जून के लिए सेवा सभाएँ
जून ५ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ७ (१९)
१२ मि: स्थानीय घोषणाएँ और हमारी राज्य सेवकाई से चुनी हुई घोषणाएँ। “बरसात फिर से आ गयी है!” की चर्चा कीजिए।
१५ मि: “यहोवा सामर्थ देता है।” सवाल और जवाब। फरवरी १, १९९२ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) पृष्ठ ३२ में दिया गया अनुभव सुनाइए।
१८ मि: “यहोवा हमारा सृष्टिकर्ता है।” श्रोतागण के साथ चर्चा कीजिए। सृष्टि पुस्तक के लिए सुझाई गई प्रस्तुति का एक प्रदर्शन करवाइए तथा एक और प्रदर्शन करवाइए जिसमें स्थानीय रूप से पेश की जा रही कोई भी १९२-पृष्ठवाली पुस्तक की प्रस्तुति हो। अप्रैल और मई के दौरान किए गए राज्य समाचार के वितरणों पर कैसे पुनःभेंट करनी है इसके बारे में कुछ संक्षिप्त सुझाव भी शामिल कीजिए।
गीत १७ (१२) और समाप्ति प्रार्थना।
जून १२ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत २२१ (७३)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। लेखा रिपोर्ट।
१७ मि: “मसीह—युवकों के लिए एक आदर्श के तौर पर।” सवाल और जवाब। सितम्बर १, १९८६ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) के पृष्ठ ४-६ से टिप्पणियाँ शामिल कीजिए।
१८ मि: “अविश्वासियों की मदद कीजिए।” कलीसिया पुस्तक अध्ययन संचालक दो या तीन प्रकाशकों के साथ लेख पर पुनर्विचार करता है और फिर चर्चा करता है कि जानकारी का कैसे प्रयोग करें। वे एक दूसरे को प्रस्तुतियाँ प्रदर्शित करने के द्वारा अभ्यास करते हैं।
गीत १२२ (९४) और समाप्ति प्रार्थना।
जून १९ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ८० (८)
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। दो या तीन संक्षिप्त पत्रिका प्रस्तुतियों को प्रदर्शित कीजिए जिन्हें इस सप्ताह क्षेत्र सेवा में प्रयोग किया जा सकता है।
१८ मि: दूसरों के लिए मूल्यांकन व्यक्त कीजिए। एक प्राचीन द्वारा दिसम्बर १, १९९४ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) के पृष्ठ २८-३० पर आधारित भाषण। कलीसिया में दूसरों के लिए आदर और प्रेममय परवाह प्रदर्शित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दीजिए।
१७ मि: “अपने समय का सदुपयोग कीजिए।” सवाल और जवाब। टीवी देखने में बिताए गए समय के सम्बन्ध में मई २२, १९९१ की अवेक! के पृष्ठ ११ पर “नियंत्रण करना” उपशीर्षक के नीचे दिए गए सुझावों का पुनर्वलोकन कीजिए।
गीत २०८ (१०५) और समाप्ति प्रार्थना।
जून २६ से आरम्भ होनेवाला सप्ताह
गीत ७५ (५८)
१५ मि: स्थानीय घोषणाएँ। पुनःभेंट करने के महत्त्व के बारे में संक्षिप्त रूप से चर्चा कीजिए। हमारे शैक्षिक कार्य का अहम भाग तब किया जाता है जब हम दिलचस्पी को विकसित करने के लिए लौटते हैं। बहुत कम लोग ही केवल साहित्य से आध्यात्मिक प्रगति कर सकते हैं। जब हम नहीं लौटते तब हम उनकी मदद करने का अपना सर्वोत्तम अवसर खो देते हैं। पुनःभेंटों से बाइबल अध्ययन परिणित होते हैं। एक हफ़्ते तक इंतज़ार करने के बजाय एक या दो दिनों में लौटने से अनेक प्रकाशकों ने सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त किए हैं।—हमारी सेवकाई (अंग्रेज़ी) पुस्तक, पृष्ठ ८८-९ देखिए।
१५ मि: प्रश्न बक्स। सवाल और जवाब जो प्रहरीदुर्ग अध्ययन संचालक द्वारा संभाला जाएगा। स्कूल गाइडबुक (अंग्रेज़ी) पृष्ठ ९१-२ पर आधारित अतिरिक्त टिप्पणियाँ कीजिए।
१५ मि: जुलाई के लिए साहित्य भेंट का पुनर्वलोकन कीजिए। जो ब्रोशर कलीसिया में उपलब्ध हैं उनकी मुख्य विशेषताओं के बारे में चर्चा कीजिए। प्रकाशकों से संक्षिप्त प्रस्तुतियाँ प्रदर्शित करवाइए कि ये कैसे दरवाज़े पर प्रस्तुत किए जा सकते हैं। उदाहरण: क्या परमेश्वर वास्तव में हमारी परवाह करता है? (पृष्ठ २६-७ खोलिए, चित्रों को दिखाइए, और आनेवाले परादीस के बारे में एक शास्त्रवचन की चर्चा कीजिए।) जीवन का उद्देश्य क्या है? आप इसे कैसे पा सकते हैं? (पृष्ठ ३०-१ खोलिए, एक उद्धृत शास्त्रवचन के बारे में विचार कीजिए, और चित्र की चर्चा कीजिए।) जब आपका कोई प्रियजन मर जाता है (अंग्रेज़ी)। (पृष्ठ २ पर उठाए गए सवालों की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए, और फिर पृष्ठ ३१ पर पाए गए एक या दो सांत्वनादायक शास्त्रीय विचारों पर टिप्पणी कीजिए।) कलीसिया को बताइए कि कौन-से ब्रोशर अब उपलब्ध हैं।
गीत २२५ (१८) और समाप्ति प्रार्थना।