समाचार पर अंतर्दृष्टि
एक विभाजित घर
यीशु ने कहा कि “यदि किसी घर में फूट पड़े,” तो वह खड़ा नहीं रह सकता। (मरकुस ३:२५) समलिंगकामुकता और समलिंगकामी पुरुष और स्त्रियों का पुरोहिताभिषेक करने के विषय पर, कॅनाडा का संयुक्त चर्च अपने आप को कुछ इस तरह पाता है।
कॅनाडा के संयुक्त चर्च के ३२वें महापरिषद् द्वारा अपनाया गया प्रस्ताव समलिंगकामुकता अभ्यासियों को पादरियों के तौर से कार्य करने देता है। कॅनाडा के एक अख़बार, द ग्लोब ॲन्ड मेल के अनुसार, वह प्रस्ताव कहता है कि उनके लैंगिक झुकाव पर ध्यान दिए बग़ैर, जो कोई “यीशु मसीह में विश्वास और उसके प्रति आज्ञापालन प्रकट करता है, उन्हें गिरजा के पूर्ण सदस्य होने या बन जाने की पूरी छूट है,” और “गिरजा के सभी सदस्य विहित सेवकाई के वास्ते विचार किए जाने के योग्य हैं।” संयुक्त चर्च का एक १२५-पृष्ठ रिपोर्ट बताता है: “विविध लैंगिक झुकाव हैं: समलिंगकामी, द्विलिंगी, इतरलिंगी। इन्हें स्वाभाविक और परमेश्वर की ओर से एक भेंट के रूप में मानना चाहिए।”
गिरजे का समलिंगकामियों को पादरियों की हैसियत से स्वीकार करने के निर्णय पर टीका करते हुए, ग्लोब अख़बार बताता है कि “अभिभावी वाद-विषय गिरजे का विद्यमान रहना था।” अनेक रिपोर्ट बताते हैं कि १९७२ से, गिरजे की सदस्यता लगातार कम होती जा रही है और यह आर्थिक अड़चन में है। और कारण? पादरी जॉन ट्वीडी कहता है कि “जैसे लोग गिरजे को अपनी मसीही जड़ों से दूर होते देखते हैं, गिरजे से एक निरन्तर प्रस्थान हो रहा है।” “इसलिए,” कॅनाडा का पोस्ट अख़बार रिपोर्ट करता है, “समलिंगकामुकता, विवाह बंधन के बाहर सेक्स, माँग करने पर गर्भपात, और वियोज्य विवाह जैसे विषयों की उनकी स्वीकृति तरुण पीढ़ी की ओर एक प्रस्ताव है।”
फिर भी, क्या मसीह के प्रति आज्ञापालन बाइबल सिद्धान्तों पर समझौता करने की अनुमति देता है? उलटा, परमेश्वर का वचन स्पष्ट है: “अपने आपे को धोखा न दो; जो लोग अनैतिक . . . समलिंगी विकृतकामी हैं . . . इन में से कोई भी परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।”—१ कुरिन्थियों ६:९, १०, टुडेज़ इंग्लिश वर्शन.
छड़ी इस्तेमाल करना
“छड़ी न चलाएँ, पर नतीजों पर ग़ौर करें,” यह एक लेख का शिर्षक था, जो दक्षिण अफ्रीकी अख़बार, द नेटल मर्क्युरी में प्रकाशित हुआ, जिस में घर और पाठशाला में बच्चों को शारीरिक दण्ड देने की हिचक की आधुनिक प्रवृत्ति पर शोक प्रकट किया गया था। पिटाई की ओर इस बदली हुई मनोवृत्ति के लिए कौन ज़िम्मेवार है? प्राध्यापक स्माईथ, दक्षिण अफ्रीका के नेटल विश्वविद्यालय में बालचिकित्सक, बाल मनोवैज्ञनिकों को सीधी तरह क़सूरवार ठहराता है। स्माईथ व्याख्या करता है कि “आम तौर से किसी भावनात्मक विषय की जड़ों की खोज करने पर, हम पाते हैं कि मनोवृत्ति में हुआ परिवर्तन मनोवैज्ञानिक मत से शुरू होता है। पहले पहले, वे किसी भी प्रकार के शारीरिक दण्ड के सख़्त ख़िलाफ़ होते हैं, और फिर, एक ऐसे मत, जो कुंठा और अन्तर्बाधा से रहित है, से उत्पन्न अनुशासनहीनता के नतीजों से भौचक्का होते हैं।”
स्माईथ सन्तुलन का समर्थन करता है। वह ग़ौर करता है कि “अनुज्ञेयता की अति उतनी ही बुरी है जितनी दण्ड की अति, लेकिन यह वास्तविकता कि कम-अनुशासित से अति-अनुशासित बच्चे का सुधार ज़्यादा आसान है, अनिश्चय के समय में अनुशासन की तरफ़ झुकने के पक्ष में प्रोत्साहित करता है।” प्राध्यापक इस बात पर ज़ोर देता है कि शारीरिक दण्ड देने का हेतु बच्चे का वर्तमान और भावी हित होना चाहिए।
ऐसी सलाह नयी नहीं, बल्कि बाइबल के अचूक मार्गदर्शन की ओर एक वापसी है: “जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, परन्तु जो उस से प्रेम रखता, वह यत्न से उसको शिक्षा देता है।”—नीतिवचन १३:२४; नीतिवचन २३:१३, १४ भी देखें।
जूआ पाप नहीं?
हाल में एक रोमन कैथोलिक पैरिश, विस्कॉन्सिन, यू.एस.ए., में ऐसा पहला धार्मिक संस्थान बना जिसने लॉटरी टिकेट बेचने के अनुमति-पत्र की दरख़्वास्त दी, द शीबॉयगन प्रेस रिपोर्ट करता है। जबकि बिक्री का वर्णन साप्ताहिक चन्दा “बढ़ाने” की कोशिश के तौर से किया जाता है, अख़बार प्रेस ग़ौर करता है कि लॉटरी टिकटों की प्रस्तावित बिक्री के पीछे का मुख्य कारण “उनके बिंगो खेल में हाज़िरी बढ़ाना है।” रिपोर्ट किया जाता है कि गिरजा अभी ऐसे बिंगो खेल चला रही है, जिस में हर रात के मुनाफ़े “$८०० से $१,००० तक होते हैं।”
जब पूछा गया कि क्या जूआ खेलना वास्तव में इतना पापमय है, पैरिश पादरी रॉबर्ट फ़्लाईशमॅन ने जवाब दिया: “मुझे मालूम नहीं।” यद्यपि मानते हुए कि गिरजे का बिंगो या लॉटरी टिकटों की बिक्री को बढ़ावा देना “शायद हमारे कुल आध्यात्मिक आह्वान के संदर्भ से थोड़ा-बहुत परे है,” उसने आगे कहा कि “अगर वे” अपना पैसा खर्च करने “यहाँ नहीं आएँगे, तो वे कहीं और चले जाएँगे।”
क्या ऐसे धार्मिक अगुआ को, जो मसीह का अनुयायी होने का दावा करता है, जूए को बढ़ावा देना चाहिए? बिल्कुल नहीं! किसी भी रूप में, जूआ मनुष्यों में सबसे बदतर गुणों में से एक गुण उत्तेजित करता है—लालच। जो लोग इसे बढ़ाते हैं, वे लोगों को यह मानने तक प्रोत्साहित करते हैं कि दूसरों की हानि से फ़ायदा उठाना ठीक है। फिर भी, परमश्वर का प्रेरित वचन स्पष्टतः कहता है कि लालची व्यक्ति परमेश्वर के राज्य के वारिस नहीं होंगे।—१ कुरिन्थियों ६:९, १०; इफिसियों ४:१९; ५:३.