अप्रैल 1 वह हर्षमय राष्ट्र एक सार्वभौम हर्ष दुःखियों के लिए संवेदना विश्वास में पक्का बने रहो! भाईचारे की प्रीति सक्रिय है क्यों मसीही उपासना उच्च है तन और मन में शुद्ध रहो हर्ष से यहोवा की सेवा करना हर्ष से पूरित हो जाइए “महिमा से पहले नम्रता होती है”