अपंगता—आप कैसे घटा सकते हैं इसका जोखिम
अपंगता के अधिकतर हादसे टाले जा सकते हैं! और यह उन लोगों के लिए भी सच है जो पॆरिफॆरल वैस्क्युलर डिज़ीज़ (PVD) से पीड़ित हैं। जैसा पिछले लेख में बताया गया है, PVD अकसर मधुमेह के कारण होती है।a लेकिन खुशी की बात है कि मधुमेह को काफी हद तक नियंत्रण में रखा जा सकता है।
“मधुमेह के इलाज में आहार की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण है, चाहे व्यक्ति इंसुलिन लेता हो या न लेता हो,” दी एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका कहती है। न्यू यॉर्क सिटी में किंग्स काउन्टी अस्पताल के डॉ. मार्सॆल बायोल ने सजग होइए! को बताया: “यदि मधुमेह के मरीज़ अपनी हालत को गंभीरता से लें, अपने आहार पर ध्यान दें और डॉक्टर की निगरानी में रहें, तो उनके पैर को लकवा मारने का जोखिम घट जाएगा।” टाइप II मधुमेह के मरीज़ इस सलाह को मानें तो उनकी हालत धीरे-धीरे सुधर भी सकती है।b
कसरत ज़रूरी है
कसरत भी ज़रूरी है। यह शरीर में ग्लूकोस या शर्करा की मात्रा को सामान्य स्तर के अंदर रखने में मदद देती है। यदि PVD की शिकायत हो तो कसरत करने से शरीर की जैव शक्ति, लचीलापन और क्षतिग्रस्त हिस्सों में खून का दौरा बना रहता है। चलने या कसरत करने से PVD के मरीज़ों की पिंडलियों में दर्द होता है और वे कभी-कभी लँगड़ाते हैं, लेकिन नियमित कसरत करने से यह कम हो जाता है। हाँ, इन लोगों को ऐसी कसरत नहीं करनी चाहिए जिससे उनके पैरों में खिंचाव हो और झटका पहुँचे। उनके लिए पैदल चलना, साइकिल चलाना, नाव खेना, तैरना और पानी में ऎरोबिक्स करना ज़्यादा उपयुक्त कसरत हैं। खास आहार लेना शुरू करने या कसरत का खास कार्यक्रम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।
जो कोई अच्छा स्वास्थ्य चाहता है उसे तंबाकू से एकदम दूर रहना चाहिए। PVD उन ढेरों बीमारियों में से एक है जो धूम्रपान करने के कारण होती है या बढ़ जाती है। “अंग-विच्छेद (amputation) में धूम्रपान का बड़ा हाथ है, खासकर जब धूम्रपान करनेवाले को मधुमेह और PVD हो,” डॉ. बायोल ने कहा। कितना बड़ा हाथ? जिनका अंग-विच्छेद हुआ है उनके लिए एक स्वास्थ्य-सुधार गाइड पुस्तक कहती है कि “धूम्रपान न करनेवालों की तुलना में धूम्रपान करनेवालों के बीच अंग-विच्छेद १० गुना ज़्यादा होता है।”
अशक्त हाथ-पैरों की देखभाल
PVD के कारण पैरों में खून का दौरा धीमा पड़ सकता है, जिससे स्नायुरोग (न्यूरोपैथी) हो सकता है—नसों में जान नहीं रहती या वे सुन्न पड़ जाती हैं। फिर हाथ-पैरों में आसानी से चोट लग जाती है, यहाँ तक कि जब व्यक्ति बिस्तर पर लेटा बस आराम कर रहा होता है तब भी उसे चोट लग सकती है। उदाहरण के लिए, यदि बिजली का कंबल या हीटिंग पैड बहुत ज़्यादा गरम हो जाए तो मरीज़ बुरी तरह से जल सकता है क्योंकि उसे दर्द महसूस नहीं होता! इस कारण, निर्माता मधुमेह के मरीज़ों को चेतावनी देते हैं कि इन चीज़ों को इस्तेमाल करते समय सावधान रहें।
अशक्त हाथ-पैरों में आसानी से संक्रमण भी हो जाता है। छोटी-सी खरोंच लगने से घाव बन सकता है, और तो और कोथ (गैंग्रीन) हो सकता है। सो पैरों की देखभाल ज़रूरी है और इसमें यह शामिल है कि आरामदेह और सही नाप के जूते पहनें और ऊपर से नीचे तक पैरों को साफ और सूखा रखें। कई अस्पतालों में पैरों के क्लिनिक होते हैं जो मरीज़ों को पैरों की देखभाल करना सिखाते हैं।
जब PVD इस हद तक बढ़ जाता है कि ऑपरेशन करने की नौबत आ जाए, तो आम तौर पर डॉक्टरों की यह कोशिश रहती है कि अंग-विच्छेद न किया जाए। विकल्प के तौर पर बलून ऐंजिओप्लास्टी की जा सकती है। इस प्रक्रिया में वैस्क्युलर सर्जन एक सूईं पर गुब्बारे का सिरा लगाकर धमनी के अंदर डालता है। फिर गुब्बारे को फुलाया जाता है, जिससे सिकुड़ी हुई धमनी फैल जाती है। दूसरा विकल्प है बाइपास सर्जरी—इसमें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त रक्त वाहिनियों को काटकर उनकी जगह शरीर के दूसरे हिस्से की स्वस्थ वाहिनियाँ लगायी जाती हैं।
बारब्रा ५४ साल की है और उसे चार साल की उम्र से टाइप I मधुमेह है। अपने पहले बच्चे को जन्म देने के बाद उसके पाँवों में PVD हो गया। कुछ डॉक्टरों ने उसे सलाह दी कि अपने पाँव कटवा दे। लेकिन, बारब्रा को एक बड़ा वैस्क्युलर सर्जन मिल गया जिसने ऐंजिओप्लास्टी का इस्तेमाल करके उसके पाँवों में खून का दौरा बढ़ा दिया। कुछ समय तक ऐंजिओप्लास्टी ने काम किया, लेकिन बाद में बारब्रा को बाइपास करवाने की ज़रूरत पड़ी जो कि सफल रहा। अब बारब्रा अपने पाँवों का पूरा-पूरा ध्यान रखती है।
ध्यान रखिए कि चोट न लगे
चोट लगना अपंग होने का दूसरा प्रमुख कारण है। शरीर के किसी भी हिस्से को चोट लग सकती है और वह बेकार हो सकता है। लेकिन, जीवन के प्रति ईश्वरीय दृष्टिकोण रखने से चोट लगने का जोखिम काफी हद तक घटाया जा सकता है। चाहे काम कर रहे हों, गाड़ी चला रहे हों या मनोरंजन कर रहे हों, मसीहियों को अपने शरीर को परमेश्वर की ओर से मिला वरदान समझना चाहिए। तो फिर, वे सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करना चाहेंगे और मूर्खता करके जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे।—रोमियों १२:१; २ कुरिन्थियों ७:१.
जिन देशों में बारूदी सुरंगें बिछी हुई हैं वहाँ चोट लगने का जोखिम कम करने के लिए क्या किया जा रहा है? अनेक देशों में सरकारें सुरंग-चेतना कार्यक्रम चला रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये कार्यक्रम “जोखिम में पड़े लोगों को” सिखाते हैं कि “जिन जगहों में बारूदी सुरंगें बिछी हुई हैं वहाँ रहते और काम करते हुए भी वे दुर्घटना से बचने के लिए क्या करें।”
दुःख की बात है कि “लोग इसके आदी हो जाते हैं कि बारूदी सुरंगें मौजूद हैं इसलिए लापरवाही दिखाते हैं,” संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कहती है। “कभी-कभी धार्मिक विचार [लोगों] में ऐसे खतरों के प्रति यह मनोवृत्ति बढ़ाते हैं कि भाग्य का लिखा तो होकर रहेगा।” लेकिन, परमेश्वर का वचन नहीं सिखाता कि ऐसी भाग्यवादी मनोवृत्ति रखनी चाहिए। बल्कि बाइबल तो सावधानी और सुरक्षा पर ज़ोर देती है।—व्यवस्थाविवरण २२:८; सभोपदेशक १०:९.
तो फिर सावधानी बरतने और अपने स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए उचित कदम उठाने के द्वारा आप अपंग होने का जोखिम काफी हद तक घटा सकते हैं। लेकिन उनके बारे में क्या जो अपंग हो चुके हैं? क्या वे अभी-भी उच्च कोटि के जीवन का आनंद ले सकते हैं?
[फुटनोट]
a पैरों में वैस्क्युलर या शिरा संबंधी बीमारियाँ तब भी पैदा हो सकती हैं या बढ़ सकती हैं जब व्यक्ति निचले धड़ में कसे हुए कपड़े पहनता है या गलत-नाप के जूते पहनता है या देर-देर तक बैठता है (खासकर पैर के ऊपर पैर रखकर) या खड़ा रहता है।
b जिन लोगों को टाइप I मधुमेह है उन्हें हर दिन इंसुलिन के इंजॆक्शन लगवाने पड़ते हैं। जिन्हें टाइप II मधुमेह है (जो इंसुलिन पर निर्भर नहीं हैं) वे आहार पर ध्यान रखकर और कसरत करके बीमारी को काफी हद तक नियंत्रण में रख सकते हैं। अमरीका में, मधुमेह के ९५ प्रतिशत मरीज़ों को टाइप II मधुमेह है।
[पेज 4 पर तसवीर]
धूम्रपान करने से अपंग होने का जोखिम बहुत बढ़ जाता है, खासकर उनके लिए जिन्हें शिरा-संबंधी रोग है
[पेज 5 पर तसवीर]
सही कसरत और अच्छे आहार से वाहिका तंत्र स्वस्थ रहता है