शिक्षा जिससे ज़िंदगी मिलती है
जब हम देखते हैं कि परमेश्वर के वचन से सच्चाई की समझ पाने पर लोगों की आँखों में कैसी चमक आती है, तो हमें क्या ही खुशी मिलती है! दूसरों को परमेश्वर के बारे में और इंसानों के लिए वह क्या करना चाहता है, यह सिखाने से हमें सच्चा सुख मिलता है। ऐसी शिक्षा एक इंसान को हमेशा की ज़िंदगी दिला सकती है।—यूह. 17:3.
2 यह शिक्षा क्यों सबसे श्रेष्ठ है: आज के ज़माने में तकरीबन हर विषय पर जानकारी उपलब्ध है और उसे हर मुमकिन तरीके से लोगों तक पहुँचाया जा रहा है। (सभो. 12:12) लेकिन यह दुनियावी ज्ञान “परमेश्वर के बड़े बड़े कामों” के मुकाबले कोई मोल नहीं रखता। (प्रेरि. 2:11) आज दुनिया जो सिखाती है, क्या उससे लोगों को सिरजनहार के करीब आने और उसके मकसद के बारे में जानने में ज़रा भी मदद मिली है? क्या इससे लोगों को इस सवाल का जवाब मिला है कि मरने पर हमारा क्या होता है या ज़िंदगी में क्यों इतनी दुःख-तकलीफें हैं? क्या इससे लोगों को एक अच्छे कल की उम्मीद मिली है? क्या इससे परिवार सुखी हुआ है? जी नहीं। सिर्फ परमेश्वर से मिलनेवाली शिक्षा ही हमें ज़िंदगी के अहम सवालों के सही जवाब दे सकती है।
3 परमेश्वर की शिक्षा कुछ ऐसा सिखाती है जिसकी आज दुनिया में भारी कमी है। वह है, लोगों को अच्छे उसूलों पर चलने में मदद देना। जो लोग बाइबल की शिक्षाओं को कबूल करके उन पर चलते हैं, परमेश्वर का वचन उनके दिलों से जाति-भेद को और अपने वंश या देश को ऊँचा समझने की भावना को पूरी तरह मिटा देता है। (इब्रा. 4:12) परमेश्वर के वचन ने लोगों पर इतना अच्छा असर किया है कि उन्होंने हर तरह की हिंसा छोड़ दी है और “नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है।” (कुलु. 3:9-11; मीका 4:1-3) इसके अलावा, परमेश्वर की शिक्षा ने लाखों लोगों को ऐसी पुरानी आदतों और बुराइयों को छोड़ने की ताकत दी है जो परमेश्वर को नहीं भातीं।—1 कुरि. 6:9-11.
4 आज क्यों इसकी सख्त ज़रूरत है: हमारा महान उपदेशक, यहोवा हमें जता रहा है कि आज जिस वक्त में हम जी रहे हैं उसके क्या मायने हैं। उसके न्यायदंड की भविष्यवाणियों में, हमारे दिनों के बारे में ताज़ा जानकारी दर्ज़ है जिसका पूरी दुनिया में ऐलान किया जाना ज़रूरी है। (प्रका. 14:6, 7) मसीह आज स्वर्ग में हुकूमत कर रहा है, संसार-भर में साम्राज्य की तरह फैला झूठा धर्म बहुत जल्द नाश कर दिया जाएगा और परमेश्वर का राज्य धरती की सभी सरकारों को चूर-चूर करने के लिए तैयार है। (दानि. 2:44; प्रका. 11:15; 17:16) इसलिए लोगों के लिए जल्द-से-जल्द कदम उठाना ज़रूरी है। उन्हें परमेश्वर के ठहराए राजा को कबूल करना है, बड़े बाबुल से निकल आना है और विश्वास के साथ यहोवा का नाम पुकारना है। (भज. 2:11, 12; रोमि. 10:13; प्रका. 18:4) तो आइए हम लोगों को परमेश्वर की शिक्षा देने में पूरा-पूरा हिस्सा लें जिससे वे ज़िंदगी पा सकें।