तरक्की करनेवाले बाइबल अध्ययन चलाना
भाग 12: बाइबल अध्ययन शुरू करने और चलाने में विद्यार्थियों की मदद करना
जब हमारे बाइबल विद्यार्थी प्रचार में जाना शुरू करते हैं, तो शायद उन्हें दूसरों के साथ बाइबल अध्ययन शुरू करने और उसे चलाने के खयाल से ही डर लगे। ऐसे में हम उनकी कैसे मदद कर सकते हैं, ताकि वे सेवा के इस खास पहलू में हिस्सा लेने के लिए हिम्मत जुटा पाएँ?—मत्ती 24:14; 28:19, 20.
2 अगर एक बाइबल विद्यार्थी बपतिस्मा-रहित प्रचारक बन गया है, तो ज़ाहिर है कि उसने परमेश्वर की सेवा स्कूल में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। यह स्कूल उसे विद्यार्थी भाग की तैयारी करने और उसे पेश करने की अच्छी तालीम देता है। इसलिए वह सिखाने के हुनर बढ़ा सकेगा और “ऐसा काम करनेवाला” बन सकेगा “जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो।”—2 तीमु. 2:15.
3 खुद की मिसाल से सिखाइए: यीशु ने अपने चेलों को साफ-साफ हिदायतें देकर और प्रचार में खुद एक बढ़िया मिसाल कायम करके उन्हें तालीम दी थी। उसने कहा था: “पूर्णत: प्रशिक्षित होने पर प्रत्येक चेला गुरु के समान बन जाता है।” (लूका 6:40, NHT) यह बहुत ज़रूरी है कि यीशु की तरह आप भी खुद प्रचार में एक अच्छी मिसाल बनें। जब आपका विद्यार्थी आपकी मिसाल पर गौर करेगा तो उसके दिमाग में यह बात अच्छी तरह बैठ जाएगी कि वापसी भेंट करने का मकसद बाइबल अध्ययन शुरू करना है।
4 विद्यार्थी को समझाइए कि जब हम घर-मालिक के सामने अध्ययन की पेशकश रखते हैं, तो अध्ययन के इंतज़ाम के बारे में बहुत ज़्यादा ब्यौरा देने की ज़रूरत नहीं है। ज़्यादातर घर-मालिकों के साथ अध्ययन के किसी साहित्य से एक-दो पैराग्राफ पर चर्चा करके बाइबल अध्ययन का एक नमूना पेश करना बेहतर होता है। इस बारे में हमारी राज्य सेवकाई के इस अंक के पेज 8 पर और जनवरी 2002 के पेज 6 पर बढ़िया सुझाव दिए गए हैं।
5 जब भी मुनासिब हो, विद्यार्थी को अपने साथ या किसी और तजुरबेकार प्रचारक के साथ दूसरे बाइबल अध्ययनों में आने के लिए कहिए। उस अध्ययन में वह भी किसी पैराग्राफ या खास आयत पर कुछ बता सकता है। इस तरह दूसरों को अध्ययन चलाते देखकर, विद्यार्थी भी तरक्की करनेवाले बाइबल अध्ययन चलाने के बारे में बहुत कुछ सीख सकेगा। (नीति. 27:17; 2 तीमु. 2:2) उसकी तारीफ कीजिए, और बताइए कि उसे कहाँ सुधार करने की ज़रूरत है।
6 नए प्रचारकों को परमेश्वर का वचन सिखाने की तालीम देने से, वे खुद भी दूसरों के साथ अध्ययन शुरू करने और उसे चलाने का ‘भला काम’ कर सकेंगे। (2 तीमु. 3:17) हमें क्या ही खुशी मिलती है जब हम इन नए प्रचारकों के साथ मिलकर दूसरों को यह प्यार-भरा न्यौता देते हैं: “जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले”!—प्रका. 22:17.