जून के लिए सेवा सभाएँ
जून १ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत २२३
८ मि: स्थानीय घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ।
१५ मि: “हर एक भले काम के लिये तत्पर हो।” सवाल और जवाब। फरवरी १५, १९८९ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी), पृष्ठ २२-४ पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ कीजिए।
२२ मि: “‘सब प्रकार के मनुष्यों’ को गवाही देना।” एक प्राचीन और कुछ अनुभवी प्रकाशक सुझायी गई प्रस्तावनाओं पर चर्चा करते
हैं। संक्षिप्त में बताइए कि क्षेत्र में कौन-से धर्मों के लोग मिलते हैं और समझाइए कि किसी व्यक्ति से बात शुरू करनी है तो कोई विषय मन में रखना क्यों ज़रूरी है। संक्षिप्त में एक या दो प्रदर्शन करवाइए।
गीत ११२ और समाप्ति प्रार्थना।
जून ८ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत २०९
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। लेखा रिपोर्ट।
१५ मि: “स्वामी की संपत्ति की देखरेख करना।” अंतःपत्र में दी गई जानकारी पर प्राचीन द्वारा भाषण।
२० मि: “कार्य पूरा करने के लिए हम सभी की ज़रूरत है।” सवाल और जवाब। बताइए की ज़रूरी काम किए जाने के लिए प्राचीन क्यों अनेक स्वयंसेवकों पर निर्भर रहते हैं। स्थानीय ज़रूरतों के बारे में फिर से बताइए, जैसे कि राज्यगृह की साफ-सफाई और रख-रखाव, बीमार और बूढ़ों की मदद तथा पूरे क्षेत्र में काम करने के बारे में। प्राचीनों से पूछिए कि वे स्वेच्छा से मदद करनेवालों की कितनी कदर करते हैं। ज़ोर दीजिए कि हरेक व्यक्ति के प्रयास की कितनी ज़रूरत है।
गीत १५३ और समाप्ति प्रार्थना।
जून १५ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत ७
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। “प्रकाशकों की क्रेडिट पॉलिसी में तबदीली” पर चर्चा कीजिए।
२० मि: “[कड़ा] यत्न करो।” नवंबर १, १९८६ की प्रहरीदुर्ग पृष्ठ १६-२१ पर आधारित भाषण। नियमित पायनियर सेवा के महत्त्व पर चर्चा करते हुए लोगों को सितंबर १ तक नामांकन के लिए प्रोत्साहित कीजिए।
१५ मि: “अच्छे चालचलन से गवाही देना।” सवाल और जवाब। अच्छा उदाहरण रखनेवाले कुछ युवाओं के इंटरव्यू लीजिए। वे बताते हैं कि उनके मसीही चालचलन से कैसे दूसरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जनवरी १, १९९५ की प्रहरीदुर्ग में, पृष्ठ २४-५ पर दिए गए एक या दो अनुभव बताइए।
गीत १७० और समाप्ति प्रार्थना।
जून २२ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत ६१
१० मि: स्थानीय घोषणाएँ। बताइए कि कलीसिया की लेखा-परीक्षा किस दिन पूरी हुई।
१५ मि: पत्रिका मार्ग कैसे शुरू करें। बताइए की क्या करना ज़रूरी है: साहित्य वितरणों का रिकॉर्ड रखना, दो सप्ताह के अंदर ही पुनःभेंट करना, हाल की पत्रिकाओं से कुछ नए विषय दिखाना ताकि दिलचस्पी बनी रहे। पड़ोसियों, सहकर्मियों, दुकानदारों, गराजों में काम करनेवालों इत्यादि को शामिल करने का सुझाव दीजिए। लगातार दिलचस्पी दिखानेवालों के सामने अभिदान का प्रस्ताव रखिए। एक या दो प्रकाशकों से पत्रिका मार्ग के बारे में अच्छे अनुभव बताने के लिए कहिए।
२० मि: पायनियर दूसरों की सहायता करते हैं। सेवा ओवरसियर द्वारा भाषण, ऐसे प्रबंध के बारे में बात करता है जहाँ पायनियर व्यक्तिगत रूप से दूसरों की मदद कर सकें। बताइए की अतीत में कैसे सहायता देने के प्रबंध किए गए थे। [ jv १००; km (अंग्रेज़ी) ८/७९ १, ३] पिछले तीन सालों में, जिन दस लाख से भी ज़्यादा नए लोगों का बपतिस्मा हुआ, उन्हें प्रशिक्षण की ज़रूरत है। “पायनियर दूसरों की सहायता करते हैं” प्रबंध में उन नियमित और खास पायनियरों के अनुभव और प्रशिक्षण का इस्तेमाल किया जाएगा जो पायनियर सेवा स्कूल में उपस्थित रह चुके हैं। लक्ष्य यह है कि सेवकाई में निपुण होने तथा उसमें और भी अधिक भाग लेने के लिए हर पायनियर एक साल में दो प्रकाशकों की मदद करे। जिन्हें मदद दी जाती है उन्हें घबराने की ज़रूरत नहीं; प्रेमपूर्वक और कृपापूर्वक प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इस नये प्रबंध से लाखों लोगों के ज़्यादा प्रभावकारी सेवक बनने की संभावना है।
गीत २०७ और समाप्ति प्रार्थना।
जून २९ से आरंभ होनेवाला सप्ताह
गीत ११४
१० मि: घोषणाएँ। सभी को जून की क्षेत्र सेवा रिपोर्ट डालने की याद दिलाइए। जुलाई के साहित्य भेंट पर चर्चा कीजिए।
१५ मि: क्या मैं धीमा पड़ गया हूँ? जनवरी १, १९८८ की प्रहरीदुर्ग, पृष्ठ २७-२८ और अनुच्छेद १४-१६ पर आधारित प्राचीन द्वारा भाषण। कई सालों से जो क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं, उन्हें अपनी पवित्र सेवा की गुणवत्ता और मात्रा पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।
२० मि: हम सभी अनौपचारिक रूप से साक्षी दे सकते हैं। जुलाई १, १९८८ की प्रहरीदुर्ग, पृष्ठ २१-६ पर आधारित भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। बताइए कि सांसारिक, पारिवारिक या व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियों के कारण व्यस्त रहनेवाले लोग दूसरों के साथ सुसमाचार बाँटने के लिए कैसे रोज़ाना अनेक मौकों का फायदा उठा सकते हैं। कुछ स्थानीय अनुभव बताइए।
गीत ७६ और समाप्ति प्रार्थना।