शहरों की इमारतों से टुंड्रा के जंगल तक—लोगों के पास जाओ
न बारिश न बर्फ न ओले न भेड़िये न पहाड़ी शेर न ही खतरनाक इलाके उनके मज़बूत इरादे को कम कर पाए। बिजली की तेज़ी से वे ३,००० किलोमीटर के खुले मैदान में सरपट दौड़ते, उफनती नदियाँ, गहरी घाटियाँ पार करते हुए पश्चिम तट तक निहायत ज़रूरी डाक पहुँचाते थे। वे कौन थे?
वे पोनी एक्सप्रैस के हिम्मतवाले नौजवान घुड़सवार थे।a किस बात ने इन नौजवानों में ऐसा जोश भर दिया था? शायद उस चुनौती, रोमांच और डाक पहुँचाने की संतुष्टि ने। दिलचस्पी की बात है कि हरेक सवार के थैले में ज़रूरी डाक के साथ एक बाइबल भी होती थी।
एक सदी से ज़्यादा समय बाद, पूरे कनाडा में उनसे भी मज़बूत इरादा, जोश, और भक्ति-भावना १,१३,००० समर्पित राज्य उद्घोषक दिखाते हैं। उनकी प्रेरणा की वज़ह क्या है? परमेश्वर और पड़ोसी के लिए उनका प्रेम, उन्हें लिखित रूप में और मुँह से राज्य सच्चाई सुनाने के लिए प्रेरित करता है। यह जीवन देनेवाली सच्चाई पोनी एक्सप्रैस की किसी भी डाक से ज़्यादा ज़रूरी है। जी हाँ, यह पवित्र बाइबल का बहुमूल्य राज्य संदेश है, उसी किताब का संदेश जो पोनी-एक्सप्रैस के सवारों के थैलों में होती थी।—नीतिवचन २:२१, २२; यशायाह २:२-४; ६१:२; मत्ती २२:३७-३९; २४:१४.
यहोवा और लोगों के लिए प्रेम से प्रेरित
यहोवा के साक्षी लोगों से राज्य के बारे में बात करना पसंद करते हैं। आप उन्हें शहरों की ऊँची-ऊँची अपार्टमेंट इमारतों में, टुंड्रा की दूर-दराज़ प्रजातियों में, एयरपोर्ट टर्मिनलों में, सड़कों और बाकी सार्वजनिक स्थानों पर और टेलिफोन पर ऐसा करते हुए देख सकते हैं। इतनी अलग-अलग जगहों पर क्यों?
आबादी की समस्याओं और आर्थिक स्थितियों ने लोगों को अपनी जीवन-शैली बदलने पर मजबूर किया है, जिससे लोगों का घर पर मिलना मुश्किल हो गया है। कई मामलों में, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं, और अकसर इस वज़ह से आध्यात्मिक ज़रूरतों को ताक पर रख दिया जाता है। ऐसे दबाव और तनाव के बीच वे आशा का दिलकश संदेश सुनने के लिए बेताब हैं। यहोवा के साक्षी खुशी-खुशी इसका जवाब देते हैं। समझदारी और कृपा दिखाते हुए वे सब प्रकार के मनुष्यों को दिलचस्प और विचार-प्रेरक अंदाज़ में सुसमाचार सुनाने के अवसर निकालते हैं।—१ तीमुथियुस २:३, ४.
दूसरी भाषाओं में: जब यीशु ने अपने अनुयायियों को आज्ञा दी कि ‘जाकर चेले बनाओ,’ तब उसने सभी भाषा बोलनेवाले लोगों को आशा का संदेश देने के लिए पहल करने और दृढ़-निश्चयी होने को कहा। (मत्ती २८:१९) जैसा अनेक देशों के साथ है, कनाडा विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं की एक रंग-बिरंगी तसवीर बन गया है और अनेक राज्य उद्घोषकों ने नई भाषाएँ सीखने के द्वारा अपने आपको ढाला है।
उदाहरण के लिए, एडमन्टन, एलबरटा में एक पूर्ण-समय सेवक दंपति ने अपने शहर में मंदरिन चीनी भाषा बोलनेवाले लोगों से बात करने की ज़रूरत को देखा। सबसे पहले तो इस दंपति को यह भाषा सीखनी थी, इसलिए उन्होंने विश्वविद्यालय के एक विद्यार्थी से संपर्क किया जो मंदरिन भाषा बोलता था। वह उन्हें मंदरिन सिखाने के साथ-साथ उनसे बाइबल सच्चाइयाँ सीखने के लिए राज़ी हो गया। यह क्या ही शानदार बात थी! २४ महीनों के अंदर ये दोनों समर्पित राज्य उद्घोषक मंदरिन भाषा में सिखाने के योग्य हो गए। साथ ही, उनका उस्ताद/चेला मसीही बपतिस्मे के योग्य हो गया।
ऐसे ही अनुभव उन शहरों में भी हो रहे हैं जहाँ राज्य उद्घोषक, प्रेम से प्रेरित होकर पोलिश, रशियन और वियतनामी जैसी भाषाएँ सीखते हैं।
रास्ते पर: पिछली सदी के अकेले सफर करनेवाले पोनी एक्सप्रैस घुड़सवारों की तरह, ब्रिटिश कोलम्बिया के मध्य भाग में कुछ राज्य उद्घोषक अकेले सवार हैं। उनका ज़्यादातर वक्त कटे हुए पेड़ों से भरे ट्रकों को जंगल से आरा-मिलों तक ले जाने में बीतता है। इसका मतलब है कि उन्हें बाकी ट्रकवालों से सीबी (सिटिज़न्स् बैंड) रेडियो के माध्यम से लगातार संपर्क बनाए रखने की ज़रूरत पड़ती है, जिससे वे यातायात के आनेजाने और सड़क दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं।
बुद्धिमानी से, ये राज्य उद्घोषक अपने सीबी रेडियो का एक अनोखे तरीके से इस्तेमाल करते हैं। वे हाल की घटनाओं के बारे में बताते हुए सीबी पर बातचीत शुरू करते हैं। फिर वे कुशलतापूर्वक बाइबल का ज़िक्र करते हैं। एक बार एक संगी ट्रकवाले ने मरे हुओं के बारे में बाइबल की आशा में दिलचस्पी दिखायी। (यूहन्ना ५:२८, २९; प्रेरितों २४:१५) उसके संगी ड्राइवर की राजमार्ग पर मौत ने उसे बहुत परेशान कर दिया था। उसने खुशी-खुशी बाइबल अध्ययन स्वीकार कर लिया और अब उसे भी संगी कर्मचारियों और दोस्तों को राज्य का संदेश देते सुना जा सकता है। उसे और भी खुशी मिली जब उसके दोस्त की विधवा के साथ बाइबल अध्ययन शुरू किया गया। इस गैरमामूली तरीके से जीवन देनेवाली सच्चाइयाँ सुनाने में पहल करने से क्या ही अच्छे परिणाम मिले हैं!
हवाई जहाज़ों द्वारा: जब बात सच्चाई का बहुमूल्य संदेश देने की आती है तो जोशीले राज्य उद्घोषक वहाँ जाते हैं जहाँ लोग हैं वे छोटे हवाई जहाज़ों के ज़रिए ‘गांवों में जाते’ हैं। (मत्ती १०:११, १२) कुछ समय पहले, दो हवाई जहाज़ दल अपने-अपने खर्चे से टुंड्रा के जंगलों में, जोश के साथ सुसमाचार सुनाने दूर-दूर तक फैले क्षेत्र के अलग-थलग लोगों के पास गए। दोनों जहाज़ दलों ने लगभग ३,००० किलोमीटर का सफर तय किया, १४ अलग-अलग समुदायों के पास पहुँचे, जो आर्टिक घेरे के २५० किलोमीटर के क्षेत्र में थे। न थकनेवाले ये उद्घोषक लगातार सात दिन तक दूर-दूर तक फैले लोगों के पास जाते रहे।
और क्या यह सब लाभदायक नहीं था? ज़रा उस अच्छे प्रभाव के बारे में सोचिए जो बाइबल के संदेश ने इन समुदायों पर डाला होगा। भेंट करनेवाले इन सेवकों ने एक खास आध्यात्मिक ज़रूरत को पूरा किया जब उन्होंने आनेवाले भविष्य में पृथ्वी को परादीस बनाने के यहोवा के उद्देश्य के बारे में बताया। (मत्ती ५:३) संदेश सुनानेवालों के जाने के काफी समय बाद भी इन समुदायों में रहनेवाले सच्चे दिल के लोग ५४२ बाइबलों और बाइबल सहायकों और ३००० पत्रिकाओं को पढ़ सकेंगे जो उन्हें दी गई थीं।—प्रेरितों १२:२४ से तुलना कीजिए।
टेलिफोन द्वारा: शहरों में रहनेवाले हज़ारों लोग ऐसी अपार्टमेंट इमारतों में रहते हैं जिनमें हाई-टॆक सिक्योरिटी होती है। इसके बावजूद भी समर्पित राज्य उद्घोषक जोश और समझदारी के साथ जाते हैं। वे उन जगहों तक कैसे जाते हैं जहाँ ये लोग रहते हैं? जबकि आमने-सामने बातचीत बेहतर होती है, फिर भी अकसर लॉबी में लगे इंटरकॉम का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जाता है। जब ऐसा करना संभव नहीं होता तब वह नंबर ढूँढ़कर लोगों को टेलिफोन करते हैं।
एक सुबह एक बूढ़ी महिला ने अपने टेलिफोन की घंटी का जवाब दिया। उसे आदर से नमस्कार कहा गया और संक्षिप्त में परिचय दिया गया। फिर उससे पूछा गया कि उसे क्या लगता है कि कभी ऐसा समय आएगा जब लोग बिना किसी डर के रात में आराम से सड़कों पर घूम सकेंगे। उसे यह आश्वासन देने के लिए कि भविष्य में असीम शांति होगी शास्त्रवचन पढ़कर सुनाए गए। (भजन ३७:१०, ११; दानिय्येल २:४४; मत्ती ६:९, १०) वह अगले हफ्ते उसी समय पर टेलिफोन पर यह चर्चा करने के लिए राज़ी हो गई कि हम परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में क्यों विश्वास कर सकते हैं। राज्य उद्घोषक द्वारा टेलिफोन पर एक महीने तक बाइबल अध्ययन करने, बाइबल अध्ययन के लिए सहायक किताब से अनुच्छेद पढ़ने और उपयुक्त सवाल पूछने के लिए उस महिला ने इस राज्य उद्घोषक की प्रशंसा की कि वह हर हफ्ते कितने अलग-अलग विषय बताती है। अब उस महिला को अध्ययन पुस्तक के बारे में जानकारी देने और एक निजी प्रति देने का वक्त आ गया था। उन दोनों की आमने-सामने मुलाकात करने का प्रबंध किया गया। सचमुच, यहोवा के साक्षियों ने लोगों के लिए अपना प्रेम दिखाया है, और लोगों ने भी दिलचस्पी दिखाई है और वे यह जान गए हैं कि यहोवा इन मसीही प्रचारकों के साथ है।—१ कुरिन्थियों १४:२५ से तुलना कीजिए।
प्रकाशनों द्वारा: क्यूबेक में भी, जहाँ अधिकतर फ्रैंच भाषा बोली जाती है, राज्य उद्घोषक वहाँ जा रहे हैं जहाँ लोग हैं। एक सफरी सेवक ने कहा: “कई सालों से भाइयों को महसूस हो रहा था कि गिरजे से कड़े विरोध की वज़ह से वे आगे नहीं बढ़ रहे। लेकिन भाइयों के अथक काम से और बार-बार भेंट करने से, बाइबल ज़्यादातर घरों में पहुँच गयी है जबकि पहले बहुत थोड़े लोग इसे पढ़ते थे और इसकी जानकारी से बिलकुल बेखबर थे।”
अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं क्योंकि नए सुसमाचारक क्यूबेक के समाज के हर दायरे से आ रहे हैं, जिनमें चिकित्सा समाज भी शामिल है। एक डॉक्टर का यही किस्सा है। उसकी राज्य उद्घोषक पत्नी अकसर उसके साथ बाइबल की आशा के बारे में बात करती थी। एक सतर्क कलीसिया प्राचीन ने उस डॉक्टर को कलीसिया सभा में बुलाने की पहल की जब ब्रोशर आपके जीवन को लहू कैसे बचा सकता है? का अध्ययन किया जा रहा था। वह आया और उसने जवाब भी दिए। चर्चा की गुणवत्ता और आध्यात्मिक गहराई से प्रभावित होकर, उसने व्यक्तिगत बाइबल अध्ययन स्वीकार कर लिया। अब वह भी एक राज्य उद्घोषक है।
पत्रिकाओं के प्रभावकारी इस्तेमाल ने भी लोगों को बाइबल की ओर आकर्षित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोई नहीं जानता कि कौन-सा लेख किस व्यक्ति को सच्चाई में लाने का काम कर सकता है। एक राज्य उद्घोषक ने अपनी पड़ोसन को सजग होइए! का एक अंक दिया जो संदेश नहीं सुनना चाहती थी लेकिन वह कीट जगत में दिलचस्पी रखती थी। नवंबर २२, १९९२ की सजग होइए! (अंग्रेज़ी) में लेख “चागस रोग—मौत का चुंबन” में एक चित्र देखकर उसे जिज्ञासा हुई। जो उसने पढ़ा उससे वह प्रभावित हुई और ज़्यादा पत्रिकाएँ माँगी। एक बाइबल अध्ययन की शुरूआत हुई और छः महीनों के अंदर ही वह खुद भी दूसरों को साक्षी दे रही थी।
सार्वजनिक जगहों पर: कनाडा का कानून सार्वजनिक जगहों, जैसे हवाई अड्डों पर बोलने की आज़ादी देता है। हैलीफैक्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर, राज्य उद्घोषक समझदारी से जहाज़ों की उड़ानों के समय के बीच लोगों से बातचीत करते हैं। सही सवाल पूछकर वे बाइबल चर्चा की तरफ ध्यान खींचते हैं। क्योंकि वे जेबी बाइबल और प्रकाशन रखते हैं, वे आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। इस तरीके से राज्य संदेश सुननेवालों में दूसरे देशों के चिकित्सक, वैज्ञानिक, वकील, विमानचालक, पादरी, पुलिसकर्मी, टैक्सी ड्राईवर, इंजीनियर, शिक्षक, सेना-कर्मचारी, और राजनीतिज्ञ हैं और वे दूर देशों में पनपने के लिए अपने साथ सच्चाई के बीज ले गए हैं।—कुलुस्सियों १:६.
हवाई अड्डे पर एक दिन सुबह-सुबह एक आदमी ने प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ स्वीकार कीं। फिर उसने शांत स्वर, और धीमी आवाज़ में कहा: “यहोवा के साक्षी, ओह नहीं!” उसने ऐसा क्यों कहा? वह व्यक्ति एक कट्टर मुस्लिम था जिसने अभी-अभी हवाई अड्डे के प्रार्थना-स्थल में प्रार्थना की थी। उसने खुदा से दुआ की थी कि उसे बुद्धि, समझ और सच्चाई दे। इस ख्याल ने उसे चकरा दिया कि यहोवा के साक्षी ही उसकी दुआ का जवाब हैं।
सचमुच, कनाडा के साहसी राज्य उद्घोषक किसी भी बात को अपने बहुमूल्य राज्य संदेश सुनाने के बीच बाधा नहीं बनने देते। वे विदेशी भाषा से, ऊबड़-खाबड़ धूल भरे रास्तों से, दूर-दराज़ समुदायों, शहर की हाई-सिक्योरिटीवाली अपार्टमेंट इमारतों से भी नहीं घबराते। वे सच्चाई की खोज करनेवाले सच्चे दिल के लोगों को परमेश्वर का जीवन का संदेश देने के लिए दृढ़संकल्प हैं। संसार भर में संगी कर्मियों के भाईचारे के साथ, वे ‘जाकर चेला बनाने’ की यीशु की आज्ञा का निःस्वार्थ रूप से पालन करते हैं।—मत्ती २८:१९.
[फुटनोट]
a पोनी एक्सप्रैस अमरीका में एक डाक सेवा थी जो १८६० से १८६१ तक १८-महीनों की छोटे-सी अवधि में मौजूद थी।
[पेज 27 पर बक्स]
सफल राज्य उद्घोषक टेलिफोन का इस्तेमाल करते हैं
कुछ लोग कहते हैं: “हेलो। मेरा नाम है [नाम बताइए]। मैं आपकी बिल्डिंग के लोगों से थोड़ी-थोड़ी बात कर रहा था कि शांति कैसे हासिल की जा सकती है। क्या आपको लगता है कि कभी पूरे संसार में शांति होगी? [जवाब के लिए रुकिए।] मैं आपको बताना चाहता हूँ कि मैं कोई सर्वे नहीं कर रहा ना ही कोई चीज़ बेच रहा हूँ। इसके बजाय, मैं पवित्र शास्त्र का विचार बता रहा हूँ कि परमेश्वर सचमुच शांति लाएगा।” इसके बाद बातचीत को संक्षिप्त शास्त्रीय चर्चा के साथ आगे बढ़ाया जा सकता है।
अन्य लोग कहते हैं: “नमस्कार, मेरा नाम है [नाम बताइए]। मैं आपके इलाके में एक स्वयंसेवक हूँ। मैं आपकी बिल्डिंग में रहनेवाले लोगों के विचार सुन रहा हूँ। अनेक लोग हमारे इलाके में बढ़ती हिंसा और अपराध को देखते हुए अपनी सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। क्या आपको भी ऐसा लगता है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या आपको लगता है कि कभी ऐसा समय आएगा जब सारा संसार सुरक्षित महसूस करेगा?” जवाब देने दीजिए और शास्त्रीय संदेश के साथ बातचीत जारी रखिए।