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सजग होइए!–1997
g97 11/8 पेज 12-15

डाउन अंडर ज़िंदगी फ़र्क है

ऑस्ट्रेलिया में सजग होइए! संवाददाता द्वारा

“डाउन अंडर” एक अंग्रेज़ी अभिव्यक्‍ति है जो हाल के साल में मशहूर हुई है। लेकिन किसके अंडर? यह भूमध्य रेखा के अंडर यानी नीचे के देशों को सूचित करती है। असल में, दक्षिणी गोलार्द्ध के सभी देशों को “डाउन अंडर” कहा जा सकता है। लेकिन, सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया और न्यू ज़ीलैंड को इस नाम से पुकारा जाता है। इस लेख में हम ऑस्ट्रेलिया पर ध्यान देंगे, जिसका नाम लैटिन शब्द ऑस्ट्रेलिस से आया है, जिसका अर्थ है “दक्षिणी।”

ऑस्ट्रेलिया की ज़िंदगी उत्तरी गोलार्द्ध के अनेक देशों से फ़र्क है। और यह सिर्फ़ इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण नहीं है। और भी कई फ़र्क हैं जिन्हें सैलानी नोट करते हैं।

यूरोपीय बस्ती

वर्ष १७८८ में, कड़कती धूपवाले इस देश में यूरोपीय बस्ती बसनी शुरू हुई। फ़र्स्ट फ़्लीट नामक जहाज़ों का एक झुंड सिडनी खाड़ी की ओर रवाना हुआ। इनके सैलानी ज़्यादातर इंग्लैंड, आयरलैंड, और स्कॉटलैंड के अपराधी थे, जो अपने साथ अंग्रेज़ी भाषा लाए थे। अगले १५० सालों के लिए, अधिकतर प्रवासी ब्रिटिश मूल के थे।

दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद प्रवास का यह रूप बदल गया। आज, यहाँ अलग-अलग देशों से हज़ारों “नये ऑस्ट्रेलियाई” हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा इटली और यूनान से हैं। प्रवासियों ने ऑस्ट्रेलिया की जीवन शैली को विविधताओं से भर दिया है और वे अपने साथ अपनी-अपनी भाषाएँ और अंग्रेज़ी के अनोखे उच्चारण, साथ ही ख़ास भोजन और संस्कृतियाँ लाए हैं।

यही वज़ह है कि यहाँ बोलने के अलग-अलग लहज़े सुनने को मिलते हैं। लेकिन उन लोगों का भी अंग्रेज़ी बोलने का ख़ास लहज़ा है जो कई पीढ़ियों से यहाँ रह रहे हैं। अंग्रेज़ी स्वर ए, इ, आई, ओ, यू को उच्चारित करने का ऑस्ट्रेलियाई लहज़ा स्वरयुक्‍त, अकसर अस्पष्ट स्वर होता है और इसे सही से पहचानने के लिए वक़्त लगता है। और कुछ ऐसी बातें भी हैं जो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया में ही कही जाती हैं। उदाहरण के लिए, चाहे दिन या रात का कोई भी समय क्यों न हो, “गुड मार्निंग” बोलने की बजाय, हाल-चाल पूछने का एक दोस्ताना अंदाज़ है “गुडे, मेट!” अकसर इसके बाद तबियत के बारे में पूछा जाता है और आनेवाले से शायद यह पूछा जाए, “हाव येर गोइन, मेट, ओर्राइट?”

लोग भी फ़र्क हैं

इस कठिन देश में ज़िंदा रहना, इस माहौल में ढलने और चरित्र में दृढ़ होने की माँग करता है। यही कारण है कि अनेक ऑस्ट्रेलियावासी सकारात्मक होते हैं, जिससे यह कहावत चली, “शील बी राइट, मेट!” जिसका मतलब यह है कि जब आशा टूट जाए तो निराश नहीं होना चाहिए, क्योंकि आख़िरकार सब कुछ ठीक-ठाक हो जाना चाहिए।

प्रकाशन ऑस्ट्रेलियावासी (अंग्रेज़ी) की प्रस्तावना ने कहा: “एक ऐसे देश से यह उम्मीद की जा सकती है जिसने अपनी शुरूआत बेड़ियों में की हो और दो सौ साल बाद बहुत शक्‍तिशाली और समृद्ध छोटा देश बन गया हो कि वह कुछ रोमांचक और अनोखे लोग पैदा करे। . . . और वे लोग हैं ऑस्ट्रेलियावासी।”

साथी का साथ निभाने का गुण अनेक ऑस्ट्रेलियावासियों द्वारा दो शताब्दियों के दौरान ज़िंदगी के कठोर सबक़ का वरदान समझा जाता है। पहले विश्‍व युद्ध में ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों के साहस की ओर ये आपका ध्यान दिलाना चाहते हैं। न्यू ज़ीलैंड की सेना के साथ, ये कठोर सैनिक एनज़ेक्स्‌ कहलाते थे। यह शब्द ऑस्ट्रेलियाई और न्यू ज़ीलैंड की मिली-जुली टुकड़ियों का परिवर्णी नाम है। वे “खनक” के नाम से भी मशहूर हुए। लेकिन यह निश्‍चित नहीं कि इन्हें इस नाम से क्यों पुकारा जाता था। खाइयाँ खोदने की वज़ह से या १८०० में ऑस्ट्रेलिया में जमा हुए लोगों द्वारा सोने की खानें खोदने की वज़ह से।

गाड़ी चलाना —एक बड़ा फ़र्क

जिन देशों में यातायात दाहिने हाथ की ओर चलता है वहाँ से आए लोग ऑस्ट्रेलिया में गाड़ी चलने में बहुत ही फ़र्क पाते हैं। पूरे देश में, गाड़ियाँ सड़क की बाईं ओर चलाई जाती हैं।

सो यदि आप ऐसे देश से ऑस्ट्रेलिया आते हैं जहाँ सड़क की दाईं ओर गाड़ियाँ चलाई जाती हैं, तो एक व्यस्त सड़क के पार जाने के लिए आपका पहला क़दम ख़तरनाक हो सकता है। ‘पहले बाईं ओर, फिर दाईं ओर और फिर बाईं ओर देखने’ के लिए सड़क पार करने की आपकी आदत जानलेवा हो सकती है। अब सड़क पार करने से पहले आपको, ‘पहले दाईं और फिर बाईं और फिर दाईं ओर देखना होगा।’ बहुत अच्छे! आप बहुत जल्दी सीख रहे हैं। बाप रे! आप गाड़ी में ग़लत साइड से घुसे हैं। आप भूल गए हैं कि इस देश में ड्राइवर की सीट दाईं ओर होती है!

मौसम में भी फ़र्क

उत्तरी गोलार्द्ध की तुलना में, डाउन अंडर मौसम उलटा है। गर्म, शुष्क हवाएँ उत्तर और उत्तर-पश्‍चिम से आती हैं जबकि सभी शीत परिवर्तन दक्षिण से आते हैं। यहाँ कभी-भी यह नहीं कहा जाता कि उत्तर की ठंड, लेकिन कड़ाके की ठंडी और संभवतः बर्फीली तूफ़ानी, दक्षिणी हवा से सावधान रहिए।

ऑस्ट्रेलिया पृथ्वी का सबसे शुष्क और गर्म महाद्वीप है, जिसके शुष्क आंतरिक भूभागों का तापमान ३० डिग्री सेलसियस तक पहुँच जाता है। यहाँ का रिकार्ड किया गया सबसे अधिकतम तापमान ५३.१ डिग्री था। और सबसे न्यूनतम –२२ डिग्री, स्नोई माउन्टेन्स्‌ क्षेत्र में, ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी, माउंट कॉज़िसको के निकट था।

उत्तरी गोलार्द्ध के हिसाब से यहाँ बहुत ज़्यादा ठंड नहीं होती। उदाहरण के लिए, विक्टोरिया राज्य की राजधानी मॆलबर्न को लीजिए। हालाँकि यह शहर ऑस्ट्रेलिया के दूरस्थ दक्षिणी कोने में है, जुलाई के महीने में यहाँ का औसत दैनिक तापमान ६ से १३ डिग्री सेलसियस होता है। इसकी तुलना बेजिंग, चीन में जनवरी के दैनिक तापमान –१० से +१ डिग्री या न्यू यॉर्क के –४ से +३ डिग्री से कीजिए। दोनों ही शहर भूमध्य रेखा से मॆलबोन के बराबर की दूरी पर हैं। तो ऑस्ट्रेलिया गर्म क्यों है, ख़ासकर जबकि यह पृथ्वी के सबसे ठंडे प्रदेश—अंटार्टिका—के नज़दीक है?

फ़र्क यह है कि उत्तरी गोलार्द्ध में बड़े-बड़े भूभाग पाए जाते हैं जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में समुद्र फैला हुआ है। ऑस्ट्रेलिया और न्यू ज़ीलैंड हज़ारों किलोमीटर फैले समुद्र से घिरे हुए हैं, जो अंटार्टिका की बर्फीली हवाओं के विरुद्ध गर्म हवाओं का एक प्रतिरोधक बनाता है, जिससे मौसम गर्म रहता है।

ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप के बड़े आकार की वज़ह से, इसके अलग-अलग क्षेत्रों के मौसम में विविधता स्पष्ट देखी जा सकती है। ज़्यादा दक्षिणी राज्यों में ऋतुएँ अलग-अलग हैं, सर्दी में साफ़, ठंडी, या धुंध-भरी रातें, जिसके बाद आमतौर पर गर्म दिन होते हैं। सर्दी के ये ख़ुशनुमा दिन उत्तरी गोलार्द्ध के अनेक देशों के गर्मियों के तापमान से मेल खाते हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी राज्यों में, साल में केवल दो ही मौसम होते हैं—लंबा, शुष्क मौसम और मानसूनी वर्षा का नमीवाला मौसम। नॉर्दन टैरिट्री की राजधानी, डारविन में, तापमान ३२ डिग्री सेलसियस के आसपास रहता है।

अन्य फ़र्क

महाद्वीप पर मुख्यतः गर्म मौसम होने की वज़ह से, अधिकांश क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलियावासी कैज़्युअल ड्रैस पहनते हैं। लेकिन चौड़े घेरवाली हैट पहनना ज़रूरी है। सूर्य की ज़्यादा किरणें पड़ने के कारण यहाँ पर त्वचा कैंसर के मामले गर्म देशों से ज़्यादा हैं।

क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में अभी-भी खुले चौड़े मैदान पाए जाते हैं, अनेक पिकनिक स्थान आउटडोर बारबेक्यू सुविधाओं के साथ बनाए गए हैं। माँस यहाँ सस्ता मिलता है, इसलिए सॉसेजेस्‌ और स्टेक को बारबेक्यू का आम भोजन माना जाता है। लेकिन क्या आउटडोर बारबेक्यू के आसपास खड़े ये लोग एक दूसरे को हाथों से कोई रहस्यमयी इशारे कर रहे हैं? जी नहीं, वे केवल मक्खियों को भगाने के लिए हाथ हिला रहे हैं! आउटडोर दावत के लिए मक्खियाँ और मच्छर एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर देते हैं, ख़ासकर गर्म मौसम में।

सो, डाउन अंडर रहने का मतलब है मक्खियों और मच्छरों के साथ रहना सीखना और अधिकांश घरों के आगे-पीछे जालीदार दरवाज़े हैं। पहले दिनों में, लोग मक्खियों को मुँह से दूर रखने के लिए ऐसा हैट पहनते थे जिसके घेरे से कई कॉर्क लटकते थे। कीड़े-मकोड़ों को भगानेवाले पदार्थों के निर्माण की वज़ह से ऐसे हैट अब देखने में नहीं आते।

एक अन्य भिन्‍नता इस क्षेत्र में शानदार, रंगबिरंगे फूल और फूलवाले पौधे और पेड़ हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में अकसर जिस तेज़ ख़ुशबू का अनुभव किया जाता है वह यहाँ नहीं पाई जाती। यहाँ, बाग़-बग़ीचों के प्रेमी को पूरी ख़ुशबू लेने के लिए अपनी नाक फूलों के बिलकुल पास ले जानी पड़ती है। लेकिन, सभी ऑस्ट्रेलियाई फूल ऐसे नहीं हैं। उदाहरण के लिए डैफ्नी और चमेली के पौधे आपको अपनी ख़ुशबू से मंत्र-मुग्ध कर देंगे। लेकिन आम तौर पर सर्द मौसमवाले इलाकों की तुलना में कहा जाए तो यहाँ फूल कम ख़ुशबूदार होते हैं।

लंबी-लंबी दूरियाँ

डाउन अंडर, दूरी ऐसा पहलू है जो वाक़ई अलग है। उत्तरी देशों की तुलना में क्या पास है क्या दूर है यह बात यहाँ फ़र्क है। कुछ क़सबों के बीच इतनी ज़्यादा दूरी है कि दूसरा कोई क़सबा देखने के लिए आपको घंटों सफ़र करना पड़ेगा। यह ज़्यादातर देश के आंतरिक भागों में देखने को मिलेगा जिन्हें प्यार से आउटबैक कहा जाता है। यहाँ की खुली जगह और शांति आश्‍चर्यजनक है और एक सैलानी यहाँ की साफ़ हवा में साँस ले सकता है। पास ही सफ़ेदे के पेड़ हैं, जिन्हें आम तौर पर गोंद के पेड़ कहा जाता है। गोंद के पेड़ और टट्टर, या बबूल के पेड़ देश के आंतरिक भूदृश्‍यों में छाए हुए हैं।

जब दिन ढलता है, एक शानदार सूर्यास्त देखकर आपकी आँखें ख़ुश हो जाती हैं। लेकिन अंधेरा अचानक छा जाता है क्योंकि डाउन अंडर में झुट-पुटा बहुत कम समय का होता है। जल्द ही, रात में दक्षिणी आकाश में अनेक तारे चमकने लगते हैं, जिसमें मशहूर सरंचना दक्षिणी त्रिशंकु भी शामिल है। गोंद के पेड़ आकाश में रेखाओं की तरह खड़े हैं और वन्य-जीवन के आराम का समय हो गया है और एक ख़ामोशी आपको निगलने लगती है, ऐसा लगता है मानो लंबी-लंबी दूरियाँ कभी ख़त्म ही नहीं होंगी।

अपने स्लीपिंग बैग में घुसने से पहले ध्यानपूर्वक कैंप की आग को बुझा दीजिए। यह अनिवार्य है, क्योंकि एक बार यदि ऑस्ट्रेलियाई झाड़ियों में आग लग जाए तो यह जल्द ही एक बला बन जाती है और अपने रास्ते में आनेवाली किसी चीज़ का लिहाज़ नहीं करती। तेज़ गर्मी के कारण गोंद के पेड़ की कपोलें फूट जाती हैं और इस कारण आग ख़तरनाक गति से फैलती है। गर्म, शुष्क गर्मियों के मौसम में, पेड़ों की आग उन लोगों के लिए एक लगातार ख़तरा है जो झाड़ियों से भरे क्षेत्रों के पास रहते हैं। आग प्रतिबंध और खुले स्थानों में आग जलाने के नियमों का सख़्ती से पालन किया जाना ज़रूरी है।

जल्द ही पौ फटती है और आप ज़ोरदार हँसी की आवाज़ से उठ बैठते हैं जब कूकाबुरा पक्षियों का समूह जिसने पास ही गोंद के पेड़ों पर रात बितायी है, ख़ुशी से गाने लगता है। चक्कर में पड़कर आप अपने टेंट से बाहर झाँकते हैं और आपको बाक़ी पेड़ों पर रंगबिरंगे पक्षियों के ढेर के ढेर नज़र आते हैं। अब तक आप उनमें कई एक से मिल चुके होंगे, साथ ही अन्य जानवरों जैसे कंगारू, यहाँ के रीछ, इमस और शायद एक वॉम्बट से भी। और जिनसे मिलने की आपको कोई जल्दी नहीं वह साँप और मकड़ियाँ हैं। जी हाँ, इस महाद्वीप में संसार के सबसे ज़हरीले साँप और मकड़ियाँ पाई जाती हैं। लेकिन इनमें से ज़्यादातर आप पर तब तक हमला नहीं करेंगे जब तक आप इन्हें न छेड़ें।

अब कैंप की आग के आस-पास नाश्‍ता करने का वक़्त हो गया है—आम तौर पर यह बेकन और अंडे और अच्छी तरह सिंके हुए ब्रैड के स्लाइसिस्‌ होता है। स्वच्छ हवा ने आपकी भूख बढ़ा दी है। फिर, मक्खियों के बावजूद नाश्‍ते का आनंद लेते हुए आप जंगल के इस अनुभव के बारे में विचार करने लगते हैं, जिसने आपको ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप की विशालता की एक झलक दी है।

अब इस लंबे-चौड़े विशालकाय देश में आपकी यात्रा ख़त्म हो चुकी है और आप घर लौट रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि दोस्ताना ऑस्ट्रेलियावासियों को, उनके बेबाकपन को जानने का आपका अनुभव आपको हमेशा याद रहेगा। अधिकतर सैलानियों की तरह, आप भी एक दिन वापस आना चाहेंगे। लेकिन एक निष्कर्ष है जिस पर आप बेशक पहुँचे हैं: डाउन अंडर ज़िंदगी फ़र्क है!

[पेज 13 पर चित्र का श्रेय]

पैराकीट और गुलाबी कोकाटू: By courtesy of Australian International Public Relations; महिला: By courtesy of West Australian Tourist Commission

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