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  • वह हर्षमय राष्ट्र
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1991
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w91 4/1 पेज 3-4

वह हर्षमय राष्ट्र

वह हर्षमय राष्ट्र! क्या आज यह मनुष्यजाति के किसी भी राष्ट्र का वर्णन हो सकता है? क्या कोई राष्ट्र यह हर्षमय दावा कर सकती है कि उसने हिंसा, अपराध, ग़रीबी, प्रदूषण, अपंग कर देनेवाली बीमारियाँ, राजनीतिक भ्रष्टाचार और धार्मिक विद्वेष हटा दिए हैं? क्या कोई राष्ट्र ऐसे लक्ष्यों को पाने की कोई वास्तविक आशा प्रस्तुत करती है? बिल्कुल नहीं!

विश्‍व भर में स्थिति कैसी है? यू.एस.एस.आर के राष्ट्रपति, मिखाएल गोर्बाचेव ने गत जुलाई १६ को कहा: “हम अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के एक युग को छोड़कर दूसरे में, मेरे ख़याल से, मज़बूत, दीर्घकालीन शान्ति की एक अवधि में, प्रवेश कर रहे हैं।” यद्यपि, उसी तारीख़ की टाईम नामक पत्रिका ने रिपोर्ट किया कि संयुक्‍त राज्य अमेरिका ने अब भी अपने १२० परमाणु स्फोटक शीर्षों को मॉस्को की ओर निर्देशित करके उसे निशाना बनाया है, जिन में से कोई एक स्फोटक शीर्ष उस शहर को पूरी तरह से विध्वंस कर सकता है। और इस में कोई शक नहीं कि रूसी ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए तैयार हैं। अब जबकि संयुक्‍त राष्ट्र संघ के अनेक सदस्य-राष्ट्रों के पास परमाणु हथियार बनाने की तक़नीकी जानकारी है, इस बात पर मनन करने में कोई हर्ष नहीं कि कौन सबसे पहले सहज ही गोली चलानेवाला होगा।

एक सचमुच ही हर्षमय राष्ट्र

इतिहास में एक बार—क़रीब ३,५०० वर्ष पहले—एक सचमुच ही हर्षमय राष्ट्र मौजूद थी। वह प्राचीन इस्राएल थी। जब परमेश्‍वर ने उन लोगों को मिस्र के अत्याचार से छुड़ाया, वे मूसा के साथ एक हर्षोल्लसित विजय गीत गाने लगे, और जब तक वे अपने परमेश्‍वर और उद्धारक का आज्ञापालन करते रहे, वे हर्ष मनाते रहे।—निर्गमन १५:१-२१; व्यवस्थाविवरण २८:१, २, १५, ४७.

सुलैमान के शासनकाल में, “यहूदा और इस्राएल के लोग बहुत थे, वे समुद्र के तीर पर की बालू के किनकों के समान बहुत थे, और खाते-पीते और आनन्द करते रहे।” वह अत्याधिक हर्ष करने का समय था, जिसका चरमोत्कर्ष पूरे इतिहास के सबसे शानदार इमारत, यरूशलेम में यहोवा की उपासना के लिए मंदिर खड़ा करने का कार्य था।—१ राजा ४:२०; ६:११-१४.

वर्तमान-समय की हर्षमय राष्ट्र

प्राचीन इस्राएल एक आधुनिक राष्ट्र का पूर्वसंकेत था। कौनसी राष्ट्र? मध्य पूर्व का राजनीतिक इस्राएल? समाचार रिपोर्टों के अनुसार कशमकश में उलझा हुआ वह राष्ट्र बाक़ी कुछ भी हो पर हर्षमय नहीं है। क्या नाम-मात्र का संयुक्‍त राष्ट्र संघ अपने सदस्य-राष्ट्रों के लिए वास्तविक हर्ष लाया है? नहीं, सच्चा हर्ष आज के राजनीतिक लाभ पाने का काम करनेवाले राष्ट्रों के बीच कहीं पाया नहीं जाता। लालच, भ्रष्टाचार और बेईमानी भरपूर है, और कई देशों में जनता मात्र ज़िंदा रहने के लिए ही दुःखपूर्ण रूप से हाथ-पैर मारती है।—नीतिवचन २८:१५; २९:२.

परन्तु, आज एक ऐसी उल्लेखनीय राष्ट्र है जो अत्याधिक मात्रा में हर्षमय है। यह राजनीतिक नहीं, इसलिए कि उसके प्रधान, मसीह यीशु ने उस राष्ट्र के लोगों के बारे में बताया: “तुम संसार के कोई भाग नहीं।” (यूहन्‍ना १५:१९, न्यू.व.) जबकि संयुक्‍त राष्ट्र संघ सिर्फ़ नाम में ही संयुक्‍त है, यह हर्षमय राष्ट्र “हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से” शान्ति-प्रिय अनुयायियों को उत्पन्‍न करती है। (प्रकाशितवाक्य ७:४, ९) इसकी संख्या अब ४० लाख से ज़्यादा है, अतः इसकी जनसंख्या यू.एन. के १५९ सदस्य-राष्ट्रों के लगभग ६० राष्ट्रों की जनसंख्या से ज़्यादा है। इन चालीस लाख लोगों की लगभग २०० देशीय भाषाएँ हैं; फिर भी सभी एक ही “शुद्ध भाषा” बोलने में संगठित हैं।—सपन्याह ३:९.

क्या यह अनोखा नहीं कि इतनी विभिन्‍न संस्कृतियों के लोग एक सामान्य भाषा बोलते हैं? वास्तव में नहीं, क्योंकि इस एक कर देनेवाली भाषा में परमेश्‍वर के आनेवाले धार्मिकता के राज्य का संदेश समाविष्ट है। यह हर्षमय राष्ट्र “पृथ्वी की छोर से” आती है और दुनियाभर में ‘यहोवा के गवाहों’ के नाम से जानी जाती है। (यशायाह ४३:५-७, १०; जकर्याह ८:२३) आप इस पृथ्वी पर लगभग कहीं भी जाएँ, आप इन लोगों से मिलेंगे।

यशायाह २:२-४ में, परमेश्‍वर का भविष्यवक्‍ता यह कहते हुए सभी राष्ट्रों में से निकलनेवाली एक भीड़ का वर्णन करता है: “आओ, हे लोगों, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़ें, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएँ; तब वह हमें अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” (न्यू.व.) उत्साह से, ये लोग दूसरों को आमंत्रण देते हैं कि वे यहोवा के वचन, बाइबल के ज़रिए से परमेश्‍वर से उपदेश प्राप्त करें, कि वे उनकी इच्छानुसार करने के लिए सीख सकें। यही एक राष्ट्र सच्ची शान्ति के मार्ग पर चलती है, चूँकि उसके लोगों ने ‘तलवारों को पीटकर हल के फाल और भालों को हँसिया’ बनाया है और वे ना ही ‘भविष्य में युद्ध की विद्या सीखते हैं।’ सचमुच एक हर्षमय राष्ट्र!

आप भी इस हर्ष में हिस्सेदार बन सकते हैं। आप उस जल्द-आनेवाले दिन के बारे में सीख सकते हैं जब राजा, मसीह यीशु, विध्वंसक मनुष्यों और सरकारों को निकालकर पृथ्वी पर परादीस पुनःस्थापित करेंगे। (दानिय्येल २:४४; मत्ती ६:९, १०) अब भी, एक सचमुच ही संयुक्‍त राष्ट्र होने के नाते, यहोवा के गवाह सच्ची शान्ति के उस शानदार युग के लिए तैयारी करने के अपने कार्य में बड़ा हर्ष पाते हैं, जैसा कि आगामी पृष्ठ दिखाएँगे।

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