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  • १९९६ प्रहरीदुर्ग की विषय–सूची
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1996
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1996
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१९९६ प्रहरीदुर्ग की विषय–सूची

लेख जिस अंक में प्रकाशित किया गया है उसकी तिथि सूचित की गयी है

जीवनियाँ

अच्छे-बुरे समयों के दौरान परमेश्‍वर की सेवा में संयुक्‍त (एम. और बी. मूलर), ३/१

आँखें और हृदय इनाम पर जमाए रखना (ई. माइकल), ८/१

उसने नम्रतापूर्वक यहोवा की सेवा की (जे. बूथ), ६/१५

एक संयुक्‍त परिवार के रूप में यहोवा की सेवा करना (ए. सान्टोलेरी), १०/१

“नाशमान भोजन के लिये परिश्रम न करो” (डी. लनस्ट्रम), ४/१

परमेश्‍वर का वचन “चमत्कार” करता है (टी. एओन्‌), ७/१

‘पार उतरने’ के ५० से भी ज़्यादा साल (इ. पॆटरकीस), ११/१

मेरी आजीवन की आशा—कभी न मरना (एच. प्रीस्ट), २/१

यहोवा के प्रेममय हाथ के अधीन सेवा करना (एल. ज़ूम्पोस), ५/१

यहोवा ने हमें कभी नहीं त्यागा (एन. डोरी), १/१

यहोवा मेरा शरणस्थान रहा है (पी. माकरीस), १२/१

यहोवा मेरी ओर साबित हुआ (एम. हॆनिंग), ६/१

विश्‍वासयोग्य परमेश्‍वर की सेवा करना (के. प्रोगाकीस), ९/१

पाठकों के प्रश्‍न

किसी मानसिक-स्वास्थ्य चिकित्सक से सलाह लेना बुद्धिमानी होगी? ९/१

क्या एक व्यक्‍ति जानबूझकर कुछ भूल सकता है? (फिलि. ३:१३, NW), ५/१

क्या नए जन पवित्र आत्मा से अभिषिक्‍त हो रहे हैं? ८/१५

क्या मसीही पापों को क्षमा कर सकते हैं? ४/१५

क्या यीशु अरमगिदोन का समय जानता है? ८/१

क्यों शब्द “टोटे” (तब) को पहले होनेवाली घटना और उसके बाद की घटना को प्रस्तुत करने के लिए प्रयोग किया जाता है? ७/१५

परमेश्‍वर का राज्य पृथ्वी पर आए? ६/१

पार्थिव आशावाले मसीहियों पर उतनी आत्मा है जितनी कि अभिषिक्‍त मसीहियों पर है? ६/१५

हर एक घराने का नाम (इफि. ३:१४, १५), १/१५

बाइबल

जलप्रलय की कथा बाइबल वृत्तान्त का समर्थन करती है, ९/१५

स्पैनिश बाइबल के लिए लड़ाई, ६/१

मसीही जीवन और गुण

अन्त तक अपना भरोसा दृढ़ बनाए रखिए, ५/१

अपनी विवाह शपथ के अनुसार जीना! ३/१

आरंभिक मसीहियत और सरकार, ५/१

इस अतुलनीय अवसर का लाभ उठाइए! ११/१५

उकाबों के से पंखों के साथ उड़ान भरना, ६/१५

“उन पहिले दिनों को स्मरण करो”—क्यों? १२/१

क्षमा माँगने की ज़रूरत? ९/१५

चुप रहने का समय और बोलने का भी समय है, ५/१५

जो आप देखते हैं उन बातों के आगे देखिए! २/१५

परमेश्‍वर, सरकार, और आप, ५/१

परमेश्‍वर से प्रार्थना कैसे करें? ७/१५

‘परिवार की देखभाल करना’—विकासशील देशों में, १०/१

मद्य पेयों का ईश्‍वरीय दृष्टिकोण, १२/१५

मसीही चरवाहे आपकी सेवा कैसे करते हैं, ३/१५

योग्य रीति से स्मारक मनाइए, ४/१

शिष्य बनाने में आनन्द पाना, २/१५

सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाना, १/१

सांत्वना, प्रोत्साहन—अनेक पहलुओं वाले रत्न, १/१५

हमारे निष्पक्ष परमेश्‍वर का अनुसरण करना? ११/१५

मुख्य अध्ययन लेख

अपने आपको पढ़ने में लौलीन कीजिए, ५/१५

अभी और सर्वदा के लिए आनन्दित, २/१५

अविवाहित अवस्था—निर्विघ्न गतिविधि का द्वार, १०/१५

आपके जीवन में सर्वप्रथम क्या है? १२/१५

आशिष या शाप—आप चुन सकते हैं! ६/१५

आशिष या शाप—हमारे लिए उदाहरण, ६/१५

इन अन्तिम दिनों में एकता बनाए रखिए, ७/१५

ऐसा हो कि यहोवा आपका लेखा स्वीकार्य पाए, ९/१५

क्या आप बचेंगे जब परमेश्‍वर कार्यवाही करता है? ८/१५

जो कैसर का है वह कैसर को देना, ५/१

“तुम भी अपने सारे चालचलन में पवित्र बनो,” ८/१

“तुम मेरी बाट जोहते रहो,” ३/१

‘तुम्हें पवित्र होना है क्योंकि मैं पवित्र हूं,’ ८/१

“तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएं,” ३/१

देखो निष्ठावान को! ३/१५

निष्ठा की कसौटी पर खरा उतरना, ३/१५

पति और प्राचीन—ज़िम्मेदारियों को संतुलित करना, १०/१५

परमेश्‍वर और कैसर, ५/१

परमेश्‍वर का राज्य—क्या आप इसकी समझ पा रहे हैं? २/१

परमेश्‍वर का वचन पढ़िए और सच्चाई से उसकी सेवा कीजिए, ५/१५

“पहुनाई करने में लगे रहो,” १०/१

पिता और प्राचीन—दोनों भूमिकाएँ पूरी करना, १०/१५

“भारी क्लेश” से पहले सुरक्षा की ओर भागना, ६/१

मनुष्यजाति को परमेश्‍वर के ज्ञान की ज़रूरत है, १/१५

मसीह की व्यवस्था, ९/१

मसीह की व्यवस्था के अनुसार जीना, ९/१

मसीह से पहले की व्यवस्था, ९/१

माता-पिताओं, अपने बच्चों में सुख प्राप्त कीजिए, १२/१

यहोवा और उसके वचन पर भरोसा रखिए, २/१

यहोवा का परिवार बहुमोल एकता का आनन्द उठाता है, ७/१५

यहोवा का महान आत्मिक मन्दिर, ७/१

यहोवा की इच्छा पर चलने के लिए सिखाए गए, १२/१५

यहोवा की भेड़ों को कोमल परवाह की ज़रूरत है, १/१५

यहोवा शान्ति और सच्चाई बहुतायत में देता है, १/१

यहोवा से आनेवाली सांत्वना के सहभागी होना, ११/१

“याह की स्तुति करो!” ४/१

यीशु का आना या यीशु की उपस्थिति—कौन-सी? ८/१५

युवजन जो अपने सृजनहार को स्मरण रखते हैं, १२/१

विभाजित संसार में मसीही पहुनाई, १०/१

शिक्षण—इसे यहोवा की स्तुति करने के लिए इस्तेमाल कीजिए, २/१

सच्ची उपासना की विजय निकट आती है, ७/१

सच्ची उपासना परमेश्‍वर की आशीष क्यों पाती है, ४/१५

“सत्य और शान्ति से प्रेम करो”! १/१

सनातन राजा की स्तुति कीजिए! ४/१

सफ़री ओवरसियर कैसे विश्‍वासयोग्य भण्डारियों के रूप में सेवा करते हैं, ११/१५

सफ़री ओवरसियर—मनुष्यों में भेंट, ११/१५

“सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर,” ७/१

सभी का परमेश्‍वर को लेखा देना अवश्‍य है, ९/१५

सर्प का वंश—उसका परदाफ़ाश कैसे? ६/१

सांत्वना के लिए यहोवा की ओर देखिए, ११/१

सांसारिक धर्म का अन्त क्यों होगा, ४/१५

हमारे पास आनन्द से जयजयकार करने का कारण है, २/१५

यहोवा

अपना बोझ यहोवा पर डालिए, ४/१

क्या आप सचमुच परमेश्‍वर से प्रेम कर सकते हैं? ६/१५

क्यों उन्होंने सर्वश्रेष्ठ नाम का इस्तेमाल किया, ४/१५

परमेश्‍वर को आपकी चिन्ता है, ३/१

परमेश्‍वर से प्रेम करने का क्या अर्थ है? ६/१५

परमेश्‍वर हर क़िस्म की उपासना स्वीकार करता है? ७/१

यहोवा—धार्मिकता और न्याय से प्रीति रखनेवाला, ३/१५

यहोवा के साक्षी

“आनन्दित स्तुतिकर्ता” ज़िला अधिवेशन, १/१५

उपद्रवी संसार में शान्ति, १/१

“ऐसे मनुष्यों का आदर करो,” ६/१५

कैमरून में गवाही, ८/१५

क्या आप एक संतुलित पायनियर हैं? ५/१५

खण्डहरों के बीच राहत प्रदान करना, १२/१

गिलियड स्नातकता, ६/१, १२/१

ग्रीनलैंड में गवाही, ६/१५

जानकार सहमति के अधिकार की पुनःपुष्टि, ११/१५

“तो तुम्हारा गिरजा कहाँ है?” (मोज़म्बीक), १२/१५

धर्म की स्वतंत्रता को जापान में समर्थन दिया गया, ११/१

पुर्तगाल में बाइबल सच्चाई फैलाना, २/१५

बढ़ोतरी का एक वातावरण (इक्वेटोरियल गिनी), १०/१५

यहोवा की आशीष से विस्तार (मुख्यालय समर्पण), ४/१५

यूनान में गवाही अभियान, ४/१५

रोगियों के अधिकारों का आदर किया गया, ३/१५

सर्वश्रेष्ठ मित्र द्वारा बलवन्त किए गए (चेकोस्लोवाकिया), ३/१५

सेवानिवृत्ति—गतिविधि के लिए खुला द्वार? ७/१५

यीशु मसीह

क्या आपने मसीहा को स्वीकार किया होता? ११/१५

यीशु के अन्तिम शब्दों पर ध्यान देना, ३/१५

यीशु के बारे में सच्चाई, १२/१५

सुसमाचार पुस्तकों की कहानी विद्वानों की ज़ुबानी, १२/१५

राज्य उद्‌घोषक रिपोर्ट करते हैं

१/१, २/१, ३/१, ४/१, ५/१, ६/१, ८/१, ९/१, १०/१, १२/१

विविध

अक्विला और प्रिस्किल्ला—एक आदर्श दम्पति, १२/१५

अन्ताकिया का थीऑफलस, ३/१५

अपुल्लोस—मसीही सत्य का उद्‌घोषक, १०/१

आगे अच्छी ख़बरें! ४/१५

आपका जीवन भाग्य के वश में? ९/१

इपफ्रुदीतुस—फिलिप्पियों का दूत, ८/१५

ईस्टर या स्मारक—कौन-सा? ४/१

उद्धार प्राप्त करने के लिए हमें क्या करना चाहिए? २/१

उत्पीड़ितों के लिए सांत्वना, ११/१

एक आनन्दरहित संसार में आनन्दित, १/१५

क्या आप उद्धार-प्राप्त हो गए हैं? २/१

क्या उपवास करना पुराना हो गया है? ११/१५

क्या परमेश्‍वर उपवास करने की माँग करता है? ११/१५

क्या प्राण अमर है? ८/१

क्या बाइबल भाग्य में विश्‍वास सिखाती है? ९/१

क्या मृत्यु के बाद जीवन है? १०/१५

‘क्या मैं परमेश्‍वर के लिए महत्त्वपूर्ण हूँ?’ ३/१

क्या शान्ति संभव है? १/१

क्या सपने भविष्य पूर्वबता सकते हैं? १०/१

क्या सभी धर्म परमेश्‍वर को प्रसन्‍न करते हैं? ९/१५

गमलीएल—उसने तारसी शाऊल को सिखाया, ७/१५

छोटी लड़की ने साहस के साथ बात की, ५/१५

जब प्राकृतिक विपत्तियाँ आती हैं, १२/१

‘दाऊद का घराना’—सच्चाई या मिथ्या? १०/१५

दानिय्येल ने परमेश्‍वर की सेवा नित्य की, ११/१५

पतरस पिन्तेकुस्त के दिन प्रचार करता है, ९/१५

परमेश्‍वर मसीहीजगत की उपासना को किस दृष्टि से देखता है? ७/१

पूर्वधारणा के शिकार? ६/१

पूर्वधारणा नहीं रहेगी! ६/१

प्रकाश अन्धकार के एक युग को समाप्त करता है, १/१५

प्रतिज्ञात देश की एक यात्रा, ८/१५

प्रतिज्ञात देश से सबक़, ८/१५

प्राण के लिए एक बेहतर आशा, ८/१

फिलिप्पुस एक कूशी अधिकारी को बपतिस्मा देता है, ७/१५

बुरी ख़बरों के बढ़ते प्रसंग, ४/१५

माइकल फैराडे—वैज्ञानिक और विश्‍वासी पुरुष, ८/१

मिट्टी में वापस—कैसे? ९/१५

मूसा, हारून—साहसी उद्‌घोषक, १/१५

मृत्यु के बाद जीवन—कैसे, कहाँ, कब? १०/१५

यहोवा की दया के बारे में योना सीखता है, ५/१५

यहोवा को क्यों दें? ११/१

युद्ध के सालों के दौरान सांत्वना (बॉसनीया, क्रोएशिया), ११/१

रब्बी कहलाने के योग्य कौन है? ७/१

राजा सुलैमान के धन को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है? १०/१५

लुदिया—पहुनाई दिखानेवाली परमेश्‍वर की भक्‍त, ९/१५

सच्ची सुरक्षा—अभी और सर्वदा, ५/१५

सच्ची सुरक्षा—एक दुर्लभ लक्ष्य, ५/१५

सच्चे मित्रों की हमें ज़रूरत है, ३/१५

“सहज वृत्ति से बुद्धिमान” जीव हमें क्या सिखा सकते हैं, ७/१५

स्थायी मित्रता का आनन्द लीजिए, ३/१५

हमारा सपने देखना ज़रूरी है, १०/१

‘हमें प्रार्थना करना सिखा’ ७/१५

हिंसा का स्थायी अन्त—कैसे? २/१५

हिंसा चारों ओर है, २/१५

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