क्या आप आध्यात्मिक बातों की कदर करते हैं?
जब हमसे पूछा जाता है कि क्या हम परमेश्वर के किए गए इंतज़ामों की कदर करते हैं तो हम तुरंत जवाब देंगे, जी हाँ बेशक! मगर ये इंतज़ाम क्या हैं जिनकी हमें कदर करनी चाहिए?
2 हमारे लिए इससे बढ़कर और क्या हो सकता है कि हमारा परमेश्वर के साथ एक मज़बूत रिश्ता हो। क्योंकि यही रिश्ता हमारे लिए दुनिया की सबसे अनमोल चीज़ है! यहोवा हमें यह विश्वास दिलाता है कि अगर हम ‘उसके निकट आएँगे तो वह भी हमारे निकट आएगा।’ (याकू. 4:8) मगर यह अनमोल रिश्ता इसलिए संभव है क्योंकि यीशु ने हमारे लिए छुड़ौती बलिदान दिया है। इतना ही नहीं यीशु के इस बलिदान से हमें अनंत जीवन की आशा भी मिली है। (यूह. 3:16) तो क्या छुड़ौती बलिदान जैसे अनमोल तोहफे के लिए हर दिन हम परमेश्वर को तहेदिल से धन्यवाद देना नहीं चाहेंगे?
3 परमेश्वर का वचन, पवित्र बाइबल और पृथ्वी पर उसका संगठन दोनों ही उसके किए गए इंतज़ाम हैं। अगर हम बाइबल के सिद्धांतों को अपनी ज़िंदगी में लागू करें, भाई-बहनों के साथ प्यार के रिश्ते को और भी मज़बूत बनाए, कलीसिया में दिए गए निर्देशों को मानकर चलें और अगुवाई लेनेवालों के साथ मिलकर काम करें तो हम यह दिखाएँगे कि हम सचमुच आध्यात्मिक बातों की कदर करते हैं।—1 पत. 1:22.
4 परमेश्वर हमें विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास के ज़रिए आध्यात्मिक भोजन का भंडार दे रहा है। इस साल के “परमेश्वर के वचन पर चलनेवाले” ज़िला अधिवेशन में भी हमें इस भोजन का भंडार मिलेगा। वहाँ हमें ज़रूरी बातें सिखायी जाएँगी और भाई-बहनों के साथ मिलने-जुलने से हमें बेहद खुशी भी मिलेगी। वक्त की नज़ाकत को देखते हुए हमें इनकी बेहद ज़रूरत हैं। इस इंतज़ाम के लिए हम सच्ची कदर कैसे दिखा सकते हैं?
5 यहोवा के भवन को न छोड़ें: पुराने ज़माने में जिन लोगों ने यरूशलेम की दीवारों की मरम्मत करने में खून-पसीना बहाया, नहेमायाह ने उनसे गुज़ारिश की कि वे ‘अपने परमेश्वर के भवन को न छोड़ें।’ (नहे. 10:39) आज यहोवा के “भवन,” उपासना के लिए उसकी तरफ से किए गए इंतज़ाम हैं और ज़िला अधिवेशन इस इंतज़ाम का एक भाग है। इसका मतलब है कि हमें ज़िला अधिवेशन में हाज़िर होना है और कार्यक्रमों पर पूरा-पूरा ध्यान देना है। इस तरह हम दिखाएँगे कि हम वाकई यहोवा के तरफ से किए गए इंतज़ामों की कदर कर रहे हैं। (इब्रा. 10:24, 25) इस अधिवेशन में हाज़िर होने के लिए अभी से हमें क्या तैयारियाँ करनी होंगी?
6 अधिवेशन में पूरे तीन दिन हाज़िर रहिए: हम सभी को इस तरह तैयारी करनी होगी कि हम पूरे तीन दिन अधिवेशन में हाज़िर हों सकें। क्या आप हर दिन हॉल में जल्दी पहुँचने और रविवार की आखिरी प्रार्थना तक रुकने के लिए तैयारी कर रहें हैं? अगर इसका जवाब ‘हाँ’ है तो आपको ढेर सारी आशीषें मिलेंगी। माना कि हरेक के लिए अधिवेशन में हाज़िर होना आसान नहीं है। क्योंकि अधिवेशन के लिए छुट्टी की अर्ज़ी देने में शायद आपको हिम्मत और विश्वास में अटल रहने की ज़रूरत पड़े। हो सकता है कि अधिवेशन में जाने के लिए कोई गाड़ी भी आसानी से न मिले। लेकिन ऐसी कोई भी बात आपको अधिवेशन में हाज़िर रहने के लिए रोक न पाए।
7 इस बेहतरीन मिसाल पर गौर करें: एक अफ्रीकी देश में जहाँ काफी गड़बड़ी चल रही थी वहाँ पिछले साल हमारे कुछ भाई ज़िला अधिवेशन के लिए जा रहे थे। रास्ते में उन्हें कुछ फौजी लोग मिल गए और वे भाइयों से पूछताछ करने लगे कि वे कौन हैं और कहाँ जा रहे हैं। भाइयों ने जवाब दिया: “हम यहोवा के साक्षी हैं और ज़िला अधिवेशन के लिए जा रहे हैं।” इस पर एक फौजी ने कहा: “ये यहोवा के साक्षी किसी बात से नहीं डरते। हमें पता है कि तुम लोग आराम से अपनी मंज़िल तक पहुँच जाओगे। लेकिन होशियार रहना क्योंकि तुम्हें रास्ते में बहुत सारे सैनिक मिलेंगे। इसलिए हमेशा बीच रास्ते में ही चलना! अगर बहुत-से लोगों को इकट्ठा होते देखो, तो भी बीच रास्ते में ही चलते रहना!” उन्होंने ऐसा ही किया और सही-सलामत अधिवेशन में पहुँच गए। यहोवा के इंतज़ामों की सही कदर दिखाने की उन्हें क्या ही आशीष मिली!
8 अफ्रीका के भाइयों की तरह हमें भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मगर उनके विश्वास की मिसाल पर चलते हुए हमें भी ज़िला अधिवेशन के तीनों दिन में हाज़िर रहने का पक्का फैसला करना है। अगर इसके लिए हमें अपने शेड्यूल में कोई तबदीली करने की ज़रूरत है तो हम यहोवा से मदद माँग सकते हैं और वह हमारी मेहनत पर ज़रूर आशीष देगा ताकि हम पूरे अधिवेशन के लिए हाज़िर रहें।
9 मेहनत का फल पाइए: हम यहोवा के वचन की लालसा करते हैं क्योंकि इसी के ज़रिए हमें उद्धार मिल सकता है। (1 पत. 2:2) जब हम अधिवेशन में हाज़िर रहकर कार्यक्रमों पर ध्यान देंगे तो परमेश्वर के वचन पर हमारा विश्वास और भी मज़बूत होगा। साथ ही हम शैतान के हमलों का और भी अच्छी तरह से मुकाबला कर पाएँगे। अधिवेशन में हाज़िर होने से हम यहोवा और दूसरों को दिखाएँगे कि हम आध्यात्मिक बातों की पूरी कदर करते हैं और हम ‘हटनेवाले नहीं पर विश्वास करनेवाले हैं कि प्राणों को बचाया जाएं।’—इब्रा. 10:39; 12:16; नीति. 27:11.
10 हम सभी अधिवेशन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं जब यहोवा परमेश्वर आकाश के झरोखे खोलकर हमारे ऊपर आशीषों की बौछार करेगा। (मला. 3:10) “परमेश्वर के वचन पर चलनेवाले” ज़िला अधिवेशन में पहले दिन के कार्यक्रम से लेकर आखिरी दिन की प्रार्थना के “आमीन!” तक हाज़िर रहने का लक्ष्य रखिए। इससे आपकी खुशी बढ़ेगी!