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मत्ती 14:14-17पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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14 जब यीशु किनारे पर पहुँचा, तो उसने लोगों की एक बड़ी भीड़ देखी। उन्हें देखकर वह तड़प उठा+ और उसने बीमारों को ठीक किया।+ 15 मगर जब शाम हुई, तो चेलों ने उसके पास आकर कहा, “यह जगह सुनसान है और बहुत देर हो चुकी है। इसलिए भीड़ को विदा कर दे ताकि वे आस-पास के गाँवों में जाकर खाने के लिए कुछ खरीद लें।”+ 16 मगर यीशु ने उनसे कहा, “उन्हें जाने की ज़रूरत नहीं, तुम्हीं उन्हें कुछ खाने को दो।” 17 चेलों ने उससे कहा, “यहाँ हमारे पास पाँच रोटियों और दो मछलियों के सिवा और कुछ नहीं है।”
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मरकुस 6:35-38पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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35 अब काफी वक्त बीत चुका था और उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा, “यह जगह सुनसान है और बहुत देर हो चुकी है।+ 36 इसलिए इन्हें विदा कर ताकि वे आस-पास के देहातों और गाँवों में जाकर खाने के लिए कुछ खरीद लें।”+ 37 मगर यीशु ने उनसे कहा, “तुम्हीं उन्हें कुछ खाने को दो।” यह सुनकर चेलों ने कहा, “क्या हम 200 दीनार* की रोटियाँ खरीदें और इन्हें खाने को दें?”+ 38 यीशु ने उनसे कहा, “जाओ देखो, तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं।” पता लगाकर उन्होंने कहा, “पाँच। और दो मछलियाँ भी हैं।”+
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लूका 9:12, 13पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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12 फिर दिन ढलने लगा और वे 12 उसके पास आए और कहने लगे, “भीड़ को भेज दे ताकि वे आस-पास के गाँवों और देहातों में जाकर अपने खाने और ठहरने का इंतज़ाम करें, क्योंकि हम यहाँ सुनसान जगह में हैं।”+ 13 मगर यीशु ने उनसे कहा, “तुम्हीं उन्हें कुछ खाने को दो।”+ उन्होंने कहा, “हमारे पास पाँच रोटियों और दो मछलियों के सिवा कुछ नहीं है। क्या तू यह चाहता है कि हम खुद जाकर इन सब लोगों के लिए खाना खरीदकर लाएँ?”
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