वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • km 10/02 पेज 2
  • सेवा सभा की तालिका

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सेवा सभा की तालिका
  • हमारी राज-सेवा—2002
  • उपशीर्षक
  • अक्टूबर 14 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अक्टूबर 21 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • अक्टूबर 28 से शुरू होनेवाला सप्ताह
  • नवंबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह
हमारी राज-सेवा—2002
km 10/02 पेज 2

सेवा सभा की तालिका

अक्टूबर 14 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 11 (85)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। हमारी राज्य सेवकाई से चुनिंदा घोषणाएँ। इस्राएलियों की कहानी, हमें देती चेतावनी (अँग्रेज़ी), यह वीडियो देखने से पहले सभी को उकसाइए कि अक्टूबर 28 के सप्ताह की सेवा सभा में होनेवाली इसकी चर्चा की तैयारी में गिनती की किताब का अध्याय 25 और इंसाइट, भाग 2, पेज 419 का पैराग्राफ 3-5 पढ़कर आएँ। पेज 8 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का पहला सुझाव) और अक्टूबर 15 की प्रहरीदुर्ग पत्रिका पेश करने के दो प्रदर्शन दिखाइए। दोनों प्रदर्शनों में अलग-अलग तरीके दिखाइए कि बातचीत रोकने के लिए जब कोई कहता है कि “मैं आपके कार्य से पहले से ही अच्छी तरह परिचित हूँ” तो इस रुकावट को कैसे पार किया जा सकता है।—किस तरह बाइबल चर्चाओं को आरंभ करें और जारी रखें का पेज 12 देखिए।

15 मि: अकेले ही बच्चों की परवरिश करनेवाले माता-पिताओं के सामने आयी चुनौतियाँ। प्राचीन, ऐसे एक-दो माता या पिता का इंटरव्यू लेता है जो अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश करते हैं (या जिनके जीवन-साथी साक्षी नहीं हैं)। वह उनसे पूछता है कि वे बच्चों को तालीम, अनुशासन और आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते वक्‍त आयी समस्याओं का सामना कैसे करते हैं? वे अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के साथ-साथ सभाओं में और प्रचार में नियमित रूप से कैसे जा पाते हैं? पारिवारिक सुख का रहस्य किताब के पेज 104-10 पर दिए गए कुछ सुझावों की तरफ श्रोताओं का ध्यान खींचिए। जैसा पेज 113-15 में बताया गया है, यह भी बताइए कि दूसरे लोग किन कारगर तरीकों से उनकी मदद कर सकते हैं।

20 मि: “कलीसिया पुस्तक अध्ययन ओवरसियर हरेक में दिलचस्पी कैसे दिखाते हैं।” पुस्तक अध्ययन ओवरसियर के ज़रिए सवाल-जवाब से चर्चा। चर्चा शुरू करने से पहले, चंद शब्दों में बताइए कि पुस्तक अध्ययन का इंतज़ाम कैसे शुरू हुआ था। (jv 237 पैरा. 4) पहले से ऐसे दो-तीन प्रचारकों को यह बताने के लिए तैयार कीजिए कि जब उनमें कलीसिया के पुस्तक अध्ययन के ज़रिए निजी दिलचस्पी दिखायी गयी तो उन्हें क्या फायदा हुआ है।

गीत 23 (200) और प्रार्थना।

अक्टूबर 21 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 4 (43)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। अकाउंट्‌स रिपोर्ट।

35 मि: “अलग-अलग भाषा बोलनेवाले इलाके में चेला बनाना।” भाषण और श्रोताओं के साथ चर्चा जिसे सर्विस ओवरसियर पेश करेगा। पैराग्राफ 8 पर चर्चा करते वक्‍त, दो प्रचारकों से एक प्रदर्शन करवाइए। इसमें एक प्रचारक, तरक्की कर रहा अपना बाइबल अध्ययन, किसी ऐसी कलीसिया के प्रचारक को सौंपता है जो उस विद्यार्थी की भाषा जानता है। अपने इलाके की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए थोड़े शब्दों में समझाइए कि आपकी कलीसिया या इलाके में दूसरी भाषा बोलनेवाले लोगों की मदद के लिए क्या किया जा रहा है।

गीत 20 (93) और प्रार्थना।

अक्टूबर 28 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 16 (143)

8 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। सब ने हाल में हुए खास सम्मेलन दिन के कार्यक्रम के दौरान जो नोट्‌स लिए थे, उन पर दोबारा गौर करने के लिए उन्हें उकसाइए जिसकी चर्चा अगले हफ्ते की सेवा सभा में होनेवाली है। प्रचारकों को याद दिलाइए कि वे अक्टूबर में किए गए प्रचार की रिपोर्ट डाल दें। पेज 8 पर दिए सुझावों का इस्तेमाल करके एक भाई से अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! (पत्रिकाएँ पेश करने के कॉलम का तीसरा सुझाव) और एक बहन से नवंबर 1 की प्रहरीदुर्ग पेश करने का प्रदर्शन करवाइए। हर प्रदर्शन के बाद उसके एक कारगर मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचिए।

12 मि: स्कूल में सच्चाई के लिए दृढ़ खड़े रहना। ऐसे एक या दो जवान प्रचारकों का इंटरव्यू लीजिए जो यह समझते हैं कि क्लास के उन बच्चों के साथ कम मेल-जोल रखना ज़रूरी है, जो साक्षी नहीं हैं। जब राष्ट्रीय समारोह, स्कूल में होनेवाले डान्स या रैली और गंदे चालचलन को लेकर उनके सामने मुश्‍किलें खड़ी होती हैं या फिर वे लुभाए जाते हैं तो वे इनका सामना कैसे करते हैं? उनसे यह भी पूछिए कि उन्होंने स्कूल में गवाही देने के लिए कौन-सी योजनाएँ बनायी हैं।

25 मि: “इस्राएलियों की कहानी, हमें देती चेतावनी पर ध्यान देने के लिए तहेदिल से गुज़ारिश।” एक मिनट से भी कम समय में लेख का परिचय दीजिए और फिर तुरंत ही उसमें दिए गए हर सवाल पर श्रोताओं के साथ चर्चा कीजिए। दिसंबर में हम वीडियो, बगैर खून इलाज—चिकित्सा क्षेत्र चुनौती स्वीकार करता है (अँग्रेज़ी) पर चर्चा करेंगे।

गीत 6 (45) और प्रार्थना।

नवंबर 4 से शुरू होनेवाला सप्ताह

गीत 9 (37)

10 मि: कलीसिया की घोषणाएँ। माँग ब्रोशर या ज्ञान किताब पेश करने के लिए जनवरी 2002 की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में दिए कुछ सुझावों पर थोड़े शब्दों में चर्चा कीजिए। इनमें से एक पर प्रदर्शन दिखाइए।

13 मि: समाचार से नहीं लजाता। (रोमि. 1:16) एक जवान अपने पिता के पास एक समस्या लेकर आता है। वह यहोवा के साक्षियों के तौर पर अपनी पहचान करवाने से कतराता है क्योंकि उसे डर है कि उसके दोस्त उसका मज़ाक उड़ाएँगे। दिल की बात खुलकर बताने के लिए पिता बेटे को शाबाशी देता है। फिर पिता बताता है कि पतरस ने भी एक बार साथियों के दबाव में आकर क्या किया था। (मत्ती 26:69-74) पिता उसे सलाह देता है: हमें अपने मसीही होने पर कभी भी शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए। (मर. 8:38) अगर तुम स्कूल में साक्षियों के तौर पर अपनी पहचान कराओगे तो यह तुम्हारे लिए फायदेमंद होगा। इससे बहुत-से टीचर तुम्हारे विश्‍वास की इज़्ज़त करेंगे और उन कामों में हिस्सा लेने के लिए तुम पर ज़ोर नहीं डालेंगे जो तुम्हारे विश्‍वास के मुताबिक सही नहीं है। उसी तरह शायद ऐसे लड़के जिनका कोई नैतिक आदर्श नहीं है, गलत चाल चलने के लिए तुम पर दबाव नहीं डालेंगे। क्लास के दूसरे बच्चे भी अच्छी तरह समझ सकेंगे कि तुम डॆटिंग क्यों नहीं करते, स्कूल के बाद होनेवाले कुछ कार्यक्रमों या खेलकूद में हिस्सा क्यों नहीं लेते। अगर समय है तो बाप-बेटे मिलकर, युवाओं के प्रश्‍न किताब के पेज 315-18 के उपशीर्षक, “परमेश्‍वर के साथ अपनी मित्रता की जन घोषणा करना” से कुछ मुद्दों पर चर्चा करते हैं। बेटा इस अच्छी सलाह के लिए अपने पिता का एहसान मानता है।

22 मि: परमेश्‍वर के आधीन हो जाओ—शैतान का साम्हना करो। (याकू. 4:7) पिछले सेवा-साल में हुए खास सम्मेलन दिन के कुछ मुद्दों पर प्राचीन नीचे दिए गए सवालों के ज़रिए श्रोताओं के साथ एक जानदार चर्चा करता है। भाई-बहनों से पूछिए कि वे सीखी हुई बातों को कैसे लागू कर पाए हैं। (हरेक भाग की तैयारी करने के लिए पहले से ही किसी को कहा जा सकता है।) कार्यक्रम के कुछ भागों पर खास ज़ोर दीजिए: (1) “दासत्व में पड़े संसार में परमेश्‍वर के अधीन रहना।” संसार के फंदों से बचने के लिए हमारा सचेत रहना क्यों ज़रूरी है? (2) “परिवार के सदस्यों के तौर पर परमेश्‍वर के अधीन रहना।” यहोवा के संगठन में परिवारों का आज के समय में एक-दूसरे के साथ मज़बूत रिश्‍ता बनाना और भी ज़रूरी क्यों हो गया है? हम यह कैसे कर सकते हैं? (3) “यहोवा की तरफ स्थिर खड़े रहने में नए शिष्यों की मदद कीजिए।” विश्‍वास की परीक्षा लेनेवाली बाधाओं का सामना करने में हम नए लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं? (4) “शैतान का सामना करने का मतलब क्या है।” ऐसी कौन-सी अहम बात है जो शैतान का सामना कामयाबी के साथ करने में मदद दे सकती है? इफिसियों 6:11-18 में बताए गए आध्यात्मिक हथियार से हम कैसे सुरक्षा पा सकते हैं? (w92 5/15 21-3) (5) “दुष्ट का सामना करने में कामयाब होनेवाले जवान” और “परमेश्‍वर के अधीन रहकर लाभ उठानेवाले जवान।” शैतान की ऐसी कौन-सी कुछ चालें हैं, जिनसे जवानों को सावधान रहना चाहिए? खुद को यहोवा के अधीन करनेवाले जवानों को कैसी आशीषें मिली हैं? (w-HI91 9/1 30-1 पैरा. 15-17) (6) “ईश्‍वरीय अधीनता से लाभ उठाना।” समझाइए कि मसीही कैसे सरकारी अधिकारियों को, नौकरी पर अपने मालिकों को, साथ ही परिवार में और कलीसिया में अधीनता दिखाते हैं। इसके लिए कौन-से गुण हमारी मदद करेंगे?

गीत 24 (185) और प्रार्थना।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें