हमारे पाठकों से
गुर्दे मैं आपको बताना चाहती हूँ कि लेख “आपके गुर्दे—जीवन-पोषक फ़िल्टर” (सितंबर ८, १९९७) से मैं कितनी प्रभावित हुई। मेरे डॉक्टर ने मुझे बताया है कि मुझे गुर्दे की बीमारी है। इस लेख के कारण मुझे अब लगता है कि मैं अकेली इस बीमारी को नहीं झेल रही।
वी. एम., अमरीका
मुझे गुर्दे की बीमारी है जिसके लिए मुझे चार महीने तक अस्पताल में भरती होना पड़ा। आपका लेख पढ़कर मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने शरीर के बारे में कितना अनजान था। अब मैं अपनी हालत दूसरों को ज़्यादा अच्छी तरह समझा सकता हूँ।
एस. एच., जापान
यह लेख उस समय आया जब मेरी पत्नी को बताया गया कि उसे गुर्दे का कैंसर है। जबकि यह सुनकर हमें धक्का लगा, फिर भी जब शल्य-चिकित्सक ने हमें गुर्दे के विभिन्न कार्यों के बारे में समझाया तो हम स्पष्ट रूप से समझ सके। मेरी पत्नी का नॆफरॆक्टमी ऑपरेशन किया गया और अब वह आराम कर रही है।
जी. एस., भारत
घृणा श्रृंखला “घृणा इतनी अधिक क्यों? प्रेम इतना कम क्यों?” (अक्तूबर ८, १९९७) का मुखपृष्ठ बहुत ही अच्छा था। इन लेखों ने मुझे ज़्यादा अच्छी तरह यह देखने में मदद दी कि लोग क्यों अजनबियों और दूसरी संस्कृतियों के लोगों पर भरोसा नहीं करते।
जे. एम., अमरीका
श्रवण-शक्ति मैं लेख “आपकी श्रवण-शक्ति—सहेजकर रखा जानेवाला तोहफ़ा” (अक्तूबर ८, १९९७) के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। इस लेख को पढ़ने से पहले मैं सोचता था कि मुझे इसकी काफी अच्छी समझ है कि कान के अंदर क्या कुछ चलता है और हम कैसे सुन पाते हैं। लेकिन मुझे यह एहसास नहीं था कि मैं कितना अनजान हूँ। पृष्ठ २६ पर दिया गया चित्र बहुत बढ़िया था! मैं यह सोचकर हैरान हूँ कि कान के उस चित्र को बनाने में कितना दिमाग और कितनी मेहनत लगी होगी। लेकिन जिसने असल चीज़ बनायी उसके बारे में सोचकर मैं और भी हैरान हूँ!
ए. एस., अमरीका
मैं और मेरी सहेली चिकित्सा विशेषज्ञ हैं और हम सचमुच यह मानते हैं कि इतने सालों के हमारे लौकिक अध्ययन में हमने कभी ऐसा लेख नहीं पढ़ा जिसमें इतने सरल और यथार्थ रूप से कान का वर्णन किया गया हो। यह लेख पढ़कर हम भजन १३९:१४ के शब्दों से सहमत होते हैं: “मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं।”
एम. बी. और ज़ॆड. बी., वेनेज़वेला
मैं नशे में धुत्त चालक का शिकार बना। एक महीने तक कोमा में रहने के बाद जब मैं होश में आया तो मेरी दुनिया में सन्नाटा था। १८ साल बीत चुके हैं और अब तक मैं करीब-करीब बहरा हूँ। हाँ, हियरिंग एड की मदद से थोड़ा-थोड़ा सुन पाता हूँ। यह सही समय पर आया लेख सचमुच उनकी मदद करता है जो सुन सकते हैं कि उन्हें हमदर्दी दिखाएँ जिन्हें सुनने में परेशानी होती है।
के. सी., अमरीका
संसार का कोई भाग नहीं लेख “बाइबल का दृष्टिकोण: ‘संसार का कोई भाग नहीं’—इसका क्या अर्थ है?” (अक्तूबर ८, १९९७) मुझे बहुत पसंद आया। उसे पढ़ने के बाद मैंने गैर-मसीहियों के लिए “दुनियावी” शब्द इस्तेमाल करना छोड़ दिया। आखिरकार ३० साल पहले मैं भी तो मसीही नहीं थी। यदि उस व्यक्ति ने, जिसने बाइबल से मेरा परिचय कराया, ऐसी घमंडी मनोवृत्ति अपनायी होती तो मैं शायद फिर कभी साक्षियों से बात तक न करना चाहती!
बी. जी., अमरीका
कष्ट से मुक्त परादीस मैं नौ साल की हूँ और लेख “कष्ट से मुक्त परादीस—जल्द ही एक वास्तविकता” (नवंबर ८, १९९७) के लिए आपको शुक्रिया कहना चाहती हूँ। यह लेख सचमुच मुझे छू गया क्योंकि मेरे पापा शहर से बाहर गये हुए हैं और रात को मुझे और मेरी मम्मी को खिड़की तक खोलने में डर लगता है कि कहीं कोई हमारे घर में न घुस आए। सो जब मैंने पढ़ा कि यहोवा सभी अपराध और हिंसा को मिटाने की प्रतिज्ञा करते हैं, तब मेरी जान में जान आयी।
डी. एम., अमरीका