सन् 2003 के लिए परमेश्वर की सेवा स्कूल का कार्यक्रम
हिदायतें
सन् 2003 के दौरान, परमेश्वर की सेवा स्कूल के लिए ये इंतज़ाम किए गए हैं।
किताबें: द होली बाइबल हिंदी [O.V.], प्रहरीदुर्ग [w-HI], परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए [be-HI], “ऑल स्क्रिप्चर इज़ इंस्पायर्ड ऑफ गॉड एण्ड बैनिफीशियल” (1990 संस्करण) [si], रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स् (1989 संस्करण) [rs], ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है [kl-HI] और पारिवारिक सुख का रहस्य [fy-HI].
अगर रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स् उपलब्ध नहीं है, तो इसकी जगह आप उन किताबों से जानकारी ले सकते हैं, जिनका हवाला दिया गया है।
स्कूल वक्त पर शुरू होना चाहिए। गीत, प्रार्थना और स्वागत के चंद शब्दों से स्कूल की शुरूआत करने के बाद इन हिदायतों के मुताबिक इसे चलाइए:
भाषण के गुण: 5 मिनट। स्कूल ओवरसियर, सहायक सलाहकार या कोई और काबिल प्राचीन सेवा स्कूल किताब में से भाषण के किसी एक गुण पर चर्चा करेगा। (जिस कलीसिया में कम प्राचीन हैं, उसमें एक काबिल सहायक सेवक को भी यह भाग दिया जा सकता है।) अगर कोई और हिदायत न दी गयी हो, तो जिन पेजों पर चर्चा करने के लिए आपको बताया जाता है, उनमें मौजूद बक्स पर भी आपको चर्चा करनी है। अभ्यास पर आपको बोलना नहीं है। ये खासकर विद्यार्थियों के अपने इस्तेमाल के लिए या उन्हें निजी सलाह देने के लिए हैं।
भाग नं. 1: 10 मिनट। इस भाग को एक प्राचीन या सहायक सेवक पेश करेगा और यह भाग प्रहरीदुर्ग पत्रिका, परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए, या “ऑल स्क्रिप्चर इज़ इंस्पायर्ड ऑफ गॉड एण्ड बैनिफीशियल” किताब से होगा। इस भाग को दस मिनट के हिदायत-भाषण के तौर पर दिया जाएगा और इसके आखिर में सवाल नहीं पूछे जाएँगे। इस भाग का मकसद, सिर्फ जानकारी पेश करना नहीं है बल्कि यह ज़ोर देना है कि जानकारी पर कैसे अमल किया जाना चाहिए और इस तरह कलीसिया को जिन मुद्दों से फायदा होगा, उन पर खास ज़ोर दिया जाना चाहिए। स्कूल के कार्यक्रम में जो शीर्षक दिया जाता है, उसी का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भाइयों को यह भाग सौंपा जाता है, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे दिए गए समय में ही अपना भाग खत्म करने पर ध्यान देंगे। और ज़रूरत पड़ने पर, उन्हें अलग से निजी सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पढ़ाई की झलकियाँ: 10 मिनट। यह भाग एक काबिल प्राचीन या सहायक सेवक देगा और पहले छः मिनट के लिए वह कलीसिया की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर समझाएगा कि जानकारी को कैसे लागू किया जा सकता है। यह भाई, हफ्ते की बाइबल पढ़ाई के किसी भी हिस्से पर चर्चा कर सकता है, क्योंकि भाग नं. 2 पेश करनेवाला भाई जिन आयतों को पढ़ेगा उन पर चर्चा नहीं करेगा। मगर झलकियाँ पेश करने का मतलब, पढ़ाई के हिस्से का सारांश देना नहीं है। इस भाग का खास मकसद है, सुननेवालों को यह समझने में मदद देना कि यह जानकारी उनके लिए क्यों और कैसे अहमियत रखती है। उसके बाद, चार मिनट के लिए वक्ता, सभा में हाज़िर लोगों से दो सवालों का चंद शब्दों में (30 या उससे कम सेकंड में) जवाब देने के लिए कहेगा। सवाल हैं: “इस हफ्ते की बाइबल पढ़ाई से आपने ऐसी क्या बात सीखी जिसे अपनी सेवा या अपनी ज़िंदगी में लागू करने से आपको फायदा होगा? आपने इससे क्या सीखा जिससे आपका विश्वास मज़बूत हुआ और आपके दिल में यहोवा के लिए श्रद्धा और बढ़ी?” इसके बाद, स्कूल ओवरसियर विद्यार्थियों को अपने-अपने क्लासरूम में जाने के लिए कहेगा।
भाग नं. 2: 4 मिनट। यह पढ़ाई का भाग है जो एक भाई देगा। आम तौर पर यह पढ़ाई बाइबल से होगी। महीने में एक बार इस भाग की जानकारी, प्रहरीदुर्ग के किसी लेख से होगी। विद्यार्थी को दिया गया भाग सिर्फ पढ़ना चाहिए, उसे शुरूआत और आखिर में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। हफ्ते-दर-हफ्ते पढ़ाई के हिस्से की लंबाई में थोड़ी-बहुत घट-बढ़ होगी, लेकिन पढ़ाई चार मिनट या उससे कम समय में पूरी हो जानी चाहिए। स्कूल ओवरसियर को चाहिए कि यह भाग सौंपने से पहले वह पढ़ाई के हिस्से को एक बार देख ले ताकि तय कर सके कि उम्र और काबिलीयत के हिसाब से यह भाग किसे दिया जाना चाहिए। स्कूल ओवरसियर खासकर ऐसी काबिलीयतें बढ़ाने में विद्यार्थी की मदद करेगा, जैसे समझ और प्रवाह के साथ पढ़ना, सही तरीके से मतलब पर ज़ोर देना, आवाज़ में उतार-चढ़ाव लाना, सही ठहराव देना और सहजता से पढ़ना।
भाग नं. 3: 5 मिनट। यह भाग किसी बहन को दिया जाएगा। जिस विद्यार्थी को यह भाग सौंपा जाएगा, उसे सेवा स्कूल किताब के पेज 82 पर दी गयी सूची में से या तो एक सैटिंग दी जाएगी, या फिर उसे खुद उसमें से सैटिंग चुननी होगी। विद्यार्थी को दिए गए शीर्षक का इस्तेमाल करना चाहिए और इसे प्रचार के किसी पहलू पर इस तरह लागू करना चाहिए कि सच्चा लगे और अपने इलाके में प्रचार करने के लिए कलीसिया के काम आए। अगर विद्यार्थी को नहीं बताया जाता है कि इस भाग के लिए उसे किस साहित्य से जानकारी लेनी है, तो उसे विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास के तैयार किए हुए किसी भी साहित्य से खुद खोजबीन करके अपने भाग के लिए जानकारी इकट्ठी करनी होगी। नए विद्यार्थियों को ऐसा भाग दिया जाना चाहिए, जिसमें बताया गया हो कि किस किताब से जानकारी लेनी है। स्कूल ओवरसियर का खास ध्यान इस बात पर होगा कि विद्यार्थी किस तरह जानकारी पेश करती है, वह कैसे घर-मालिक को बाइबल की आयतों पर तर्क करने और भाषण के खास मुद्दों को समझने में मदद देती है। इस भाग के लिए विद्यार्थी को पढ़ना आना चाहिए। स्कूल ओवरसियर उस बहन के साथ सहायक के तौर पर दूसरी बहन को नियुक्त करेगा।
भाग नं. 4: 5 मिनट। विद्यार्थी को बताए गए शीर्षक के आधार पर ही भाषण देना है। अगर विद्यार्थी को नहीं बताया जाता है कि इस भाग के लिए किस साहित्य से जानकारी लेनी है, तो उसे विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास के तैयार किए हुए किसी भी साहित्य से खुद खोजबीन करके अपने भाग के लिए जानकारी इकट्ठी करनी होगी। अगर यह भाग एक भाई को सौंपा जाता है, तो वह किंगडम हॉल में हाज़िर लोगों को मन में रखकर इसे एक भाषण के रूप में पेश करेगा। जब यह भाग एक बहन को दिया जाता है, तब उसे भाग नं. 3 की हिदायतों का पालन करना है। ध्यान दीजिए कि जिन विषयों के साथ यह निशान (a) दिया है, वे भाग सिर्फ भाइयों को दिए जाने चाहिए।
वक्त: हर भाषण बताए गए वक्त के अंदर खत्म होना चाहिए और सलाहकार को भी अपना ठहराया हुआ वक्त ही लेना चाहिए, उससे ज़्यादा नहीं। भाग नं. 2, 3 और 4 पेश करनेवाले विद्यार्थियों का अगर समय पूरा हो जाता है, तो समझ-बूझ के साथ उन्हें रुकने का इशारा किया जा सकता है। और अगर भाषण के गुण पर चर्चा करनेवाला भाई, भाग नं. 1 या बाइबल पढ़ाई से झलकियाँ पेश करनेवाला भाई ज़्यादा समय ले लेता है, तो उन्हें अलग से निजी सलाह दी जानी चाहिए। सभी को ध्यान रखना चाहिए कि वे कितना समय ले रहे हैं। गीत और प्रार्थना को छोड़कर, पूरे कार्यक्रम का कुल समय है: 45 मिनट।
सलाह: 1 मिनट। हर विद्यार्थी-भाग के बाद, विद्यार्थी को सलाह देने में स्कूल ओवरसियर एक मिनट से ज़्यादा समय नहीं लेगा। सलाह देने का मतलब है, विद्यार्थी-भाग में उसने जो खूबियाँ देखी, उनके बारे में बताना। उसका मकसद सिर्फ “बहुत अच्छा” कहना नहीं है, बल्कि यह बताना है कि विद्यार्थी का भाग क्यों असरदार था। अगर विद्यार्थी को और भी सलाह देने की ज़रूरत है, तो उसे सभा के बाद या दूसरे वक्त पर अलग से सलाह दी जा सकती है ताकि उसे फायदा हो।
सहायक सलाहकार: अगर स्कूल ओवरसियर के अलावा, दूसरा काबिल प्राचीन भी है, तो प्राचीनों का निकाय उसे सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी सौंप सकता है। उसकी ज़िम्मेदारी है, ज़रूरत पड़ने पर भाग नं. 1 और बाइबल झलकियाँ पेश करनेवाले भाइयों को निजी सलाह देना। यह ज़रूरी नहीं कि ऐसे हर भाग के बाद उसे अपने साथी प्राचीन या सहायक सेवक को सलाह देनी है। यह इंतज़ाम सन् 2003 में शुरू किया जाएगा और बाद में शायद उसमें कुछ फेरबदल की जाए।
सलाह परचा: रमेश्वर की सेवा स्कूल किताब में है।
ज़बानी चर्चा: 30 मिनट। हर दो महीने में एक बार, स्कूल ओवरसियर ज़बानी चर्चा का कार्यक्रम चलाएगा जिसमें स्कूल में सीखी हुई बातें दोहरायी जाएँगी। इस कार्यक्रम से पहले, जैसे ऊपर बताया है, भाषण के एक गुण पर चर्चा की जाएगी, साथ ही बाइबल की झलकियाँ पेश की जाएँगी। यह ज़बानी चर्चा, पिछले दो महीने और उसी हफ्ते स्कूल में दी गयी जानकारी के आधार पर होगी।
कार्यक्रम
जन. 6 बाइबल पढ़ाई: मत्ती 1-6 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: परमेश्वर की सेवा स्कूल में आपका स्वागत है (be-HI पेज 5 ¶1–पेज 8 ¶1)
नं. 1: परमेश्वर का वचन पढ़ने में दिली खुशी पाइए (be-HI पेज 9 ¶1-5)
नं. 2: मत्ती 4:1-22
नं. 3: सच्चे मसीहियों पर अंतिम दिनों के चिन्ह का क्या असर पड़ता है? (rs पेज 238 ¶2-3; kl-HI अध्याय 11 ¶3, 4, 17)
नं. 4: यीशु अब क्या कर रहा है?
जन. 13 बाइबल पढ़ाई: मत्ती 7-11 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: रोज़ बाइबल पढ़िए (be-HI पेज 10 ¶1–पेज 12 ¶4)
नं. 1: “इस प्रकार दौड़ो” (w-HI01 1/1 पेज 28-31)
नं. 2: मत्ती 9:9-31
नं. 3: हम क्यों दूसरों को प्रचार करते हैं?
नं. 4: यहोवा के साक्षी क्यों कहते हैं कि अंतिम दिनों की शुरूआत 1914 में हुई? (rs पेज 239 ¶2–पेज 240 ¶1; kl-HI अध्याय 11 ¶2, 5-14, 16)
जन. 20 बाइबल पढ़ाई: मत्ती 12-15 गीत 3 (32)
भाषण का गुण: सही-सही पढ़ना (be-HI पेज 83 ¶1-5)
नं. 1: आप हताशा से जूझ सकते हैं! (w-HI01 2/1 पेज 20-3)
नं. 2: मत्ती 13:1-23
नं. 3: इस संसार के नाश के बाद क्या धरती पर कोई ज़िंदा बचेगा? (rs पेज 240 ¶2-5; kl-HI अध्याय 19 ¶6, 10)
नं. 4: क्या परमेश्वर कभी बदलता है?
जन. 27 बाइबल पढ़ाई: मत्ती 16-21 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: सही-सही कैसे पढ़ें (be-HI पेज 84 ¶1–पेज 85 ¶3)
नं. 1: वक्त, तेज़ी से बीत जाता है (si पेज 278-9 ¶1-6)
नं. 2: w-HI01 1/15 पेज 20 ¶20–पेज 21 ¶24
नं. 3: क्या चीज़ दुनिया को एक करेगी?
नं. 4: परमेश्वर ने दुष्टों को मिटाने से पहले इतने समय की मोहलत क्यों दी है? (rs पेज 241 ¶1-3; kl-HI अध्याय 8 ¶8-11, 14, 15)
फर. 3 बाइबल पढ़ाई: मत्ती 22-25 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: शब्द साफ-साफ बोलना (be-HI पेज 86 ¶1-6)
नं. 1: “चौकस रहो, कि तुम किस रीति से सुनते हो” (be-HI पेज 13 ¶1–पेज 14 ¶5)
नं. 2: मत्ती 22:15-40
नं. 3: हम कैसे जानते हैं कि हम जिस समय में जी रहे हैं, इसी समय पर सारा चिन्ह पूरा हो रहा है? (rs पेज 241 ¶5–पेज 242 ¶2; kl-HI अध्याय 11 ¶1, 2, 16 और पेज 102 का बक्स)
नं. 4: विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास असल में कौन है?
फर. 10 बाइबल पढ़ाई: मत्ती 26-28 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: साफ-साफ कैसे बोलें (be-HI पेज 87 ¶1–पेज 88 ¶3)
नं. 1: सच्ची खुशी कैसे हासिल करें (w-HI01 3/1 पेज 4-7)
नं. 2: मत्ती 26:6-30
नं. 3: मैं ड्रग्स क्यों इस्तेमाल नहीं करती
नं. 4: इंसान के जीवन का मकसद क्या है? (rs पेज 243 ¶3–पेज 244 ¶4; kl-HI अध्याय 1 ¶2, 8-10)
फर. 17 बाइबल पढ़ाई: मरकुस 1-4 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: सही उच्चारण—कुछ अहम बातों पर गौर करें (be-HI पेज 89 ¶1–पेज 90 ¶2)
नं. 1: बाइबल के ज़माने में समय का हिसाब रखने के तरीके (si पेज 279-80 ¶7-13)
नं. 2: w-HI01 2/15 पेज 25 ¶10–पेज 26 ¶14
नं. 3: क्या इंसान को इसलिए बनाया गया है कि वह चंद दिन जीकर मर जाए? (rs पेज 245 ¶1-3; kl-HI अध्याय 1 ¶6, 7, 9)
नं. 4: जुआ खेलना क्यों गलत है
फर. 24 बाइबल पढ़ाई: मरकुस 5-8 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: उच्चारण सुधारने के तरीके (be-HI पेज 90 ¶3–पेज 92)
ज़बानी चर्चा
मार्च 3 बाइबल पढ़ाई: मरकुस 9-12 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: प्रवाह के साथ भाषण देना (be-HI पेज 93 ¶1–पेज 94 ¶3)
नं. 1: भाषण सुनना, चर्चाओं के दौरान, सम्मेलनों और अधिवेशनों में सुनना (be-HI पेज 15 ¶1–पेज 16 ¶5)
नं. 2: मरकुस 10:1-22
नं. 3: हम परमेश्वर से ताकत कैसे पा सकते हैं
नं. 4: हमेशा जीने की आशा का आधार क्या है? (rs पेज 246 ¶5-7; kl-HI अध्याय 7 ¶17-20)
मार्च 10 बाइबल पढ़ाई: मरकुस 13-16 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: प्रवाह को सुधारने के तरीके (be-HI पेज 94 ¶4–पेज 96 ¶3, पेज 95 का बक्स छोड़कर)
नं. 1: आध्यात्मिक फिरदौस क्या है? (w-HI01 3/1 पेज 8-11)
नं. 2: मरकुस 13:1-23
नं. 3: भविष्य की आशा कैसे पूरी होगी? (rs पेज 246 ¶8–पेज 247 ¶1; kl-HI अध्याय 9 ¶15-18)
नं. 4: क्या परमेश्वर, इंसान के युद्धों में किसी का पक्ष लेता है?
मार्च 17 बाइबल पढ़ाई: लूका 1-3 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: हकलाने की समस्या का सामना करना (be-HI पेज 95, बक्स)
नं. 1: “क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए” (w-HI01 3/15 पेज 25-8)
नं. 2: लूका 3:1-22
नं. 3: क्या यीशु की उपासना करना सही है?
नं. 4: bक्या कानून की माँगों के मुताबिक शादी करना ज़रूरी है? (rs पेज 248 ¶2–पेज 249 ¶2; kl-HI अध्याय 13 ¶11)
मार्च 24 बाइबल पढ़ाई: लूका 4-6 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: विराम-चिन्ह और विचार बदलने पर ठहरना (be-HI पेज 97 ¶1–पेज 98 ¶5)
नं. 1: क्या आपके बारे में गलत राय कायम की गयी है? (w-HI01 4/1 पेज 20-3)
नं. 2: लूका 6:1-23
नं. 3: स्मारक की अहमियत क्या है? (rs पेज 266 ¶1–पेज 267 ¶1; kl-HI अध्याय 13 ¶18)
नं. 4: क्या मसीहियों को परमेश्वर से हिफाज़त की उम्मीद करनी चाहिए?
मार्च 31 बाइबल पढ़ाई: लूका 7-9 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: ज़ोर देने के लिए ठहरना, सुनने के लिए ठहरना (be-HI पेज 99 ¶1–पेज 100 ¶4)
नं. 1: “परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर” (be-HI पेज 272 ¶1–पेज 275 ¶3)
नं. 2: w-HI01 3/15 पेज 18 ¶17–पेज 19 ¶20
नं. 3: हम कैसे जानते हैं कि बाइबल, परमेश्वर की तरफ से है
नं. 4: स्मारक में इस्तेमाल किए जानेवाले प्रतीकों के क्या मायने हैं? (rs पेज 267 ¶2-3; kl-HI अध्याय 13 ¶18)
अप्रै. 7 बाइबल पढ़ाई: लूका 10-12 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: सही तरीके से मतलब पर ज़ोर देना (be-HI पेज 101 ¶1–पेज 102 ¶3)
नं. 1: “यीशु की गवाही देना” (be-HI पेज 275 ¶4–पेज 278 ¶4)
नं. 2: लूका 10:1-22
नं. 3: प्रभु के संध्या भोज में किसे हिस्सा लेना चाहिए? (rs पेज 267 ¶5–पेज 268 ¶1)
नं. 4: दुनिया की पहली शादी के वक्त क्या-क्या हुआ? (rs पेज 249 ¶3-4; fy-HI अध्याय 16 ¶1)
अप्रै. 14 बाइबल पढ़ाई: लूका 13-17 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: मतलब पर ज़ोर देने में सुधार करना (be-HI पेज 102 ¶4–पेज 104 ¶4)
नं. 1: “राज्य का यह सुसमाचार” (be-HI पेज 279 ¶1–पेज 281 ¶4)
नं. 2: लूका 15:11-32
नं. 3: दुष्टात्माओं के चंगुल से खुद को कैसे बचाएँ
नं. 4: स्मारक कितनी बार और कब मनाना चाहिए? (rs पेज 269 ¶1-2; kl-HI अध्याय 13 ¶18)
अप्रै. 21 बाइबल पढ़ाई: लूका 18-21 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: खास विचारों पर ज़ोर देना (be-HI पेज 105 ¶1–पेज 106 ¶2)
नं. 1: यहोवा के प्यार और बुद्धि का सबूत देते अलग-अलग मौसम (si पेज 280 ¶14-17)
नं. 2: w-HI01 4/15 पेज 6 ¶19–पेज 7 ¶22
नं. 3: पुनरुत्थान की आशा, हमारी ज़िंदगी पर कैसे असर करती है?
नं. 4: cक्या बाइबल एक से ज़्यादा पति/पत्नियाँ रखने की छूट देती है? (rs पेज 250 ¶1–पेज 251 ¶2; fy-HI पेज 17 ¶2; kl-HI अध्याय 13 ¶13)
अप्रै. 28 बाइबल पढ़ाई: लूका 22-24 गीत 29 (222)
भाषण का गुण: सुननेवालों के हिसाब से सही आवाज़ (be-HI पेज 107 ¶1–पेज 108 ¶4)
ज़बानी चर्चा
मई 5 बाइबल पढ़ाई: यूहन्ना 1-4 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: अपनी आवाज़ सुधारने के तरीके (be-HI पेज 108 ¶5–पेज 110 ¶2)
नं. 1: आप अपनी याददाश्त बढ़ा सकते हैं (be-HI पेज 17 ¶1–पेज 19 ¶1)
नं. 2: यूहन्ना 2:1-25
नं. 3: क्या परमेश्वर शराब पीने की निंदा करता है?
नं. 4: dपति-पत्नी के अलग होने के बारे में परमेश्वर का क्या नज़रिया है? (rs पेज 251 ¶3; fy-HI अध्याय 13 ¶17-20)
मई 12 बाइबल पढ़ाई: यूहन्ना 5-7 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: उतार-चढ़ाव—आवाज़ ऊँची-नीची करना (be-HI पेज 111 ¶1–पेज 112 ¶2)
नं. 1: परवरिश चाहे जैसी रही हो, आप कामयाब हो सकते हैं (w-HI01 4/15 पेज 25-8)
नं. 2: यूहन्ना 5:1-24
नं. 3: तकदीर को मानना क्यों सही नहीं है
नं. 4: eतलाक और दूसरी शादी करने के बारे में बाइबल क्या कहती है? (rs पेज 252 ¶1-4; fy-HI अध्याय 2 ¶4 & अध्याय 13 ¶14-16)
मई 19 बाइबल पढ़ाई: यूहन्ना 8-11 गीत 24 (185)
भाषण का गुण: उतार-चढ़ाव—रफ्तार घटाना-बढ़ाना (be-HI पेज 112 ¶3-6)
नं. 1: ‘बुद्धि से हमारी आयु बढ़ेगी’ (w-HI01 5/15 पेज 28-31)
नं. 2: यूहन्ना 10:16-42
नं. 3: प्राचीनकाल में, परमेश्वर ने भाई और बहन के बीच शादी के रिश्ते की इजाज़त क्यों दी? (rs पेज 252 ¶5–पेज 253 ¶1)
नं. 4: तनाव का सामना कैसे करें
मई 26 बाइबल पढ़ाई: यूहन्ना 12-16 गीत 13 (124)
भाषण का गुण: उतार-चढ़ाव—स्वर-बल में फेरबदल (be-HI पेज 113 ¶1–पेज 114 ¶3)
नं. 1: साल और पवित्र शास्त्र (si पेज 280-2 ¶18-23)
नं. 2: w-HI01 5/1 पेज 14 ¶4–पेज 15 ¶7
नं. 3: “संसार के नहीं” होने का मतलब क्या है
नं. 4: क्या बात शादी के बंधन को मज़बूत करती है? (rs पेज 253 ¶2-5; fy-HI अध्याय 3)
जून 2 बाइबल पढ़ाई: यूहन्ना 17-21 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: भावनाओं के साथ बात कीजिए (be-HI पेज 115 ¶1–पेज 116 ¶4)
नं. 1: याद करने में परमेश्वर की आत्मा की भूमिका (be-HI पेज 19 ¶2–पेज 20 ¶3)
नं. 2: यूहन्ना 20:1-23
नं. 3: क्या बात शादी के बंधन को मज़बूत करती है? (rs पेज 254 ¶1-4; kl-HI अध्याय 15)
नं. 4: क्या बड़े-बड़े धर्मों का होना ज़रूरी है?
जून 9 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 1-4 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: जानकारी के हिसाब से जोश दिखाना (be-HI पेज 116 ¶5–पेज 117 ¶4)
नं. 1: यहोवा पर अपना विश्वास मज़बूत कीजिए (w-HI01 6/1 पेज 7-10)
नं. 2: प्रेरितों 4:1-22
नं. 3: बाइबल के वृत्तांत से हम मरियम के बारे में क्या सीख सकते हैं? (rs पेज 254 ¶5–पेज 255 ¶2; kl-HI अध्याय 4 ¶15)
नं. 4: हमारे उपासना के तरीके से क्या परमेश्वर को कुछ फर्क पड़ता है?
जून 16 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 5-7 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: स्नेह ज़ाहिर करना (be-HI पेज 118 ¶1–पेज 119 ¶5)
नं. 1: पापों को स्वीकार करना जो आध्यात्मिक तौर से स्वस्थ करता है (w-HI01 6/1 पेज 28-31)
नं. 2: प्रेरितों 7:1-22
नं. 3: यहोवा के साक्षी कैसे दूसरे धर्मों से अलग हैं
नं. 4: यीशु के जन्म के समय, क्या मरियम वाकई कुँवारी थी? (rs पेज 255 ¶3-4; kl-HI पेज 37 & 40 ¶15)
जून 23 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 8-10 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: भावनाएँ ज़ाहिर करना (be-HI पेज 119 ¶6–पेज 120 ¶5)
नं. 1: अनाथों और विधवाओं की क्लेश में सुधि लें (w-HI01 6/15 पेज 9-12)
नं. 2: w-HI01 6/1 पेज 12 ¶1–पेज 13 ¶5
नं. 3: क्या मरियम सारी उम्र कुँवारी रही? (rs पेज 255 ¶5–पेज 256 ¶2; kl-HI अध्याय 4 ¶15)
नं. 4: fआध्यात्मिक उन्नति के लिए सभाओं में हाज़िर होना क्यों ज़रूरी है
जून 30 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 11-14 गीत 26 (212)
भाषण का गुण: हाव-भाव और चेहरे के भाव की अहमियत (be-HI पेज 121 ¶1-4)
ज़बानी चर्चा
जुला. 7 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 15-17 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: हाव-भाव करना और चेहरे पर भाव लाना (be-HI पेज 122 ¶1–पेज 123 ¶2)
नं. 1: पढ़ने में क्यों ध्यान लगाए रहें? (be-HI पेज 21 ¶1–पेज 23 ¶3)
नं. 2: प्रेरितों 15:1-21
नं. 3: हम यहोवा की हुकूमत को कैसे बुलंद करते हैं
नं. 4: क्या मरियम परमेश्वर की माँ थी? (rs पेज 256 ¶3–पेज 257 ¶2; kl-HI अध्याय 4 ¶13, 15)
जुला. 14 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 18-21 गीत 3 (32)
भाषण का गुण: प्रचार में नज़र मिलाकर बात करना (be-HI पेज 124 ¶1–पेज 125 ¶4)
नं. 1: आशंकाओं के हाथों अपने विश्वास का खून मत होने दीजिए (w-HI01 7/1 पेज 18-21)
नं. 2: प्रेरितों 19:1-22
नं. 3: gजब मरियम अपनी माँ के गर्भ में पड़ी, तब क्या वह निष्पाप थी? (rs पेज 257 ¶3–पेज 258 ¶1; kl-HI अध्याय 6 ¶12, 13)
नं. 4: ‘पहिले राज्य की खोज करते रहो,’ का मतलब क्या है
जुला. 21 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 22-25 गीत 29 (222)
भाषण का गुण: भाषण देते वक्त नज़र मिलाकर बात करना (be-HI पेज 125 ¶5–पेज 127 ¶1)
नं. 1: क्या आप सचमुच सहनशील हैं? (w-HI01 7/15 पेज 21-3)
नं. 2: प्रेरितों 24:1-23
नं. 3: क्या इब्लीस सचमुच अस्तित्त्व में है?
नं. 4: hक्या मरियम अपने इंसानी शरीर समेत स्वर्ग गयी? (rs पेज 258 ¶2-3; kl-HI अध्याय 9 ¶19)
जुला. 28 बाइबल पढ़ाई: प्रेरितों 26-28 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: प्रचार में सहजता (be-HI पेज 128 ¶1–पेज 129 ¶1)
नं. 1: शून्य साल नहीं होता (si पेज 282 ¶24-6)
नं. 2: w-HI01 7/1 पेज 14 ¶5-8
नं. 3: क्या मरियम के ज़रिए प्रार्थना करना सही है? (rs पेज 258 ¶4–पेज 259 ¶1; kl-HI अध्याय 16 ¶9)
नं. 4: हम जीवन के वरदान के लिए आदर कैसे दिखा सकते हैं
अग. 4 बाइबल पढ़ाई: रोमियों 1-4 गीत 7 (51)
भाषण का गुण: स्टेज पर सहजता (be-HI पेज 129 ¶2–पेज 130 ¶1)
नं. 1: पढ़ने में कैसे ध्यान लगाए रहें (be-HI पेज 23 ¶4–पेज 26 ¶5)
नं. 2: रोमियों 2:1-24
नं. 3: क्या आपका कोई पिछला जन्म रहा है?
नं. 4: पहली सदी की मसीही कलीसिया में क्या मरियम को खास सम्मान दिया गया था? (rs पेज 259 ¶3–पेज 260 ¶3)
अग. 11 बाइबल पढ़ाई: रोमियों 5-8 गीत 2 (15)
भाषण का गुण: पढ़कर सुनाते वक्त सहजता (be-HI पेज 130 ¶2-4)
नं. 1: ‘धर्मी आशीष पाते हैं’ (w-HI01 7/15 पेज 24-7)
नं. 2: रोमियों 5:6-21
नं. 3: iक्या आप कुँवारी मरियम पर विश्वास करते हैं? (rs पेज 260 ¶4–पेज 261 ¶2; kl-HI पेज 37 ¶1 और पेज 40 ¶15)
नं. 4: क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास करना चाहिए?
अग. 18 बाइबल पढ़ाई: रोमियों 9-12 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: खुद को साफ-सुथरा बनाए रखने से संदेश का गौरव बढ़ता है (be-HI पेज 131 ¶1-3)
नं. 1: ऐसी आदतें डालिए जिनसे आपको फायदा हो (w-HI01 8/1 पेज 19-22)
नं. 2: w-HI01 8/15 पेज 22 ¶10-13
नं. 3: क्या इंसानों ने बाइबल को बदल दिया है?
नं. 4: क्या रोटी और दाखमधु सचमुच में यीशु का शरीर और खून बन जाता है? (rs पेज 262 ¶1–पेज 263 ¶2; kl-HI अध्याय 13 ¶18)
अग. 25 बाइबल पढ़ाई: रोमियों 13-16 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: शालीनता और संयम एक इंसान के पहनावे और बनाव-श्रृंगार पर कैसा असर करता है (be-HI पेज 131 ¶4–पेज 132 ¶3)
ज़बानी चर्चा
सितं. 1 बाइबल पढ़ाई: 1 कुरिन्थियों 1-9 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: सुहावने वस्त्रों की अहमियत (be-HI पेज 132 ¶4–पेज 133 ¶1)
नं. 1: अध्ययन कैसे करें (be-HI पेज 27 ¶1–पेज 31 ¶2)
नं. 2: 1 कुरिन्थियों 3:1-23
नं. 3: यूहन्ना 6:53-57 का मतलब क्या है? (rs पेज 263 ¶3-4; kl-HI अध्याय 13 ¶22)
नं. 4: गरीबी की वजह से चोरी करना क्या जायज़ है?
सितं. 8 बाइबल पढ़ाई: 1 कुरिन्थियों 10-16 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: अच्छा रूप और ढंग बनाए रखने से ठोकर का कोई कारण नहीं मिलता (be-HI पेज 133 ¶2-4)
नं. 1: अपनी उन्नति के लिए बाधाओं को पार कीजिए! (w-HI01 8/1 पेज 28-30)
नं. 2: 1 कुरिन्थियों 12:1-26
नं. 3: परमेश्वर क्यों बुराइयाँ होने की इजाज़त देता है?
नं. 4: क्या मिस्सा की शुरूआत यीशु ने की थी? (rs पेज 264 ¶1–पेज 265 ¶5; kl-HI अध्याय 13 ¶18)
सितं. 15 बाइबल पढ़ाई: 2 कुरिन्थियों 1-7 गीत 25 (204)
भाषण का गुण: सही मुद्रा और तरतीब से रखा सामान (be-HI पेज 133 ¶5–पेज 134 ¶4)
नं. 1: अपनी जवानी को सफल बनाना (w-HI01 8/15 पेज 4-7)
नं. 2: 2 कुरिन्थियों 6:1–7:1
नं. 3: सरकारी अधिकारियों के बारे में मसीहियों का रवैया (rs पेज 270 ¶1-3; kl-HI अध्याय 14 ¶7-10)
नं. 4: क्या परमेश्वर को पृथ्वी में फैले प्रदूषण की चिंता है?
सितं. 22 बाइबल पढ़ाई: 2 कुरिन्थियों 8-13 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: बात करने की चिंता को कैसे कम करें (be-HI पेज 135 ¶1–पेज 137 ¶2)
नं. 1: आप सही फैसले कैसे कर सकते हैं (w-HI01 9/1 पेज 27-30)
नं. 2: 2 कुरिन्थियों 8:1-21
नं. 3: क्या मौत के बाद इंसान का कोई अंश ज़िंदा रहता है
नं. 4: ऐसी आयतें जो दिखाती हैं कि युद्ध के बारे में मसीहियों का रवैया कैसा होना चाहिए (rs पेज 271 ¶1-4)
सितं. 29 बाइबल पढ़ाई: गलतियों 1-6 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: शांत और संतुलित कैसे हों (be-HI पेज 137 ¶3–पेज 138 ¶5)
नं. 1: ज़रूरी घटनाओं की तारीखों की अहमियत (si पेज 282-3 ¶27-30)
नं. 2: w-HI01 9/1 पेज 15 ¶8–पेज 17 ¶11
नं. 3: किन हालात में परमेश्वर ने इस्राएलियों को युद्ध करने की इजाज़त दी? (rs पेज 271 ¶5–पेज 273 ¶1)
नं. 4: हमारे पास क्या सबूत हैं कि परमेश्वर का राज्य हुकूमत कर रहा है
अक्टू. 6 बाइबल पढ़ाई: इफिसियों 1-6 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: आवाज़ ऊँचा करने की अहमियत (be-HI पेज 139 ¶1–पेज 140 ¶1)
नं. 1: अध्ययन करने से ढेरों आशीषें मिलती हैं (be-HI पेज 31 ¶3–पेज 32 ¶4)
नं. 2: इफिसियों 2:1-22
नं. 3: परमेश्वर पर विश्वास करना, बुद्धिमानी की बात है
नं. 4: राजनीतिक मामलों में शामिल होने के बारे में मसीही का नज़रिया क्या होना चाहिए, इस बारे में कौन-सी आयतें बताती हैं? (rs पेज 273 ¶2–पेज 274 ¶1; kl-HI अध्याय 5 ¶16 & अध्याय 13 ¶14)
अक्टू. 13 बाइबल पढ़ाई: फिलिप्पियों 1–कुलुस्सियों 4 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: माइक्रोफोन का अच्छा इस्तेमाल कीजिए (be-HI पेज 140 ¶2–पेज 142 ¶1)
नं. 1: ‘सच्चाई के मार्ग’ पर चलिए (w-HI01 9/15 पेज 24-8)
नं. 2: फिलिप्पियों 2:1-24
नं. 3: देशभक्ति समारोह के बारे में मसीहियों का रवैया कैसा होना चाहिए, इस बारे में कौन-सी आयतें बताती हैं? (rs पेज 274 ¶2–पेज 275 ¶3; kl-HI अध्याय 5 ¶16 & अध्याय 13 ¶14)
नं. 4: यहोवा आज हमसे क्या माँग करता है
अक्टू. 20 बाइबल पढ़ाई: 1 थिस्सलुनीकियों 1–2 थिस्सलुनीकियों 3 गीत 13 (124)
भाषण का गुण: बाइबल से जवाब देना (be-HI पेज 143 ¶1-3)
नं. 1: वक्त के बारे में यहोवा का नज़रिया (si पेज 283-4 ¶31-3)
नं. 2: w-HI01 10/15 पेज 23 ¶6–पेज 24 ¶9
नं. 3: कौन स्वर्ग जाते हैं?
नं. 4: क्या मसीहियों के निष्पक्ष होने का मतलब है कि वे अपने पड़ोसियों की परवाह नही करते? (rs पेज 276 ¶1; kl-HI अध्याय 5 ¶19 & अध्याय 11 ¶14)
अक्टू. 27 बाइबल पढ़ाई: 1 तीमुथियुस 1–2 तीमुथियुस 4 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: बाइबल का इस्तेमाल करने में कैसे सुधार करें (be-HI पेज 144 ¶1-4)
ज़बानी चर्चा
नवं. 3 बाइबल पढ़ाई: तीतुस 1–फिलेमोन गीत 22 (130)
भाषण का गुण: बाइबल खोलकर पढ़ने का बढ़ावा देना (be-HI पेज 145-6)
नं. 1: खोजबीन के लिए बाइबल का इस्तेमाल कैसे करें (be-HI पेज 33 ¶1–पेज 35 ¶2)
नं. 2: फिलेमोन 1-25
नं. 3: क्या सिद्ध जीवन उबाऊ होगा?
नं. 4: न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन के मसीही यूनानी शास्त्र में यहोवा का नाम क्यों इस्तेमाल किया गया है? (rs पेज 278 ¶1-3; kl-HI अध्याय 3 ¶12, 13)
नवं. 10 बाइबल पढ़ाई: इब्रानियों 1-8 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: आयतों का असरदार तरीके से परिचय देने की अहमियत (be-HI पेज 147 ¶1–पेज 148 ¶2)
नं. 1: हनोक भक्तिहीन संसार में परमेश्वर के साथ-साथ चला (w-HI01 9/15 पेज 29-31)
नं. 2: इब्रानियों 2:1-18
नं. 3: jऐसे लोगों को जवाब देना, जो कहते हैं, ‘आप लोगों की अपनी बाइबल है’ (rs पेज 279 ¶1-4; kl-HI अध्याय 2)
नं. 4: पुनरुत्थान पाए लोगों का उनके कामों के हिसाब से कैसे न्याय किया जाएगा?
नवं. 17 बाइबल पढ़ाई: इब्रानियों 9-13 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: आयतों का परिचय देने के लिए सही शब्दों का चुनाव कीजिए (be-HI पेज 148 ¶3–पेज 149 ¶2)
नं. 1: वफादार होना—इसका मतलब क्या है? (w-HI01 10/1 पेज 20-3)
नं. 2: इब्रानियों 9:11-28
नं. 3: क्या स्वर्ग में परमेश्वर के सृष्ट प्राणी संगठित हैं? (rs पेज 280 ¶2-3; kl-HI अध्याय 3 ¶15)
नं. 4: ईश्वरीय चालचलन क्यों फायदेमंद है
नवं. 24 बाइबल पढ़ाई: याकूब 1-5 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: सही शब्दों पर ज़ोर देने के लिए भावनाओं के साथ पढ़ना ज़रूरी है (be-HI पेज 150 ¶1-2)
नं. 1: समय की धारा में घटनाओं का हिसाब लगाना (si पेज 284-5 ¶1-4)
नं. 2: w-HI01 11/1 पेज 12 ¶15–पेज 13 ¶19
नं. 3: नम्रता का मोल
नं. 4: पुराने ज़माने में परमेश्वर, अपने सेवकों को हिदायतें कैसे देता था? (rs पेज 281 ¶1-2; kl-HI अध्याय 17 ¶6, 16, 17)
दिसं. 1 बाइबल पढ़ाई: 1 पतरस 1–2 पतरस 3 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: सही शब्दों पर ज़ोर दीजिए (be-HI पेज 150 ¶3–पेज 151 ¶2)
नं. 1: खोजबीन के दूसरे साहित्य इस्तेमाल करना सीखिए (be-HI पेज 35 ¶3–पेज 38 ¶4)
नं. 2: 1 पतरस 1:1-16
नं. 3: क्या बाइबल बताती है कि सच्चे मसीही संगठित होंगे? (rs पेज 282 ¶1-4; kl-HI अध्याय 14 ¶19-23)
नं. 4: मसीह के छुड़ौती बलिदान का आपके जीवन पर क्या असर होना चाहिए
दिसं. 8 बाइबल पढ़ाई: 1 यूहन्ना 1–यहूदा गीत 5 (46)
भाषण का गुण: ज़ोर देने के तरीके (be-HI पेज 151 ¶3–पेज 152 ¶5)
नं. 1: अपने विवेक की रक्षा कीजिए (w-HI01 11/1 पेज 4-7)
नं. 2: 1 यूहन्ना 3:1-18
नं. 3: औरतों के साथ अनादर से पेश आने के रवैए के लिए बाइबल को क्यों ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता
नं. 4: क्या परमेश्वर के वफादार सेवक ईसाईजगत के अलग-अलग गिरजों में बिखरे हैं? (rs पेज 283 ¶1-3; kl-HI अध्याय 17 ¶3, 4, 6-8, 15-20)
दिसं. 15 बाइबल पढ़ाई: प्रकाशितवाक्य 1-6 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: आयतों को सही तरीके से लागू करना (be-HI पेज 153 ¶1–पेज 154 ¶3)
नं. 1: नूह के विश्वास ने उस वक्त के संसार को दोषी ठहराया (w-HI01 11/15 पेज 28-31)
नं. 2: प्रकाशितवाक्य 2:1-17
नं. 3: पृथ्वी पर यहोवा के संगठन की पहचान क्या है? (rs पेज 283 ¶4–पेज 284 ¶2; kl-HI अध्याय 5 ¶16-22)
नं. 4: क्रिसमस का त्योहार मसीहियों के लिए क्यों नहीं है
दिसं. 22 बाइबल पढ़ाई: प्रकाशितवाक्य 7-14 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: साफ-साफ समझाइए कि आयत कैसे लागू होती है (be-HI पेज 154 ¶4–पेज 155 ¶4)
नं. 1: आप आध्यात्मिक दिल के दौरे से बच सकते हैं (w-HI01 12/1 पेज 9-13)
नं. 2: w-HI01 12/15 पेज 17 ¶10–पेज 18 ¶13 (फुटनोट भी)
नं. 3: साथियों के दबाव का सामना कैसे करें
नं. 4: हम, यहोवा के संगठन का आदर कैसे कर सकते हैं? (rs पेज 284 ¶3-7; kl-HI अध्याय 14 ¶19-23)
दिसं. 29 बाइबल पढ़ाई: प्रकाशितवाक्य 15-22 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: सीधे शास्त्र से तर्क करना (be-HI पेज 155 ¶5–पेज 156 ¶5)
ज़बानी चर्चा
[फुटनोट]
a सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
b सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
c सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
d सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
e सिर्फ भाइयों को यह भाग सौंपिए।
f अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, उनका जवाब किस तरह से देना ठीक रहेगा।
g अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, उनका जवाब किस तरह से देना ठीक रहेगा।
h अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, उनका जवाब किस तरह से देना ठीक रहेगा।
i अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, उनका जवाब किस तरह से देना ठीक रहेगा।
j अगर वक्त हो, तो समझाइए कि इन विषयों पर लोग जो दावे करते हैं या जो एतराज़ उठाते हैं, उनका जवाब किस तरह से देना ठीक रहेगा।