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  • १९९५ प्रहरीदुर्ग की विषय–सूची
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
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१९९५ प्रहरीदुर्ग की विषय–सूची

उस अंक की तारीख़ सूचित करते हुए जिसमें लेख प्रकाशित है

जीवन कथाएँ

अकेली पर कभी त्यागी हुई नहीं (ए. लूइस), ७/१

अपने माता-पिता के पदचिन्हों पर चलना (एच. पैजॆट), १०/१

‘इसलिये कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते’ (आर. टेलर), २/१

एक सौ वर्ष की आयु और सक्रिय (आर. मिचॆल), १२/१

“गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते” (यू. हेलगसन), ११/१

“प्रेम कभी टलता नहीं” (एस. लडॆसूयी), ९/१

प्रौढ़ता की ओर प्रगति करने का मेरा फ़ैसला (सी. डॉकाउ), ४/१

बाँटने के लिए एक अनमोल ख़ज़ाना (जी. मालास्पीना), १/१

मेरा जीवन प्रयोग करने का सर्वोत्तम तरीक़ा (बी. ऐंडरसन), ३/१

लगन प्रगति की ओर ले जाती है (जे. मैग्लोव्स्की), ५/१

हमारी बहुमूल्य आध्यात्मिक विरासत (एफ़. स्मिथ), ८/१

हमें एक बुमूल्य मोती दिया गया था (आर. गंथर), ६/१

पाठकों के प्रश्‍न

“अन्य भेड़ें” और “बड़ी भीड़” भिन्‍न है? ४/१५

“अन्य सब नामों में श्रेष्ठ” (फिलि २:९), ११/१५

गलतियों ६:८ में “आत्मा” ६/१५

परमेश्‍वर पक्षपाती क्योंकि प्रारम्भिक शासी निकाय में सभी यहूदी थे? ७/१

“पीढ़ी” (१पत २:९; मत्ती २४:३४), ११/१

पलिश्‍ती कौन थे? २/१

“प्रेम में भय नहीं होता” (१यूह ४:१८), “परमेश्‍वर से डरो” (१पत २:१७), ८/१

बपतिस्मे के समय रवैया, ४/१

“बहुत शिक्षक न बनें” (याकू ३:१), ९/१५

मरियम गर्भवती थी जब इलीशिबा से भेंट करने गयी? ७/१५

यीशु अब ‘अन्य भेड़ों’ के लिए महायाजक? ६/१

बाइबल

नया संसार अनुवाद एक विद्वान को प्रभावित करता है, ४/१५

“पुराना नियम” या “इब्रानी शास्त्र”? ३/१

बाइबल का मूल्य कितना है? ३/१५

मसोरा लेख क्या है? ५/१५

वे इसे कब पढ़ते हैं और वे कैसे लाभ प्राप्त करते हैं, ५/१

मसीही जीवन और गुण

अतीत के धर्म-परायण परिवार, ९/१५

अपनी अत्यावश्‍यकता की भावना की रक्षा कीजिए, १०/१

“असमान जुए में न जुतो,” ११/१५

आप अपनी प्रार्थनाओं को कैसे अधिक अर्थपूर्ण बना सकते हैं? ३/१५

आप इन बाधाओं को पार कर सकते हैं! ७/१५

आत्म-धर्माभिमान से चौकस रहिए! १०/१५

एक धार्मिक रूप से विभाजित परिवार में ईश्‍वरीय आज्ञाकारिता, ६/१

कठिन आर्थिक समयों में अविवाहित रहना, ६/१५

कमज़ोरी, दुष्टता, और पश्‍चाताप तय करना, १/१

क्या आप ज़्यादा समझ विकसित कर सकते हैं? ९/१

क्या आप धूआं देती हुई बत्ती को बुझाएँगे? ११/१५

क्या आपने हाल में किसी को प्रोत्साहित किया है? १/१५

खराई रखिए और जीवित रहिए! १/१

देने की भावना, १२/१५

धार्मिकता एक जाति को ऊँचा उठाती है, १२/१५

धैर्य—इतना विरल क्यों? ६/१५

बहिष्करण—एक प्रेममय प्रबन्ध? ७/१५

मसीही कैसे सार्वजनिक निन्दा का सामना करते हैं, ४/१

यह किस का क़सूर है? २/१

लगन के प्रतिफल, ८/१

विधर्मी परम्पराओं का विरोध कीजिए! ८/१५

समस्याओं के निपटारे के लिए एक सबक़, २/१५

“हारी हुई आत्मा” वालों के लिए सांत्वना, ११/१

मुख्य अध्ययन लेख

“अपनी तर्क-शक्‍ति सहित पवित्र सेवा,” ६/१५

अभी सच्चे परमेश्‍वर का भय क्यों मानें? १०/१५

आज तक यहोवा द्वारा सिखाए गए, ८/१

ईश्‍वरीय सर्वसत्ता के पक्ष में मसीही साक्षी, ९/१

उन्होंने “सब कुछ वैसा ही किया” १२/१५

एक “दुष्ट पीढ़ी” से बचाए गए, ११/१

क्या आपके परिवार में परमेश्‍वर पहले स्थान पर आता है? १०/१

खराई-रखनेवाली जाति, १/१

जागते रहने का समय, ११/१

झूठे ईश्‍वरों के विरुद्ध साक्षी, ९/१

थके-माँदों के लिए एक प्रेमपूर्ण आमंत्रण, ८/१५

दैनिक बाइबल पठन से लाभ प्राप्त करना, ५/१

धर्मियों का पुनरुत्थान होगा, २/१५

न्याय सिंहासन के सामने आपकी स्थिति क्या होगी? १०/१५

‘परमेश्‍वर का इस्राएल’ और ‘बड़ी भीड़’ ७/१

परमेश्‍वर की नज़रों में आप बहुमूल्य हैं! ४/१

परमेश्‍वर की सेवा करने के लिए आपको क्या प्रेरित करता है? ६/१५

परमेश्‍वर के प्रारम्भिक सेवकों के बीच स्त्रियों की सम्मानित भूमिका, ७/१५

पवित्र सेवा करती एक बड़ी भीड़, २/१

पुनःस्थापित “देश” में निवासी एकसाथ रहते हैं, ७/१

प्रकाश-कौधें—ज़्यादा और कम (भाग १ और २), ५/१५

“प्रति दिन” अपने समर्पण के अनुरूप जीना, ३/१

प्रेम अनुचित जलन पर विजयी होता है, ९/१५

प्रेम और भले कार्यों में उत्साहित करना—कैसे? ४/१

प्रेरितिक समयों में प्रकाश-कौधें, ५/१५

बड़े क्लेश से जीवित बचाए गए, २/१५

बाइबल वास्तव में जो है उसे उसी रूप में स्वीकार कीजिए, ५/१

भेड़ों और बकरियों के लिए क्या भविष्य? १०/१५

मसीही स्त्रियाँ सम्मान और आदर के योग्य हैं, ७/१५

माता-पिताओं और बच्चों: परमेश्‍वर को पहला स्थान दीजिए! १०/१

“मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हलका है,” ८/१५

यहोवा—एक सिखानेवाला परमेश्‍वर, ८/१

यहोवा का आनन्द हमारा दृढ़ गढ़ है, १/१५

यहोवा का भय-प्रेरक दिन निकट है, ४/१५

यहोवा का भय मानने में हर्षित होना सीखना, ३/१५

यहोवा की शुद्ध उपासना के लिए जलनशील, ९/१५

यहोवा थके हुए को बल देता है, १२/१

“वचन पर चलनेवाले” आनन्दित लोग १२/१५

वह दिन जो “धधकते भट्ठे का सा” है, ४/१५

शरण-नगर—परमेश्‍वर का दयालु प्रबन्ध, ११/१५

“शरण-नगर” में रहो और जीओ! ११/१५

शैतान और उसेक कार्यों पर विजयी होना, १/१

सच्चे उपासकों की एक बड़ी भीड़—वे कहाँ से आए हैं? २/१

सच्चे परमेश्‍वर का भय मानने के लाभ, ३/१५

‘सब प्रकार की सांत्वना के परमेश्‍वर’ की ओर से सांत्वना, ६/१

समर्पित—किस को? ३/१

स्वर्गीय नागरिकता वाले मसीही साक्षी, ७/१

हम शोकित हैं, फिर भी आशाहीन नहीं, ६/१

हियाव न छोड़िए! १२/१

हृदय के आनन्द सहित यहोवा की सेवा कीजिए, १/१५

“हे छोटे झुण्ड, मत डर” २/१५

यहोवा

सिक्के जिन पर परमेश्‍वर का नाम है, ५/१५

यहोवा के साक्षी

“ईश्‍वरीय भय” ज़िला अधिवेशन, १/१५

उन्होंने प्रेम के कारण ऐसा किया, (विधवा के घर की मरम्मत की गई), १०/१५

ऐथॆन्स, यूनान, १०/१५

‘काश, हर कोई उनके जैसा होता!’ ९/१

गिलियड स्नातकता, ६/१, १२/१

ज़ाम्बिया, ३/१५

डॉमिनिकन गणराज्य, २/१५

नीयूवे में राज्यगृह, १२/१५

न्यू ज़ीलैंड, ११/१५

“पैसा कहाँ से आता है?” १२/१

पोर्ट रीको, १/१५

‘बालकों के मुंह से,’ १/१

ब्राज़िल, ७/१५

भारत, ९/१५

“मैं यहोवा के लिए बहुमूल्य हूँ!” १२/१५

मोज़ाम्बीक में “नमक बेचना” ४/१५

श्रीलंका, ८/१५

साक्षियों के विरुद्ध किए गए मुकदमे का फ़ैसला (यूनान), १२/१५

सिंगापुर उपासना की स्वतन्त्रता को रौंदता है, १०/१

स्वीडन, ५/१५

हमारे लिए कोई सेवा-निवृत्ति नहीं है! (जापान), ३/१५

हिमालय से भी ऊँचे पर्वत पर चढ़ना (नेपाल), ६/१५

यीशु मसीह

क्या यीशु के बारे में संदेह न्यायसंगत हैं? ८/१५

यीशु के चमत्कार, ३/१

राज्य उद्‌घोषक रिपोर्ट करते हैं

१/१, २/१, ३/१, ४/१, ५/१, ७/१, ८/१, ९/१, ११/१, १२/१

विविध

अम्मोनियों ने कृपा का बदला शत्रुता से दिया, १२/१५

अर्थहीन अनुष्ठान? (पापस्वीकृति), ९/१५

आगे बेहतर समय है, ८/१

आत्मिक क्षेत्र में शासक, ७/१५

आपका धर्म—कभी त्यागा नहीं जाना चाहिए? २/१

आपका व्यापार आपको कितना महँगा पड़ेगा? ५/१

ईर्ष्यालु मनुष्य, ९/१५

उनका प्रकाश बुझा नहीं, ११/१५

उसने ईश्‍वरीय निर्देशन स्वीकार किया (यूसुफ, यीशु का दत्तक पिता), १/१५

एक बेहतर जीवन जल्द! ११/१५

एक मुद्रक जिसने अपनी छाप छोड़ी (रॉबर एटीएन), ४/१५

कैथारस जाति—मसीही शहीद? ९/१

कैराइट और सत्य की उनकी खोज, ७/१५

क्या आप यहोवा की स्तुति करेंगे? ३/१५

क्या परमेश्‍वर ने हमारा भाग्य लिख दिया है? २/१५

क्या धार्मिक सत्य प्राप्य है? ४/१५

घृणा कभी समाप्त होगी? ६/१५

जब कोई व्यक्‍ति ग़रीब नहीं होगा, ५/१

जब परम्परा सच्चाई के विरुद्ध होती है, १२/१

जलन, ९/१५

जलन ने मेरी ज़िन्दगी लगभग तबाह कर दी, ९/१५

जीवन आपके लिए कितना मूल्यवान है? १/१५

धर्म—एक वर्जित विषय? ४/१

धर्मविज्ञानी दुविधा (अमर प्राण), ३/१

पचास साल के विफल प्रयास (संयुक्‍त राष्ट्र), १०/१

परमेश्‍वर संसार पर शासन करता है? ७/१५

पहाड़ जो “प्रेरित करता” है (आयरलैंड), ४/१५

पूर्वनियति, २/१५

प्रजनन-शक्‍ति और युद्ध की देवियाँ, ११/१५

फरीसियों और सदूकियों का खमीर, ३/१५

भय—अब सर्वसामान्य लेकिन हमेशा के लिए नहीं! १०/१५

भय कब समाप्त होगा? ८/१५

भय—दोस्त या दुश्‍मन? १०/१५

भ्रष्टाचार के बिना एक संसार, ६/१

मसोरा लेखक, ९/१५

मैमोनाइडस्‌—वह व्यक्‍ति जिसने यहूदी धर्म को नयी व्याख्या दी, ३/१

युद्ध बिना एक संसार—कब? १०/१

रक्‍ताधान पुनःविचारित, ८/१

वह मसीहा का पूर्वगामी था (यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाला), ५/१५

विलियम टिंडेल—एक दूरदर्शितावाला पुरुष, ११/१५

संसार-भर की स्त्रियाँ, ६/१५

“सत्य क्या है?” ७/१

सृजनात्मकता—परमेश्‍वर की ओर से एक उदार देन, २/१

स्वतंत्रता की ओर मार्ग, ९/१

स्वर्गदूत, ११/१

हमारे पूर्वजों के लिए नया जीवन, ५/१५

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