यहोवा की भेड़ों को कोमल परवाह की ज़रूरत है
“निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है! . . . हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।”—भजन १००:३.
१. यहोवा अपने सेवकों से कैसा व्यवहार करता है?
यहोवा महान चरवाहा है। यदि हम उसके सेवक हैं, तो वह हमें अपनी भेड़ों की नाईं देखता है और हमारी कोमल परवाह करता है। हमारा स्वर्गीय पिता हमें सांत्वना देता है और हमें ताज़ा करता है और “धर्म के मार्गों में वह अपने नाम के निमित्त” हमारी अगुआई करता है। (भजन २३:१-४) अच्छा चरवाहा, यीशु मसीह, हमसे इतना प्रेम करता है कि उसने हमारे लिए अपना प्राण दे दिया।—यूहन्ना १०:७-१५.
२. परमेश्वर के लोग अपने आपको कौन-सी स्थिति में पाते हैं?
२ कोमल परवाह के प्रापकों के तौर पर, हम भजनहार के साथ कह सकते हैं: “आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ! निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है! उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।” (भजन १००:२, ३) जी हाँ, हम आनन्दित और सुरक्षित हैं। यह ऐसा है मानो हम पत्थर की मज़बूत दीवारों वाली भेड़शाला में दुष्ट परभक्षियों से सुरक्षित थे।—गिनती ३२:१६; १ शमूएल २४:३; सपन्याह २:६.
झुण्ड के इच्छुक चरवाहे
३. नियुक्त मसीही प्राचीन परमेश्वर के झुण्ड से कैसा व्यवहार करते हैं?
३ इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि हम परमेश्वर की भेड़ों के तौर पर आनन्दित हैं! हमारे बीच नियुक्त प्राचीन अगुआई करते हैं। वे ‘प्रधान बनकर अधिकार नहीं जताते,’ हम पर प्रभुता नहीं करते, या हमारे विश्वास के विषय में अधिकार जताने की कोशिश नहीं करते हैं। (गिनती १६:१३; मत्ती २०:२५-२८; २ कुरिन्थियों १:२४; इब्रानियों १३:७) इसके बजाय, वे प्रेममय चरवाहे हैं जो प्रेरित पतरस की सलाह को लागू करते हैं: “परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में हैं रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगा कर। और जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, बरन झुंड के लिये आदर्श बनो।” (१ पतरस ५:२, ३) प्रेरित पौलुस ने संगी प्राचीनों से कहा: “अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो; जिस में पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है; कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उस ने अपने [पुत्र के] लोहू से मोल लिया है।” और भेड़ कितनी कृतज्ञ हैं कि पवित्र आत्मा द्वारा नियुक्त ये पुरुष ‘झुण्ड के साथ कोमलता से व्यवहार करते हैं’! (NW)—प्रेरितों २०:२८-३०.
४. झुण्ड के साथ किस तरह के सम्बन्ध के लिए चार्ल्स टी. रस्सल विख्यात था?
४ यीशु ने कलीसिया को “मनुष्यों को दान” दिया, कुछ को “धर्मगुरुओं,” या चरवाहों के तौर पर, जो यहोवा के झुण्ड से कोमल रीति से व्यवहार करते हैं। (इफिसियों ४:८, ११; किंग जेम्स् वर्शन, अंग्रेज़ी) इनमें से एक व्यक्ति वॉच टावर सोसाइटी का प्रथम अध्यक्ष, चार्ल्स टी. रस्सल था। मुख्य चरवाहे, यीशु मसीह के अधीन झुण्ड की रखवाली करने में उनकी प्रेममय और करुणामय गतिविधियों के कारण उन्हें धर्मगुरु रस्सल कहा जाता था। आज, मसीही प्राचीन यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, और ख़िताबों के तौर पर “धर्मगुरु,” “प्राचीन,” या “गुरु” जैसे पदों को इस्तेमाल न करने के लिए सावधानी बरती जाती है। (मत्ती २३:८-१२) फिर भी, आधुनिक-दिन प्राचीन यहोवा की चराई की भेड़ों के लाभ के लिए धर्मगुरु-सम्बन्धी, या रखवाली का कार्य करते हैं।
५. नए व्यक्तियों को मसीही कलीसिया में नियुक्त प्राचीनों से जान-पहचान क्यों करनी चाहिए?
५ चरवाहों के तौर पर, प्राचीन नए व्यक्तियों की आध्यात्मिक प्रगति में एक महत्त्वपूर्ण भाग अदा करते हैं। इसलिए, नयी पुस्तक ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है पृष्ठ १६८ पर कहती है: “कलीसिया में नियुक्त प्राचीनों से जान-पहचान कीजिए। उनके पास परमेश्वर के ज्ञान को लागू करने का काफ़ी अनुभव है, क्योंकि उन्होंने ओवरसियरों के लिए बाइबल में दी गयी योग्यताओं को पूरा किया है। (१ तीमुथियुस ३:१-७; तीतुस १:५-९) यदि आपको एक ऐसी आदत या कमज़ोरी पर जीत पाने के लिए आध्यात्मिक मदद की ज़रूरत है जो परमेश्वर की माँगों के विरोध में है, तो उनमें से किसी के पास जाने से मत हिचकिचाइए। आप पाएँगे कि प्राचीन पौलुस की सलाह को मानते हैं: ‘हताश प्राणों से सांत्वनापूर्वक बोलो, कमज़ोरों को सहारा दो, सब के प्रति सहनशील बनो।’—१ थिस्सलुनीकियों २:७, ८; ५:१४, NW.”
जब नए व्यक्ति प्रचार करना चाहते हैं
६. यदि एक बाइबल विद्यार्थी राज्य प्रकाशक बनना चाहता है, तो कौन-सी प्रक्रिया का पालन किया जाता है?
६ एक बाइबल विद्यार्थी के ज्ञान प्राप्त कर लेने और कुछ समय के लिए सभाओं में उपस्थित होने के बाद, वह शायद एक राज्य प्रकाशक, सुसमाचार का एक प्रचारक बनना चाहे। (मरकुस १३:१०) यदि ऐसा है तो उसके साथ बाइबल अध्ययन करनेवाले साक्षी को प्रिसाइडिंग ओवरसियर से संपर्क करना चाहिए, जो बाइबल विद्यार्थी और उसके शिक्षक के साथ भेंट करने के लिए कलीसिया सेवा समिति के एक प्राचीन और एक अन्य प्राचीन का प्रबन्ध करेगा। चर्चा अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित पुस्तक, पृष्ठ ९८ और ९९ पर आधारित होगी। यदि ये दो प्राचीन देखते हैं कि नया व्यक्ति बाइबल की बुनियादी शिक्षाओं को मानता है और परमेश्वर के सिद्धान्तों के अनुरूप चलता है, तो उसे बताया जाएगा कि वह जन सेवकाई में भाग लेने के लिए योग्य है।a क्षेत्र सेवा रिपोर्ट देने के द्वारा जब वह अपनी सेवकाई की रिपोर्ट करता है, तब यह उसके नाम से बनी कलीसिया के प्रकाशक रिकार्ड कार्ड में लिखी जाएगी। नया व्यक्ति अब अपने गवाही कार्य को उन लाखों अन्य लोगों के साथ रिपोर्ट कर सकता है जो आनन्दपूर्वक ‘परमेश्वर का वचन सुनाते’ हैं। (प्रेरितों १३:५) कलीसिया को एक घोषणा की जाएगी कि वह एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक है।
७, ८. किन तरीक़ों से एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक को सेवकाई में आवश्यक मदद दी जा सकती है?
७ एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक को प्राचीनों और अन्य प्रौढ़ मसीहियों की मदद की ज़रूरत है। उदाहरण के लिए, जिस कलीसिया पुस्तक अध्ययन में वह उपस्थित होता है, उसके संचालक के लिए उसकी आध्यात्मिक प्रगति दिलचस्पी का विषय है। नया प्रकाशक घर-घर के कार्य में प्रभावकारी रूप से बोलना शायद कठिन पाए। (प्रेरितों २०:२०) सो संभवतः वह सहायता का स्वागत करेगा, विशेषकर उस व्यक्ति से जो उसके साथ ज्ञान पुस्तक में बाइबल अध्ययन संचालित करता रहा है। ऐसी व्यावहारिक मदद उपयुक्त है, क्योंकि यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों को सेवकाई के लिए तैयार किया।—मरकुस ६:७-१३; लूका १०:१-२२.
८ यदि हमारी सेवकाई को प्रभावकारी होना है, तो अच्छी पूर्व तैयारी आवश्यक है। इसलिए, वे दो प्रकाशक शायद पहले हमारी राज्य सेवकाई के मासिक अंकों में सुझायी गयी प्रस्तुतियों का अभ्यास करने के लिए एकसाथ आएँ। जब वे अपनी क्षेत्र सेवा शुरू करते हैं, तब ज़्यादा अनुभवी व्यक्ति पहले एक-दो दरवाज़ों पर बात कर सकता है। एक दोस्ताना परिचय के बाद, दोनों प्रकाशक गवाही देने में हिस्सा ले सकते हैं। कुछ सप्ताहों तक सेवकाई में एकसाथ काम करना शायद उत्तम पुनःभेंटों और ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है पुस्तक से एक गृह बाइबल अध्ययन की ओर भी ले जाए। ज़्यादा अनुभवी प्रकाशक शायद कुछ समय के लिए अध्ययन संचालित करे और फिर इसे नए राज्य उद्घोषक को सौंप दे। दोनों प्रकाशक कितने ख़ुश होंगे यदि वह बाइबल विद्यार्थी परमेश्वर के ज्ञान के लिए मूल्यांकन प्रदर्शित करता है!
९. जब एक प्रकाशक बपतिस्मा प्राप्त करने की इच्छा करता है, तो कौन-से प्रबन्ध किए जाते हैं?
९ जैसे-जैसे एक बपतिस्मा-रहित प्रकाशक आध्यात्मिक रूप से प्रगति करता है, वह शायद प्रार्थना में परमेश्वर के प्रति समर्पण करे और बपतिस्मा प्राप्त करना चाहे। (मरकुस १:९-११ से तुलना कीजिए।) उसे बपतिस्मा के लिए अपनी इच्छा कलीसिया के प्रिसाइडिंग ओवरसियर को बतानी चाहिए, जो अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित के पृष्ठ १७५ से २१८ पर दिए गए सवालों को प्रकाशक के साथ पुनर्विचार करने के लिए प्राचीनों का प्रबन्ध करेगा। जिन चार भागों में सवालों को विभाजित किया गया है, उन्हें यदि संभव हो तो तीन भिन्न प्राचीनों द्वारा तीन सत्रों में पूरा किया जा सकता है। यदि वे सहमत होते हैं कि बपतिस्मा-रहित प्रकाशक को बाइबल शिक्षाओं की पर्याप्त समझ है और वह अन्य तरीक़ों से योग्य है, तो वे उसे बताएँगे कि वह बपतिस्मा प्राप्त कर सकता है। उसके समर्पण और बपतिस्मे के परिणामस्वरूप, वह उद्धार के लिए ‘चिन्हित’ होता है।—यहेजकेल ९:४-६.
विशेष ज़रूरतों को पूरा करना
१०. ज्ञान पुस्तक के अपने अध्ययन को पूरा करने और बपतिस्मा प्राप्त करने के बाद, एक व्यक्ति अपने शास्त्रीय ज्ञान को कैसे बढ़ाएगा?
१० जब एक व्यक्ति ज्ञान पुस्तक से अपने बाइबल अध्ययन को पूरा कर चुका है और बपतिस्मा प्राप्त कर चुका है, तो उसके साथ दूसरी पुस्तक, जैसे कि एकमात्र सच्चे परमेश्वर की उपासना में संयुक्तb (अंग्रेज़ी) से एक औपचारिक अध्ययन संचालित करने की शायद ज़रूरत न हो। निश्चय ही, हाल में बपतिस्मा-प्राप्त व्यक्ति जैसे-जैसे मसीही सभाओं के लिए तैयारी करता है और उनमें नियमित रूप से उपस्थित होता है, वह काफ़ी कुछ सीखेगा। जब सच्चाई की उसकी प्यास उसे मसीही प्रकाशनों को व्यक्तिगत रूप से पढ़ने और अध्ययन करने और संगी विश्वासियों के साथ शास्त्रीय विषयों की चर्चा करने के लिए प्रेरित करती है, तब वह अतिरिक्त ज्ञान भी प्राप्त करेगा। लेकिन तब क्या जब विशेष ज़रूरतें उत्पन्न होती हैं?
११. (क) प्रिस्किल्ला और अक्विला द्वारा अपुल्लोस को मदद कैसे मिली? (ख) हाल ही में बपतिस्मा-प्राप्त युवा वयस्क को जो विवाह करने का विचार कर रहा हो, कौन-सी मदद दी जा सकती है?
११ अपुल्लोस ने भी, जो “पवित्र शास्त्र को अच्छी तरह से जानता था” और यीशु के बारे में ठीक-ठीक सिखाता था, लाभ प्राप्त किया जब अनुभवी मसीही प्रिस्किल्ला और अक्विला “उसे अपने यहां ले गए, और परमेश्वर का मार्ग उस को और भी ठीक ठीक बताया।” (प्रेरितों १८:२४-२६. प्रेरितों १९:१-७ से तुलना कीजिए।) इसलिए, मान लीजिए कि हाल ही में बपतिस्मा-प्राप्त एक युवा वयस्क प्रणय-याचन और विवाह का विचार कर रहा है। एक ज़्यादा अनुभवी मसीही शायद वॉच टावर प्रकाशनों में इन विषयों पर जानकारी पाने में उसकी मदद करें। उदाहरण के लिए, पुस्तक युवाओं के प्रश्न—व्यावहारिक उत्तर (अंग्रेज़ी), भाग ७ में इन बातों पर सहायक सामग्री है।c वह प्रकाशक जिसने उसका बाइबल अध्ययन संचालित किया था, शायद इस नए व्यक्ति के साथ इस सामग्री की चर्चा करे, हालाँकि एक नियमित अध्ययन शामिल नहीं होगा।
१२. नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त विवाह साथियों को जिनको समस्याएँ हैं, कौन-सी सहायता प्रदान की जा सकती है?
१२ एक और उदाहरण पर ग़ौर कीजिए। संभवतः नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त विवाह साथियों को परमेश्वरीय सिद्धान्तों को लागू करने में समस्याएँ हो रही हैं। वे शायद एक प्राचीन से मशवरा करें, जो कुछ शाम उनके साथ शास्त्र की चर्चा करने और वॉच टावर प्रकाशनों में पायी गयी जानकारी की ओर उनका ध्यान निर्दिष्ट करने में बिता सकता है। लेकिन, प्राचीन दम्पति के साथ एक नियमित बाइबल अध्ययन को पुनःस्थापित नहीं करेगा।
यदि एक नया व्यक्ति ग़लती करता है
१३. कलीसिया प्राचीनों को एक नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त व्यक्ति को क्यों दया दिखानी चाहिए जो ग़लती करता है परन्तु पश्चातापी है?
१३ प्राचीन महान चरवाहे, यहोवा का अनुकरण करते हैं, जो कहता है: “मैं आप ही अपनी भेड़-बकरियों का चरवाहा हूंगा, . . . मैं . . . घायल के घाव बान्धूंगा, और बीमार को बलवान् करूंगा।” (यहेजकेल ३४:१५, १६; इफिसियों ५:१) उस भावना के सामंजस्य में, शिष्य यहूदा ने आग्रह किया कि अभिषिक्त मसीहियों को, जिन्हें शंका हो या जो पाप में पड़ गए हैं, दया दिखायी जाए। (यहूदा २२, २३) चूँकि हम अनुभवी मसीहियों से उपयुक्त रूप से और ज़्यादा की अपेक्षा करते हैं, तो निश्चय ही नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त व्यक्ति को—मात्र एक मेम्ने को—दया दिखायी जानी चाहिए, जो ग़लती करता है परन्तु पश्चातापी है। (लूका १२:४८; १५:१-७) इसीलिए प्राचीन, जो ‘यहोवा के लिये न्याय करते’ हैं, ऐसी भेड़ों को कोमल परवाह दिखाते हैं और उन्हें नम्रता की आत्मा में सँभालते हैं।—२ इतिहास १९:६; प्रेरितों २०:२८, २९; गलतियों ६:१.d
१४. क्या किया जाना चाहिए जब हाल ही में बपतिस्मा-प्राप्त प्रकाशक एक गम्भीर पाप करता है, और उसे मदद कैसे दी जा सकती है?
१४ तब, मान लीजिए कि हाल ही बपतिस्मा-प्राप्त प्रकाशक की पहले मदिरा-सेवन की समस्या थी और वह एक या दो अवसरों पर अतिसेवन में फिर से पड़ गया। या शायद उसने काफ़ी समय से लगी तम्बाकू की आदत पर विजय पायी लेकिन कभी-कभार अकेले में धूम्रपान करने के प्रलोभन के सामने वह झुक गया। हालाँकि हमारे नए भाई ने परमेश्वर की क्षमा के लिए प्रार्थना की है, उसे एक प्राचीन से मदद प्राप्त करनी चाहिए ताकि वह पाप एक आदत न बन जाए। (भजन ३२:१-५; याकूब ५:१४, १५) जब वह अपनी ग़लती का ज़िक्र किसी एक प्राचीन से करता है, तो उस प्राचीन को नए व्यक्ति को दयापूर्ण तरीक़े से सँभालने की कोशिश करवानी चाहिए। (भजन १३०:३) उसके बाद अपने पाँवों के लिए सीधे मार्ग बनाने में उसकी मदद करने के लिए शायद शास्त्रीय सलाह पर्याप्त हो। (इब्रानियों १२:१२, १३) यह प्राचीन कलीसिया के प्रिसाइडिंग ओवरसियर के साथ यह निर्धारित करने के लिए परिस्थितियों की चर्चा करेगा कि कौन-सी अतिरिक्त सहायता दी जानी चाहिए।
१५. कुछ मामलों में, जब हाल ही में बपतिस्मा-प्राप्त व्यक्ति पाप करता है तो क्या आवश्यक हो सकता है?
१५ कुछ मामलों में शायद ज़्यादा की ज़रूरत हो। यदि बदनामी, झुण्ड को ख़तरा, या अन्य गम्भीर समस्याएँ शामिल हों, तो प्राचीनों का निकाय मामले की जाँच करने के लिए दो प्राचीनों को नियुक्त करेगा। यदि ये प्राचीन पाते हैं कि मामला इतना गम्भीर है कि एक न्यायिक समिति की ज़रूरत है, तो उन्हें प्राचीनों के निकाय को इसकी सूचना देनी चाहिए। तब प्राचीनों का निकाय ग़लती करनेवाले की सहायता करने के लिए एक न्यायिक समिति को नियुक्त करेगा। न्यायिक समिति को इस व्यक्ति के साथ कोमलता से बर्ताव करना चाहिए। उन्हें इस व्यक्ति को शास्त्र से पुनःसमंजित करने का प्रयास करना चाहिए। यदि वह न्यायिक समिति के कृपापूर्ण प्रयत्नों के प्रति अनुक्रिया दिखाता है, तो वे निर्धारित कर सकते हैं कि राज्यगृह की सभाओं में मंच के भागों के लिए उसका प्रयोग न किया जाना कोई लाभ का होगा या नहीं अथवा उसे सभाओं में टिप्पणी करने की अनुमति दी जाए या नहीं।
१६. एक ग़लती करनेवाले व्यक्ति की मदद करने के लिए प्राचीन क्या कर सकते हैं?
१६ यदि ग़लती करनेवाला व्यक्ति अनुक्रिया दिखाता है, तो न्यायिक समिति के एक या दो प्राचीन उसके विश्वास को बढ़ावा देने और परमेश्वर के धर्मी स्तरों के लिए उसके मूल्यांकन को बढ़ाने के इरादे से की गयी रखवाली भेंट करने का प्रबन्ध कर सकते हैं। समय-समय पर उन में से हरेक व्यक्ति उसके साथ क्षेत्र सेवकाई में शायद काम करे। संभवतः उपयुक्त प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! लेखों का इस्तेमाल करते हुए, लेकिन एक नियमित बाइबल अध्ययन स्थापित न करते हुए, वे उसके साथ शायद कुछ शास्त्रीय चर्चा करें। ऐसी कोमल परवाह के साथ, ग़लती करनेवाला व्यक्ति आनेवाले दिनों में शरीर की कमज़ोरियों का विरोध करने के लिए मज़बूत हो सकता है।
१७. यदि एक बपतिस्मा-प्राप्त पापी पश्चाताप नहीं करता है और अपने पापमय मार्ग को नहीं त्यागता है, तो कौन-से क़दम उठाए जाते हैं?
१७ निश्चय ही, हाल ही में बपतिस्मा-प्राप्त होना अपश्चातापी रूप से पाप का अभ्यास करने का कोई बहाना नहीं है। (इब्रानियों १०:२६, २७; यहूदा ४) यदि कोई बपतिस्मा-प्राप्त पापी पश्चाताप नहीं करता है और अपने पापमय मार्ग को नहीं त्यागता है, तो उसे कलीसिया से निकाल दिया जाएगा। (१ कुरिन्थियों ५:६, ११-१३; २ थिस्सलुनीकियों २:११, १२; २ यूहन्ना ९-११) जब यह कार्य आवश्यक लगता है, तो प्राचीनों का निकाय एक न्यायिक समिति को चुनेगा। यदि निष्कासन होता है, तो यह संक्षिप्त घोषणा की जाएगी: “ . . . को बहिष्कृत किया गया है।”e
‘सिद्धता की ओर बढ़ते जाने’ में उनकी मदद कीजिए
१८. हम क्यों निश्चित हो सकते हैं कि नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त मसीहियों और अन्य लोगों को हमेशा यहोवा और उसकी इच्छा के बारे में ज़्यादा सीखने के लिए होगा?
१८ परमेश्वर के सेवकों के अधिकांश लोग झुण्ड में ही रहेंगे। ख़ुशी की भी बात है कि हम में से हरेक जन अपने स्वर्गीय पिता के और नज़दीक आने में समर्थ होंगे क्योंकि हम हमेशा उसके और उसकी इच्छा के बारे में ज़्यादा सीखने में समर्थ होंगे। (सभोपदेशक ३:११; याकूब ४:८) सामान्य युग ३३ के पिन्तेकुस्त के दिन में बपतिस्मा प्राप्त करनेवाले हज़ारों लोगों को निश्चय ही ज़्यादा सीखना था। (प्रेरितों २:५, ३७-४१; ४:४) वैसे ही अन्यजातियों को भी था, जिन्हें शास्त्रीय पृष्ठभूमि की कमी थी। उदाहरण के लिए, यह उनके बारे में सच था जिन्होंने अथेने के अरियुपगी में पौलुस के भाषण के बाद बपतिस्मा प्राप्त किया। (प्रेरितों १७:३३, ३४) आज भी, नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त व्यक्तियों को ज़्यादा सीखना है और परमेश्वर की नज़रों में जो सही है उसे करते रहने के अपने संकल्प को मज़बूत करने के लिए उन्हें समय और मदद की ज़रूरत है।—गलतियों ६:९; २ थिस्सलुनीकियों ३:१३.
१९. बपतिस्मा प्राप्त करनेवाले व्यक्तियों को ‘सिद्धता की ओर बढ़ते जाने’ में कैसे मदद की जा सकती है?
१९ हर साल हज़ारों लोग बपतिस्मा प्राप्त करते हैं और उन्हें सहायता की ज़रूरत है ताकि वे ‘सिद्धता की ओर बढ़ते जा’ सकें। (इब्रानियों ६:१-३) कथनी, उदाहरण, और सेवकाई में व्यावहारिक मदद के द्वारा, आप शायद नए मनुष्यत्व को पहनने और “सत्य पर चलते” रहने में कुछ लोगों की सहायता करने के समर्थ हों। (३ यूहन्ना ४; कुलुस्सियों ३:९, १०) यदि आप एक अनुभवी प्रकाशक हैं, तो प्राचीन शायद एक नए संगी विश्वासी को क्षेत्र सेवा में मदद करने के लिए या परमेश्वर में उसके विश्वास को, मसीही सभाओं के लिए उसके मूल्यांकन इत्यादि को मज़बूत करने के लिए कुछ सप्ताह उसके साथ कुछ शास्त्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आपको आमंत्रित करें। झुण्ड के साथ चरवाहों का सम्बन्ध उपदेश देने में एक पिता और कोमलता में एक माता की तरह है। (१ थिस्सलुनीकियों २:७, ८, ११) फिर भी, कुछ प्राचीन और सहायक सेवक उन सभी बातों की देखरेख नहीं कर सकते जिसकी ज़रूरत कलीसिया को है। हम सभी एक परिवार के माफ़िक़ हैं जिसके सदस्य एक दूसरे की मदद करते हैं। हम में से सभी जन अपने संगी उपासकों की सहायता करने के लिए कुछ-न-कुछ कर सकते हैं। ख़ुद आप भी प्रोत्साहन देने, हताश प्राणों को सांत्वना देने, कमज़ोरों की सहायता करने में समर्थ हो सकते हैं।—१ थिस्सलुनीकियों ५:१४, १५.
२०. परमेश्वर के ज्ञान को फैलाने और यहोवा की चराई की भेड़ों के लिए कोमल परवाह प्रदान करने में आप क्या कर सकते हैं?
२० मनुष्यजाति को परमेश्वर के ज्ञान की ज़रूरत है, और यहोवा के एक साक्षी के तौर पर, इसे फैलाने में आप एक आनन्दपूर्ण हिस्सा ले सकते हैं। यहोवा की भेड़ों को कोमल परवाह की ज़रूरत है, और इसे प्रदान करने में मदद करने में आप एक प्रेममय भूमिका अदा कर सकते हैं। ऐसा हो कि यहोवा आपकी सेवकाई पर आशीष दे, और ऐसा हो कि उसकी चराई की भेड़ों की मदद करने के आपके हार्दिक प्रयासों के लिए वह आपको प्रतिफल दे।
[फुटनोट]
a तब, वह नया व्यक्ति अपनी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित पुस्तक की एक प्रति प्राप्त कर सकता है।
b वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।
c वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित।
d बपतिस्मा-रहित प्रकाशकों के लिए ऐसे एक प्रबन्ध के बारे में लेख “परमेश्वर की उपासना करने में दूसरों की मदद करना” में दिया गया था, जो अगस्त १, १९८९, प्रहरीदुर्ग के पृष्ठ १८-२३ पर छपा था।
e यदि बहिष्करण करने का निर्णय है और अपील की जाती है, तो घोषणा स्थगित की जाती है। अपनी सेवकाई को पूरा करने में संगठित पुस्तक के पृष्ठ १४७-८ देखिए।
आप कैसे जवाब देंगे?
◻ यहोवा अपनी भेड़ों से कैसा व्यवहार करता है?
◻ जब नए व्यक्ति प्रचार करना चाहते हैं, तो क्या किया जाता है?
◻ संगी विश्वासी विशेष ज़रूरत वाले नए व्यक्तियों की मदद कैसे कर सकते हैं?
◻ प्राचीन ऐसे लोगों को कौन-सी मदद दे सकते हैं जो ग़लती करते हैं लेकिन पश्चातापी हैं?
◻ ‘सिद्धता की ओर बढ़ते जाने’ में आप एक नए-नए बपतिस्मा-प्राप्त व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते हैं?
[पेज 16 पर तसवीरें]
झुण्ड के प्रेममय चरवाहे के रूप में चार्ल्स टी. रस्सल विख्यात था
[पेज 18 पर तसवीरें]
करुणामय चरवाहे परमेश्वर के झुण्ड के साथ कोमलता से व्यवहार करते हैं