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सजग होइए!–1997
g97 6/8 पेज 28-29

विश्‍व-दर्शन

विवाह घट रहे हैं

“विवाह को एक संस्थान के रूप में हम विलुप्त होता देख रहे हैं,” सांख्यिकी कनाडा में वर्तमान जनसांख्यिकी विश्‍लेषण का प्रमुख, ज़ाँ डुमस कहता है। द टोरोन्टो स्टार के अनुसार, कनाडा में, ख़ासकर क्विबॆक में विवाह दर गिर रही है। कुछ किस्सों में, स्थायी बंधन बाँधने में झिझक, अपने माता-पिता के विवाह की अच्छी छवि न होने के कारण है, रिपोर्ट कहती है। २५ से अधिक साल की अवधि में इकट्ठा किए गए आँकड़े प्रकट करते हैं कि १९६९ में विवाहित दंपतियों में से ३० प्रतिशत १९९३ में एकसाथ नहीं थे। आँकड़े यह भी दिखाते हैं कि ज़्यादा हाल में विवाहित दंपति तलाक़ ले रहे हैं। १९९३ में कनाडा में हुए सभी तलाक़ों का एक तिहाई ऐसे दंपतियों का था जिनके विवाह को पाँच साल भी नहीं हुए थे। यह १९८० में एक चौथाई था। यूनिवर्सिटी ऑफ़ ग्वॆल्फ़, ऑनटॆरिओ में विवाह और परिवार-चिकित्सा केंद्र का निदेशक, मार्शल फ़ाइन कहता है: “यह युवजनों के लिए बहुत सुरक्षित संसार नहीं लगता।”

आहार कैंसर का जोख़िम कम करता है

दिन में कम-से-कम पाँच बार फल और सब्ज़ियाँ खाना फेफड़े, आँत, पेट, और अन्य प्रकार के कैंसर का जोख़िम घटाता है, द वॉल स्ट्रीट जरनल रिपोर्ट करता है। कम-से-कम १७ देशों में २०० से अधिक अध्ययन करने के बाद, जो इसके लाभ की पुष्टि करते हैं, इसका “सशक्‍त प्रमाण” मिला है। ज़रूरी नहीं कि मात्रा बहुत अधिक हो। यू.एस. राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के एक कार्यक्रम के अनुसार, पर्याप्त मात्रा में यह सम्मिलित है: “मध्यम आकार का एक टुकड़ा फल, तीन-चौथाई प्याला रस, आधा प्याला पकी हुई सब्ज़ियाँ, सलाद में एक प्याला ताज़ी हरी सब्ज़ियाँ, या एक-चौथाई प्याला मेवे।” इस संस्थान ने पिछले पाँच सालों से ऐसे आहार का प्रोत्साहन दिया है, लेकिन अभी अमरीका में, केवल ३ में से १ वयस्क और ५ में से १ बच्चा इस माँग को पूरा करता है। फ़ास्ट-फ़ूड की ललक इसकी सफलता के आड़े आती दिखती है। द वॉल स्ट्रीट जरनल नोट करता है: “तले हुए आलू और चटनी दो सब्ज़ियों के बराबर नहीं हैं।”

निद्रा-वंचित किशोर

ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के कुछ निद्रा विशेषज्ञों का मानना है कि किशोर क्यों सुबह बिस्तर में रहना चाहते हैं इसके लिए टीवी, विद्रोह, या आलस ही नहीं कुछ और भी ज़िम्मेदार हो सकता है, एशियावीक पत्रिका रिपोर्ट करती है। ऑस्ट्रेलियाई निद्रा विशेषज्ञ डॉ. क्रिस सॆटॆन कहता है कि हार्मोन परिवर्तन और विकास लहर के कारण अनेक युवा देर तक सोने के लिए प्रवृत्त हो सकते हैं। नौ साल की उम्र से, एक युवा की निद्रा आवश्‍यकता बढ़ जाती है। लेकिन, १७ से १९ साल के ३,००० अमरीकी छात्रों के एक सर्वेक्षण में, ८५ प्रतिशत को पर्याप्त नींद नहीं मिल रही थी। द न्यू यॉर्क टाइम्स रिपोर्ट करता है कि परिणाम यह है कि छात्र जल्दी सुबह की कक्षाओं में हमेशा निद्रालु होते हैं। “हमारे पास ये बच्चे हैं जो इतने निद्रा-वंचित हैं,” कॉरनॆल यूनिवर्सिटी प्रोफ़ॆसर जेम्स बी. मास टिप्पणी करता है, “यह मानो ऐसा है कि वे नशे में हैं।” विशेषज्ञों का मानना है कि किशोरों को रात में कम-से-कम साढ़े आठ घंटे की नींद चाहिए।

स्थिर जनसंख्या?

विएना में, इंटरनैशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर अप्लाइड सिस्टम्स एनालिसिस (IIASA) के अनुसार, वर्तमान विश्‍व जनसंख्या का दुगुना होना अति संभव नहीं। उनका अनुमान है कि जनसंख्या “२०५० तक वर्तमान ५.७५ अरब से बढ़कर १० अरब हो जाएगी, २०७५ तक लगभग ११ अरब के शिखर तक पहुँच जाएगी, और २१०० के आस-पास लगभग स्थिर रहेगी या थोड़ी-सी घटेगी,” न्यू साइंटिस्ट कहती है। IIASA के अनुसार, इसकी ६४-प्रतिशत संभावना है कि हमारी वर्तमान विश्‍व जनसंख्या कभी दुगुनी नहीं होगी। उनके आँकड़े दिखाते हैं कि १९९५ में संसार के हर क्षेत्र में प्रजनन दरें कम होती दिखी हैं।

बैटरी-रहित रेडियो

अफ्रीका के काफ़ी ग्रामीण भाग में बिजली की कमी से और पर्याप्त बैटरियाँ उपलब्ध न होने की स्थिति से निपटने के लिए, दक्षिण अफ्रीका में केप टाउन के पास एक छोटी फैक्टरी सुवाह्‍य रेडियो बना रही है जिसमें हस्त-चलित जॆनॆरेटर लगा हुआ है। “हैंडल को दो-चार बार तेज़ी से घुमाइए,” द न्यू यॉर्क टाइम्स रिपोर्ट करता है, और वह “आधा घंटा चलता है।” टिफ़िन बॉक्स के बराबर आकार और तीन किलोग्राम वज़न होने के बावजूद, यह नया मॉडल लगता है अवश्‍य सफल होगा। फैक्टरी के विक्रय संचालन के प्रमुख, सीयान्गा मालूमा के अनुसार, यदि इस रेडियो को दिन में पाँच से दस घंटे तक बजाया जाता है, तो यह तीन साल में $५०० से $१००० तक बैटरियों का ख़र्च बचाएगा। साइकिल और मोटरसाइकिल के साथ-साथ, “रेडियो अफ्रीकी शान की तीन बड़ी निशानियों में से एक है,” मालूमा कहता है। “कोई ग़लती मत कीजिए,” वह दावे से कहता है। बस एक रेडियो का मालिक होने के आधार पर, “आपको पत्नी मिल सकती है।”

जानलेवा वर्षा

स्वीडिश वैज्ञानिक डॉ. ऐड्रीआन फ्रान्क के अनुसार, अम्ल वर्षा ने अप्रत्यक्ष रूप से अनेक स्कैंडिनेवियाई हिरनों की मृत्यु में योग दिया है। संदूषित वर्षा के प्रभावों को प्रभावहीन करने के लिए, मैदानों और झीलों में चूना डाला जाता है। लेकिन, चूनायुक्‍त भूमि में उगनेवाले पौधों में कुछ तत्त्वों का स्तर बढ़ जाता है, ख़ासकर मोलिब्डेनम का। जब हिरन बहुत अधिक मोलिब्डेनम सोख लेते हैं, तब यह ताँबे की घातक कमी उत्पन्‍न कर देता है जो जानवरों के प्रतिरक्षा तंत्र पर बुरी तरह प्रभाव करता है। अम्ल वर्षा का एक और परिणाम यह है कि अब मछलियाँ स्वीडन की ४,००० से अधिक झीलों में जीवित नहीं रह सकतीं और नॉरवे में मत्स्य संख्या अब पहले से आधी रह गयी है। लंदन का द सन्डे टॆलीग्राफ़ नोट करता है कि जबकि ब्रिटिश सरकार संदूषण के स्रोत को नियंत्रित करने के लिए अपने विद्युत स्टेशनों से गंधक उत्सर्जन घटा रही है, अम्ल वर्षा के शेष प्रभाव अनेक वर्षों तक रह सकते हैं।

अफ्रीकी हाथियों को प्रशिक्षित करना

सदियों से एशियाई हाथियों को श्रम पशुओं के रूप में प्रयोग किया गया है। लेकिन, उनकी जाति के बड़े अफ्रीकी हाथियों को इतना आक्रामक समझा गया है कि उन्हें पालतू नहीं बनाया जा सकता। लेकिन कम-से-कम एक प्रयोग ने प्रत्यक्ष सफलता का आनंद लिया है। ज़िम्बाबवे के ईमीरॆ वन्य-जंतु आरक्षित क्षेत्र में अफ्रीकी हाथियों को खेतों की जुताई करने और वनपालों को अगम्य क्षेत्रों तक ले जाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। सिखाने के लिए जो तरीक़ा प्रयोग किया जा रहा है उसे “प्रेम और प्रतिफल” कहा जाता है। एक अफ्रीकी समाचार-पत्र के रिपोर्टर ने न्याशा नाम के हाथी को मूचॆमवा नाम के मज़दूर के साथ, जो उसकी पीठ पर बैठा था, खेत की जुताई करते देखा। “बीच-बीच में,” रिपोर्टर ने बताया, “वह अपनी सूँड़ उठाता और मूचॆमवा उसमें उच्च-प्रोटीन युक्‍त पशु-भोजन का एक टुकड़ा डाल देता।” रिपोर्ट में आगे कहा गया: “ईमीरॆ में न्याशा और छः अन्य प्रशिक्षित हाथी अगली बारिशों से पहले मक्का जैसी फ़सलों के लिए खेतों को तैयार करने के लिए प्रयोग किए जाएँगे, जो उन्हें और फ़ार्म पर दूसरे जानवरों को खिलाने के काम आएँगी।”

जानलेवा रोमांच

बन्जी जम्पिंग, फ्री क्लाइम्बिंग, स्काईडाइविंग, बेस जम्पिंग—रोमांच खेल—फ्राँस में फ़ैशन बन गए हैं। पैरिस के समाचार-पत्र लॆ मॉन्ड ने कई विशेषज्ञों से पूछा कि क्यों रोमांच खेल फ्राँस में इतने लोकप्रिय हो गए हैं। खेल नवीनता के लिए अध्ययन केंद्र के निदेशक, ऎलाँ लोरे ने कहा कि एक कारण है कि पारंपरिक खेल, जिनमें कुछ नियमों, अनुशासन, और प्रशिक्षण की माँग होती है, आज के युवाओं की मान्यताओं से नहीं मिलते, जो अनुशासन की ज़रूरत से अधिक महत्त्व स्वतंत्रता और मस्ती को देते हैं। फ्राँसीसी समाज-विज्ञानी डावीड लि ब्रॆटों के अनुसार, “उच्च-जोख़िम खेलों की बढ़ती लोकप्रियता नैतिक मूल्यों के पतन की परछाईं है। सचमुच, अब हमें पता भी नहीं है कि हम किस लिए जी रहे हैं। हमारा समाज हमें नहीं बताता कि जीवन जीने के योग्य है। अतः, रोमांच-चाहना . . . जीवन में कुछ अर्थ लाने के लिए एक रास्ता समझा जा सकता है।” लेकिन, अधिकाधिक युवा अपने जीवन को जोख़िम में डाल रहे हैं और उसे खो रहे हैं।

बच्चों की सेनाएँ

ढाई लाख बच्चे, कुछ की उम्र तो बस सात साल है, संसार-भर में सेना में काम कर रहे हैं, यह २६ देशों में किए गए शोध और मैनचॆस्टर, इंग्लैंड के गार्डियन वीकली में दी गयी रिपोर्ट के अनुसार है। संयुक्‍त राष्ट्र के दो-वर्षीय अध्ययन का भाग, इस रिपोर्ट ने प्रकट किया कि स्वयं बाल सैनिकों पर नृशंसता की गयी है, प्रायः उन्हें रिश्‍तेदारों की यातना और मृत्यु देखने पर मजबूर करने के द्वारा। इसके बाद, उन्हें वधिकों, हत्यारों, और भेदियों के रूप में प्रयोग किया गया है। एक देश में, “अधिकतर बाल सैनिकों को आदेश दिया गया था कि भागने की कोशिश करनेवाले बच्चों या बड़ों को यातना दें, अपंग बना दें या मार डालें।” बच्चे, जिन्हें प्रायः लड़ाई से पहले नशीले पदार्थ या शराब दी जाती है, लड़ाई में ऐसे भागते हुए दिखायी दिए हैं “मानो वे अमर या अभेद्य हों।”

मच्छरों के लिए नहीं

कीड़े-मकोड़े मारक, घर के बाहर लटके हुए विद्युत यंत्र जो रात को कीड़े-मकोड़ों को आकर्षित करते हैं और आवाज़ के साथ उनको जला देते हैं, मच्छरों पर काम नहीं करते। “ये यंत्र असल में किसी काम के नहीं,” कीट-विज्ञान का प्रोफ़ॆसर, जॉर्ज बी. क्रेग जूनियर कहता है। अधिकतर मच्छर बिजली से आकर्षित नहीं होते और जब वे भोजन ढूँढ़ते हैं, तब मादा—जो काटने का काम करती है—अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, ऊर्जा, और त्वचा के अन्य उत्सर्जनों को तलाशती है जो कि ये कीड़े-मकोड़े मारक नहीं छोड़ते। इन्हें न पाने पर, वह दूर उड़ जाती है। इसके अलावा, मारकों से मच्छरों को मारने की कोशिश करना “चम्मचों से समुद्र को साफ़ करने की कोशिश करने” की तरह है, डॉ. क्रेग कहता है। गर्मियों के कुछ ही महीनों में मादा मच्छर ६०,००० से अधिक मादा वंशज उत्पन्‍न कर सकती है। तीन-महीने के एक अध्ययन ने दिखाया कि एक सामान्य रात को, मारकों द्वारा मारे गए कीड़े-मकोड़ों में से केवल ३ प्रतिशत मादा मच्छर थे। मारकों को, क्रेग कहता है, “गृह-मनोरंजन विभाग में बेचा जाना चाहिए, बाग़बानी में नहीं।”

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