सन् २००० के लिए ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल की तालिका
हिदायतें
साल २००० के दौरान ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल के लिए ये इंतज़ाम किए गए हैं
किताबें: द होली बाइबल हिन्दी ओल्ड वर्शन [ohv], प्रहरीदुर्ग [w-HI], ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है [kl], “चर्चा के लिए बाइबल विषय” [td], से भाषण दिए जाएँगे।
स्कूल को समय पर शुरू करना चाहिए। शुरुआत गीत, प्रार्थना और स्वागत के चंद शब्दों से होगी। जिन कलीसियाओं में मीटिंग हिंदी में होती है उन्हें बताया जाता है कि वे हिंदी गीत पुस्तक के गीत गाएँ। गीत क्रमांक हिंदी गीत पुस्तक के हैं। स्कूल ओवरसियर को शुरू में यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि कार्यक्रम में कौन-कौन से भाषण होंगे। हर भाषण से पहले उसे भाषण का विषय बताना चाहिए। हर भाषण के लिए ये हिदायतें दी गई हैं:
भाषण नं. १: १५ मिनट। यह भाषण प्रहरीदुर्ग या ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है से होगा जिसे एक प्राचीन या सहायक सेवक देगा। जो भाषण प्रहरीदुर्ग से है उसे १५ मिनट का होना चाहिए जिसमें सवाल नहीं पूछे जाएँगे; और अगर भाषण ज्ञान किताब से हो तो उसे १० से १२ मिनट में देने के बाद ३ से ५ मिनट तक उसमें छापे गए सवाल पूछने चाहिए। इस भाषण का मकसद सिर्फ दिया गया सारा विषय बताना ही नहीं है बल्कि कलीसिया का ध्यान इस बात पर लाना है कि चर्चा किए जानेवाले विषय को हम कैसे अमल कर सकते हैं ताकि उन्हें इस भाषण से पूरा-पूरा फायदा मिल सके। तालिका में दिए गए शीर्षक का इस्तेमाल करना चाहिए।
यह भाषण देनेवाले भाई को ख्याल रहना चाहिए कि वह दिए गए समय में अपना भाषण खत्म कर दें। अगर यह भाषण देनेवाले भाई को सलाह देनी ज़रूरी पड़े या अगर भाई खुद इसकी गुज़ारिश करे तो उसे सलाह दी जा सकती है।
बाइबल से खास बातें: ६ मिनट। इसे एक प्राचीन या सहायक सेवक को देना चाहिए जो दी गई आयतों से ऐसी बातें बताएगा जिससे कलीसिया को फायदा हो। इस भाषण के लिए किसी शीर्षक का होना ज़रूरी नहीं है। इसमें दिए गए अध्यायों का सिर्फ सार ही नहीं बताना चाहिए। पहले सिर्फ ३० से ६० सेकेंड में सरसरी तौर पर इन अध्यायों के बारे में बताया जा सकता है। इस भाषण का खास मकसद है श्रोताओं को यह समझने में मदद करना कि इन अध्यायों में दी गई जानकारी उनके लिए क्यों और कैसे फायदेमंद है। इसके बाद आगे के भाषणों के लिए स्कूल ओवरसियर भाई-बहनों को अपने-अपने ग्रूप में भेज देगा।
भाषण नं. २: ५ मिनट। इसे एक भाई पेश करेगा। इसमें बाइबल की कुछ आयतें पढ़ी जाएँगी। यह मेन स्कूल और ऑक्ज़लरी ग्रूप दोनों में दिया जाएगा। पढ़ने के लिए अकसर कम आयतें दी जाती हैं ताकि भाषण की शुरुआत और आखिर में भाई कुछ जानकारी दे सके। दी गई आयतों की ऐतिहासिक जानकारी, या अगर उनमें कोई भविष्यवाणी हो तो उसके पूरा होने के बारे में या फिर उनमें दिए गए उसूलों को लागू करने के बारे में बताया जा सकता है। दी गई सभी आयतों को पढ़ना चाहिए और बीच में समझाने के लिए नहीं रुकना चाहिए। मगर जब सारी आयतें एक साथ नहीं हैं तो भाई बता सकता है कि वह आगे किस आयत से पढ़नेवाला है।
भाषण नं. ३: ५ मिनट। इसे किसी बहन को दिया जाएगा। इसके लिए विषय “चर्चा के लिए बाइबल विषय” से होगा। इसकी सॆटिंग किसी भी मौके पर साक्षी देने, रिटन विज़िट या बाइबल स्टडी करने की हो सकती है और इसमें भाग लेनेवाली बहनें चाहें तो खड़ी होकर या फिर बैठकर बात कर सकती हैं। स्कूल ओवरसियर खासकर इस बात पर ध्यान देगा कि बहन किस तरह विषय के मुताबिक अपना भाग पेश करती है और दूसरे व्यक्ति को बाइबल की आयतें समझने में मदद करती है। बहन को पढ़ना आना चाहिए। स्कूल ओवरसियर उस बहन के साथ सहायक के तौर पर दूसरी बहन को नियुक्त करेगा और अगर ज़रूरत पड़े तो तीसरे को भी साथ में लिया जा सकता है। सॆटिंग पर नहीं बल्कि इस पर खास ध्यान देना चाहिए कि बहन बाइबल का कितने अच्छे तरीके से इस्तेमाल करती है।
भाषण नं. ४: ५ मिनट। यह भाषण ज़्यादातर बाइबल में बताए गए किसी शख्स के बारे में या “चर्चा के लिए बाइबल विषय” से होगा। जब यह भाषण प्रहरीदुर्ग से होता है तो भाई या बहन को चाहिए कि वह दिए गए विषय के मुताबिक अपना भाग तैयार करे और आयतों को अच्छी तरह पढ़कर देखे ताकि बाइबल के शख्स के बारे में उसे अच्छी तरह समझ आए कि उसकी मिसाल, उसकी शख्सियत, उसके गुणों या सोच-विचार से क्या सीखा जा सकता है। अगर विषय किसी अच्छे शख्स के बारे में हो, तो भाषण में बताना चाहिए उसकी वफादारी, साहस, नम्रता या उसका सच्चा प्रेम किस तरह हमारे लिए एक अच्छी मिसाल है लेकिन अगर विषय किसी बुरे शख्स के बारे में हो तो यह समझाना चाहिए कि उसके बुरे गुणों से हम क्या सबक सीख सकते हैं। जब यह भाषण “चर्चा के लिए बाइबल विषय” से होगा तो दिए गए विषय के मुताबिक भाषण देना चाहिए और यह बताने की कोशिश करनी चाहिए कि बाइबल की आयतों को कैसे अमल में लाया जा सकता है। भाषण नं. ४ भाई या बहन किसी को भी दिया जा सकता है। अगर भाई देता है तो इसे एक भाषण के तौर पर देना चाहिए। और अगर कोई बहन पेश करती है तो तीसरे भाषण के लिए दी गई हिदायतों के मुताबिक ही इसे पेश करना चाहिए। साथ ही, अगर भाषण नं. ४ के विषय के बाद # निशानी हो तो यह भाषण किसी भाई को ही देने की कोशिश करनी चाहिए।
*अतिरिक्त बाइबल-पढ़ाई की तालिका: गीत नंबर के बाद ब्रैकेट में बताया गया है कि हर हफ्ते में कितने अध्याय पढ़ने चाहिए। इस तालिका के मुताबिक अगर हम हर हफ्ते करीब दस पन्ने पढ़ें तो पूरी बाइबल तीन साल में पढ़ी जा सकती है। स्कूल कार्यक्रम या रिटन रिव्यू का कोई भी भाग अतिरिक्त बाइबल-पढ़ाई की तालिका से नहीं होगा।
नोट: सलाह, समय, रिटन रिव्यू और भाषणों की तैयारी के बारे में ज़्यादा जानकारी और हिदायतों के लिए अक्तूबर १९९६ की हमारी राज्य सेवकाई का पेज ३ देखिए।
तालिका
जन. ३ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण ४-६
गीत नं. २२ [*यिर्मयाह ४९-५२]
नं. १: यहोवा की आशीषों की कदर कीजिए (w-HI९८ १/१ पृ. २२-४)
नं. २: व्यवस्थाविवरण ६:४-१९
नं. ३: td १क पूर्वजों की पूजा करना परमेश्वर को क्यों पसंद नहीं है
नं. ४: मूसा और हारून—विषय: #यहोवा असीम सामर्थ देता है (w-HI९६ १/१५ पृ. २४-५)
जन. १० बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण ७-१०
गीत नं. ६ [*विलापगीत १-५]
नं. १: सच्चे परमेश्वर की प्रतिष्ठा बढ़ाइए (w-HI९८ १/१ पृ. ३०-१)
नं. २: व्यवस्थाविवरण ८:१-१८
नं. ३: td १ख मनुष्यों का सम्मान किया जा सकता है, परन्तु उपासना केवल परमेश्वर की होनी चाहिए
नं. ४: अपने बच्चों के मन में सच्चाई बिठाइए (w-HI९६ ५/१५ पृ. ८-९)
जन. १७ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण ११-१४
गीत नं. २१ [*यहेजकेल १-९]
नं. १: अपने प्रियजनों के लिए पहले से क्यों तैयारी करें (w-HI९८ १/१५ पृ. १९-२२)
नं. २: व्यवस्थाविवरण ११:१-१२
नं. ३: td २क अरमगिदोन—दुष्टता का अंत करनेवाला युद्ध
नं. ४: योना—विषय: #यहोवा की दया बेमिसाल है (w-HI९६ ५/१५ पृ. २४-८)
जन. २४ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण १५-१९
गीत नं. १८ [*यहेजकेल १०-१६]
नं. १: लोगों को बदलने और एक करने की सच्चाई की शक्ति (w-HI९८ १/१५ पृ. २९-३१)
नं. २: व्यवस्थाविवरण १९:११-२१
नं. ३: td २ग क्यों अरमगिदोन परमेश्वर के प्यार का एक सबूत है
नं. ४: #वफादारी से भाइयों का साथ निभाने के अच्छे नतीजे मिलते हैं (w-HI९६ ६/१५ पृ. २८-३०)
जन. ३१ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण २०-२३
गीत नं. १ [*यहेजकेल १७-२१]
नं. १: प्रशंसा और चापलूसी के बारे में बाइबल का नज़रिया (w-HI९८ २/१ पृ. २९-३१)
नं. २: व्यवस्थाविवरण २०:१०-२०
नं. ३: td ३क बपतिस्मा—एक मसीही आवश्यकता
नं. ४: इपफ्रुदीतुस—विषय: #निडर रहिए और परमेश्वर के सेवकों के लिए प्यार दिखाइए (w-HI९६ ८/१५ पृ. २७-३०)
फर. ७ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण २४-२७
गीत नं. २९ [*यहेजकेल २२-२७]
नं. १: सच्चे आशावाद के कारण (w-HI९८ २/१ पृ. ४-६)
नं. २: व्यवस्थाविवरण २५:५-१६
नं. ३: td ३ख बपतिस्मा पापों को धो नहीं डालता
नं. ४: पतरस—विषय: #हिम्मत से गवाही देने के फायदे (w-HI९६ ९/१५ पृ. ८-९)
फर. १४ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण २८-३०
गीत नं. ५ [*यहेजकेल २८-३३]
नं. १: एहसानमंद होने की आत्मा विकसित कीजिए (w-HI९८ २/१५ पृ. ४-७)
नं. २: व्यवस्थाविवरण २८:१-१४
नं. ३: td ४क बाइबल परमेश्वर का वचन है
नं. ४: लुदिया—विषय: पहुनाई दिखाने से आशीषें मिलती हैं (w-HI९६ ९/१५ पृ. २६-८)
फर. २१ बाइबल पढ़ाई: व्यवस्थाविवरण ३१-३४
गीत नं. २१ [*यहेजकेल ३४-३९]
नं. १: ये अन्तिम दिन हैं! (kl अध्या. ११)
नं. २: व्यवस्थाविवरण ३२:३५-४३
नं. ३: td ४ग बाइबल—हमारे दिन के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शक
नं. ४: अपुल्लोस—विषय: #एक आध्यात्मिक व्यक्ति बनिए (w-HI९६ १०/१ पृ. २०-३)
फर. २८ बाइबल पढ़ाई: यहोशू १-५
गीत नं. ४ [*यहेजकेल ४०-४५]
नं. १: दुष्ट आत्मिक शक्तियों का विरोध कीजिए (kl अध्या. १२)
नं. २: यहोशू २:८-१६
नं. ३: td ४च बाइबल—सभी राष्ट्र के लोगों के लिए है
नं. ४: दानिय्येल—विषय: #परमेश्वर की सेवा नित्य करो (w-HI९६ ११/१५ पृ. ८-९)
मार्च ६ बाइबल पढ़ाई: यहोशू ६-९
गीत नं. १९ [*यहेजकेल ४६-दानिय्येल २]
नं. १: माता-पिताओ—अपने बच्चों की रक्षा कीजिए! (w-HI९८ २/१५ पृ. ८-११)
नं. २: यहोशू ७:१, १०-१९
नं. ३: td ५क रक्ताधान लहू की पवित्रता का उल्लंघन करते हैं
नं. ४: अक्विला और प्रिस्किल्ला—विषय: #जोश के साथ प्रचार कीजिए और पहुनाई दिखाइए (w-HI९६ १२/१५ पृ. २२-४)
मार्च १३ बाइबल पढ़ाई: यहोशू १०-१३
गीत नं. २१ [*दानिय्येल ३-७]
नं. १: करिश्माई असर के बारे में बाइबल क्या कहती है (w-HI९८ २/१५ पृ. २३-७)
नं. २: यहोशू ११:६-१५
नं. ३: td ५ख क्या इंसान की ज़िंदगी को किसी भी कीमत पर बचाना ज़रूरी है?
नं. ४: एलीएजेर—विषय: #यहोवा पर भरोसा कीजिए और अपनी तरफ से पूरी कोशिश कीजिए (w-HI९७ १/१ पृ. ३०-१)
मार्च २० बाइबल पढ़ाई: यहोशू १४-१७
गीत नं. १६ [*दानिय्येल ८–होशे २]
नं. १: ‘हमारे ही जैसी भावना रखनेवाले’ वफादार मनुष्य (w-HI९८ ३/१ पृ. २६-९)
नं. २: यहोशू १५:१-१२
नं. ३: td ६क अन्यजातियों का समय कब खत्म होता है?
नं. ४: हनोक—विषय: #परमेश्वर का भय मानिए और निर्दोष रहिए (w-HI९७ १/१५ पृ. २९-३१)
मार्च २७ बाइबल पढ़ाई: यहोशू १८-२०
गीत नं. १७ [*होशे ३-१४]
नं. १: पृथ्वी पर यीशु के अंतिम दिनों की याद ताज़ा करना (w-HI९८ ३/१५ पृ. ३-९)
नं. २: यहोशू १८:१-१०
नं. ३: td ७क मसीही चर्च क्या है?
नं. ४: एहूद—विषय: #साहसी बनिए और हिम्मत से काम लीजिए (w-HI९७ ३/१५ पृ. २९-३१)
अप्रै. ३ बाइबल पढ़ाई: यहोशू २१-२४
नं. १: धर्म-परायण जीवन जीने से क्यों ख़ुशी मिलती है (kl अध्या. १३)
नं. २: यहोशू २१:४३-२२:८
नं. ३: td ७घ क्या पतरस “चट्टान” है?
नं. ४: अम्राम और योकेबेद—विषय: बच्चों को सिखाने के फायदे (w-HI९७ ५/१ पृ. ३०-१)
अप्रै. १० बाइबल पढ़ाई: न्यायियों १-४
नं. १: आपको किसका अधिकार स्वीकार करना चाहिए? (kl अध्या. १४)
नं. २: न्यायियों ३:१-११
नं. ३: td ९A प्रमाणित विज्ञान सृष्टि के बारे में बाइबल में दिए गए ब्योरे से सहमत है
नं. ४: इपफ्रास—विषय: #अपने भाइयों की खातिर प्रार्थना कीजिए और उनकी सेवा कीजिए (w-HI९७ ५/१५ पृ. ३०-१)
अप्रै. १७ बाइबल पढ़ाई: न्यायियों ५-७
गीत नं. १८ [*मीका ६-सपन्याह १]
नं. १: सत्तर चेलों को मिली यीशु की हिदायतों से सीखिए (w-HI९८ ३/१ पृ. ३०-१)
नं. २: न्यायियों ५:२४-३१
नं. ३: td ९ख क्या सृष्टि का हर दिन २४ घंटों का था?
नं. ४: अबीगैल—विषय: ऐसे गुण दिखाइए जिनसे यहोवा का आदर हो (w-HI९७ ७/१ पृ. १४-५)
अप्रै. २४ रिटन रिव्यू। व्यवस्थाविवरण ४ से न्यायियों ७ तक
गीत नं. २१ [*सपन्याह २-जकर्याह ७]
मई १ बाइबल पढ़ाई: न्यायियों ८-१०
गीत नं. १६ [*जकर्याह ८-मलाकी ४]
नं. १: दूसरों की गरिमा की कदर कीजिए (w-HI९८ ४/१ पृ. २८-३१)
नं. २: न्यायियों ९:७-२१
नं. ३: td १०क क्या यीशु एक क्रूस पर मरा?
नं. ४: तिरतियुस—विषय: #अपने अगुवों के वफादार रहिए (w-HI९७ ७/१५ पृ. २९-३१)
मई ८ बाइबल पढ़ाई: न्यायियों ११-१४
गीत नं. १० [*मत्ती १-८]
नं. १: बरनबास, “शान्ति का पुत्र” (w-HI९८ ४/१५ पृ. २०-३)
नं. २: न्यायियों १३:२-१०, २४
नं. ३: td १०ख क्या मसीहियों को क्रूस की उपासना करनी चाहिए?
नं. ४: अपने परिवार के सदस्यों के बारे में कभी उम्मीद मत छोड़िए (w-HI९७ ९/१ पृ. ३०-१)
मई १५ बाइबल पढ़ाई: न्यायियों १५-१८
गीत नं. ३ [*मत्ती ९-१४]
नं. १: सेना के बिना दुनिया में सुरक्षा (w-HI९८ ४/१५ पृ. २८-३०)
नं. २: न्यायियों १७:१-१३
नं. ३: td ११क मृत्यु की वज़ह क्या है?
नं. ४: अरिस्तरखुस—विषय: #यहोवा के संगठन के वफादार बने रहिए (w-HI९७ ९/१५ पृ. २९-३१)
मई २२ बाइबल पढ़ाई: न्यायियों १९-२१
गीत नं. २१ [*मत्ती १५-२१]
नं. १: ऐसा परिवार बनाना जो परमेश्वर को महिमा देता है (kl अध्या. १५)
नं. २: न्यायियों १९:११-२१
नं. ३: td ११ख क्या मरे हुए आपको खतरा पहुँचा सकते हैं?
नं. ४: एलीशा—विषय: #यहोवा की सेवा तन-मन से कीजिए (w-HI९७ ११/१ पृ. ३०-१)
मई २९ बाइबल पढ़ाई: रूत १-४
गीत नं. २५ [*मत्ती २२-२६]
नं. १: आप परमेश्वर के निकट कैसे आ सकते हैं (kl अध्या. १६)
नं. २: रूत ३:१-१३
नं. ३: td ११ग क्या कोई अपने मरे हुए रिश्तेदारों से बात कर सकता है?
नं. ४: उनेसिफुरुस—विषय: #क्लेश सहनेवालों को सांत्वना देते रहिए (w-HI९७ ११/१५ पृ. २९-३१)
जून ५ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल १-३
गीत नं. २१ [*मत्ती २७-मरकुस ४]
नं. १: परमेश्वर के लोगों के बीच सुरक्षा पाइए (kl अध्या. १७)
नं. २: १ शमूएल १:९-२०
नं. ३: td १४क क्या शैतान सचमुच का एक व्यक्ति है?
नं. ४: मरियम—“उत्तम भाग” चुनती है (w-HI९९ ९/१ पृ. ३०-१)
जून १२ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल ४-७
गीत नं. ११ [*मरकुस ५-९]
नं. १: यहोवा कौन है? (w-HI९८ ५/१ पृ. ५-७)
नं. २: १ शमूएल ४:९-१८
नं. ३: td १४ख इबलीस—जगत का अदृश्य शासक
नं. ४: #दुनियावी बुद्धि का असर अपने सोच-विचार पर मत पड़ने दीजिए (w-HI९६ ७/१५ पृ. २६-९)
जून १९ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल ८-११
गीत नं. ६ [*मरकुस १०-१४]
नं. १: खराई का प्रतिफल मिलता है (w-HI९८ ५/१ पृ. ३०-१)
नं. २: १ शमूएल ८:४-२०
नं. ३: td १४घ विद्रोही स्वर्गदूतों के बारे में बाइबल क्या कहती है
नं. ४: बेलशस्सर—विषय: #यहोवा को नाराज़ करने से सावधान रहिए (w-HI९८ ९/१५ पृ. ८-९)
जून २६ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल १२-१४
नं. १: क्या धन-दौलत आपको खुश कर सकती है? (w-HI९८ ५/१५ पृ. ४-६)
नं. २: १ शमूएल १४:१-१४
नं. ३: td १७क पृथ्वी—इसे एक सुंदर बगीचा बनाने के लिए सृजा गया था
नं. ४: फिलेमोन व उनेसिमुस—विषय: #हम मसीही भाईचारे में एक हैं (w-HI९८ १/१५ पृ. २९-३१)
जुला. ३ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल १५-१७
गीत नं. १६ [*लूका ४-८]
नं. १: यूनीके व लोइस—आदर्श शिक्षक (w-HI९८ ५/१५ पृ. ७-९)
नं. २: १ शमूएल १६:४-१३
नं. ३: td १७ग पृथ्वी पर ज़िंदगी कभी खत्म नहीं होगी
नं. ४: #सुसमाचार का प्रचार करना ज़रूरी है (w-HI९७ ३/१ पृ. ३०-१)
जुला. १० बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल १८-२०
गीत नं. २८ [*लूका ९-१२]
नं. १: यकीन दिलाकर दिल तक पहुँचिए (w-HI९८ ५/१५ पृ. २१-३)
नं. २: १ शमूएल १९:१-१३
नं. ३: td १९क क्या आप झूठे भविष्यदक्ताओं को पहचान सकते हैं?
नं. ४: तुखिकुस—विषय: #एक वफादार और भरोसेमंद मसीही बने रहिए (w-HI९८ ७/१५ पृ. ७-८)
जुला. १७ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल २१-२४
गीत नं. ४ [*लूका १३-१९]
नं. १: अपने परिवार की ज़िम्मेदारी सँभालिए (w-HI९८ ६/१ पृ. २०-३)
नं. २: १ शमूएल २४:२-१५
नं. ३: td २२क आध्यात्मिक चंगाई कितनी ज़रूरी है?
नं. ४: अपने बच्चों के लिए समय निकालिए (w-HI९८ ११/१ पृ. ३०-१)
जुला. २४ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल २५-२७
गीत नं. १७ [*लूका २०-२४]
नं. १: सच्चा न्याय—कब और कैसे? (w-HI९८ ६/१५ पृ. २६-९)
नं. २: १ शमूएल २५:२३-३३
नं. ३: td २२ख परमेश्वर का राज्य हमेशा के लिए सभी बीमारियाँ दूर कर देगा
नं. ४: #सरकारी अधिकारियों की इज़्ज़त की जानी चाहिए (w-HI९८ ११/१५ पृ. ८-९)
जुला. ३१ बाइबल पढ़ाई: १ शमूएल २८-३१
गीत नं. २१ [*यूहन्ना १-६]
नं. १: सर्वदा परमेश्वर की सेवा करना अपना लक्ष्य बनाइए (kl अध्या. १८)
नं. २: १ शमूएल ३१:१-१३
नं. ३: td २२ग विश्वास पर होनेवाली आज की चंगाई परमेश्वर की ओर से नहीं है
नं. ४: तीतुस—विषय:# “ऐसों का आदर किया करना” (w-HI९८ ११/१५ पृ. २९-३१)
अग. ७ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल १-४
गीत नं. १६ [*यूहन्ना ७-११]
नं. १: जब पृथ्वी परमेश्वर के ज्ञान से भर जाती है (kl अध्या. १९)
नं. २: २ शमूएल २:१-११
नं. ३: td २२घ क्या एक व्यक्ति का अन्य-भाषाओं में बात करना इस बात का पक्का सबूत है कि परमेश्वर उसे पसंद करता है?
नं. ४: यूसुफ—विषय: एक दूसरे को खुशी से माफ करते रहिए (w-HI९९ १/१ पृ. ३०-१)
अग. १४ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल ५-८
गीत नं. २२ [*यूहन्ना १२-१८]
नं. १: “यत्न” करते रहिए (w-HI९८ ६/१५ पृ. ३०-१)
नं. २: २ शमूएल ७:४-१६
नं. ३: td २३ख कौन स्वर्ग जाते हैं?
नं. ४: सीलास—विषय: #दूसरों का हौसला बढ़ाइए (w-HI९९ २/१५ पृ. २६-२९)
अग. २१ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल ९-१२
गीत नं. ४ [*यूहन्ना १९–प्रेरितों ४]
नं. १: एक अच्छा पड़ोसी बनिए (w-HI९८ ७/१ पृ. ३०-१)
नं. २: २ शमूएल ११:२-१५
नं. ३: td २४ख नरक एक यातना का स्थान नहीं है
नं. ४: #नम्र बनिए—सबसे आगे बढ़ने की कोशिश मत कीजिए (w-HI९९ ३/१ पृ. ३०-१)
अग. २८ रिटन रिव्यू। न्यायियों ८ से २ शमूएल १२ तक
गीत नं. ९ [*प्रेरितों ५-१०]
सितं. ४ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल १३-१५
गीत नं. २७ [*प्रेरितों ११-१६]
नं. १: बच्चों को छोटी उम्र से ही ट्रेनिंग दीजिए ताकि उनकी ज़िंदगी बेहतर बने (w-HI९८ ७/१५ पृ. ४-६)
नं. २: २ शमूएल १३:२०-३३
नं. ३: td २४ग अग्नि विनाश का चिन्ह है
नं. ४: अपना बोझ यहोवा पर डाल दीजिए (w-HI९९ ५/१ पृ. ३०-१)
सितं. ११ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल १६-१८
गीत नं. १८ [*प्रेरितों १७-२२]
नं. १: अंत्येष्टि रीति-रिवाज़ों पर मसीही दृष्टिकोण (w-HI९८ ७/१५ पृ. २०-४)
नं. २: २ शमूएल १६:५-१४
नं. ३: td २४ङ धनवान पुरुष और लाजर का वृत्तान्त अनन्त यातना का कोई प्रमाण नहीं
नं. ४: #अपने आप को सबसे अलग मत रखिए (w-HI९९ ६/१ पृ. २८-३१)
सितं. १८ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल १९-२१
गीत नं. ४ [*प्रेरितों २३–रोमियों १]
नं. १: क्या आप अपने विवेक पर भरोसा कर सकते हैं? (w-HI९८ ९/१ पृ. ४-७)
नं. २: २ शमूएल २०:१, २, १४-२२
नं. ३: td २५ख त्योहारों के बारे में मसीही नज़रिया
नं. ४: पौलुस—विषय: सच्चाई के दुश्मन भी बदल सकते हैं (w-HI९९ ६/१५ पृ. २९-३१)
सितं. २५ बाइबल पढ़ाई: २ शमूएल २२-२४
गीत नं. १६ [*रोमियों २-९]
नं. १: साथियों का असर - क्या यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है (w-HI९९ ८/१ २२-२५)
नं. २: २ शमूएल २३:८-१७
नं. ३: td २६क उपासना में मूर्तियों का इस्तेमाल करने से परमेश्वर की निन्दा होती है
नं. ४: #सच्ची बुद्धि की तलाश करते रहिए (w-HI९९ ७/१ पृ. ३०-१)
अक्तू. २ बाइबल पढ़ाई: १ राजा १-२
गीत नं. २३ [*रोमियों १०–१ कुरिन्थियों ३]
नं. १: गुस्से में आकर ठोकर खाने से बचिए (w-HI९९ ८/१५ ८, ९)
नं. २: १ राजा २:१-११
नं. ३: td २६ख मूर्तिपूजा करने के बुरे अंजाम
नं. ४: फिलिप्पुस—विषय: #“सब मनुष्यों” को प्रचार करना (w-HI९९ ७/१५ पृ. २४-५)
अक्तू. ९ बाइबल पढ़ाई: १ राजा ३-६
गीत नं. ७ [*१ कुरिन्थियों ४-१३]
नं. १: महत्त्वपूर्ण बातों को प्राथमिकता दीजिए! (w-HI९८ ९/१ पृ. १९-२१)
नं. २: १ राजा ४:२१-३४
नं. ३: td २६ग सिर्फ यहोवा की ही उपसाना की जानी चाहिए
नं. ४: td २७क #सच्चे धर्म के साथ-साथ दूसरे धर्मों में भी विश्वास करना परमेश्वर को पसंद नहीं
अक्तू. १६ बाइबल पढ़ाई: १ राजा ७-८
गीत नं. ९ [*१ कुरिन्थियों १४-२ कुरिन्थियों ७]
नं. १: बड़े-बड़े लोगों के सामने गवाही देना (w-HI९८ ९/१ पृ. ३०-१)
नं. २: १ राजा ७:१-१४
नं. ३: td २७ख क्या सभी धर्मों में अच्छाई है?
नं. ४: td २९क मसीहियों को परमेश्वर का नाम ज़रूर इस्तेमाल करना चाहिए
अक्तू. २३ बाइबल पढ़ाई: १ राजा ९-११
गीत नं. ६ [*२ कुरिन्थियों ८-गलतियों ४]
नं. १: वधू-मूल्य के बारे में मसीही नज़रिया (w-HI९८ ९/१५ पृ. २४-७)
नं. २: १ राजा ११:१-१३
नं. ३: td २९ग परमेश्वर के अस्तित्व के बारे में सच्चाइयाँ
नं. ४: td २९घ #परमेश्वर के गुणों को जानना
अक्तू. ३० बाइबल पढ़ाई: १ राजा १२-१४
गीत नं. १२ [*गलतियों ५-फिलिप्पियों २]
नं. १: क्या परमेश्वर आपके लिए वाकई असली है? (w-HI९८ ९/१५ पृ. २१-३)
नं. २: १ राजा १३:१-१०
नं. ३: td २९च सभी लोग एक ही परमेश्वर की उपासना नहीं कर रहे हैं
नं. ४: td ३०क क्या यहोवा के साक्षियों का धर्म नया है?
नवं. ६ बाइबल पढ़ाई: १ राजा १५-१७
गीत नं. ४ [*फिलिप्पियों ३-१ थिस्सलुनीकियों ५]
नं. १: आध्यात्मिक प्रगति करते रहिए! (w-HI९८ १०/१ पृ. २८-३१)
नं. २: १ राजा १५:९-२४
नं. ३: td ३१ख यीशु मसीह—परमेश्वर का पुत्र और नियुक्त राजा है
नं. ४: td ३१घ उद्धार पाने के लिए यीशु पर विश्वास रखना क्यों ज़रूरी है
नवं. १३ बाइबल पढ़ाई: १ राजा १८-२०
गीत नं. १३ [*२ थिस्सलुनीकियों १-२ तीमुथियुस ३]
नं. १: समस्याओं को ठंडे दिमाग से सुलझाइए (w-HI९८ ११/१ पृ. ४-७)
नं. २: १ राजा २०:१, १३-२२
नं. ३: td ३१ङ उद्धार पाने के लिए क्या यीशु पर विश्वास रखना काफी है?
नं. ४: td ३३ख #परमेश्वर के राज्य से मिलनेवाली आशीषें
नवं. २० बाइबल पढ़ाई: १ राजा २१-२२
गीत नं. २ [*२ तीमुथियुस ४-इब्रानियों ७]
नं. १: ‘स्वर्ग के अन्न’ से लाभ पाना (w-HI९९ ८/१५ २५-२८)
नं. २: १ राजा २२:२९-४०
नं. ३: td ३३ग राज्य तब शासन करना शुरू करता है जब मसीह के शत्रु सक्रिय हैं
नं. ४: td ३३ङ परमेश्वर का राज्य इंसानों की कोशिश से नहीं आता
नवं. २७ बाइबल पढ़ाई: २ राजा १-३
गीत नं. ६ [*इब्रानियों ८-याकूब २]
नं. १: मंगनी के बारे में मसीहियों का क्या नज़रिया होना चाहिए? (w-HI९९ ८/१५ ३०, ३१)
नं. २: २ राजा २:१५-२५
नं. ३: td ३४क “जगत के अन्त” का मतलब क्या है?
नं. ४: td ३४ख #अंतिम दिनों के सबूत देखकर आध्यात्मिक बातों में जागते रहिए
दिसं. ४ बाइबल पढ़ाई: २ राजा ४-६
नं. १: साइमनी से खबरदार रहिए! (w-HI९८ ११/१५ p. २८)
नं. २: २ राजा ५:२०-२७
नं. ३: td ३६ख अनन्त जीवन बस एक सपना नहीं है
नं. ४: td ३६घ स्वर्ग कौन जाते हैं?
दिसं. ११ बाइबल पढ़ाई: २ राजा ७-९
गीत नं. १४ [*१ यूहन्ना १-प्रकाशितवाक्य १]
नं. १: पैसे उधार देने या लेने के बारे में बाइबल के उसूल (w-HI९८ ११/१५ पृ. २४-७)
नं. २: २ राजा ७:१, २, ६, ७, १६-२०
नं. ३: td ३६ङ पृथ्वी पर अनन्त जीवन पानेवालों की गिनती असीमित है
नं. ४: td ३८ख #शादी का बंधन आदरणीय होना चाहिए
दिसं. १८ बाइबल पढ़ाई: २ राजा १०-१२
गीत नं. १७ [*प्रकाशितवाक्य २-१२]
नं. १: यीशु के जन्म की सच्ची कहानी (w-HI९८ १२/१५ पृ. ५-९)
नं. २: २ राजा ११:१-३, ९-१६
नं. ३: td ३८ग मसीहियों को मुखियापन का सिद्धांत मानना चाहिए
नं. ४: td ३८घ बच्चों के प्रति माता-पिता की ज़िम्मेदारी
दिसं. २५ रिटन रिव्यू। २ शमूएल १३-२ राजा १२ तक
गीत नं. ९ [*प्रकाशितवाक्य १३-२२]