते थे कि वह मर चुकी है। 54 फिर यीशु ने बच्ची का हाथ पकड़कर कहा, “बच्ची, उठ!”+ 55 तब उस लड़की में जान*+ आ गयी और वह फौरन उठ बैठी।+ यीशु ने कहा कि लड़की को खाने के लिए कुछ दिया जाए। 56 लड़की को ज़िंदा देखकर उसके माता-पिता खुशी के मारे अपने आपे में न रहे। मगर यीशु ने उनसे कहा कि जो हुआ है, वह किसी को न बताएँ।+
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