सेवा सभा की तालिका
नवंबर 13 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 6 (45)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ।
13 मि: राज्य समाचार क्र. 36 बाँटने में मिले अनुभव। अलग-अलग प्रचारकों से पूछिए कि उन्हें राज्य समाचार क्र. 36 बाँटने में अब तक कौन-से अच्छे अनुभव मिले हैं। रेग्युलर और ऑक्ज़लरी पायनियरों से पूछिए कि इस अभियान के दौरान उन्हें ज़्यादा सेवकाई करने और अलग-अलग प्रचारकों के साथ मिलकर काम करने की वजह से कैसी खुशी मिली है।
22 मि: रीज़निंग किताब का अच्छा इस्तेमाल कीजिए। इस किताब के पेज 7-8 पर सवाल-जवाब से चर्चा। यह बताइये कि इस किताब को ऐसे लिखा गया है जिससे हम सेवकाई को और असरदार तरीके से कर सकें। साथ ही बताइए कि टेलिफोन से गवाही देने में इस किताब का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। एक प्रदर्शन करके दिखाइए कि किस तरह इस किताब में से किसी सवाल का जवाब ढूँढ़ा जा सकता है। सभी को बताइए कि वे इस किताब से अच्छी तरह वाकिफ हों, इसे हमेशा अपने प्रचार के बैग में रखें और हमेशा इसका इस्तेमाल करें।
गीत 5 (46) और प्रार्थना।
नवंबर 20 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 8 (53)
12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्स रिपोर्ट। ट्रैक्ट बाँटने का अभियान अब तक कितना पूरा हुआ है, इस पर एक छोटी-सी रिपोर्ट दीजिए और बताइए कि नवंबर 30 तक यह काम पूरा करने के लिए क्या करने की ज़रूरत होगी।
13 मि: प्रश्न बक्स। एक प्राचीन का भाषण।
20 मि: “प्रचार के काम में लगे रहिए!” भाषण और इंटरव्यू। हमारे कुछ भाई-बहनों ने यहोवा के संगठन के साथ संगति करने और प्रचार करने में अपनी सारी उम्र बिता दी है। सच्चाई के बारे में उनका नज़रिया हमेशा सही रहा है इसलिए उन्हें बहुत खुशी मिली है। (ज्ञान किताब, पेज 179, पैराग्राफ 20 और प्रहरीदुर्ग, अगस्त 1, 1992 के पेज 20-1, पैराग्राफ 14-15 देखिए।) किसी ऐसे प्रचारक से, जो कई सालों से सच्चाई में जोशीला है, पूछिए कि किन वजहों से उसे सेवकाई में लगे रहने में मदद मिली।
गीत 17 (187) और प्रार्थना।
नवंबर 27 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 2 (15)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। भाई-बहनों को याद दिलाइए कि वे नवंबर की फील्ड सर्विस रिपोर्ट डाल दें। दिसंबर के लिए साहित्य पेशकश है ज्ञान किताब और न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन। समझाइए कि किस तरह यहोवा के साक्षियों ने कई भाषाओं में बाइबल का अनुवाद करने में एक अहम भूमिका निभाई है।—अक्टूबर 15, 1997 की प्रहरीदुर्ग के पेज 11-12 देखिए।
20 मि: “राज्य समाचार क्र. 36 से पैदा की गई दिलचस्पी को बढ़ाइए।” पैराग्राफ 1-5 पर सवाल-जवाब से चर्चा। अगर आपकी कलीसिया की किसी टेरिट्री में ट्रैक्ट बाँटने का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है, तो उसे पूरा करने के लिए कौन-से इंतज़ाम किए गए हैं, उसके बारे में बताइए। पैराग्राफ 7 और 8 में रिटर्न विज़िट के लिए दिए गए तरीके बताइए और हर सुझाव का प्रदर्शन दिखाइए। इस बात पर ज़ोर दीजिए कि दिलचस्पी दिखानेवाले हर व्यक्ति से दोबारा मिलना और बाइबल स्टडी शुरू करने की कोशिश करना क्यों ज़रूरी है। आखिर में पैराग्राफ 9 और उसमें दी गई आयतों पर चर्चा कीजिए।
15 मि: मैं टीवी देखने की आदत पर कैसे काबू पा सकता हूँ? एक प्राचीन एक जवान भाई से बात करता है। जवान भाई को टीवी के सामने घंटों बिताने की आदत है। शुरू में भाई इस बात पर अड़ा रहता है कि इस तरह घंटों टीवी देखने में कोई नुकसान नहीं होता। वह कहता है कि यह तो बस मन बहलाने का एक ज़रिया है और इससे मुझ पर कोई बुरा असर भी तो नहीं पड़ता। फिर प्राचीन उसे युवाओं के प्रश्न किताब के अध्याय 36 में दी गई कुछ खास बातें बताता है। प्राचीन समझाता है कि टीवी के सामने ज़्यादा बैठने से हमारा कीमती वक्त बरबाद हो जाता है जिसे हम बाइबल का अध्ययन करने, प्रचार में जाने या कलीसिया के काम करने में लगा सकते हैं। प्राचीन की इस सलाह के लिए जवान भाई शुक्रिया अदा करता है और बताता है कि वह अपनी आध्यात्मिक भलाई की खातिर टीवी देखने की अपनी आदत में ज़रूर सुधार लाएगा।
गीत 22 (130) और प्रार्थना।
दिसंबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 4 (43)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। “फोन पर जवाब देनेवाली मशीन से आप क्या कहेंगे?”
15 मि: राज्य समाचार क्र. 36 बाँटने में मिले अनुभव। बताइए कि आपकी पूरी टेरिट्री में ट्रैक्ट बाँटने में कैसी कामयाबी मिली। क्या आपकी कलीसिया में कोई ऐसा नया प्रकाशक है जो नवंबर में पहली बार प्रचार में गया हो? बताइए कि ट्रैक्ट लेकर लोगों ने कैसी अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई है। अगर कुछ प्रचारकों ने नयी बाइबल स्टडी शुरू की है तो उन्हें बताने के लिए कहिए कि उन्होंने स्टडी कैसे शुरू की, या इसका प्रदर्शन करके दिखाने के लिए कहिए। याद दिलाइए कि जिन्होंने भी दिलचस्पी दिखाई है उनकी दिलचस्पी बढ़ाने के लिए उनसे दोबारा मुलाकात करें।
20 मि: “ठीक समय पर कहा हुआ वचन।” भाई-बहनों के साथ चर्चा और प्रदर्शन। कई भाई-बहन लोगों से बातचीत शुरू करने में खुद को नाकाबिल महसूस करते हैं। उनकी यह गलतफहमी है कि प्रचार में कामयाब होने के लिए कुछ खास काबिलीयतें होना ज़रूरी है। समझाइए कि किस तरह हम सभी, नए और छोटी उम्र के प्रचारक भी अगर थोड़ी कोशिश करें, तो लोगों से बातचीत शुरू कर सकते हैं। लेख में दिए गए सुझावों को दोहराइए, बताइए कि ये सुझाव कितने आसान हैं और फिर दो या तीन प्रचारकों से उन सुझावों का प्रदर्शन करवाइए। मार्च 1998 की हमारी राज्य सेवकाई, पेज 8 का हवाला देकर बताइए कि उसमें और भी कई तरीके दिए गए हैं जिनका हम इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी को प्रचार के बारे में एक सही नज़रिया रखने के लिए कहिए ताकि उन्हें इस काम में और ज़्यादा खुशी मिले।
गीत 29 (222) और प्रार्थना।