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हमारी राज-सेवा—1999
km 7/99 पेज 2

जुलाई के लिए सेवा सभाएँ

जुलाई ५ से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत ६

१० मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। अपनी और देश के सभी कलीसियाओं के मार्च महीने की सेवा रिपोर्ट पर चर्चा कीजिए। ईश्‍वरशासनिक समाचार।

२० मि: “मदद के लिए यहोवा से प्रार्थना कीजिए।” शुरूआत में एकाध मिनट के लिए कुछ टिप्पणियाँ कीजिए और फिर श्रोताओं के साथ सवाल-जवाब करते हुए चर्चा को आगे बढ़ाइए। समझाइए कि प्रचार के काम में कामयाब होने के लिए प्रार्थनाओं की कितनी अहमियत है। श्रोताओं से पूछिए कि किस तरह सेवकाई के बारे में उनकी प्रार्थनाओं का जवाब मिला।—अक्‍तूबर १५, १९९६, प्रहरीदुर्ग, पेज ३२ देखिए।

१५ मि: ब्रोशरों का अच्छा इस्तेमाल कीजिए। भाषण और प्रदर्शन। समझाइए कि ब्रोशर क्यों हमारी सेवकाई में बहुत ही फायदेमंद हैं। ये ऐसे अलग-अलग विषयों पर हैं जिन्हें दुनिया भर के लोग पसंद करते हैं। हर ब्रोशर में एक ही विषय पर संक्षिप्त में चर्चा की गयी है और बाइबल की शिक्षाओं को सरल भाषा में बताया गया है। इस महीने पेश किए जानेवाले ब्रोशरों के नाम बताइए और वे ब्रोशर दिखाइए जिनका आपकी कलीसिया में काफी स्टॉक है। दो या तीन छोटे प्रदर्शन दिखाइए जिनमें वॉच टावर पब्लिकेशन्स इंडेक्स में “प्रॆज़ंटेशंस” के नीचे दिए गए सुझावों का इस्तेमाल किया गया हो।

गीत १८१ और आखिरी प्रार्थना।

जुलाई १२ से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत १०३

१० मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट।

१५ मि: “पहले से तैयारी करने से खुशी मिलती है।” भाषण और इंटरव्यू। समझाइए कि प्रचार करने से पहले तैयारी करना क्यों ज़रूरी है और इससे हमें सेवकाई में कैसे ज़्यादा खुशी मिलती है। ( स्कूल गाइड बुक, पेज ३९, पैराग्राफ १-३ देखिए।) दो या तीन योग्य प्रकाशकों की इंटरव्यू लीजिए। उनसे पूछिए कि वे सेवकाई में जाने से पहले कैसे तैयारी करते हैं और इससे उन्हें किस तरह मदद मिलती है। अप्रैल १५, १९९३, प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी) के पेज ३० में दिया गया अनुभव बताकर समझाइए कि सेवकाई के लिए तैयारी करने में रीज़निंग किताब का किस तरह अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है।

२० मि: “आइए हम ‘असली बात पर आएँ!’ ” श्रोताओं के साथ चर्चा और प्रदर्शन। लेख में दिया गया हर सुझाव बताकर समझाइए कि प्रचार में हम क्या कहें, ताकि लोग सुनने के लिए तैयार हों। अनुभवी प्रकाशकों से कुछ प्रदर्शन करवाइए कि किस तरह से बातचीत शुरू करना ज़्यादा असरदार होगा। श्रोताओं को भी अपने सुझाव देने और अच्छे अनुभव बताने के लिए कहिए कि कौन-से तरीके उनके इलाके में कारगर हैं।

गीत १८३ और आखिरी प्रार्थना।

जुलाई १९ से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत ३१

१० मि: कलीसिया की घोषणाएँ।

१५ मि: कलीसिया की ज़रूरतें।

२० मि: क्या मुझे किसी संगठन का सदस्य होना ज़रूरी है? श्रोताओं के साथ रीज़निंग किताब के पेज २८०-४ पर चर्चा। हम अकसर ऐसे लोगों से मिलते हैं जो राज्य संदेश सुनते तो हैं पर किसी धार्मिक संगठन का “सदस्य” बनना पसंद नहीं करते। किताब से “संगठन” के मतलब पर और उसमें दी गई सात बातों पर चर्चा कीजिए जिनसे हम यहोवा के सच्चे संगठन को पहचान सकते हैं। समझाइए कि यहोवा के संगठन और बाकी संगठनों में क्या फर्क है और इसका सदस्य होने से कैसे सचमुच आशीषें मिलती हैं।

गीत १८९ और आखिरी प्रार्थना।

जुलाई २६ से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत १८४

१० मि: कलीसिया की घोषणाएँ। सभी को जुलाई की क्षेत्र सेवा रिपोर्ट डालने की याद दिलाइए। प्रश्‍न बक्स।

१५ मि: क्या हम शिष्य बना रहे हैं? फरवरी १५, १९९६, प्रहरीदुर्ग के पेज १९-२२ में दी गई बातों पर सर्विस ओवरसियर एक या दो सहायक सेवकों के साथ चर्चा करता है। बाइबल से बताइए कि हमें क्यों अपने इलाके में योग्य लोगों को ढूँढ़ना चाहिए और उन्हें शिष्य बनाना चाहिए। (मत्ती १०:११) ये ऐसे लोग हैं जो दुनिया में हो रही बुराई को देखकर आहें भरते हैं और जो यहोवा का क्रोध का दिन शुरू होने से पहले उसे जानना चाहते हैं। (यहे. ९:४; सप. २:२, ३) इन्हीं में से कुछ लोग “अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए” हैं। (प्रेरि. १३:४८) हमारा काम है ऐसे लोगों को शिष्य बनाना और वे सारी बातें सिखाना जिनकी आज्ञा यीशु ने दी थी। (मत्ती २४:१४; २८:१९, २०) घर-घर के प्रचार काम में, कहीं भी मौका मिलने पर गवाही देकर, और सड़क पर गवाही देकर भले ही हम लोगों में दिलचस्पी पैदा करें लेकिन हम उन्हें शिष्य तभी बना सकते हैं जब हम उनसे दोबारा मिलते हैं और बाइबल स्टडी करते हैं। इसके लिए ऐसे सुझाव दीजिए जिन पर अमल किया जा सकता है।

२० मि: “हम अपने परमेश्‍वर के भवन को न छोड़ेंगे।” एक प्राचीन जनवरी १९९७ की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट, पेज ३-६ से एक जोशीला भाषण देता है। कलीसिया से कहिए कि वे अपना किंगडम हॉल बनाने की पूरी कोशिश करें और अगर पहले से किंगडम हॉल है तो उसकी मरम्मत करके उसे अच्छे हाल में रखें और देश भर की कलीसियाओं को अपना किंगडम हॉल बनाने में मदद करें। पेज ६ के बक्स पर भी चर्चा कीजिए।

गीत ११८ और आखिरी प्रार्थना।

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