दिलचस्पी दिखानेवाले सभी लोगों के लिए सच्ची परवाह दिखाइए
संसार-भर में राज्य उद्घोषणा जल्द ही समाप्त हो जाएगी, उसके बाद वे सभी “जो परमेश्वर को नहीं पहचानते” नष्ट कर दिए जाएँगे। (२ थिस्स. १:७-९) इसलिए, दूसरों के जीवन की सच्ची परवाह, यहोवा के लोगों को ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक राज्य संदेश लेकर पहुँचने के लिए प्रेरित कर रही है।—सप. २:३.
२ हर महीने, उन लोगों को ढूँढ़ निकालने में करोड़ों घंटे व्यतीत किए जाते हैं जो “कल्याण का शुभ समाचार” सुनना चाहते हैं। (यशा. ५२:७) वर्तमान साहित्य भेंट के जवाब में, कई लोगों ने प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के अभिदान या प्रतियाँ, या ब्रोशर परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? स्वीकार किया है। इन लोगों के लिए सच्ची परवाह हमें सभी दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों से पुनःभेंट करने के लिए प्रेरित करेगी।—नीति. ३:२७.
३ सही-सही रिकार्ड रखिए: यदि आप दिलचस्पी दिखानेवाले व्यक्ति और वितरण का पूरा-पूरा और सही रिकार्ड रखते हैं, तो और ज़्यादा सफलता हासिल की जा सकेगी। ऐसी जानकारी जैसे कि गृहस्वामी का नाम और पता, दिन और समय जब आपने भेंट की, दिया गया साहित्य, और जिस विषय पर चर्चा की गई, लौटने पर आपको ज़्यादा प्रभावकारी होने में मदद करेगी। साथ ही, यदि आप अपने प्रारंभिक वार्तालाप में गृहस्वामी द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लिखते हैं, तो पुनःभेंट में चर्चा जारी रखते समय आप प्रभावकारी रूप से उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
४ पुनःभेंट करने में तत्पर रहिए: पिछले महीने जिन लोगों ने आपसे साहित्य लिया था, आपने उनमें से कितनों से पुनःभेंट करने की कोशिश की है? क्या कोई संपर्क किए बग़ैर हफ़्तों गुज़र गए हैं? उनकी अनंत भलाई के लिए सच्ची परवाह आपको यथाशीघ्र लौटने के लिए प्रेरित करेगी, अच्छा होगा कुछ दिनों के अंदर ही, जब वार्तालाप दिमाग़ में स्पष्ट होगा। उनकी दिलचस्पी को बढ़ाने के लिए तत्परता से लौटने के द्वारा, आप शायद शैतान के प्रयासों का प्रतिरोध कर सकें इससे पहले कि वह ‘आकर वचन को, जो उन में बोया गया था, उठा ले जाए।’—मर. ४:१५.
५ तैयारी ज़रूरी है: पुनःभेंट करने में आपकी प्रभावकारिता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी बढ़िया तैयारी करते हैं। जाने से पहले अपनी मुलाक़ात के तरीक़े की योजना बनाइए। अप्रैल १९९७ की हमारी राज्य सेवकाई का अंतिम पृष्ठ कई प्रस्तुतियाँ पेश करता है जिन्हें आप अभिदान या माँग ब्रोशर प्रस्तुत करते समय अच्छी सफलता के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। फिर बात आती है मन में कुछ विचार रखने की, ताकि लौटते समय आप उन्हें बाँट सकें। रुचि दिखानेवाले के साथ पुनःभेंट करते समय क्या कहा जा सकता है? एक बाइबल अध्ययन कैसे शुरू किया जा सकता है?
६ इस चर्चा पर पुनःभेंट करते समय कि पृथ्वी को साफ़-सुथरा करने और रहने लायक़ एक बेहतर जगह बनाने के लिए किस बात की ज़रूरत है, आप शायद कहें:
▪ “मेरी पिछली भेंट पर, हम सहमत हुए थे कि पृथ्वी को एक शांतिमय परादीस बनाए जाने से पहले कड़े क़दम उठाने की ज़रूरत है। क्या आप सोचते हैं कि इंसान के पास वह चीज़ है जो इस काम को पूरा करने के लिए ज़रूरी है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] कृपया ध्यान दीजिए कि जब परमेश्वर इंसान के मामलों में दख़ल देगा, तो क्या परिणाम होगा।” यशायाह ३५:१ पढ़िए। फिर ज्ञान पुस्तक का अध्याय १ खोलिए, और अनुच्छेद ११-१६ के चुने हुए हिस्सों का यह बताने के लिए इस्तेमाल कीजिए कि परमेश्वर क्या निष्पन्न करेगा। पुस्तक से एक बाइबल अध्ययन की पेशकश करते हुए पुनःभेंट कीजिए।
७ यदि आपने पहली भेंट में परमेश्वर के राज्य के बारे में चर्चा की थी और “माँग” ब्रोशर दिया था, तो लौटने पर आप कुछ ऐसा कह सकते हैं:
▪ “पिछली बार जब हमने बात की थी, हमने परमेश्वर के राज्य की पहचान एक वास्तविक सरकार के रूप में की थी जो पूरी पृथ्वी पर शासन करेगी। बाइबल बताती है कि मसीह यीशु उसका शासक होगा। क्या आप इस प्रकार की सरकार और अगुआ होने के फ़ायदों की कल्पना कर सकते हैं?” प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। माँग ब्रोशर का पाठ ६ खोलिए। अनुच्छेद ६-७ के चुने हुए मुद्दों और पृष्ठ १३ पर दिए गए चित्र का इस्तेमाल करते हुए, बताइए कि परमेश्वर का राज्य भविष्य में मानवजाति के लिए क्या करेगा। दानिय्येल २:४४ पढ़िए, और यदि उचित हो, तो ज्ञान पुस्तक प्रस्तुत कीजिए और एक बाइबल अध्ययन का प्रस्ताव रखिए।
८ यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है जो मानता है कि संसार के धर्मों ने मानवता के लिए समस्याएँ खड़ी की हैं, तो पुनःभेंट पर आप यह पूछ सकते हैं:
▪ “क्या आपने कभी सोचा है कि हम कैसे जान सकते हैं कि कौन से धर्म को परमेश्वर की स्वीकृति प्राप्त है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] यह ब्रोशर परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? सच्चे धर्म के पहचान चिन्हों को बताता है।” अध्याय १३ खोलिए, और अनुच्छेद ३-७ में तिरछे टाइप में दिए गए पाँच मुद्दों को विशिष्ट कीजिए। आप आगे यह कह सकते हैं: “सच्चे धर्म को जानने के अलावा, हमें यह भी जानना चाहिए कि परमेश्वर हमसे व्यक्तिगत तौर पर क्या माँग करता है।” यूहन्ना ४:२३, २४ पढ़िए। इस बारे में आगे चर्चा करने का प्रस्ताव रखिए। ब्रोशर में अध्याय १ खोलिए, और प्रदर्शित कीजिए कि हम कैसे अध्ययन करते हैं।
९ जब आप पारिवारिक ख़ुशी के बारे में एक चर्चा को जारी रखने के लिए लौटते हैं, तो आप निम्नलिखित से मिलता-जुलता कुछ कह सकते हैं:
▪ “जब हम पहली बार मिले थे, तो मैंने आपको पारिवारिक ख़ुशी का रहस्य बताया था, जो कि परमेश्वर के वचन, बाइबल में मिलनेवाली सलाह को लागू करना है। जब एक आधुनिक परिवार की ज़रूरतों पर ध्यान देने की बात आती है, तो क्या आप मानते हैं कि बाइबल पुरानी-धुरानी है या दिनाप्त है?” प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। ज्ञान पुस्तक पेश कीजिए। अध्याय २ खोलिए, और अनुच्छेद १३ में दिया गया उद्धरण पढ़िए। अनुच्छेद ३ के मुद्दों का इस्तेमाल करते हुए, एक पारिवारिक बाइबल अध्ययन का प्रस्ताव रखिए।
१० सही-सही रिकार्ड रखने, ज़रूरी तैयारी करने, और उनकी दिलचस्पी बढ़ाने के लिए तत्परता से पुनःभेंट करने के द्वारा हम ऐसा पड़ोसी-प्रेम प्रदर्शित कर सकते हैं जो उन्हें उद्धार के मार्ग की ओर आकर्षित करेगा।—मत्ती २२:३९; गल. ६:१०.