वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • nwtsty मीका 1:1-7:20
  • मीका

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • मीका
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
मीका

मीका

1 यहूदा के राजा योताम,+ आहाज+ और हिजकियाह के दिनों में+ यहोवा का संदेश मीका*+ के पास पहुँचा+ जो मोरेशेत का रहनेवाला था। उसे सामरिया और यरूशलेम के बारे में यह दर्शन दिया गया:

 2 “हे देश-देश के लोगो, सुनो!

हे पृथ्वी और जो कुछ उसमें है, सब ध्यान से सुनो!

यहोवा अपने पवित्र मंदिर में है।

सारे जहान का मालिक यहोवा वहाँ से तुम्हारे खिलाफ गवाही दे।+

 3 देखो, यहोवा अपनी जगह से आ रहा है,

वह नीचे उतरेगा और धरती की ऊँची-ऊँची जगहों पर चलेगा।

 4 पहाड़ उसके पैरों के नीचे पिघल जाएँगे+

और घाटियाँ फट जाएँगी,

जैसे मोम आग के सामने पिघल जाता है,

जैसे पानी खड़ी ढलान पर बह जाता है।

 5 यह सब याकूब के अपराध की वजह से होगा,

इसराएल के घराने के पाप की वजह से होगा।+

याकूब के अपराध के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

क्या सामरिया नहीं?+

यहूदा की ऊँची जगहों के लिए कौन दोषी है?+

क्या यरूशलेम नहीं?

 6 मैं सामरिया को मैदान के मलबे का ढेर बना दूँगा

और उसे ऐसी जगह बना दूँगा जहाँ सिर्फ अंगूर लगेंगे।

मैं उसके पत्थरों को घाटी में लुढ़का दूँगा

और उसकी नींव उखाड़ दूँगा।

 7 उसकी सारी खुदी हुई मूरतें चूर-चूर कर दी जाएँगी,+

उसे वेश्‍या के काम करके जो तोहफे मिले, उन्हें आग में जला दिया जाएगा।+

मैं उसकी सब मूरतें नष्ट कर दूँगा।

बदचलनी की कमाई से उसने जो कुछ जमा किया है,

वह दूसरी वेश्‍याओं की कमाई बन जाएगा।”

 8 मैं दुख से छाती पीटूँगा और खूब रोऊँगा,+

मैं नंगे पैर और नंगे बदन घूमूँगा।+

मैं गीदड़ों के समान रोऊँगा

और शुतुरमुर्ग के समान शोक मनाऊँगा,

 9 क्योंकि सामरिया का घाव ठीक नहीं होनेवाला,+

वह यहूदा में भी फैल जाएगा,+

मेरे लोगों के फाटक तक, यरूशलेम तक आ जाएगा।+

10 “गत में यह खबर मत सुनाना

और उनके सामने बिलकुल मत रोना।

बेत-आप्रा* में धूल में लोटना।

11 हे शापीर के रहनेवालो,* नंगे और लज्जित होकर उस पार चले जाओ।

सानान के रहनेवाले* बाहर नहीं निकले।

बेत-एसेल में रोने की आवाज़ सुनायी दे रही है, अब वह तुम्हें और सहारा नहीं देगा।

12 मारोत के रहनेवाले* उम्मीद लगाए थे कि कुछ अच्छा होगा,

लेकिन यहोवा की ओर से विपत्ति यरूशलेम के फाटक तक आ गयी है।

13 हे लाकीश+ के रहनेवालो,* रथ तैयार करो, उसमें घोड़े जोतो!

तुम्हीं से सिय्योन की बेटी के पाप शुरू हुए,

हाँ, उसी में इसराएल के अपराध पाए गए।+

14 इसलिए तू* मोरेशेत-गात को तोहफे देकर विदा करेगी।

इसराएल के राजाओं को अकजीब+ के घरों से धोखा मिला।

15 हे मारेशाह+ के रहनेवालो,* मैं जीत हासिल करनेवाले* को तुम्हारे पास लाऊँगा,+

इसराएल की शान अदुल्लाम+ तक पहुँचेगी।

16 अपने बाल कटवाकर गंजे हो जाओ क्योंकि तुम्हारे प्यारे बच्चों पर आफत आनेवाली है।

गिद्ध* की तरह अपना सिर मुँड़वा लो,

क्योंकि तुम्हारे बच्चों को छीनकर बँधुआई में ले जाया जाएगा।”+

2 “धिक्कार है उन पर, जो बुरे कामों की योजना बनाते हैं,

जो बिस्तर पर लेटे-लेटे साज़िश रचते हैं

और सुबह होते ही उसे अंजाम देते हैं,

उनके पास ऐसा करने की ताकत जो है।+

 2 वे खेतों का लालच करके उन्हें हड़प लेते हैं,+

घरों का लालच करके उन्हें भी हथिया लेते हैं।

वे धोखा देकर एक आदमी से उसका घर

और उसकी विरासत छीन लेते हैं।+

 3 इसलिए यहोवा कहता है,

‘मैंने इस घराने पर एक विपत्ति लाने की सोची है,+ जिससे तुम बच नहीं सकोगे।*+

तुम फिर कभी घमंड से फूलकर नहीं चलोगे+ क्योंकि वह विपत्ति का समय होगा।+

 4 उस दिन लोग तुम्हारे बारे में कहावत कहेंगे और तुम्हारे हाल पर ज़ोर-ज़ोर से रोएँगे।+

वे कहेंगे, “हम तो पूरी तरह तबाह हो चुके हैं!+

उसने हमारे लोगों की ज़मीन किसी और को दे दी।

हमारी ही ज़मीन हमसे छीन ली!+

हमारे खेत एक अविश्‍वासी को दे दिए।”

 5 इसलिए यहोवा की मंडली में ऐसा कोई नहीं होगा,

जो नापने की डोरी से ज़मीन नापकर बाँटेगा।

 6 वे कहते हैं, “प्रचार करना बंद करो!

इन बातों का प्रचार मत करो।

हमें शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा।”

 7 हे याकूब के घराने, तू कहता है,

“क्या यहोवा* बेसब्र हो गया है?

क्या वह सचमुच ऐसा करेगा?”

क्या मेरी बातें सीधाई से चलनेवालों की भलाई नहीं करेंगी?

 8 लेकिन कुछ वक्‍त से मेरे अपने ही लोग दुश्‍मन बन बैठे हैं।

तुम सरेआम उन राहगीरों को लूटते हो, जो युद्ध से लौटनेवालों की तरह बेखौफ चलते हैं।

तुम उनके कपड़ों से* सुंदर-सुंदर चीज़ें उतरवा लेते हो।

 9 तुम मेरी प्रजा की औरतों को उनके प्यारे आशियाने से खदेड़ देते हो,

उनके बच्चों से वे अच्छी-अच्छी चीज़ें हमेशा के लिए छीन लेते हो, जो मैंने उन्हें दी थीं।

10 उठो और जाओ, अब यह जगह आराम करने के लिए नहीं रही,

यह अशुद्ध हो गयी है,+ इसलिए इसे बरबाद होना है।

यह बरबादी बहुत दर्दनाक होगी!+

11 अगर कोई आदमी खोखली और झूठी बातों के पीछे जाए और कहे,

“मैं तुम्हें दाख-मदिरा और शराब के बारे में बताऊँगा,”

तो लोगों को वही प्रचारक अच्छा लगेगा।+

12 हे याकूब, मैं तुम सबको ज़रूर इकट्ठा करूँगा,

हाँ, मैं इसराएल के बचे हुओं को इकट्ठा करूँगा।+

मैं उन्हें एकता में ऐसे रखूँगा,

जैसे भेड़ें एक-साथ बाड़े में रहती हैं,

जैसे भेड़ों का झुंड चरागाह में चरता है+

और वह जगह लोगों के शोर से गूँज उठेगी।’+

13 राजा अपने लोगों के लिए रास्ता निकालेगा,

लोग उसके पीछे-पीछे चलेंगे और फाटक से निकल आएँगे।+

उनका राजा उनके आगे-आगे जाएगा

और यहोवा उन सबकी अगुवाई करेगा।”+

3 मैंने कहा, “हे याकूब के मुखियाओ,

हे इसराएल के घराने के शासको, सुनो!+

क्या न्याय करना तुम्हारा काम नहीं?

 2 लेकिन तुम अच्छाई से नफरत+ और बुराई से प्यार करते हो,+

मेरे लोगों की चमड़ी उधेड़ देते हो, उनकी हड्डियों से माँस नोंच लेते हो।+

 3 यही नहीं, तुम मेरे लोगों का माँस खाते हो,+

उनकी खाल खींच लेते हो।

जैसे हंडे* में माँस पकाने के लिए उसके टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं,

वैसे ही तुम मेरे लोगों की हड्डियाँ तोड़ते हो, उन्हें चूर-चूर करते हो।+

 4 उस समय तुम मदद के लिए यहोवा को पुकारोगे,

लेकिन वह तुम्हें कोई जवाब नहीं देगा,

तुम्हारे दुष्ट कामों की वजह से वह तुमसे मुँह फेर लेगा।+

 5 भविष्यवक्‍ता मेरे लोगों को गुमराह कर रहे हैं।+

जब उन्हें खाना* मिलता है तो वे कहते हैं, ‘शांति है, शांति!’+

मगर जब कोई उन्हें खाना नहीं देता,* तो वे उसके खिलाफ जंग छेड़ देते हैं।

ऐसे भविष्यवक्‍ताओं के खिलाफ यहोवा यह ऐलान करता है,

 6 ‘तुम पर ऐसी रात आएगी,+ जब तुम्हें कोई दर्शन नहीं मिलेगा,+

तुम्हारे चारों तरफ अँधेरा-ही-अँधेरा होगा,

तुम ज्योतिषी का काम नहीं कर पाओगे।

भविष्यवक्‍ताओं के लिए सूरज डूब जाएगा,

दिन अंधकार में बदल जाएगा।+

 7 दर्शियों को शर्मिंदा होना पड़ेगा,+

ज्योतिषियों को निराश होना पड़ेगा।

उन्हें परमेश्‍वर की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलेगा,

इसलिए सब-के-सब अपनी मूँछें* ढाँप लेंगे।’”

 8 लेकिन यहोवा की पवित्र शक्‍ति ने मुझे ताकत से भर दिया है

कि मैं न्याय और हिम्मत के साथ

याकूब को उसके अपराध और इसराएल को उसके पाप बता सकूँ।

 9 हे याकूब के घराने के मुखियाओ,

हे इसराएल के घराने के शासको, सुनो!+

तुम न्याय से घृणा करते हो, जो सीधा है उसे टेढ़ा कर देते हो।+

10 तुमने सिय्योन को खून-खराबे से और यरूशलेम को बुरे कामों से खड़ा किया है।+

11 उसके अगुवे फैसला सुनाने के लिए घूस खाते हैं,+

याजक सिखाने की कीमत लेते हैं+

और भविष्यवक्‍ता ज्योतिष-विद्या के लिए पैसे* माँगते हैं।+

फिर भी वे यहोवा पर भरोसा रखकर* कहते हैं,

“क्या यहोवा हमारे साथ नहीं?+

हम पर कोई मुसीबत नहीं आएगी।”+

12 इसलिए तुम्हारे कारण

सिय्योन एक खेत की तरह जोता जाएगा,

यरूशलेम मलबे का ढेर बन जाएगा,+

इस भवन का पहाड़* जंगल की पहाड़ियों जैसा* बन जाएगा।+

4 आखिरी दिनों में,

यहोवा के भवन का पर्वत,+

सब पहाड़ों के ऊपर बुलंद किया जाएगा

और सभी पहाड़ियों से ऊँचा किया जाएगा।

देश-देश के लोग धारा के समान उसकी ओर आएँगे,+

 2 बहुत-से राष्ट्र आएँगे और कहेंगे,

“आओ हम यहोवा के पर्वत पर चढ़ें,

याकूब के परमेश्‍वर के भवन की ओर जाएँ।+

वह हमें अपने मार्ग सिखाएगा

और हम उसकी राहों पर चलेंगे।”

क्योंकि सिय्योन से कानून* दिया जाएगा

और यरूशलेम से यहोवा का वचन।

 3 वह देश-देश के लोगों को अपने फैसले सुनाएगा,+

दूर-दूर के शक्‍तिशाली राष्ट्रों के मामले सुलझाएगा।

वे अपनी तलवारें पीटकर हल के फाल

और अपने भालों को हँसिया बनाएँगे।+

एक देश दूसरे देश पर फिर तलवार नहीं चलाएगा

और न लोग फिर कभी युद्ध करना सीखेंगे।+

 4 हर कोई अपनी अंगूरों की बेल और अपने अंजीर के पेड़ तले बैठेगा+

और कोई उसे नहीं डराएगा,+

क्योंकि यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है।

 5 सब देशों के लोग अपने-अपने ईश्‍वर का नाम लेकर चलेंगे,

मगर हम अपने परमेश्‍वर यहोवा का नाम लेकर हमेशा-हमेशा तक चलते रहेंगे।+

 6 यहोवा ऐलान करता है,

“उस दिन मैं उन्हें इकट्ठा करूँगा जो लँगड़ाते थे,

उन्हें बटोरूँगा जो तितर-बितर हो गए थे+

और उन सबको जमा करूँगा जिनके साथ मैंने सख्ती की थी।

 7 लँगड़ानेवालों में से कुछ लोगों को मैं बचाऊँगा,+

जिन्हें दूर भेज दिया था उन्हें एक ताकतवर राष्ट्र बनाऊँगा।+

यहोवा उनका राजा बनेगा

और सिय्योन पहाड़ से हमेशा-हमेशा तक उन पर राज करेगा।

 8 हे झुंड की मीनार,

हे सिय्योन की बेटी के टीले,+

पहली हुकूमत लौट आएगी, वह तेरे पास फिर लौट आएगी,+

हाँ, यरूशलेम की बेटी को अपना राज वापस मिल जाएगा।+

 9 फिर तू क्यों इतनी ज़ोर से चिल्ला रही है?

क्या तुझ पर कोई राजा नहीं?

क्या तेरा सलाहकार मिट चुका है?

क्या इसीलिए तू ऐसे तड़प रही है, जैसे कोई औरत बच्चा जनते वक्‍त तड़पती है?+

10 हे सिय्योन की बेटी,

बच्चा जननेवाली की तरह दर्द से कराह और छटपटा,

क्योंकि अब तुझे शहर से निकलकर खुले मैदान में रहना पड़ेगा।

तू बहुत दूर बैबिलोन चली जाएगी,+

पर वहाँ से तुझे छुड़ाया जाएगा,+

यहोवा तुझे तेरे दुश्‍मनों के हाथ से वापस खरीद लेगा।+

11 कई राष्ट्र तेरे खिलाफ इकट्ठा होंगे

और तेरे बारे में कहेंगे, ‘सिय्योन को दूषित होने दो!

हम अपनी आँखों से उसके साथ ऐसा होते देखेंगे।’

12 लेकिन वे यहोवा की सोच नहीं जानते,

न उसके मकसद को समझते हैं।

वह उन्हें ऐसे बटोर लेगा, जैसे अभी-अभी काटी गयी फसल खलिहान में बटोरी जाती है।

13 हे सिय्योन की बेटी, जल्दी कर और दाँवना शुरू कर।+

मैं तेरे सींग लोहे के बना दूँगा,

तेरे खुरों को ताँबे का बना दूँगा

और तू देश-देश के लोगों को रौंद डालेगी।+

तू उनकी बेईमानी की कमाई यहोवा के लिए अलग ठहराएगी

और उनकी दौलत सारे जहान के सच्चे प्रभु के लिए अलग रखेगी।”+

5 “हे चारों तरफ से घिरी हुई बेटी,

तू अपने शरीर को ज़ख्मी कर रही है।

दुश्‍मनों ने हमारी घेराबंदी कर ली है,+

वे इसराएल के न्यायी के गाल पर छड़ी मारते हैं।+

 2 हे बेतलेहेम एप्राता,+

तू जो यहूदा के हज़ारों* में सबसे छोटा है,

तुझमें से एक ऐसा शख्स आएगा जिसे मैं इसराएल का शासक ठहराऊँगा,+

जिसकी शुरूआत बहुत पहले, युगों पहले हुई थी।

 3 इसलिए परमेश्‍वर अपने लोगों को तब तक के लिए छोड़ देगा,

जब तक कि बच्चा जननेवाली औरत बच्चे को जन्म नहीं दे देती।

तब उस शासक के बाकी भाई इसराएल के लोगों के पास लौट आएँगे।

 4 वह उठेगा और यहोवा की ताकत से,

अपने परमेश्‍वर यहोवा के महान नाम से,

झुंड की चरवाही करेगा+ और वे महफूज़ रहेंगे,+

क्योंकि तब उसकी महानता धरती के कोने-कोने तक पहुँच जाएगी+

 5 और वह शांति कायम करेगा।+

और अगर कभी अश्‍शूरी हमारे देश पर हमला करें और हमारी मज़बूत मीनारों को रौंदें,+

तो हम उनके खिलाफ लोगों में से सात चरवाहे, हाँ, आठ हाकिम* खड़े करेंगे।

 6 वे अश्‍शूर पर तलवार उठाएँगे,+

निमरोद के देश+ में दाखिल होने के रास्तों पर तलवार चलाएँगे।

जब अश्‍शूर हमारे देश पर हमला करेगा और हमारे इलाके को रौंदेगा,

तब वह शासक हमें उसके हाथ से बचाएगा।+

 7 याकूब के बचे हुए जन, बहुत-से लोगों के बीच ऐसे होंगे,

जैसे यहोवा की तरफ से पड़नेवाली ओस,

जैसे पेड़-पौधों पर बारिश की बौछार,

जो न किसी आदमी के भरोसे रहती है,

न इंसानों के कहने पर गिरती है।

 8 राष्ट्रों के बीच, हाँ, देश-देश के लोगों के बीच

याकूब के बचे हुए जन ऐसे होंगे,

जैसे कोई शेर जंगल के जानवरों के बीच हो,

जैसे जवान शेर भेड़ों के झुंड में चल रहा हो।

जब वह उनके बीच से जाता है, तो उन पर झपटता है और उन्हें फाड़ खाता है,

उन्हें बचानेवाला कोई नहीं होता।

 9 तू बैरियों को हराकर अपना हाथ उठाएगा,

तेरे सारे दुश्‍मनों का नाश हो जाएगा।”

10 यहोवा ऐलान करता है,

“उस दिन मैं तेरे घोड़ों को तेरे बीच में से नाश करूँगा और तेरे रथों को तोड़ दूँगा।

11 मैं तेरे देश के सभी शहरों को तबाह कर दूँगा

और तेरे सारे मज़बूत गढ़ों को ढा दूँगा।

12 तू जो टोना-टोटका करता है, उसे मैं खत्म कर दूँगा,

तेरे यहाँ जादू-टोना करनेवाला कोई भी ज़िंदा नहीं बचेगा।+

13 मैं तेरी खुदी हुई मूरतें और तेरे पूजा-स्तंभ खाक में मिला दूँगा,

तू फिर कभी अपने हाथ की बनायी चीज़ों के आगे दंडवत नहीं करेगा।+

14 मैं तेरे बीच से पूजा-लाठों* को उखाड़ फेंकूँगा+

और तेरे शहरों का सर्वनाश कर दूँगा।

15 जिन राष्ट्रों ने मेरा हुक्म नहीं माना उनसे मैं बदला लूँगा,

उन्हें मेरे क्रोध और जलजलाहट का सामना करना पड़ेगा।”

6 हे लोगो, मेहरबानी करके सुनो कि यहोवा क्या कहता है।

पहाड़ों के सामने अपनी सफाई पेश करने के लिए तैयार हो जाओ,

पहाड़ियाँ भी तुम्हारी बातें सुनेंगी।+

 2 हे पहाड़ो! हे पृथ्वी की मज़बूत नींवो!

यहोवा का आरोप सुनो,+

क्योंकि यहोवा ने अपने लोगों पर मुकदमा किया है।

वह इसराएल के साथ अपना मुकदमा लड़ता है+ और उनसे पूछता है,

 3 “हे मेरे लोगो, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है?

ऐसा क्या किया है जो तुम उकता गए हो?+

बोलो, मेरे खिलाफ गवाही दो।

 4 मैंने तुम्हें मिस्र से बाहर निकाला,+

गुलामी के घर से तुम्हें आज़ाद किया।+

मूसा, हारून और मिरयम को तुम्हारे आगे-आगे भेजा।+

 5 हे मेरे लोगो, ज़रा याद करो कि मोआब के राजा बालाक ने क्या साज़िश रची थी+

और बओर के बेटे बिलाम ने उसे क्या जवाब दिया।+

शित्तीम से लेकर गिलगाल+ तक जो हुआ उसे याद करो+

ताकि तुम यहोवा के नेक कामों को जान सको।”

 6 मैं क्या लेकर यहोवा के सामने जाऊँ?

क्या लेकर उस परमेश्‍वर को दंडवत करूँ जो ऊँचे पर विराजमान है?

क्या मैं उसके सामने होम-बलियाँ ले जाऊँ?

एक-एक साल के बछड़े अर्पित करूँ?+

 7 क्या यहोवा हज़ारों मेढ़ों से,

तेल की लाखों नदियों से खुश होगा?+

अपने अपराधों के लिए क्या मैं अपने पहलौठे की बलि दे दूँ?

अपने पापों के लिए अपने बच्चे को* चढ़ा दूँ?+

 8 हे इंसान, उसने तुझे बता दिया है कि अच्छा क्या है।

यहोवा इसे छोड़ तुझसे और क्या चाहता है

कि तू न्याय करे,+ वफादारी से लिपटा रहे*+

और मर्यादा में रहकर अपने परमेश्‍वर के साथ चले।+

 9 यहोवा की आवाज़ इस शहर को पुकारती है,

जिनमें बुद्धि* है वे तेरे नाम का डर मानेंगे।

उस छड़ी पर ध्यान दो और जिसने उसे ठहराया है उस पर भी ध्यान दो।+

10 क्या दुष्ट के घर में अब भी दुष्टता का खज़ाना है?

क्या अब भी उसके पास एपा* का झूठा* और घिनौना माप पाया जाता है?

11 अगर मेरा तराज़ू खोटा हो और मेरी थैली में बेईमानी के बाट-पत्थर हों,

तो क्या मैं बेदाग* ठहर सकता हूँ?+

12 यहाँ के अमीर आदमी अंधेर मचाते हैं,

लोग झूठ बोलते हैं,+

उनके मुँह से छल की बातें निकलती हैं।+

13 “इसलिए मैं तुझे मारूँगा, तुझे घायल करूँगा,+

तेरे पापों की वजह से तुझे उजाड़ दूँगा।

14 तू खाएगा मगर तेरी भूख नहीं मिटेगी,

तेरा पेट खाली ही रहेगा।+

तू अपनी चीज़ें सुरक्षित जगह ले जाने की कोशिश करेगा,

मगर कामयाब नहीं होगा

और अगर हो भी गया, तो मैं उन्हें तेरे दुश्‍मनों के हवाले कर दूँगा।

15 तू बीज बोएगा मगर फसल नहीं काट पाएगा,

तू जैतून रौंदेगा मगर उसका तेल नहीं ले पाएगा,

तू नयी दाख-मदिरा बनाएगा मगर उसे पी नहीं पाएगा।+

16 तुम लोग ओम्री के नियमों पर चलते हो और अहाब के घराने जैसे काम करते हो,+

तुम उनके नक्शे-कदम पर चलते हो,

इसलिए मैं तुम्हारा वह हाल करूँगा कि देखनेवाले डर जाएँगे,

लोग सीटियाँ बजा-बजाकर यहाँ के निवासियों का मज़ाक उड़ाएँगे+

और तुम्हें उनके ताने सुनने पड़ेंगे।”+

7 हाय! मैं उस आदमी जैसा हूँ,

जिसे गरमियों के फल इकट्ठा होने के बाद,

अंगूरों की कटाई और उनके बीनने के बाद,

खाने को अंगूर का एक गुच्छा तक नहीं मिलता,

न अंजीर का पहला फल मिलता है, जिसके लिए मैं तरसता हूँ।

 2 वफादार इंसान धरती से मिट गया,

आदमियों में कोई भी सीधा-सच्चा नहीं रहा।+

सब-के-सब खून करने के लिए घात लगाते हैं।+

हरेक अपने ही भाई का शिकार करने के लिए बड़ा जाल बिछाता है।

 3 बुरे काम करने में वे उस्ताद हैं,+

हाकिम माँग-पर-माँग करता है,

न्यायी, न्याय करने की कीमत माँगता है,+

रुतबेदार आदमी खुलकर अपनी इच्छा बताता है,+

ये सब मिलकर जाल बुनते हैं।

 4 उनमें जो सबसे अच्छा है, वह काँटों की तरह चुभता है

और जो सबसे सीधा है, वह कँटीले बाड़े से भी नुकीला है।

वह दिन आ रहा है जिसके बारे में तुम्हारे पहरेदारों ने बताया था,

जिस दिन तुमसे हिसाब लिया जाएगा,+

इसलिए तुम पर आतंक छा गया है।+

 5 तू न अपने साथी पर,

न ही अपने जिगरी दोस्त पर भरोसा करना।+

यहाँ तक कि अपनी बीवी से भी सँभलकर बोलना,

 6 क्योंकि बेटा अपने पिता को तुच्छ समझेगा,

बेटी अपनी माँ के खिलाफ हो जाएगी+

और बहू अपनी सास के।+

एक आदमी के दुश्‍मन उसके अपने ही घराने के लोग होंगे।+

 7 लेकिन जहाँ तक मेरी बात है, मैं यहोवा की राह देखूँगा,+

अपने उद्धारकर्ता, अपने परमेश्‍वर के वक्‍त का इंतज़ार करूँगा।*+

मेरा परमेश्‍वर मेरी सुनेगा।+

 8 हे मेरी दुश्‍मन, मेरे हाल पर खुश मत हो।

भले ही मैं गिर गया हूँ, पर मैं खड़ा होऊँगा,

भले ही मैं अंधकार में पड़ा हूँ, मगर यहोवा मेरी रौशनी होगा।

 9 मैंने यहोवा के खिलाफ पाप किया है,

मैं उसका क्रोध तब तक सहता रहूँगा,+

जब तक कि वह मेरा मुकदमा नहीं लड़ता और मुझे न्याय नहीं दिलाता।

वह मुझे निकालकर उजाले में लाएगा

और मैं उसकी नेकी देखूँगा।

10 मेरी दुश्‍मन जो मुझसे कहती थी,

“तेरा परमेश्‍वर यहोवा कहाँ है?”+

वह भी यह देखेगी और बहुत शर्मिंदा होगी।

उसे सड़क की मिट्टी की तरह रौंदा जाएगा

और मैं अपनी आँखों से यह होते देखूँगा।

11 उस दिन तेरी पत्थरों की दीवार बनायी जाएगी,

उस दिन तेरी सरहदें बढ़ायी जाएँगी।*

12 उस दिन दूर-दूर से लोग तेरे पास आएँगे,

अश्‍शूर से और मिस्र के शहरों से आएँगे।

मिस्र से लेकर महानदी* तक,

एक समुंदर से लेकर दूसरे समुंदर तक

और एक पहाड़ से लेकर दूसरे पहाड़ तक के सब लोग आएँगे।+

13 देश अपने निवासियों की वजह से,

उनके कामों की वजह से उजाड़ दिया जाएगा।

14 लाठी लेकर अपने लोगों की चरवाही कर,

हाँ, उस झुंड की जो तेरी जागीर है,+

जो जंगल में फलों के बाग के बीच अकेला रहता था।

उन्हें पहले की तरह बाशान और गिलाद में चरने दे।+

15 “मैं तुम लोगों को अद्‌भुत काम दिखाऊँगा,

जैसे मैंने तुम्हें मिस्र से छुड़ाते वक्‍त दिखाए थे।+

16 देश-देश के लोग भी यह देखेंगे

और शक्‍तिशाली होने पर भी वे शर्मिंदा होंगे।+

वे अपने मुँह पर हाथ रखेंगे, उनके कान बहरे हो जाएँगे,

17 वे साँप की तरह धूल चाटेंगे,+

रेंगनेवाले जंतुओं की तरह अपने मज़बूत गढ़ से काँपते हुए निकलेंगे।

वे खौफ खाते हुए हमारे परमेश्‍वर यहोवा के पास आएँगे

और उसके* सामने थर-थर काँपेंगे।”+

18 तेरे जैसा परमेश्‍वर कौन है,

जो अपनी जागीर के बचे हुए लोगों के गुनाह माफ करता है और उनके अपराध याद नहीं रखता?+

तेरा गुस्सा हमेशा तक नहीं बना रहता,

क्योंकि अटल प्यार से तुझे खुशी मिलती है।+

19 तू हम पर फिर से दया करेगा,+ हमारे गुनाहों को रौंद देगा,

तू हमारे सब पापों को समुंदर की गहराइयों में फेंक देगा।+

20 जैसे तू याकूब के साथ सच्चाई से पेश आया,

जैसे तूने अब्राहम के लिए अपने अटल प्यार का सबूत दिया,

वैसे ही तू हमारे साथ पेश आएगा,

क्योंकि तूने बहुत पहले हमारे पुरखों से इसकी शपथ खायी थी।+

यह मीकाएल (मतलब “परमेश्‍वर जैसा कौन है?”) या मीकायाह (मतलब “यहोवा जैसा कौन है?”) नाम का छोटा रूप है।

या “आप्रा के घर।”

शा., “की रहनेवाली।”

शा., “की रहनेवाली।”

शा., “की रहनेवाली।”

शा., “की रहनेवाली।”

यानी सिय्योन की बेटी।

शा., “की रहनेवाली।”

या “खदेड़नेवाले।”

इसके इब्रानी शब्द का मतलब उकाब भी हो सकता है।

शा., “तुम अपनी गरदन हटा न सकोगे।”

या “यहोवा की पवित्र शक्‍ति।”

या “के साथ-साथ।”

या “चौड़े मुँहवाले हंडे।”

या “चबाने को।”

या “उनके मुँह में कुछ नहीं देता।”

या “अपना मुँह।”

या “चाँदी।”

या “भरोसा रखने का दम भरकर।”

या “मंदिर की पहाड़ी।”

या “जंगल की ऊँची जगह जैसी।”

या “शिक्षा।”

या “कुलों।”

या “अगुवे।”

शब्दावली देखें।

शा., “शरीर का फल।”

या “कृपा करे और प्यार में वफा निभाए।” शा., “अटल प्यार से प्यार करे।”

या “ऐसी बुद्धि जो फायदा पहुँचाती है।”

अति. ख14 देखें।

या “अधूरा।”

या “निर्दोष।”

या “मैं सब्र रखूँगा और इंतज़ार करूँगा।”

या शायद, “फरमान दूर किया जाएगा।”

यानी फरात नदी।

शा., “तेरे।”

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें