१९९५ के लिए ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल तालिका
निर्देश
वर्ष १९९५ के दौरान ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल का संचालन करने के लिए निम्नलिखित प्रबन्ध होंगे।
पाठ्य पुस्तकें: न्यू वर्ल्ड ट्रान्सलेशन ऑफ द होली स्क्रिप्चर्स [bi12], युनाइटेड इन वर्शिप ऑफ द ओन्ली ट्रू गॉड [uw], “ऑल स्क्रिप्चर इज़ इन्सपायर्ड ऑफ गॉड एन्ड बेनीफीशियल” (१९९० संस्करण) [si], वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा [gt], और “चर्चा के लिए बाइबल विषय” [td] के आधार पर नियुक्तियाँ की जाएँगी।
यह स्कूल गीत, प्रार्थना और स्वागत के शब्दों के साथ शुरू होगा, और फिर निम्नलिखित तरीक़े से आगे बढ़ेगा:
नियुक्ति नं. १: १५ मिनट। यह भाषण एक प्राचीन या सहायक सेवक द्वारा दिया जाना चाहिए, और यह युनाइटेड इन वर्शिप ऑफ द ओन्ली ट्रू गॉड या “ऑल स्क्रिप्चर इज़ इन्सपायर्ड ऑफ गॉड एन्ड बेनीफीशियल” पर आधारित होगा। इस नियुक्ति को १०- से १२-मिनट तक के एक निर्देश भाषण के रूप में दिया जाना चाहिए और इसके बाद ३- से ५-मिनट तक प्रकाशन में छपे हुए प्रश्नों का प्रयोग करते हुए मौखिक पुनर्विचार होना चाहिए। इसका उद्देश्य मात्र विषय को पूरा करना ही नहीं बल्कि जिस विषय पर चर्चा हो रही है, उसके व्यावहारिक मूल्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कलीसिया के लिए सबसे ज़्यादा सहायक बातों को विशिष्ट करना है। दिए गए शीर्षक का प्रयोग करना चाहिए। सभी को ध्यानयुक्त पूर्व-तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि इस विषय से पूरी तरह लाभ उठा सकें।
जिन भाइयों को यह भाषण नियुक्त किया जाता है उन्हें सावधान रहना चाहिए कि इसे समय के अन्दर पूरा करें। यदि आवश्यक हो या यदि वक्ता द्वारा पहले ही निवेदन किया गया हो तो निजी सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पठन से विशेषताएँ: ६ मिनट। इसे स्कूल ओवरसियर द्वारा या किसी अन्य प्राचीन या सहायक सेवक द्वारा दिया जाना चाहिए जो विषय को प्रभावकारी रूप से स्थानीय ज़रूरतों पर लागू करेगा। यह नियत पठन का सिर्फ़ एक सारांश ही नहीं होना चाहिए। नियत अध्यायों के समस्त पुनर्विचार को ३०- से ६०- सैकन्ड तक सीमित कीजिए। इसका मुख्य उद्देश्य है श्रोतागण को इस बात का मूल्यांकन करने में सहायता करना कि यह जानकारी हमारे लिए क्यों और कैसे मूल्यवान है। इसके बाद स्कूल ओवरसियर विद्यार्थियों को अपनी-अपनी विभिन्न कक्षाओं में भेज देगा।
भाषण नं. २: ५ मिनट। यह एक भाई द्वारा दिया जानेवाला नियुक्त भाग का बाइबल पठन है। यह मुख्य स्कूल के साथ-साथ अतिरिक्त समूहों में भी लागू होगा। प्रायः ये पठन नियुक्तियाँ संक्षिप्त होती हैं जिससे कि विद्यार्थी शुरूआत और अन्त की टिप्पणियों में संक्षिप्त समझानेवाली जानकारी दे सके। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, भविष्यसूचक या धर्म-सैद्धान्तिक महत्त्व, और सिद्धान्तों का प्रयोग सम्मिलित किया जा सकता है। नियत की गई सभी आयतों को बीच में बिना रुके वस्तुतः पढ़ा जाना चाहिए। निश्चय ही, जहाँ पढ़ी जानेवाली आयतें क्रमागत नहीं हैं, वहाँ विद्यार्थी बता सकता है कि पठन किस आयत से फिर से शुरू होता है।
भाषण नं. ३: ५ मिनट। यह भाषण बहनों को नियुक्त किया जाएगा। इस भाषण के लिए विषय पुस्तक वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा या “चर्चा के लिए बाइबल विषय” पुस्तिका पर आधारित होंगे। नियुक्त विद्यार्थिनी को पढ़ना आना चाहिए। भाषण देते समय विद्यार्थिनी बैठी या खड़ी रह सकती है। स्कूल ओवरसियर द्वारा एक सहायिका नियुक्त की जाएगी, परन्तु अतिरिक्त सहायकों को भी प्रयोग किया जा सकता है। जिन बहनों को यह भाषण नियुक्त किया जाता है, उन्हें शीर्षक और विषय को एक व्यावहारिक सेटिंग के अनुकूल करने की ज़रूरत है, और बेहतर होगा कि सेटिंग क्षेत्र सेवा या अनौपचारिक गवाही से सम्बन्धित हो। सेटिंग पर नहीं, बल्कि विषय के प्रभावकारी प्रयोग पर मुख्य ध्यान दिया जाना चाहिए।
भाषण नं. ४: ५ मिनट। एक भाई या बहन को नियुक्त किया जाता है। यह “चर्चा के लिए बाइबल विषय” पुस्तिका पर आधारित होगा। जब यह एक भाई को दिया जाता है, तो यह सारे श्रोतागण के लिए भाषण होना चाहिए। सामान्यतः भाई के लिए राज्यगृह श्रोतागण को मन में रखते हुए अपना भाषण तैयार करना सर्वोत्तम होगा, ताकि जो इसे वास्तव में सुनते हैं, उनके लिए यह सचमुच ज्ञानप्रद और लाभदायक हो। जब यह एक बहन को दिया जाता है, तो विषय को भाषण नं. ३ की रूप-रेखा के अनुसार पेश किया जाना चाहिए।
सलाह और टीका-टिप्पणीः हरेक विद्यार्थी भाषण के बाद, स्कूल ओवरसियर विशिष्ट सलाह देगा, लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि भाषण सलाह परची (Speech Counsel Slip) के क्रमानुसार ही सलाह दी जाए। इसके बजाय, उसे उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहाँ विद्यार्थी को सुधरने की आवश्यकता है। यदि विद्यार्थी-वक्ता सिर्फ़ “G” के योग्य हो और ऐसा कोई दूसरा भाषण गुण नहीं जहाँ “I” या “W” का चिह्न लगा हो, तब सलाहकार को उस भाषण गुण के चौकोन में, गोलाकार चिह्न लगा देना चाहिए, जहाँ साधारणतया “G,” “I,” या “W” लिखा जाएगा। और इस भाषण गुण पर विद्यार्थी को अगली बार काम करना है। वह इसके बारे में विद्यार्थी को उसी शाम बताएगा और साथ ही इसी भाषण गुण को विद्यार्थी के अगले ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल कार्य-नियुक्ति परची (S-89) पर दिखाएगा। भाषण देनेवाले विद्यार्थियों को सभागृह में सामने की तरफ़ बैठना चाहिए। इस से समय की बचत होगी और स्कूल ओवरसियर को प्रत्येक विद्यार्थी को सीधे सलाह देने में सुविधा होगी। यदि आवश्यक मौखिक सलाह देने के बाद समय हो, तो सलाहकार उन ज्ञानप्रद और व्यावहारिक मुद्दों पर टिप्पणी कर सकता है जो विद्यार्थियों ने नहीं बताए हैं। स्कूल ओवरसियर को इस विषय में सावधान रहना चाहिए कि प्रत्येक विद्यार्थी-भाषण के बाद सलाह देने और कोई दूसरी संक्षिप्त टिप्पणी करने के लिए कुल दो मिनट से अधिक समय न ले। यदि बाइबल विशेषताएँ प्रस्तुति संतोषजनक नहीं थी, तो निजी सलाह दी जा सकती है।
भाषण की तैयारी करना: नियुक्त भाषण तैयार करने से पहले, विद्यार्थी को जिस भाषण गुण पर काम करना है उस से सम्बद्ध स्कूल गाइडबुक विषय को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। जिन विद्यार्थियों को दूसरा भाषण नियुक्त किया जाता है वे एक ऐसा शीर्षक चुन सकते हैं, जो बाइबल से पढ़े जानेवाले भाग के लिए उपयुक्त हो। अन्य भाषण छपी हुई तालिका में दिए गए शीर्षक के अनुसार ही तैयार किए जाएँगे।
समय: न किसी भाषण को, न ही सलाहकार की सलाह और टीका-टिप्पणी को समय से ऊपर जाना चाहिए। समय ख़त्म हो जाने पर, भाषण नं. २ से भाषण नं. ४ को कुशलतापूर्वक रोक देना चाहिए। भाषण रोकने का संकेत देने के लिए नियुक्त व्यक्ति को ऐसा तुरंत करना चाहिए। जब नियुक्ति नं. १ और बाइबल विशेषताएँ देनेवाले भाई अधिक समय लेते हैं, तो उन्हें निजी सलाह दी जानी चाहिए। सभी को अपने-अपने समय पर ध्यानपूर्वक नज़र रखनी चाहिए। कुल कार्यक्रम: ४५ मिनट, गीत और प्रार्थना के अतिरिक्त।
लिखित पुनर्विचार: समय-समय पर लिखित पुनर्विचार दिया जाएगा। तैयारी में, नियत विषय का पुनर्विचार कीजिए और निर्धारित बाइबल पठन को पूरा कीजिए। इस २५-मिनट के पुनर्विचार के दौरान सिर्फ़ बाइबल का प्रयोग किया जा सकता है। बाक़ी समय सवाल-जवाब पर चर्चा करने के लिए दिया जाएगा। प्रत्येक विद्यार्थी अपने परचे की जाँच स्वयं करेगा। स्कूल ओवरसियर पुनर्विचार सवालों के जवाबों पर श्रोतागण के साथ चर्चा करेगा, और ज़्यादा मुश्किल सवालों पर ध्यान केंद्रित करेगा, ताकि सभी को स्पष्ट रूप से जवाब समझने में मदद हो। यदि किसी कारणवश स्थानीय परिस्थितियाँ इसे आवश्यक बना दें, तो तालिका में दिए गए सप्ताह के अगले सप्ताह में लिखित पुनर्विचार दिया जा सकता है।
बड़ी कलीसियाएँ: जिन कलीसियाओं में ५० या उससे अधिक विद्यार्थी हैं, वहाँ विद्यार्थियों के अतिरिक्त समूह बनाए जा सकते हैं, ताकि विद्यार्थी अपने नियत भाषण अन्य सलाहकारों के सामने दे सकें। निःसंदेह, मसीही सिद्धान्तों के अनुरूप जीवन बितानेवाले बपतिस्मा-रहित व्यक्ति भी इस स्कूल में नाम लिखवाकर नियुक्तियाँ प्राप्त कर सकते हैं।
अनुपस्थित विद्यार्थी: इस स्कूल के हर साप्ताहिक सत्र में उपस्थित होने का प्रयास करने, अपनी नियुक्तियों की अच्छी तरह तैयारी करने, और सवाल-जवाब सत्रों के दौरान हिस्सा लेने के द्वारा, कलीसिया में सभी इस स्कूल के लिए मूल्यांकन दिखा सकते हैं। यह आशा की जाती है कि सभी विद्यार्थी अपनी-अपनी नियुक्तियों को कर्तव्यनिष्ठा से लेंगे। निर्धारित अवसर पर यदि एक विद्यार्थी उपस्थित न हो, तो एक स्वयंसेवक यह नियुक्ति ले सकता है, और कम समय की सूचना के कारण वह जैसा योग्य समझे वैसी प्रयुक्ति कर सकता है। या स्कूल ओवरसियर श्रोतागण की उचित सहभागिता के साथ विषय को पूरा कर सकता है।
तालिका
जन. २ बाइबल पठन: भजन ११९:११३-१७६
गीत क्र. १२७
नं. १: बड़ी भीड़ को पहचानना (uw पृष्ठ १०३-४ अनु. १-४)
नं. २: भजन ११९:१६१-१७६
नं. ३: यीशु को “वह मनुष्य” क्यों कहा गया (gt अध्य. १२३)
नं. ४: td ४४क मनुष्य का भविष्य पूर्वनियत नहीं है
जन. ९ बाइबल पठन: भजन संहिता १२० से १३०
गीत क्र. २६
नं. १: गुण जो अन्य भेड़ों को प्रकट करना आवश्यक हैं (uw पृष्ठ १०५ अनु. ५)
नं. २: भजन संहिता १२२:१-१२३:४
नं. ३: पीलातुस यीशु से क्यों डर गया (gt अध्य. १२४)
नं. ४: td ४६क यीशु का मानवीय जीवन सब के लिए छुड़ौती था
जन. १६ बाइबल पठन: भजन संहिता १३१ से १३६
गीत क्र. १२९
नं. १: बड़ी भीड़ बड़े क्लेश से क्यों जीवित बचती है (uw पृष्ठ १०६-९ अनु. ६-१३)
नं. २: भजन १३२:१-१८
नं. ३: मानवजाति के प्रति यीशु के प्रेम के प्रमाण (gt अध्य. १२५)
नं. ४: td ४६ख यीशु छुड़ौती क्यों दे सका
जन. २३ बाइबल पठन: भजन संहिता १३७ से १४०
गीत क्र. २०५
नं. १: आज पृथ्वी पर इतने थोड़े राज्य वारिस क्यों (uw पृष्ठ ११०-१२ अनु. १-७)
नं. २: भजन संहिता १३७:१-१३८:८
नं. ३: यीशु किस प्रकार अन्त तक अनुकरणीय था (gt अध्य. १२६)
नं. ४: td ४७क एकमात्र सच्चे धर्म को कैसे पहचानें
जन. ३० बाइबल पठन: भजन संहिता १४१ से १४५
गीत क्र. १६५
नं. १: भजन संहिता—क्यों लाभदायक—भाग १ (si पृष्ठ १०४-५ अनु. २३-७)
नं. २: भजन १४४:१-१५
नं. ३: यीशु के दफ़न और एक खाली क़ब्र में हमें क्यों दिलचस्पी है (gt अध्य. १२७)
नं. ४: td ४७ग क्या झूठी शिक्षाओं की निन्दा करना ग़लत है?
फर. ६ बाइबल पठन: भजन संहिता १४६ से १५०
गीत क्र. १०२
नं. १: भजन संहिता—क्यों लाभदायक—भाग २ (si पृष्ठ १०५-६ अनु. २८-३२)
नं. २: भजन १४८:१-१४
नं. ३: यीशु के पुनरुत्थान का हर्ष (gt अध्य. १२८)
नं. ४: td ४७ङ जब परमेश्वर धर्म परिवर्तन को स्वीकृति देता है
फर. १३ बाइबल पठन: नीतिवचन १ और २
गीत क्र. १८५
नं. १: नीतिवचन की प्रस्तावना—भाग १ (si पृष्ठ १०६-७ अनु. १-५)
नं. २: नीतिवचन २:१-१९
नं. ३: पुनरुत्थान में विश्वास मज़बूत कैसे होता है (gt अध्य. १२९)
नं. ४: td ४७छ क्या परमेश्वर सब धर्मों में अच्छाई देखता है?
फर. २० बाइबल पठन: नीतिवचन ३ और ४
गीत क्र. २००
नं. १: नीतिवचन की प्रस्तावना—भाग २ (si पृष्ठ १०७-८ अनु. ६-११)
नं. २: नीतिवचन ३:१-१८
नं. ३: यीशु समझाता है कि प्रेम कैसे दिखाएँ (gt अध्य. १३०)
नं. ४: td ४८क मृत लोगों में से कौन जी उठाया जाएगा?
फर. २७ बाइबल पठन: नीतिवचन ५ और ६
गीत क्र. ११
नं. १: वे कैसे जानते हैं कि वे आत्मिक पुत्र हैं? (uw पृष्ठ ११२-१६ अनु. ८-१४)
नं. २: नीतिवचन ६:१-१९
नं. ३: यीशु अपने चेलों को कैसे मज़बूत करता है (gt अध्य. १३१)
नं. ४: td ४८ख मृत लोगों का पुनरुत्थान कहाँ होगा?
मार्च ६ बाइबल पठन: नीतिवचन ७ और ८
गीत क्र. १०५
नं. १: यहोवा के दृश्य संगठन को पहचानना (uw पृष्ठ ११७-२० अनु. १-७)
नं. २: नीतिवचन ८:२२-३६
नं. ३: यीशु परमेश्वर के दाहिने हाथ पर क्या करता है (gt अध्य. १३२)
नं. ४: td ४९क मसीह की वापसी अदृश्य है
मार्च १३ बाइबल पठन: नीतिवचन ९ और १०
गीत क्र. २२४
नं. १: शासी निकाय की शास्त्रीय भूमिका (uw पृष्ठ १२०-२२ अनु. ८-१२)
नं. २: नीतिवचन १०:१६-३२
नं. ३: यीशु वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा क्यों था (gt अध्य. १३३)
नं. ४: td ४९ख मसीह की वापसी भौतिक तथ्यों द्वारा समझी जाती है
मार्च २० बाइबल पठन: नीतिवचन ११ और १२
गीत क्र. ३८
नं. १: परमेश्वर के संगठन के प्रति अपने मूल्यांकन का विश्लेषण करना (uw पृष्ठ १२३-४ अनु. १३, १४)
नं. २: नीतिवचन ११:१-१४
नं. ३: हरेक व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ मनुष्य पुस्तक क्यों पढ़नी चाहिए (gt—किताब के प्रस्तावनात्मक विषय में से तैयार कीजिए।)
नं. ४: td ५०क मसीही सब्त रखने के लिए बाध्य नहीं हैं
मार्च २७ बाइबल पठन: नीतिवचन १३ और १४
गीत क्र. १३९
नं. १: सलाह क्यों सुनें? (uw पृष्ठ १२५-७ अनु. १-४)
नं. २: नीतिवचन १४:१-१६
नं. ३: td ५०ख सब्त का नियम मसीहियों को नहीं दिया गया था
नं. ४: td ५०घ परमेश्वर का सब्त विश्राम कब आरंभ और समाप्त होता है
अप्रैल ३ बाइबल पठन: नीतिवचन १५ और १६
गीत क्र. ५९
नं. १: जिन्होंने सलाह को स्वीकार किया, उनके उदाहरण का अनुकरण कीजिए (uw पृष्ठ १२७-८ अनु. ५, ६)
नं. २: नीतिवचन १५:१-१६
नं. ३: td ५१ख परमेश्वर केवल मसीह के द्वारा उद्धार देता है
नं. ४: td ५१घ “एक बार उद्धार पाया, हमेशा के लिए उद्धार पाया” शास्त्रानुसार नहीं है
अप्रैल १० बाइबल पठन: नीतिवचन १७ और १८
गीत क्र. १६३
नं. १: अनमोल गुणों को विकसित कीजिए (uw पृष्ठ १२८-३१ अनु. ७-१४)
नं. २: नीतिवचन १८:१-१५
नं. ३: td ५१ङ “सभी के लिए उद्धार” शास्त्रानुसार नहीं है
नं. ४: td ५३क पाप क्या है
अप्रैल १७ बाइबल पठन: नीतिवचन १९ और २०
गीत क्र. ३५
नं. १: प्रेम सच्चे मसीहियों की पहचान कराता है (uw पृष्ठ १३२-३ अनु. १-५)
नं. २: नीतिवचन १९:८-२३
नं. ३: td ५३ख आदम के पाप से सब मनुष्य दुःख क्यों उठाते हैं
नं. ४: td ५३ग निषिद्ध फल क्या था?
अप्रैल २४ लिखित पुनर्विचार। सम्पूर्ण भजन ११९:११३ से नीतिवचन २० तक
गीत क्र. ६
मई १ बाइबल पठन: नीतिवचन २१ और २२
गीत नं. ९५
नं. १: जब समस्याएँ खड़ी होती हैं तो क्या करें (uw पृष्ठ १३४ अनु. ६-९)
नं. २: नीतिवचन २२:१-१६
नं. ३: td ५३च पवित्र आत्मा के विरुद्ध पाप क्या है?
नं. ४: td ५४क प्राण (सोल) क्या है?
मई ८ बाइबल पठन: नीतिवचन २३ और २४
गीत क्र. ४६
नं. १: समस्याओं को शास्त्रीय रूप से निपटाइये (uw पृष्ठ १३५-८ अनु. १०-१७)
नं. २: नीतिवचन २४:१-१६
नं. ३: td ५४ख प्राण और आत्मा में क्या भिन्नता है?
नं. ४: td ५५क पवित्र आत्मा क्या है?
मई १५ बाइबल पठन: नीतिवचन २५ और २६
गीत क्र. १४५
नं. १: घर पर ईश्वरीय भक्ति का अभ्यास कीजिए (uw पृष्ठ १३९-४१ अनु. १-५)
नं. २: नीतिवचन २५:१-१३
नं. ३: td ५५ख मनुष्य और जानवर की जीवनशक्ति आत्मा कहलाती है
नं. ४: td ५५ग हम हर तरह के प्रेतात्मवाद से दूर क्यों रहते हैं
मई २२ बाइबल पठन: नीतिवचन २७ और २८
गीत क्र. ८४
नं. १: नीतिवचन—क्यों लाभदायक—भाग १ (si पृष्ठ १०९-१० अनु. १९-२८)
नं. २: नीतिवचन २८:१-१४
नं. ३: td ५८क यहोवा त्रियेक का भाग क्यों नहीं हो सकता
नं. ४: td ५८ख पुत्र पिता के बराबर नहीं है
मई २९ बाइबल पठन: नीतिवचन २९ से ३१
गीत क्र. ५०
नं. १: नीतिवचन—क्यों लाभदायक—भाग २ (si पृष्ठ ११०-११ अनु. २९-३८)
नं. २: नीतिवचन ३१:१०-३१
नं. ३: td ५८घ परमेश्वर और मसीह एक कैसे हैं
नं. ४: td ५८ङ पवित्र आत्मा व्यक्ति नहीं है
जून ५ बाइबल पठन: सभोपदेशक १ से ३
गीत क्र. ४१
नं. १: सभोपदेशक की प्रस्तावना (si पृष्ठ ११२-१३ अनु. १-८)
नं. २: सभोपदेशक ३:१-९, १८-२२
नं. ३: td ५९ग विश्व संकट के लिए परमेश्वर ज़िम्मेदार नहीं है
नं. ४: td ५९घ परमेश्वर ने दुष्टता को अनुमति क्यों दी है
जून १२ बाइबल पठन: सभोपदेशक ४ से ६
गीत क्र. ६२
नं. १: परमेश्वर के पारिवारिक प्रबंध में अपनी भूमिका निभाइये (uw पृष्ठ १४२-४ अनु. ६-१३)
नं. २: सभोपदेशक ५:१-८, १८-२०
नं. ३: td ५९ङ परमेश्वर अपनी महान दया प्रकट करता है
नं. ४: td ५९च परमेश्वर का राज्य एकमात्र हल है
जून १९ बाइबल पठन: सभोपदेशक ७ से ९
गीत क्र. १६२
नं. १: शास्त्रीय कारण कि क्यों हम मूसा की व्यवस्था के अधीन नहीं हैं (uw पृष्ठ १४६-८ अनु. १-६)
नं. २: सभोपदेशक ७:१-१२
नं. ३: td ६०क सभी सच्चे मसीहियों को सच्चाई के लिए गवाही देनी चाहिए
नं. ४: td ६०ख हम लोगों के पास बार-बार क्यों जाते हैं
जून २६ बाइबल पठन: सभोपदेशक १० से १२
गीत क्र. १३३
नं. १: सभोपदेशक—क्यों लाभदायक (si पृष्ठ ११४ अनु. १५-१९)
नं. २: सभोपदेशक १२:१-१४
नं. ३: td ६०छ गवाही देना हमें रक्त-दोष से मुक्त करता है
नं. ४: td १क पूर्वजों की उपासना व्यर्थ क्यों है
जुलाई ३ बाइबल पठन: श्रेष्ठगीत १ से ४
गीत क्र. १६८
नं. १: श्रेष्ठगीत की प्रस्तावना (si पृष्ठ ११५ अनु. १-४)
नं. २: श्रेष्ठगीत २:१-१४
नं. ३: td १ख हम मनुष्यों का सम्मान कर सकते हैं, परन्तु हम केवल परमेश्वर की उपासना करते हैं
नं. ४: td २क दुष्टता का अन्त करने के लिए परमेश्वर का युद्ध
जुलाई १० बाइबल पठन: श्रेष्ठगीत ५ से ८
गीत क्र. १५२
नं. १: श्रेष्ठगीत—क्यों लाभदायक (si पृष्ठ ११७ अनु. १६-१८)
नं. २: श्रेष्ठगीत ८:१-१४
नं. ३: td २ग अरमगिदोन परमेश्वर के प्रेम का उल्लंघन नहीं करता
नं. ४: td ३क बपतिस्मा एक मसीही माँग है
जुलाई १७ बाइबल पठन: यशायाह १ से ३
गीत क्र. १८०
नं. १: यशायाह की प्रस्तावना (si पृष्ठ ११८-१९ अनु. १-८)
नं. २: यशायाह १:१-१३
नं. ३: td ३ख बपतिस्मा पापों को धो नहीं डालता
नं. ४: td ४क बाइबल परमेश्वर का उत्प्रेरित वचन है
जुलाई २४ बाइबल पठन: यशायाह ४ से ७
गीत क्र. १४४
नं. १: क्षमा और उद्धार के लिए विश्वास अनिवार्य है (uw पृष्ठ १४८-५० अनु. ७-१०)
नं. २: यशायाह ६:१-१३
नं. ३: td ४ग बाइबल हमारे दिन के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शक है
नं. ४: td ४च बाइबल सभी राष्ट्र और प्रजाति के लोगों के लिए है
जुलाई ३१ बाइबल पठन: यशायाह ८ से १०
गीत क्र. १४०
नं. १: व्यवस्था को जानने से लाभ (uw पृष्ठ १५०-१ अनु. ११-१३; पृष्ठ १५३ अनु. १४)
नं. २: यशायाह ९:१-१२
नं. ३: td ५क रक्ताधान परमेश्वर की व्यवस्था का उल्लंघन करता है
नं. ४: td ५ख परमेश्वर का आज्ञा-पालन अनिवार्य है
अग. ७ बाइबल पठन: यशायाह ११ से १३
गीत क्र. ४४
नं. १: मूसा की व्यवस्था के मूल सिद्धान्त: “परमेश्वर के प्रति ज़िम्मेदरियाँ” (uw पृष्ठ १५२)
नं. २: यशायाह ११:१-१०
नं. ३: td ६क अन्यजातियों का समय १९१४ में समाप्त हुआ
नं. ४: td ७क वास्तविक मसीही गिरजे को पहचानना
अग. १४ बाइबल पठन: यशायाह १४ से १७
गीत क्र. १७०
नं. १: मूसा की व्यवस्था के मूल सिद्धान्त: “निषिद्ध धार्मिक रिवाज़” (uw पृष्ठ १५२)
नं. २: यशायाह १४:३-२०
नं. ३: td ७घ सच्चा मसीही गिरजा मसीह पर बना है
नं. ४: td ९क सृष्टि प्रमाणित विज्ञान से सहमत है
अग. २१ बाइबल पठन: यशायाह १८ से २२
गीत क्र. १७५
नं. १: मूसा की व्यवस्था के मूल सिद्धान्त: “विवाह और पारिवारिक जीवन” (uw पृष्ठ १५२)
नं. २: यशायाह २१:१-१७
नं. ३: td ९ख रचनात्मक दिन २४-घण्टों के दिन नहीं थे
नं. ४: td १०क यीशु एक निन्दा के स्तंभ पर मरा, क्रूस पर नहीं
अग. २८ लिखित पुनर्विचार। सम्पूर्ण नीतिवचन २१ से यशायाह २२ तक
गीत क्र. २०४
सित. ४ बाइबल पठन: यशायाह २३ से २६
गीत क्र. १०६
नं. १: मूसा की व्यवस्था के मूल सिद्धान्त: “दूसरे व्यक्तियों से सम्बन्धित कर्तव्य” (uw पृष्ठ १५२)
नं. २: यशायाह २५:१-१२
नं. ३: td १०ख क्रूस की उपासना मूर्तिपूजा क्यों है
नं. ४: td ११क मनुष्य क्यों मरता है
सित. ११ बाइबल पठन: यशायाह २७ से २९
गीत क्र. २७
नं. १: जीवन और लहू पवित्र हैं (uw पृष्ठ १५४-६ अनु. १-६)
नं. २: यशायाह २८:१-१३
नं. ३: td ११ख मृत लोग अचेत हैं और कुछ नहीं जानते
नं. ४: td ११ग मृत लोगों के साथ बात करना असम्भव क्यों है
सित. १८ बाइबल पठन: यशायाह ३० से ३३
गीत क्र. १६०
नं. १: लहू का चिकित्सीय प्रयोग और एक मसीही की ज़िम्मेदारी (uw पृष्ठ १५६-६० अनु. ७-१२)
नं. २: यशायाह ३२:१-८, १६-२०
नं. ३: td १४क इब्लीस सचमुच अस्तित्व में है
नं. ४: td १४ख इब्लीस इस रीति-व्यवस्था पर शासन करता है
सित. २५ बाइबल पठन: यशायाह ३४ से ३७
गीत क्र. १४६
नं. १: सच्चे मसीही इस संसार के भाग नहीं हैं (uw पृष्ठ १६१-३ अनु. १-६)
नं. २: यशायाह ३५:१-१०
नं. ३: td १४घ जो स्वर्गदूत शैतान से मिल गए उन्होंने ख़ुद को पिशाच बना लिया
नं. ४: td १७क पृथ्वी के लिए परमेश्वर का उद्देश्य
अक्तू. २ बाइबल पठन: यशायाह ३८ से ४०
गीत क्र. १४३
नं. १: संसार का भाग न होना मसीहियों से क्या माँग करता है (uw पृष्ठ १६३-८ अनु. ७-१६)
नं. २: यशायाह ४०:१२-२६
नं. ३: td १७ग पृथ्वी हमेशा बसी रहेगी
नं. ४: td १९क झूठे भविष्यवक्ताओं को कैसे पहचानें
अक्तू. ९ बाइबल पठन: यशायाह ४१ से ४३
गीत क्र. ९२
नं. १: निडरता से परमेश्वर का वचन बताते रहें (uw पृष्ठ १६९-७१ अनु. १-७)
नं. २: यशायाह ४३:१-१५
नं. ३: td २२क आध्यात्मिक चंगाई के स्थायी लाभ हैं
नं. ४: td २२ख परमेश्वर का राज्य स्थायी शारीरिक चंगाई लाएगा
अक्तू. १६ बाइबल पठन: यशायाह ४४ से ४६
गीत क्र. १६६
नं. १: प्रेरितों के उदाहरण से लाभ उठाना (uw पृष्ठ १७२ अनु. ८)
नं. २: यशायाह ४६:१-१३
नं. ३: td २२ग आधुनिक विश्वास-चंगाई में ईश्वरीय स्वीकृति का प्रमाण नहीं पाया जाता
नं. ४: td २२घ भाषाओं में बोलने ने अपना उद्देश्य पूरा किया
अक्तू. २३ बाइबल पठन: यशायाह ४७ से ४९
गीत क्र. ५६
नं. १: निडरता और समझदारी से प्रचार करना (uw पृष्ठ १७३-५ अनु. ९-१३)
नं. २: यशायाह ४८:१-११, १६-१९
नं. ३: td २३ख केवल १,४४,००० स्वर्ग जाते हैं
नं. ४: td २४ख नरक (हेडीस, शीओल) में किसी को यातना नहीं दी जाती
अक्तू. ३० बाइबल पठन: यशायाह ५० से ५३
गीत क्र. १३२
नं. १: अपना मन इस बात पर केंद्रित रखिए कि यहोवा का दिन निकट है (uw पृष्ठ १७६-७ अनु. १-४)
नं. २: यशायाह ५२:१-१५
नं. ३: td २४ग अग्नि विनाश का चिह्न है
नं. ४: td २४ङ धनवान पुरुष और लाजर के दृष्टांत में कोई शाब्दिक अग्नि नहीं
नव. ६ बाइबल पठन: यशायाह ५४ से ५७
गीत क्र. १८७
नं. १: चिह्न को पूरा करनेवाली घटनाओं के प्रति सतर्क रहिए (uw पृष्ठ १७८-९ अनु. ५, ६)
नं. २: यशायाह ५५:१-१३
नं. ३: td २५ख प्रारंभिक मसीही जन्मदिन या क्रिसमस नहीं मनाते थे
नं. ४: td २६क मूर्तियों की उपासना परमेश्वर की निन्दा है
नव. १३ बाइबल पठन: यशायाह ५८ से ६२
गीत क्र. १०७
नं. १: महान विभाजन कार्य—यह प्रमाण कि अन्त निकट है (uw पृष्ठ १७९-८३ अनु. ७-१४)
नं. २: यशायाह ६०:४-१७
नं. ३: td २६ख मूर्तिपूजा इस्राएलियों के लिए एक फन्दा था
नं. ४: td २६ग उपासना जो यहोवा अस्वीकार करता है
नव. २० बाइबल पठन: यशायाह ६३ से ६६
गीत क्र. ७७
नं. १: यशायाह—क्यों लाभदायक (si पृष्ठ १२३ अनु. ३४-९)
नं. २: यशायाह ६५:११-२५
नं. ३: td २७क अन्तरधर्मीय उपासना परमेश्वर द्वारा स्वीकृत नहीं है
नं. ४: td २७ख परमेश्वर अनन्य भक्ति की माँग करता है
नव. २७ बाइबल पठन: यिर्मयाह १ से ३
गीत क्र. ७०
नं. १: यिर्मयाह की प्रस्तावना (si पृष्ठ १२४ अनु. १-५)
नं. २: यिर्मयाह १:४-१९
नं. ३: td २९क सच्चे मसीहियों को परमेश्वर का नाम जानना और इस्तेमाल करना आवश्यक है
नं. ४: td २९ग बाइबल और सृष्टि परमेश्वर के अस्तित्व का प्रमाण देती हैं
दिस. ४ बाइबल पठन: यिर्मयाह ४ से ६
गीत क्र. ९७
नं. १: यहोवा का बुद्धिमान और प्रेममय उद्देश्य (uw पृष्ठ १८४-५ अनु. १-५)
नं. २: यिर्मयाह ५:१-१४
नं. ३: td २९घ यहोवा के अद्भुत गुण
नं. ४ td २९च सभी एक ही परमेश्वर की उपासना नहीं कर रहे हैं
दिस. ११ बाइबल पठन: यिर्मयाह ७ से ९
गीत क्र. १५८
नं. १: यहोवा अपने लोगों को एकता में लाता है (uw पृष्ठ १८६-७ अनु. ६-९)
नं. २: यिर्मयाह ९:१२-२६
नं. ३: td ३०क यहोवा के गवाहों का प्रारम्भ
नं. ४: td ३१ख यीशु परमेश्वर का पुत्र और नियुक्त राजा है
दिस. १८ बाइबल पठन: यिर्मयाह १० से १२
गीत क्र. २२२
नं. १: मानव सृष्टि स्वतंत्र की जाएगी (uw पृष्ठ १८८-९१ अनु. १०-१७)
नं. २: यिर्मयाह १०:६-१५, २२-२५
नं. ३: td ३१घ हमें यीशु मसीह में विश्वास क्यों रखना चाहिए
नं. ४: td ३१ङ मसीह में विश्वास के साथ-साथ काम भी आवश्यक हैं
दिस. २५ लिखित पुनर्विचार। सम्पूर्ण यशायाह २३ से यिर्मयाह १२ तक
गीत क्र. ३४