हीरे इतने क़ीमती क्यों होते हैं?
स्पेन में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
कभी-कभी सुंदरता ढूँढी जा सकती है। कभी-कभी इसे रूप देना पड़ता है। लेकिन, एक हीरे को दोनों, ढूँढ़ना व रूप देना पड़ता है।
बेशक, अपरिष्कृत हीरे प्रकृति की खूबसूरत सृष्टि हैं। भूपटल के नीचे का तीव्र दबाव और उच्च ताप आहिस्ते-आहिस्ते साधारण कार्बन को कठोर, पारभासी क्रिस्टल में ढाल देता है। लेकिन इन दुर्लभ रत्नों को ढूँढ़ निकालना अकसर एक चुनौती होती है। इन बेशक़ीमती रत्नों की तलाश में पृथ्वी पर मनुष्यों ने कुछ सबसे बड़े गड्ढे खोद डाले हैं जो ऑस्ट्रेलिया, साइबेरिया, और दक्षिण अफ्रीका के भू-दृश्य पर छितरे हुए हैं। क़रीब-क़रीब छः ग्राम के वज़नवाले कुछेक हीरों को पाने के लिए, एक सौ टन मिट्टी को खोदकर छाँटना पड़ सकता है!
एक बार जब एक हीरा ढूँढ़ लिया जाता है, तो कुशल कारीगरों को कड़ी मेहनत से इसके छुपे हुए सौंदर्य को तराशना पड़ता है इससे पहले कि यह किसी अँगूठी या माला में गढ़ा जाए।
यह स्वाभाविक है कि ये सब प्रयास और कौशल सस्ते में नहीं मिलता। लेकिन अधिकांश औरतें—और पुरुष—इसकी क़ीमत को उपयुक्त समझते हैं, ख़ासकर यदि वह हीरा विवाह साथी या मँगेतर को स्थायी प्रीति के प्रतीक के रूप में तोहफ़े के तौर पर दिया जाता है। सौंदर्य और रोमांस ने हीरे को पृथ्वी पर सबसे बेशक़ीमती क्रिस्टल बना दिया है।a
एन्टवर्प की यात्रा
एन्टवर्प, बॆल्जियम की एक यात्रा के दौरान इन अद्वितीय रत्नों में मेरी दिलचस्पी जगी। यह एक ऐसा शहर है जिसकी धन-दौलत मुख्यतः हीरों पर निर्भर है। मैंने सोचा, ‘कौन-सी बात है जो हीरे को इतना आकर्षक बनाती है? हीरे को बनाने के पीछे क्या राज़ है?’
इन सवालों का जवाब देने के लिए, मैंने डर्क लोट्स से बात की, जिसके परिवार ने तीन पीढ़ियों से हीरे के व्यापार में काम किया है। “हम एन्टवर्प को हीरे का सबसे पक्का दोस्त कहते हैं,” उसने समझाया, “चूँकि यह शहर संसार के हीरे के मुख्य केंद्रों में से एक है। सो आप हीरा बनानेवाले का राज़ जानने के लिए बिलकुल सही जगह पर आए हैं।”
सर्वप्रथम, उसने मुझे मुट्ठीभर अपरिष्कृत हीरे दिखाए जिन्हें उसने अभी-अभी ख़रीदा था। हालाँकि उनकी क़ीमत $३,५०,००० थी, वे पहली नज़र में उतने आकर्षक नहीं दिखे—बल्कि वे मुट्ठीभर काँच के टुकड़े की तरह ज़्यादा दिख रहे थे। लेकिन एक क़रीबी नज़र ने एक आंतरिक कांति उजागर की जिसने उस खूबसूरती को प्रकट किया जिसे हीरा काटनेवाला खोल सका। मैं उनके आकर्षण को समझने लगा।
“कभी-कभी जब मैं एक बड़ा अपरिष्कृत हीरा देखता हूँ, तो मुझे एक अमुक जादुई आभास होता है, मानो यह भावात्मक लगाव जैसा हो,” डर्क ने स्वीकारा। “सहजवृत्ति से, मैं यह रत्न ख़रीदना चाहता हूँ। यह मुझे उस मनुष्य के बारे में यीशु के दृष्टांत की याद दिलाता है जिसने एक अद्भुत मोती पाया, एक ऐसा श्रेष्ठ मोती जिसे ख़रीदने के लिए वह अपना सब कुछ बेच डालने को तैयार था। मैं उस हद तक तो कभी नहीं गया,” वह मुसकराया, “लेकिन मुझे यह मानना पड़ेगा कि कुछ अत्युत्तम रत्नों में कुछ ख़ास आकर्षण होता है, हम में से उनके लिए भी जो उन्हें ख़रीदने-बेचने में अपनी ज़िंदगी बिताते हैं। बेशक, एक अपरिष्कृत रत्न से मणि उत्पन्न करने में, चाहे यह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो, अपने जोख़िम हैं।”
एक अपरिष्कृत हीरे को तराशना
मैंने सुना था कि एक लापरवाह हीरा काटनेवाला एक बेशक़ीमती रत्न को चकनाचूर कर सकता है। क्या ऐसा अकसर होता है, यह मैं सोचा करता। “यह ऐसा नहीं कि ऐसा विरले ही होता हो,” डर्क ने स्वीकार किया। “और ऐसा तब हो सकता है जब रत्न को टुकड़ों में तोड़ा जा रहा हो। और तब भी हो सकता है जब हीरे को तराशनेवाला शायद कभी-कभी एक ग्लॆट्ज़ को या आंतरिक त्रुटि को छू लेता है और रत्न को क्षति पहुँचाता है। हम हमेशा अपरिष्कृत रत्न को ध्रुवीकृत प्रकाश से सावधानी से जाँच करते हैं, जो त्रुटिपूर्ण भागों को उजागर करता है; लेकिन अफ़सोस, कोई भी स्थापित तरीक़ा इतना विश्वसनीय नहीं है।
“हालाँकि एक चूर-चूर हुआ रत्न हमारा सबसे बड़ा दुःस्वप्न है, बस यही हमारी कठिनाई नहीं है। कभी-कभी रत्न का रंग, पहलुओं को काटने और तराशने के बाद गाढ़ा हो जाता है और इसका मूल्य कम हो जाता है। और आपको याद रखना चाहिए कि अपरिष्कृत रत्न को एक उच्च-कोटि का मणि बनाने के लिए हमें अकसर इसका ६० या ज़्यादा प्रतिशत काटकर छाँटना पड़ता है।”
मुझे ऐसा लगा मानो काफ़ी पैसे बरबाद हो जाते हैं। मुझे ऐसा तब तक लगा जब तक कि मैंने एक हीरा बनाने में शामिल सारी बातों को समझ नहीं लिया। डर्क ने मुझे एक बहुत बड़ा हृदयाकार हीरा दिखाया जिसे अभी-अभी काटकर तराशा गया था। “क्या आप देख सकते हैं कि यह कैसा चमकता है?” उसने मुझसे पूछा। “रत्न के भीतर की वह ‘ज्वाला’ वास्तव में प्रतिबिंबित प्रकाश से बढ़कर कुछ नहीं है।
“कारीगर को जो करना है, वह यह कि इसके सारे पहलुओं को इस तरीक़े से काटे जिससे कि प्रकाश रत्न के भीतर फँस जाए और फिर देखनेवाले की ओर प्रतिबिंबित हो। कुछ पारंपरिक आकारों से, जैसे कि गोलाकार काट, ऐसा प्रतिबिंबन सबसे प्रभावकारी तरीक़े से होता है। लेकिन अगल-थलग डिज़ाइन्स् का मक़सद भी, जैसा कि यह हृदयाकार हीरा, सबसे अधिक मात्रा में प्रकाश प्रतिबिंबित करना होता है। हीरे बनानेवाले की कला का सार यही है। दरअसल, हीरे के एक नामी-गिरामी निर्माता ने अपने आदर्श-वाक्य के तौर पर इसे पसंद किया, ‘जादू इसकी बनावट में है।’”
“हीरे को किस आकार में काटना है, इसका फ़ैसला आप कैसे करते हैं?” मैंने डर्क से पूछा। “हम सबसे पहले ख़रीदे हुए उस मूल रत्न को बहुत सावधानी से देखते हैं,” उसने कहा। “और मेरा मतलब है बहुत ही सावधानी से! मुझे याद है कि एक बड़े रत्न की हमने एक महीने तक जाँच की, तब जाकर हमने अंतिम फ़ैसला किया कि इसे कैसे काटा जाना चाहिए। कभी-कभी यह आसान होता है क्योंकि अपरिष्कृत रत्न किसी ख़ास आकार में आसानी से कट जाता है। हर मामले में मक़सद यही होता है कि उस ख़ास रत्न के लिए सबसे अच्छा आकार निश्चित करें ताकि हम जहाँ तक संभव हो कम-से-कम मात्रा खोएँ। लेकिन हर पहलू जो हम काटते हैं—और एक ठेठ हीरे में ५० से अधिक पहलू होते हैं—उसका अर्थ होता है वज़न में घटी।”
इसके बाद डर्क ने मुझे एक अमुक रत्न को ध्यानपूर्वक देखने को कहा। “क्या आपको वहाँ ऊपर रत्न के दाएँ पर त्रुटि दिख रही है?” उसने पूछा, और मुझे एक लूप, अर्थात् जौहरियों का मैग्निफ़ाइंग ग्लास थमाया। मैंने मणि के अंदर एक किनारे पर कुछ खुरदरी लकीरें देखीं, जैसे एक दरार पड़े हुए आईने में होती हैं। “इस प्रकार की त्रुटियाँ हीरे की क़ीमत में काफ़ी कटौती कर देती हैं। हम बेशक इसे काटकर निकाल सकते हैं, लेकिन इसका अर्थ हो सकता है रत्न का काफ़ी भाग खो देना। यदि त्रुटि नंगी आँखों से सुस्पष्ट नहीं दिखती है, तो हम फिर भी इस रत्न को कम दाम पर बेच सकते हैं।”
मुझे यह जानने में रुचि थी कि क्यों ऐसे छोटे-छोटे रत्न इतने मूल्यवान होते हैं। स्पष्टतया, अनेक बातें सम्मिलित हैं।
“अकसर दोहराया जानेवाला वाक्यांश ‘हीरा सर्वदा बना रहता है’—हालाँकि विज्ञापन का आदर्श-वाक्य है—सामान्यतः सही है,” डर्क ने कहा। “हीरे कभी घिसते नहीं, ना ही उनकी चमक-धमक कभी जाती है। वे दुर्लभ हैं, हालाँकि उतने दुर्लभ नहीं जितने वे पहले हुआ करते थे, और वे खूबसूरत हैं—इसमें कोई शक नहीं! लेकिन शायद सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व जो इसकी क़ीमत निर्धारित करता है वह है हीरों की विश्वव्यापी माँग। यह मुख्यतः विज्ञापन पर निर्भर करता है।
“एक स्त्री हीरे की अँगूठी क्यों चाहती है?” डर्क सोचने लगा। “संभवतः वह हीरों को प्रेम और रोमांस के साथ जोड़ती है। हीरा कुछ ख़ास होता है, कुछ ऐसा जिसे हमेशा-हमेशा के लिए संजोया जाना चाहिए, उसे ऐसे प्रेम की याद दिलाने के लिए जो आशा की जाती है कि हीरे की तरह ही लंबे समय तक टिकेगा। इस विचार को, या जैसे कुछ लोग शायद कहें, एक रहस्यमयी आभास को कुशलतापूर्वक बढ़ाया गया है। वर्ष १९९५ में इस विचार को विज्ञापित करने में कुछ $१८,००,००,००० ख़र्च किए गए, एक ऐसा विचार जिसकी वज़ह से संसार-भर के लोग हीरे ख़रीदते रहें।”
हीरे की क़ीमत
“मुझे लगता है कि परिष्कृत मणि की क़ीमत इसके आकार पर निर्भर करती है,” मैंने कहा। “यह इतना आसान नहीं है,” डर्क ने जवाब दिया। “हीरे के व्यापारी यह कहने के लिए प्रवृत्त होते हैं कि हीरे की क़ीमत चार तत्वों पर निर्भर है: काट, कैरट, रंग, और स्पष्टता। हरेक का रत्न के सौंदर्य पर प्रभाव पड़ता है—और सो इसकी क़ीमत पर भी।
“आइए हम काट से शुरू करें। अच्छी काट एक कलाकृति है, कहना चाहें तो इसे छोटे पैमाने पर शिल्पकारी कह सकते हैं। जिस हृदयाकार हीरे की आप तारीफ़ कर रहे थे, उसे क़रीबी से देखिए। इस आकार को बनाना आसान नहीं है, और यह ऐसा आकार है जिसके लिए दूसरे आकारों की तुलना में इसके मूल रत्न के ज़्यादा भाग को त्याग देना पड़ता है। ध्यान दीजिए कि मणि के सौंदर्य को और निखारने के लिए कैसे सभी पहलुओं को सुडौल तरीक़े से रखा गया है। हम कहेंगे कि इस अमुक हीरे की काट बहुत उत्तम है।
“आप पहले-पहल इसके आकार से प्रभावित हुए थे, और यह स्वाभाविक है, क्योंकि यह एक बड़ा, ८-कैरट का रत्न है। शायद आपको मालूम हो कि एक कैरट ०.२ ग्राम के बराबर है, सो हम कैरट की क़ीमत मात्र रत्न का वज़न लेने के द्वारा निर्धारित करते हैं। आम तौर पर कहें तो, ज़्यादा कैरट का अर्थ है ज़्यादा मूल्यवान हीरा, लेकिन इसकी क़ीमत इसके रंग और स्पष्टता से भी प्रभावित होगी।
“हीरे सभी आकार और रंगों में मिलते हैं, जैसा कि आपने अपरिष्कृत रत्नों के हमारे पैकॆट से देखा होगा। सबसे पहला काम जो हम करते हैं वह है कि हम इनके रंग के मुताबिक़ इन्हें अलग करते हैं, सफ़ेदवाले ज़्यादा मूल्यवान होते हैं। हालाँकि, ऐसे कुछेक रत्न होते हैं जिन्हें हम रंग-बिरंगा कहते हैं, जैसा कि गुलाबी, नीला, या लाल; और ये सफ़ेद रत्नों से ज़्यादा दाम पर बिकते हैं, चूँकि ये बहुत ही दुर्लभ हैं।
“अंततः, हमें एक रत्न को उसकी स्पष्टता के द्वारा वर्गीकृत करना पड़ता है। यदि किसी रत्न को त्रुटिहीन के वर्ग में डाला जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि जब आप रत्न को—एक लूप से भी—देखें तो आपको कोई त्रुटि नहीं दिखेगी। अतः, एक हीरे की काट, स्पष्टता, और रंग भी उतना ही अहम हो सकता है जितना कि कैरट में उसका वज़न। आपको एक मिसाल देने के लिए, १९९५ में, परिष्कृत किए गए शायद सबसे बड़े हीरे (५४६.६७ कैरट) को प्रदर्शन पर रखा गया। लेकिन इसके आकार के बावजूद—लगभग गोल्फ़ की गेंद की तरह—इसकी निम्न स्तर की स्पष्टता और इसके पीत-भूरे रंग के कारण, यह संसार का सबसे मूल्यवान हीरा नहीं है।”
एन्टवर्प को छोड़ने से पहले मैंने हैन्स विन्स से बात की, जो हीरे के उद्योग में ५० साल से शामिल रहा है। मैं एक अंतिम सवाल पूछना चाहता था, कौन-सी बात है जो हीरे को इतना ख़ास बनाती है?
“मुझे छोटे-छोटे रत्न इतने उत्तेजक नहीं लगते—उन्हें मशीनों पर भी तैयार किया जा सकता है,” उसने जवाब दिया। “लेकिन बड़े-बड़े हीरे मुझे मोहित करते हैं। हरेक रत्न भिन्न होता है—एक ऐसी अनूठी रचना जो करोड़ों सालों के ज्वालामुखीय दबाव के कारण कार्बन से उत्पन्न होती है। जब आप रत्न को ध्यानपूर्वक जाँचते हैं, तब आप वास्तव में उसकी वृद्धि की लकीरों को देख सकते हैं, जो कुछ-कुछ एक पेड़ के स्तंभ में पायी जानेवाली लकीरों की तरह होती हैं। एक अनुभवी व्यापारी आपको यह भी बता सकता है कि वह किस खान से प्राप्त हुआ है।
“हीरे का निर्माता इस प्रकार के रत्न को ऐसे देखता है जिस तरह से एक शिल्पकार संगमरमर के खंड को देखता है। वह पहले ही अपनी मन की आँखों से देख लेता है कि वह क्या बना सकता है। अपनी कल्पना में, वह काट रहा होता और परिष्कृत कर रहा होता है और एक अति-सुंदर मणि उत्पन्न हो रहा होता है। मुझे सोचना अच्छा लगता है कि जब हीरा किसी अँगूठी या माला में अपनी अंतिम मंज़िल पाता है, तो यह उसके मालिक को उतना ही आनंद देगा।”
जब सबकुछ कहा-सुना गया, यह तथ्य कि हीरा अपने मालिक को ख़ुशी देता है सो इसे बनाना उपयोगी है।
[फुटनोट]
a हीरों की ऊँची क़ीमत का मुख्य कारण है एकाधिकार, अर्थात् केंद्रीय विक्रय संगठन द्वारा नियंत्रण।
[पेज 23 पर तसवीरें]
आठ कैरट का हृदयाकार हीरा (रत्न एक माप के अनुसार नहीं हैं)
नाशपाती-आकारनुमा काट
“कार्डिनल की टोपनुमा” काट
अपरिष्कृत रत्नों का कैरट वज़न निर्धारित करते हुए
रंग के मुताबिक़ अपरिष्कृत हीरों को अलग करते हुए
ज़्यादा परिष्कृत करने की ज़रूरत को निर्धारित करने के लिए पहलुओं की जाँच करते हुए