सेवा सभा की तालिका
नोट: हमारी राज्य सेवकाई में हमेशा की तरह अधिवेशन के महीनों में भी, हर हफ्ते की सेवा सभा का कार्यक्रम दिया जाएगा। कलीसियाएँ, सेवा सभा के कार्यक्रम में फेरबदल कर सकती हैं ताकि वे “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन में हाज़िर हो सकें। अधिवेशन से पहले के हफ्ते की सेवा सभा में, हो सके तो 15 मिनट के लिए इस महीने के इंसर्ट से कुछ ऐसी सलाहें बताइए जिन्हें आपकी कलीसिया को लागू करना है। जनवरी महीने में, एक पूरी सेवा सभा में, अधिवेशन के कार्यक्रम की झलकियों पर चर्चा होगी। उस चर्चा में हिस्सा लेने के लिए हम सभी, अधिवेशन का कार्यक्रम सुनते वक्त ज़रूरी मुद्दों को नोट कर सकते हैं, और उन खास मुद्दों को भी लिख सकते हैं जिन पर हम अपनी निजी ज़िंदगी में और प्रचार में अमल करना चाहेंगे। तब हम सेवा सभा की चर्चा में बता सकेंगे कि अधिवेशन के बाद, हमने उन सुझावों पर कैसे अमल किया है। चर्चा में एक-दूसरे से यह सुनकर, सभी का हौसला बढ़ेगा कि अधिवेशन से उन्होंने जो बढ़िया उपदेश पाया था, उससे उन्हें क्या लाभ हुआ।
सितंबर 9 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 4 (43)
12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। पेज 8 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके, जुलाई-सितंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का पहला सुझाव।) और सितंबर 15 की प्रहरीदुर्ग पेश करने के दो प्रदर्शन करवाइए। दोनों प्रदर्शनों में अलग-अलग तरीके दिखाइए कि बातचीत रोकने के लिए जब कोई कहता है कि “मुझे यहोवा के साक्षियों में कोई दिलचस्पी नहीं” तो इस रुकावट को कैसे पार किया जा सकता है।—किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें, पेज 9-10 देखिए।
16 मि: “यहोवा की महिमा करने में दूसरों की मदद करना।”a अगर समय हो तो, रीज़निंग किताब के पेज 196-9 से एक-दो मुद्दे बताइए जिनका इस्तेमाल करके, यहोवा की महिमा करने में दूसरों की मदद की जा सकती है।
17 मि: पिछले साल हमारी सेवा कैसी रही? सर्विस ओवरसियर का भाषण। कलीसिया की 2002 सेवा-साल की रिपोर्ट से कुछ खास बातें बताइए। जिन बातों में कलीसिया की रिपोर्ट अच्छी रही, उनके लिए सभी की तारीफ कीजिए। बताइए कि कलीसिया की सभाओं की हाज़िरी कैसी रही, वापसी भेंट, बाइबल अध्ययन और ऑक्ज़िलरी पायनियरिंग का काम कैसा रहा। साथ ही, तरक्की करने के लिए कुछ कारगर सुझाव भी दीजिए। अगले साल के लिए, कलीसिया के सामने ऐसे लक्ष्य रखिए जिन्हें हासिल करना मुमकिन हो।
गीत 16 (143) और प्रार्थना।
सितंबर 16 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 9 (37)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्स रिपोर्ट।
17 मि: “एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने का खास अवसर।” भाषण। ज़िला अधिवेशन में हाज़िर होने के लिए सभी का उत्साह बढ़ाइए। पहले दिन के सुबह के कार्यक्रम से लेकर तीसरे दिन के दोपहर के कार्यक्रम तक, यानी हर सेशन में हाज़िर रहने के लिए सभी को उकसाइए।
18 मि: “सदा भलाई ही की चेष्टा करो।”b ज़ोर देकर बताइए कि कमरे की बुकिंग के संबंध में, हमारे फायदे के लिए जो इंतज़ाम किए गए हैं, उन्हीं के मुताबिक हमें काम करना चाहिए। पैराग्राफ 2 के उन छः खास मुद्दों पर ज़ोर दीजिए जिन्हें याद रखना ज़रूरी है। समझाइए कि हरेक का चालचलन क्यों अच्छा होना चाहिए।
गीत 23 (200) और प्रार्थना।
सितंबर 23 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 1 (13)
12 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। सभी को बताइए कि वे पिछले सर्किट सम्मेलन के कार्यक्रम के नोट्स पढ़कर आएँ ताकि अगले हफ्ते की सेवा सभा में होनेवाली चर्चा में भाग ले सकें। पेज 8 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके एक सहायक सेवक से जुलाई-सितंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का तीसरा सुझाव।) और एक प्राचीन से अक्टूबर 1 की प्रहरीदुर्ग पत्रिका पेश करने का प्रदर्शन करवाइए। हर प्रदर्शन के बाद, उसके शुरूआत के एक-दो वाक्य दोहराइए जिनसे घर-मालिक में दिलचस्पी पैदा की गयी।
15 मि: “अपनी आध्यात्मिक भूख मिटाइए।” भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। किन कारणों से सभी को अधिवेशन का कार्यक्रम ध्यान से सुनना चाहिए, इस बारे में चर्चा कीजिए। ज़ोर देकर बताइए कि हमें न सिर्फ कार्यक्रम को सुनना चाहिए बल्कि हम जो सीखते हैं, उसे अमल में भी लाना ज़रूरी है। इस तालिका की शुरूआत में दिए नोट की तरफ भी ध्यान दिलाइए, जिसमें बताया गया है कि जनवरी की एक सेवा-सभा में ज़िला अधिवेशन की खास बातों को याद किया जाएगा। सभी को अधिवेशन के दौरान नोट्स लेने का बढ़ावा दीजिए। चंद भाई-बहनों से पूछिए कि पिछले साल के अधिवेशन के कार्यक्रम से उन्हें क्या-क्या फायदे हुए।
18 मि: “स्वच्छता से यहोवा की महिमा होती है।”c इसे एक प्राचीन पेश करेगा। हर पैराग्राफ की चर्चा के बाद, वह उसे पढ़ेगा। सभी को यह अच्छी तरह समझाइए कि हमें क्यों अधिवेशन की जगह को तीनों दिन साफ-सुथरा रखना चाहिए और अपने पहनावे पर भी ध्यान देना चाहिए।
गीत 17 (187) और प्रार्थना।
सितंबर 30 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 4 (43)
5 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे सितंबर की प्रचार की रिपोर्ट डाल दें।
15 मि: कौन-सी बातें हमारी पत्रिकाओं को अनोखा बनाती हैं? भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। अक्टूबर के दौरान हम प्रचार में प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! देंगे। इन कारणों पर चर्चा कीजिए जो हमारी पत्रिकाओं को अनोखा बनाती हैं: (1) हमारी पत्रिकाएँ यहोवा का नाम बुलंद करती हैं। (2) यीशु में विश्वास रखने का बढ़ावा देती हैं। (3) परमेश्वर के राज्य का ऐलान करती हैं। (4) दिखाती हैं कि हर मामले पर कैसे बाइबल की सलाह सही है। (5) समझाती हैं कि बाइबल की भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी हो रही हैं। (6) बताती हैं कि दुनिया में हो रही घटनाएँ, दरअसल किस बात की तरफ इशारा करती हैं। (7) आज की समस्याओं का सामना करना सिखाती हैं। (8) हर किस्म के लोगों के लिए दिलचस्प जानकारी देती हैं। (9) राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रखतीं। दो छोटे प्रदर्शन करवाइए और हरेक में दिखाइए कि ऊपर बताए किसी एक मुद्दे का इस्तेमाल करके लोगों से बातचीत कैसे शुरू की जा सकती है।
25 मि: “परमेश्वर से डरो और उसकी महिमा करो।” (प्रका. 14:7) पिछले सेवा साल के सर्किट सम्मेलन के कार्यक्रम की खास बातों पर भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा। भाई-बहनों से पूछिए कि कार्यक्रम से उन्होंने क्या-क्या खास मुद्दे सीखे और वे निजी तौर पर या एक परिवार के तौर पर उन मुद्दों को कैसे लागू कर सके। (आप पहले से ये भाग कुछ लोगों को सौंप सकते हैं।) सम्मेलन के इन भागों पर चर्चा कीजिए: (1) “परमेश्वर का डर पैदा करने में नए लोगों की मदद कीजिए।” जो दिलचस्पी रखनेवाले स्मारक में हाज़िर हुए, उनको हम तरक्की करने और यहोवा के जोशीले सेवक बनने में कैसे मदद दे सकते हैं? (2) “यहोवा से डरने का मतलब बुराई से घृणा करना है।” (w-HI87 8/1 22-4) घमंड, झूठ, धन-दौलत की मोह-माया, गलत किस्म का मनोरंजन, इंटरनॆट का गलत इस्तेमाल—ये ऐसी बातें हैं जिनसे यहोवा को घृणा है। नीतिवचन 6:16-19 कैसे हमें इन बातों से दूर रहने में मदद देता है? (3) “आप जिनसे प्रेम करते हैं, उनके और भी करीब आइए।” हम यहोवा, यीशु, परिवार के सदस्यों और कलीसिया के भाई-बहनों से प्यार करते हैं; उनके साथ एक नज़दीकी रिश्ता होना, कैसे संसार से हमारी हिफाज़त करता है? (4) “यहोवा से डरो, इंसानों से नहीं।” यहोवा को नाराज़ करने से डरने की वजह से आप कैसे प्रचार करते वक्त शर्मीलेपन पर काबू पा सके हैं, नौकरी की जगह या स्कूल में परमेश्वर के उसूलों पर चल सके हैं या ऐसे मालिक के दबावों का सामना कर पाए हैं जो आपको सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों में जाने के लिए रुकावट पैदा करता है? (5) “सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिए करो।” (भज. 119:37; इब्रा. 4:13) हमें क्यों परमेश्वर का भय पैदा करना चाहिए ताकि हम हद-से-ज़्यादा शराब पीने, पोर्नोग्राफी देखने या चोरी-छिपे कोई और पाप करने से दूर रहें? (6) “यहोवा के भय में चलते रहो।” जब आपने यहोवा की आत्मा को अपनी ज़िंदगी पर काम करने दिया, तो यहोवा ने आपको क्या आशीष दी?—भज. 31:19; 33:18; 34:9, 17; 145:19.
गीत 11 (85) और प्रार्थना।
अक्टूबर 7 से शुरू होनेवाला सप्ताह
गीत 18 (162)
10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ।
15 मि: “आध्यात्मिक कामों में इस्तेमाल होनेवाले साधनों की कदर कीजिए।”d यह भाग एक प्राचीन को पेश करना चाहिए। यह भी बताइए कि इस मामले में आपकी कलीसिया में क्या गौर किया गया है और हमारे साहित्य का सोच-समझकर इस्तेमाल करने में कलीसिया और भी क्या कर सकती है। सभी को बताइए कि वे कलीसिया से उतने ही साहित्य की गुज़ारिश करें जितने उनके लिए ज़रूरी हैं। संसार-भर में चलनेवाले काम को बढ़ावा देने के लिए दान देने के अपने सुअवसर को न भूलें।
20 मि: “‘निरर्थक बातों’ के पीछे मत भागिए।”e पैराग्राफ 4 पर चर्चा करने के बाद, नवंबर 1999 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट के पैराग्राफ 30-2 से कुछ मुद्दे बताइए। पैराग्राफ 5 पर चर्चा करते वक्त अक्टूबर 1, 1994 की प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी) के पेज 8 पर बक्स में दी गयी जानकारी बताइए। नवंबर 1999 के इंसर्ट के पैराग्राफ 6 के साथ-साथ पैराग्राफ 18 भी पढ़िए।
गीत 6 (45) और प्रार्थना।
[फुटनोट]
a एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।
b एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।
c एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।
d एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।
e एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर सवाल-जवाब के साथ चर्चा कीजिए।