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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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उत्पत्ति का सारांश

      • स्वर्गदूतों ने औरतों से शादी की (1-3)

      • नफिलीम पैदा हुए (4)

      • इंसान की बुराई से यहोवा दुखी (5-8)

      • नूह को जहाज़ बनाने का काम मिला (9-16)

      • जलप्रलय का ऐलान (17-22)

उत्पत्ति 6:2

फुटनोट

  • *

    परमेश्‍वर के स्वर्गदूतों के लिए इस्तेमाल होनेवाला इब्रानी मुहावरा।

संबंधित आयतें

  • +अय 1:6; 38:7; 2पत 2:4; यहू 6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2013, पेज 22

    4/15/2010, पेज 20

    6/1/2007, पेज 5

    4/15/2000, पेज 27

    6/15/1997, पेज 15-16

    12/1/1990, पेज 13-14

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 93-94

उत्पत्ति 6:3

फुटनोट

  • *

    या “क्योंकि वह अपने शरीर की इच्छाओं के मुताबिक काम करता है।”

संबंधित आयतें

  • +उत 7:4; 1पत 3:20
  • +2पत 3:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2012, पेज 23

    12/15/2010, पेज 30-31

    12/15/2003, पेज 15

    11/1/2001, पेज 9-10

    8/15/1999, पेज 16

    9/15/1998, पेज 10-11

उत्पत्ति 6:4

फुटनोट

  • *

    शायद इसका मतलब है, “गिरानेवाले,” यानी वे जो दूसरों को गिराते हैं। शब्दावली देखें।

इंडैक्स

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    10/1/2013, पेज 10

    6/15/2013, पेज 22

    6/1/2007, पेज 5

    11/15/2001, पेज 28

    4/15/2000, पेज 27-28

    6/15/1997, पेज 15-16

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 18

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 94

उत्पत्ति 6:5

संबंधित आयतें

  • +उत 8:21; यिर्म 17:9; मत 15:19

उत्पत्ति 6:6

फुटनोट

  • *

    या “पछतावा।”

  • *

    या “उसके दिल को ठेस पहुँची।”

संबंधित आयतें

  • +भज 78:40, 41

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    5/15/2004, पेज 5-6

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    4/15/1998, पेज 7

    10/1/1992, पेज 9

    12/1/1990, पेज 14

उत्पत्ति 6:7

इंडैक्स

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    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/1998, पेज 7

उत्पत्ति 6:8

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    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/1991, पेज 19, 21-22

उत्पत्ति 6:9

फुटनोट

  • *

    या “वह निर्दोष था।”

संबंधित आयतें

  • +उत 7:1; यहे 14:14; इब्र 11:7
  • +2पत 2:5

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    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2017, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2005, पेज 18-20

    11/15/2001, पेज 29

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    11/15/1998, पेज 10-11

    9/15/1998, पेज 23

    6/1/1998, पेज 9

    10/1/1991, पेज 19

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 17

उत्पत्ति 6:10

संबंधित आयतें

  • +उत 5:32

उत्पत्ति 6:11

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    6/1/1986, पेज 16-17

उत्पत्ति 6:12

संबंधित आयतें

  • +प्रक 11:18
  • +मत 24:37-39; 2पत 2:5

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    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1986, पेज 16-17

उत्पत्ति 6:13

संबंधित आयतें

  • +उत 7:4

उत्पत्ति 6:14

फुटनोट

  • *

    शा., “बक्सा।” यह एक बड़े आयताकार बक्से जैसा जलपोत था। माना जाता है कि इस जलपोत के कोने चौकोर थे और निचला हिस्सा सपाट था।

  • *

    या “डामर।”

संबंधित आयतें

  • +इब्र 11:7
  • +उत 14:10; निर्ग 2:3

उत्पत्ति 6:15

फुटनोट

  • *

    यानी करीब 438 फुट लंबा, 73 फुट चौड़ा और 44 फुट ऊँचा।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    3/8/1997, पेज 25

उत्पत्ति 6:16

फुटनोट

  • *

    इब्रानी में सोहर। कुछ लोगों का मानना है कि सोहर रौशनी के लिए बनायी गयी खिड़की या खुला भाग नहीं बल्कि एक छत थी जिसमें एक हाथ लंबी ढलान थी।

संबंधित आयतें

  • +उत 7:16

उत्पत्ति 6:17

फुटनोट

  • *

    या “जीवन-शक्‍ति।” शब्दावली में “रुआख; नफ्मा” देखें।

संबंधित आयतें

  • +उत 1:7; 7:6, 11
  • +उत 7:21; भज 104:29; मत 24:39; 2पत 2:5

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/1998, पेज 9

उत्पत्ति 6:18

संबंधित आयतें

  • +उत 7:13

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    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2013, पेज 11-12

उत्पत्ति 6:19

संबंधित आयतें

  • +उत 7:2
  • +उत 8:17

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उत्पत्ति 6:20

संबंधित आयतें

  • +उत 7:14, 15

उत्पत्ति 6:21

संबंधित आयतें

  • +उत 1:29, 30

उत्पत्ति 6:22

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 40:16; इब्र 11:7

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    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2004, पेज 30

    12/15/1995, पेज 11-12

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

उत्प. 6:2अय 1:6; 38:7; 2पत 2:4; यहू 6
उत्प. 6:3उत 7:4; 1पत 3:20
उत्प. 6:32पत 3:9
उत्प. 6:5उत 8:21; यिर्म 17:9; मत 15:19
उत्प. 6:6भज 78:40, 41
उत्प. 6:9उत 7:1; यहे 14:14; इब्र 11:7
उत्प. 6:92पत 2:5
उत्प. 6:10उत 5:32
उत्प. 6:12प्रक 11:18
उत्प. 6:12मत 24:37-39; 2पत 2:5
उत्प. 6:13उत 7:4
उत्प. 6:14इब्र 11:7
उत्प. 6:14उत 14:10; निर्ग 2:3
उत्प. 6:16उत 7:16
उत्प. 6:17उत 1:7; 7:6, 11
उत्प. 6:17उत 7:21; भज 104:29; मत 24:39; 2पत 2:5
उत्प. 6:18उत 7:13
उत्प. 6:19उत 7:2
उत्प. 6:19उत 8:17
उत्प. 6:20उत 7:14, 15
उत्प. 6:21उत 1:29, 30
उत्प. 6:22निर्ग 40:16; इब्र 11:7
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
उत्पत्ति 6:1-22

उत्पत्ति

6 धरती पर इंसानों की गिनती बढ़ने लगी और उनकी लड़कियाँ भी पैदा हुईं। 2 फिर सच्चे परमेश्‍वर के बेटे*+ धरती की औरतों पर ध्यान देने लगे कि वे कितनी खूबसूरत हैं। इसलिए उन्हें जो-जो अच्छी लगीं उन सबको अपनी पत्नी बना लिया। 3 तब यहोवा ने कहा, “मैं इंसान को हमेशा तक बरदाश्‍त नहीं करूँगा,+ क्योंकि वह पापी है।* इसलिए उसके दिन 120 साल के होंगे।”+

4 उन दिनों और उसके बाद भी धरती पर नफिलीम* हुआ करते थे। उस दौरान सच्चे परमेश्‍वर के बेटे औरतों के साथ संबंध रखते थे और इन औरतों से उनके बेटे पैदा हुए। यही बेटे नफिलीम कहलाए जो बड़े ताकतवर थे और उस ज़माने के लोगों में उनका बहुत नाम था।

5 यहोवा ने देखा कि धरती पर इंसान की दुष्टता बहुत बढ़ गयी है और उसके मन का झुकाव हर वक्‍त बुराई की तरफ होता है।+ 6 यहोवा को इस बात का बहुत दुख* हुआ कि उसने धरती पर इंसान को बनाया और उसका मन बहुत उदास हुआ।*+ 7 इसलिए यहोवा ने कहा, “मैं धरती से इंसान को मिटा दूँगा जिसे मैंने सिरजा था। मुझे दुख है कि मैंने उसे बनाया। मैं इंसान के साथ-साथ पालतू जानवरों, रेंगनेवाले जंतुओं, पंछियों और कीट-पतंगों को भी नाश कर दूँगा।” 8 मगर नूह एक ऐसा इंसान था जिसने यहोवा को खुश किया।

9 ये हैं नूह के दिनों में हुई घटनाएँ।

नूह एक नेक इंसान था।+ वह अपने ज़माने के लोगों से अलग था। उसका चालचलन बिलकुल बेदाग था।* नूह सच्चे परमेश्‍वर के साथ-साथ चलता रहा।+ 10 बाद में उसके तीन बेटे हुए: शेम, हाम और येपेत।+ 11 उस वक्‍त की दुनिया सच्चे परमेश्‍वर की नज़र में बिलकुल बिगड़ चुकी थी और हर तरफ खून-खराबा हो रहा था। 12 हाँ, परमेश्‍वर ने दुनिया पर नज़र डाली और देखा कि यह बिलकुल बिगड़ चुकी है+ और सब लोग बुरे काम कर रहे हैं।+

13 इसके बाद परमेश्‍वर ने नूह से कहा, “मैंने फैसला किया है कि मैं धरती से सब इंसानों को मिटा दूँगा, क्योंकि उन्होंने हर तरफ मार-काट मचा रखी है। इंसान के साथ-साथ मैं धरती को भी तबाह कर दूँगा।+ 14 इसलिए तू अपने लिए एक जहाज़* बना।+ उसे बनाने के लिए तू रालदार पेड़ की लकड़ी लेना और जहाज़ में अलग-अलग खाने बनाना। जहाज़ पर हर तरफ, अंदर-बाहर तारकोल*+ लगाना। 15 जहाज़ इस तरह बनाना: उसकी लंबाई 300 हाथ, चौड़ाई 50 हाथ और ऊँचाई 30 हाथ हो।* 16 जहाज़ की छत से एक हाथ नीचे एक खिड़की* बनाना जिससे जहाज़ के अंदर रौशनी आ सके। जहाज़ के एक तरफ दरवाज़ा बनाना+ और उसमें तीन तल बनाना, निचला तल, बीच का तल और ऊपरी तल।

17 मैं पूरी धरती पर एक जलप्रलय लानेवाला हूँ+ और उसमें सभी इंसान और जीव-जंतु नाश हो जाएँगे जिनमें जीवन की साँस* है। धरती पर जो कुछ है वह सब मिट जाएगा।+ 18 मगर मैं तेरे साथ एक करार करता हूँ कि मैं तुझे बचाऊँगा। तू जहाज़ के अंदर जाना, तेरे साथ तेरी पत्नी, तेरे बेटे और तेरी बहुएँ भी जाएँ।+ 19 तू सभी किस्म के जीव-जंतुओं में से नर-मादा+ का एक-एक जोड़ा जहाज़ में ले जाना+ ताकि तेरे साथ-साथ वे भी ज़िंदा बचें। 20 अलग-अलग जाति के पंछियों और कीट-पतंगों, अलग-अलग जाति के पालतू जानवरों और ज़मीन पर रेंगनेवाले अलग-अलग जाति के जीव-जंतुओं में से एक-एक जोड़ा तेरे पास जहाज़ में आएगा ताकि वे ज़िंदा बचें।+ 21 तू अपने लिए और जानवरों के लिए हर तरह की खाने की चीज़ इकट्ठा करके जहाज़ के अंदर ले जाना।”+

22 नूह ने हर काम वैसा ही किया जैसा परमेश्‍वर ने उसे आज्ञा दी थी। उसे जैसा बताया गया था, उसने ठीक वैसा ही किया।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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