15 और मैं भी इन लोगों की तरह परमेश्वर से यह आशा रखता हूँ कि अच्छे और बुरे,+ दोनों तरह के लोगों को मरे हुओं में से ज़िंदा किया जाएगा।+16 इसलिए मैं हमेशा कोशिश करता हूँ कि परमेश्वर और इंसानों की नज़र में कोई अपराध न करूँ ताकि मेरा ज़मीर साफ* रहे।+
12 हमें इस बात का गर्व है और हमारा ज़मीर भी गवाही देता है कि हम दुनिया में और खासकर तुम्हारे बीच ऐसी पवित्रता और सीधाई से रहे हैं जो परमेश्वर सिखाता है और हम दुनियावी बुद्धि पर नहीं+ बल्कि परमेश्वर की महा-कृपा पर निर्भर रहे हैं।
16 अपना ज़मीर साफ बनाए रखो+ ताकि लोग चाहे किसी भी बात में तुम्हारे खिलाफ बोलें, जब वे देखेंगे कि मसीह के चेलों के नाते तुम्हारा चालचलन कितना बढ़िया है, तो वे शर्मिंदा हो जाएँगे।+