एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने का खास अवसर
एक भी दिन ऐसा नहीं गुज़रता जिसमें यहोवा के लोगों को अपने विश्वास की खातिर परीक्षाओं का सामना न करना पड़ता हो। इब्लीस जानता है कि अब उसका थोड़ा ही समय बाकी है, इसलिए वह हमारी खराई तोड़ने के लिए अपना आखिरी ज़ोरदार हमला कर रहा है। (प्रका. 12:12) इसलिए यह बेहद ज़रूरी है कि हम ‘प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनते जाएँ’ ताकि हम ‘बुरे दिन में साम्हना कर सकें, और सब कुछ पूरा करके स्थिर रह सकें।’—इफि. 6:10, 13.
2 मसीही भाई-बहनों के साथ सभाओं में इकट्ठा होना, यहोवा का ठहराया इंतज़ाम है जिसके ज़रिए हम हौसला पा सकते हैं। प्रेरित पौलुस इस इंतज़ाम की अहमियत समझता था। वह अपने मसीही भाइयों की संगति के लिए तरसता था ताकि वे “परस्पर प्रोत्साहित” हों और ‘शक्तिशाली बनें।’ (रोमि. 1:11, 12, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने का हमारा इरादा मज़बूत करने के लिए, शासी निकाय ने “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन का इंतज़ाम किया है। इस अधिवेशन में हमें एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने का मौका मिलेगा।
3 लाभ पाने के लिए वहाँ हाज़िर रहिए: आप, अधिवेशन के तीनों दिन हाज़िर होने का लक्ष्य रखिए। हमें शुरूआती गीत से पहले ही अधिवेशन में पहुँचना चाहिए और आखिरी प्रार्थना में दिल से “आमीन” कहने तक रुकना चाहिए। ऐसा करने से ‘हमें लाभ’ होगा। (यशा. 48:17, 18) इस साल, अधिवेशन, छुट्टियों के वक्त रखे गए हैं ताकि बच्चों और नौकरी करनेवाले भाई-बहनों को ज़्यादा छुट्टियाँ लेने की ज़रूरत न पड़े और वे सभी हाज़िर हो सकें। लेकिन भारत के उत्तर और उत्तर-पूर्व में रहनेवाले भाइयों को मुंबई तक सफर करने के लिए शायद ज़्यादा छुट्टियों की ज़रूरत पड़े। इसलिए उन्हें अपना काम निपटाने के लिए काफी पहले से इंतज़ाम करना चाहिए जिससे कि उन्हें तीनों दिन हाज़िर होने के लिए छुट्टी मिले। यह सच है कि बड़े-बड़े अधिवेशनों में हाज़िर होने के लिए थोड़ी ज़्यादा मेहनत लगेगी लेकिन यहोवा हमें यकीन दिलाता है कि उसकी मरज़ी पूरी करने में वह ज़रूर हमारी मदद करेगा। (1 यूह. 5:14, 15) अधिवेशन में जाने के लिए ट्रेन की बुकिंग दो महीने पहले से की जा सकती है। इसलिए जिन्होंने अब तक बुकिंग नहीं की है, यही वक्त है कि वे अपने सफर का और ठहरने का पक्का इंतज़ाम करें। इस काम को आखिरी वक्त तक टालना ठीक नहीं है। हम भरोसा रख सकते हैं कि तीनों दिन हाज़िर रहने की हमारी कोशिशों पर यहोवा आशीष देगा।—नीति. 10:22.
4 प्रोत्साहन पाने की आस देखिए: क्या कभी आपने ज़िला अधिवेशन से घर लौटते वक्त ऐसा महसूस किया कि “यह अधिवेशन, आज तक का सबसे बढ़िया अधिवेशन है!” आपको ऐसा क्यों लगा होगा? इसकी वजह यह है कि समय के गुज़रते, हम असिद्ध इंसानों के हौसले पस्त हो जाते हैं और हमें फिर से आध्यात्मिक प्रोत्साहन की ज़रूरत पड़ती है। (यशा. 40:30) एक बहन ने कहा: “इस दुनिया के हालात मुझे पस्त कर देते हैं लेकिन अधिवेशन मुझे आध्यात्मिक बातों पर फिर से मन लगाने में मदद देते हैं और आध्यात्मिक शक्ति देते हैं जिसकी मुझे बहुत ज़रूरत है। जब मुझे प्रोत्साहन की सख्त ज़रूरत महसूस होती है, तब सही वक्त पर मुझे प्रोत्साहन मिलता है।” शायद आपने भी इस बहन की तरह महसूस किया होगा।
5 अधिवेशनों में हम न सिर्फ भाषणों और इंटरव्यू से, बल्कि दूसरी कई बातों से भी हौसला पाते हैं। एक भाई ने कहा: “खासकर मुझे यह अच्छा लगता है कि अधिवेशनों में साफ-साफ समझाया जाता है कि बाइबल के उसूलों को रोज़मर्रा के जीवन में कैसे अमल किया जाना चाहिए। इसमें भी कोई शक नहीं कि ड्रामा से यह दिखाया जाता है कि हम बीते समय के अच्छे और बुरे उदाहरणों से क्या सीख सकते हैं। और नए प्रकाशन के रिलीज़ होने का तो मैं हमेशा बेसब्री से इंतज़ार करता हूँ और अधिवेशन के बाद कई महीनों तक मैं उन्हें पढ़ने पर खुशी का अनुभव करता हूँ।”
6 इस “कठिन समय” में अधिवेशन, यहोवा की तरफ से एक बेहद ज़रूरी इंतज़ाम हैं। (2 तीमु. 3:1) ये हमें परमेश्वर की इस सलाह को मानने में मदद देते हैं: “जागते रहो, विश्वास में स्थिर रहो, पुरुषार्थ करो, बलवन्त होओ।” (1 कुरि. 16:13) तो आइए ठान लें कि हम “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन के हर सेशन में हाज़िर होंगे और वहाँ से मिलनेवाले प्रोत्साहन से लाभ उठाएँगे!
[पेज 3 पर बक्स]
तीनों दिन हाज़िर होने की योजना बनाइए
◼ काम से छुट्टी के लिए गुज़ारिश कीजिए।
◼ अधिवेशन के शहर में ठहरने का इंतज़ाम कीजिए।
◼ अधिवेशन के लिए सफर का इंतज़ाम कीजिए।