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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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प्रेषितों का सारांश

      • पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र शक्‍ति उँडेली गयी (1-13)

      • पतरस का भाषण (14-36)

      • भाषण सुनकर लोग कदम उठाते हैं (37-41)

        • 3,000 का बपतिस्मा (41)

      • मसीही आपस में संगति करते हैं (42-47)

प्रेषितों 2:1

संबंधित आयतें

  • +लैव 23:16; व्य 16:9-11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 22

प्रेषितों 2:2

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 4:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 21

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/1/1990, पेज 25-26

प्रेषितों 2:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 21

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

प्रेषितों 2:4

संबंधित आयतें

  • +मर 1:8; यूह 14:26
  • +प्रेष 10:45, 46; 1कुर 12:8, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/1/1990, पेज 25-26

प्रेषितों 2:5

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यशायाह की भविष्यवाणी-II, पेज 408

प्रेषितों 2:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 21, 24

प्रेषितों 2:7

संबंधित आयतें

  • +मर 14:70; प्रेष 1:11

प्रेषितों 2:8

फुटनोट

  • *

    या “जन्म की भाषा।”

प्रेषितों 2:9

संबंधित आयतें

  • +2रा 17:6
  • +दान 8:1, 2
  • +1पत 1:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 25-26

    ‘उत्तम देश’, पेज 32

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:10

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 12:48

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 25, 26-27

    ‘उत्तम देश’, पेज 32

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    ‘उत्तम देश’, पेज 32

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/1989, पेज 7-8

प्रेषितों 2:13

फुटनोट

  • *

    या “मीठी।”

प्रेषितों 2:14

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 1:13

प्रेषितों 2:15

फुटनोट

  • *

    यानी सुबह करीब 9 बजे।

प्रेषितों 2:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/1995, पेज 11

प्रेषितों 2:17

संबंधित आयतें

  • +योए 2:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2020, पेज 5-7

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 10/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2002, पेज 15

    5/1/1998, पेज 13-14, 18

    5/15/1995, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

    2/1/1989, पेज 26

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 13

प्रेषितों 2:18

संबंधित आयतें

  • +1कुर 12:8, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 10/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2002, पेज 15

    5/1/1998, पेज 13-14

    5/15/1995, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/15/1997, पेज 16-17

प्रेषितों 2:20

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/15/1997, पेज 16-17

प्रेषितों 2:21

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +योए 2:28-32; रोम 10:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-19

    12/15/1997, पेज 16-17

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 13

प्रेषितों 2:22

संबंधित आयतें

  • +यूह 5:36; 14:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 16

प्रेषितों 2:23

फुटनोट

  • *

    या “मकसद।”

संबंधित आयतें

  • +लूक 23:33; प्रेष 5:30; 7:52
  • +यूह 19:10, 11; प्रेष 4:27, 28; 1पत 1:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए! ब्रोशर,

    पेज 28

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:24

फुटनोट

  • *

    या शायद, “रस्सों।”

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 3:15; रोम 4:24; 1कुर 6:14; कुल 2:12; इब्र 13:20
  • +यूह 10:17, 18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 26

प्रेषितों 2:25

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

  • *

    या “अपनी आँखों के सामने।”

प्रेषितों 2:26

फुटनोट

  • *

    शा., “मेरा शरीर।”

प्रेषितों 2:27

फुटनोट

  • *

    या “हेडीज़।” शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 13:35

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2005, पेज 14-15

    5/15/1995, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:28

फुटनोट

  • *

    या “अपने मुख के सामने।”

संबंधित आयतें

  • +भज 16:8-11

प्रेषितों 2:29

संबंधित आयतें

  • +1रा 2:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/1996, पेज 9

प्रेषितों 2:30

संबंधित आयतें

  • +2शम 7:12, 13; भज 89:3, 4; 132:11

प्रेषितों 2:31

फुटनोट

  • *

    या “हेडीज़।” शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +भज 16:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2011, पेज 16

    1/1/2009, पेज 9

    महान शिक्षक, पेज 202-203

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 82-83

प्रेषितों 2:32

संबंधित आयतें

  • +लूक 24:46-48; प्रेष 1:8; 3:15

प्रेषितों 2:33

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:34; फिल 2:9-11; 1पत 3:22
  • +यूह 14:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2020, पेज 30

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2010, पेज 15-16

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:34

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

प्रेषितों 2:35

संबंधित आयतें

  • +भज 110:1; लूक 20:42, 43; 1कुर 15:25; इब्र 10:12, 13

प्रेषितों 2:36

संबंधित आयतें

  • +मत 28:18; यूह 3:35; प्रेष 5:31
  • +यूह 19:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 25

प्रेषितों 2:38

संबंधित आयतें

  • +लूक 24:46, 47; प्रेष 17:30; 26:20
  • +मत 26:27, 28; इफ 1:7
  • +मत 28:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 26-27

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2013, पेज 18

    5/15/2003, पेज 30-31

    4/1/2002, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:39

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +योए 2:28
  • +योए 2:32

प्रेषितों 2:40

संबंधित आयतें

  • +व्य 32:5; भज 78:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1997, पेज 28

प्रेषितों 2:41

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 8:12; 18:8
  • +प्रेष 4:4; 5:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 26-27

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2002, पेज 15-16

प्रेषितों 2:42

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 2:46
  • +प्रेष 1:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2016, पेज 21-22

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2013, पेज 16-17

    9/1/1987, पेज 28

प्रेषितों 2:43

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 5:12

प्रेषितों 2:44

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 27

    9/1/1987, पेज 28

प्रेषितों 2:45

संबंधित आयतें

  • +मत 19:21
  • +प्रेष 4:32, 34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2008, पेज 30

    12/1/1990, पेज 27

प्रेषितों 2:47

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 5:14; 11:21; 1कुर 3:7

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

प्रेषि. 2:1लैव 23:16; व्य 16:9-11
प्रेषि. 2:2प्रेष 4:31
प्रेषि. 2:4मर 1:8; यूह 14:26
प्रेषि. 2:4प्रेष 10:45, 46; 1कुर 12:8, 10
प्रेषि. 2:5निर्ग 23:17
प्रेषि. 2:7मर 14:70; प्रेष 1:11
प्रेषि. 2:92रा 17:6
प्रेषि. 2:9दान 8:1, 2
प्रेषि. 2:91पत 1:1
प्रेषि. 2:10निर्ग 12:48
प्रेषि. 2:14प्रेष 1:13
प्रेषि. 2:17योए 2:28
प्रेषि. 2:181कुर 12:8, 10
प्रेषि. 2:21योए 2:28-32; रोम 10:13
प्रेषि. 2:22यूह 5:36; 14:10
प्रेषि. 2:23लूक 23:33; प्रेष 5:30; 7:52
प्रेषि. 2:23यूह 19:10, 11; प्रेष 4:27, 28; 1पत 1:20
प्रेषि. 2:24प्रेष 3:15; रोम 4:24; 1कुर 6:14; कुल 2:12; इब्र 13:20
प्रेषि. 2:24यूह 10:17, 18
प्रेषि. 2:27प्रेष 13:35
प्रेषि. 2:28भज 16:8-11
प्रेषि. 2:291रा 2:10
प्रेषि. 2:302शम 7:12, 13; भज 89:3, 4; 132:11
प्रेषि. 2:31भज 16:10
प्रेषि. 2:32लूक 24:46-48; प्रेष 1:8; 3:15
प्रेषि. 2:33रोम 8:34; फिल 2:9-11; 1पत 3:22
प्रेषि. 2:33यूह 14:26
प्रेषि. 2:35भज 110:1; लूक 20:42, 43; 1कुर 15:25; इब्र 10:12, 13
प्रेषि. 2:36मत 28:18; यूह 3:35; प्रेष 5:31
प्रेषि. 2:36यूह 19:6
प्रेषि. 2:38लूक 24:46, 47; प्रेष 17:30; 26:20
प्रेषि. 2:38मत 26:27, 28; इफ 1:7
प्रेषि. 2:38मत 28:19
प्रेषि. 2:39योए 2:28
प्रेषि. 2:39योए 2:32
प्रेषि. 2:40व्य 32:5; भज 78:8
प्रेषि. 2:41प्रेष 8:12; 18:8
प्रेषि. 2:41प्रेष 4:4; 5:14
प्रेषि. 2:42प्रेष 2:46
प्रेषि. 2:42प्रेष 1:14
प्रेषि. 2:43प्रेष 5:12
प्रेषि. 2:45मत 19:21
प्रेषि. 2:45प्रेष 4:32, 34
प्रेषि. 2:47प्रेष 5:14; 11:21; 1कुर 3:7
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
प्रेषितों 2:1-47

प्रेषितों के काम

2 पिन्तेकुस्त के त्योहार के दिन,+ जब वे सब एक ही घर में इकट्ठा थे, 2 तभी अचानक आकाश से साँय-साँय करती तेज़ आँधी जैसी आवाज़ हुई और सारा घर जिसमें वे बैठे थे गूँज उठा।+ 3 और उन्हें आग की लपटें दिखायी दीं जो जीभ जैसी थीं और ये अलग-अलग बँट गयीं और उनमें से हरेक के ऊपर एक-एक जा ठहरी। 4 तब वे सभी पवित्र शक्‍ति से भर गए+ और अलग-अलग भाषा बोलने लगे, ठीक जैसा पवित्र शक्‍ति उन्हें बोलने के काबिल बना रही थी।+

5 उस वक्‍त, दुनिया के सभी देशों से आए यहूदी भक्‍त यरूशलेम में थे।+ 6 जब यह आवाज़ सुनायी दी, तो भीड़-की-भीड़ इकट्ठी हो गयी और वे सब हैरान थे क्योंकि हर किसी को चेलों के मुँह से अपनी ही भाषा सुनायी दे रही थी। 7 लोग दंग रह गए और कहने लगे, “कमाल हो गया! ये लोग जो बोल रहे हैं क्या ये सब गलील के रहनेवाले+ नहीं? 8 तो फिर हममें से हरेक को अपनी ही मातृ-भाषा* कैसे सुनायी दे रही है? 9 हम तो पारथी, मादी+ और एलामी+ हैं और मेसोपोटामिया, यहूदिया और कप्पदूकिया, पुन्तुस और एशिया प्रांत के रहनेवाले+ हैं 10 और फ्रूगिया, पमफूलिया और मिस्र से और लिबिया के इलाकों से हैं जो कुरेने के पास है और रोम से आए मुसाफिर हैं। हम सब यहूदी और यहूदी धर्म अपनानेवालों+ में से हैं। 11 हममें क्रेती और अरबी लोग भी हैं। फिर भी हम इन लोगों को हमारी अपनी भाषा में परमेश्‍वर के शानदार कामों के बारे में बोलते हुए सुन रहे हैं।” 12 सब लोग हैरान थे और उलझन में थे। वे एक-दूसरे से कहने लगे, “यह सब क्या हो रहा है?” 13 मगर कुछ लोग चेलों की खिल्ली उड़ाने लगे, “ये तो नयी* दाख-मदिरा के नशे में हैं।”

14 तब पतरस उन ग्यारहों+ के साथ खड़ा हुआ और उसने वहाँ मौजूद लोगों से बुलंद आवाज़ में कहा, “हे यहूदिया और यरूशलेम के सब लोगो, मेरी बात ध्यान से सुनो। 15 जैसा तुम सोच रहे हो, ये लोग नशे में नहीं हैं क्योंकि अभी सुबह का तीसरा घंटा* ही हुआ है। 16 इसके बजाय, यह वही हो रहा है जिसके बारे में भविष्यवक्‍ता योएल ने बताया था: 17 ‘परमेश्‍वर कहता है, “मैं आखिरी दिनों में हर तरह के इंसान पर अपनी पवित्र शक्‍ति उँडेलूँगा और तुम्हारे बेटे-बेटियाँ भविष्यवाणी करेंगे, तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे और तुम्हारे बुज़ुर्ग खास सपने देखेंगे।+ 18 उन दिनों मैं अपने दास-दासियों पर भी अपनी पवित्र शक्‍ति उँडेलूँगा और वे भविष्यवाणी करेंगे।+ 19 और मैं ऊपर आकाश में अजूबे और नीचे धरती पर चमत्कार दिखाऊँगा, खून, आग और धुएँ का बादल। 20 यहोवा* के महान और महिमा से भरे दिन के आने से पहले सूरज पर अँधेरा छा जाएगा और चाँद खून जैसा लाल हो जाएगा। 21 और जो कोई यहोवा* का नाम पुकारता है वह उद्धार पाएगा।”’+

22 हे इसराएलियो, मेरी यह बात सुनो: यीशु नासरी परमेश्‍वर का भेजा हुआ इंसान था और इस बात को साबित करने के लिए परमेश्‍वर ने उसके ज़रिए तुम्हारे बीच बड़े-बड़े शक्‍तिशाली और आश्‍चर्य के काम और चमत्कार किए,+ जैसा कि तुम खुद भी जानते हो। 23 इस आदमी को तुमने दुष्टों के हाथ सौंपा और काठ पर लटकाकर मार डाला।+ परमेश्‍वर ने भविष्य जानने की काबिलीयत का इस्तेमाल करके और अपनी मरज़ी* के मुताबिक यह तय किया+ कि उसके साथ ऐसा ही हो। 24 मगर परमेश्‍वर ने उसे ज़िंदा करके+ मौत के बंधनों से आज़ाद किया, क्योंकि यह नामुमकिन था कि वह मौत के बंधनों* में जकड़ा रहे।+ 25 इसलिए कि दाविद ने उसके बारे में कहा था, ‘मैं हर पल यहोवा* को अपने सामने* रखता हूँ। वह मेरे दायीं तरफ रहता है ताकि मुझे कभी हिलाया न जा सके। 26 इस वजह से मेरा दिल खुशी से भर गया है और मेरी जीभ बड़े आनंद से बोल उठी है। मैं* पूरी आशा के साथ जीऊँगा। 27 क्योंकि तू मुझे कब्र* में नहीं छोड़ देगा, तू अपने वफादार जन को सड़ने नहीं देगा।+ 28 तूने मुझे जीवन की राह दिखायी है, तू अपने सामने* मुझे खुशी से भर देगा।’+

29 भाइयो, मैं कुलपिता दाविद के बारे में बेझिझक तुमसे यह कह सकता हूँ कि उसकी मौत हुई और उसे कब्र में दफनाया गया+ और उसकी कब्र आज के दिन तक हमारे बीच मौजूद है। 30 वह एक भविष्यवक्‍ता था और जानता था कि परमेश्‍वर ने शपथ खाकर उससे वादा किया है कि वह उसके वंशजों में से एक को उसकी राजगद्दी पर बिठाएगा।+ 31 दाविद, मसीह के ज़िंदा होने के बारे में पहले से जानता था और उसने बताया कि मसीह को कब्र* में नहीं छोड़ा जाएगा, न ही उसका शरीर सड़ने दिया जाएगा।+ 32 इसी यीशु को परमेश्‍वर ने ज़िंदा किया है और हम सब इस बात के गवाह हैं।+ 33 उसे परमेश्‍वर के दायीं तरफ ऊँचा पद दिया गया है+ और वादे के मुताबिक उसने पिता से पवित्र शक्‍ति पायी है।+ यही शक्‍ति उसने हम पर उँडेली है और इसी को तुम काम करते हुए देख और सुन रहे हो। 34 दाविद स्वर्ग नहीं गया, मगर वह खुद कहता है, ‘यहोवा* ने मेरे प्रभु से कहा, “तू तब तक मेरे दाएँ हाथ बैठ, 35 जब तक कि मैं तेरे दुश्‍मनों को तेरे पाँवों की चौकी न बना दूँ।”’+ 36 इसलिए इसराएल का सारा घराना हर हाल में यह जान ले कि परमेश्‍वर ने इसी यीशु को प्रभु+ और मसीह ठहराया है, जिसे तुमने काठ पर लटकाकर मार डाला।”+

37 जब उन्होंने यह सुना तो उनका दिल उन्हें बेहद कचोटने लगा और उन्होंने पतरस और बाकी प्रेषितों से कहा, “भाइयो, अब हमें क्या करना चाहिए?” 38 पतरस ने उनसे कहा, “पश्‍चाताप करो+ और तुममें से हरेक अपने पापों की माफी के लिए+ यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले।+ तब तुम पवित्र शक्‍ति का मुफ्त वरदान पाओगे। 39 क्योंकि यह वादा+ तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों के लिए और दूर-दूर के उन सब लोगों के लिए है जिनको हमारा परमेश्‍वर यहोवा* अपने पास बुलाएगा।”+ 40 उसने और भी बहुत-सी बातें बताकर अच्छी तरह गवाही दी और वह उन्हें समझाता रहा, “इन टेढ़े लोगों की पीढ़ी+ से अलग हो जाओ और उद्धार पाओ।” 41 जिन लोगों ने खुशी-खुशी उसके वचन को माना, उन्होंने बपतिस्मा लिया।+ उस दिन चेलों में करीब 3,000 लोग शामिल हो गए।+ 42 और वे सब प्रेषितों से लगातार सीखते रहे। वे एक-साथ इकट्ठा होते, खाना खाते+ और प्रार्थना करते थे।+

43 हर इंसान पर डर छाने लगा और प्रेषितों के हाथों बहुत-से आश्‍चर्य के काम और चमत्कार होने लगे।+ 44 वे सभी जिन्होंने विश्‍वास किया, साथ इकट्ठा होते और उनके पास जो कुछ था आपस में बाँट लेते थे। 45 वे अपना सामान और अपनी जायदाद बेच देते+ और मिलनेवाली रकम सबमें बाँट देते थे। हरेक को उसकी ज़रूरत के मुताबिक देते थे।+ 46 वे एक ही मकसद के साथ हर दिन मंदिर में हाज़िर रहते और एक-दूसरे के घर जाकर खाना खाते और सच्चे दिल से और खुशी-खुशी मिल-बाँटकर खाते थे। 47 वे परमेश्‍वर की तारीफ करते और सब लोग उनसे खुश थे। यहोवा* हर दिन ऐसे और भी लोगों को उनमें शामिल करता गया, जिन्हें वह उद्धार दिला रहा था।+

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