सन् 2007 के लिए परमेश्वर की सेवा स्कूल का कार्यक्रम
हिदायतें
सन् 2007 के दौरान, परमेश्वर की सेवा स्कूल आगे बताए इंतज़ाम के मुताबिक चलाया जाएगा।
किताबें: द होली बाइबल हिंदी [O.V.], प्रहरीदुर्ग [w-HI], परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए [be-HI], “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र”—सच्चा और फायदेमंद [bsi06-HI, bsi07-HI], और चर्चा के लिए बाइबल के विषय [td-HI]।
स्कूल वक्त पर शुरू होना चाहिए। गीत, प्रार्थना और स्वागत के चंद शब्दों से स्कूल की शुरूआत करने के बाद नीचे दी गयी हिदायतों के मुताबिक स्कूल चलाइए। हर भाग के बाद स्कूल अध्यक्ष अगले भाग का परिचय देगा।
भाषण का गुण: 5 मिनट। स्कूल अध्यक्ष, सहायक सलाहकार या कोई और काबिल प्राचीन सेवा स्कूल किताब में से भाषण के एक गुण पर चर्चा करेगा। (जिन कलीसियाओं में प्राचीन कम हैं, वहाँ काबिल सहायक सेवकों को यह भाग दिया जा सकता है।)
भाग नं. 1: 10 मिनट। इस भाग को एक काबिल प्राचीन या सहायक सेवक पेश करेगा। इसकी जानकारी प्रहरीदुर्ग पत्रिका, परमेश्वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए किताब, या “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र”—सच्चा और फायदेमंद ब्रोशर से ली जाएगी। इस भाग को दस मिनट के हिदायत भाषण के तौर पर पेश करना चाहिए। इस भाग का मकसद, सिर्फ जानकारी पेश करना नहीं बल्कि यह ज़ोर देना है कि जानकारी पर कैसे अमल किया जाना चाहिए। इसलिए कलीसिया को जिन मुद्दों से फायदा होगा, उन पर खास ज़ोर दिया जाना चाहिए। स्कूल के कार्यक्रम में जो विषय दिया जाता है, उसी का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भाइयों को यह भाग सौंपा जाता है, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे दिए गए समय में ही अपना भाग खत्म करें। ज़रूरत पड़ने पर, उन्हें अकेले में सलाह दी जा सकती है।
बाइबल पढ़ाई की झलकियाँ: 10 मिनट। यह भाग एक काबिल प्राचीन या सहायक सेवक देगा। उसे पहले पाँच मिनट के लिए कलीसिया की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर यह समझाना होगा कि जानकारी को कैसे लागू किया जा सकता है। यह भाई, हफ्ते की बाइबल पढ़ाई के किसी भी हिस्से पर चर्चा कर सकता है। मगर झलकियाँ पेश करने का मतलब, सिर्फ पढ़ाई के हिस्से का सारांश देना नहीं है। इस भाग का खास मकसद है, हाज़िर लोगों को यह समझने में मदद देना कि यह जानकारी उनके लिए क्यों और कैसे अहमियत रखती है। भाई को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह पाँच मिनट से ज़्यादा वक्त न ले। और यह भी कि वह पाँच मिनट श्रोताओं के जवाबों के लिए रखे। वह सभा में हाज़िर लोगों से कहेगा कि वे चंद शब्दों में (30 या उससे कम सेकंड में) बताएँ कि उन्हें बाइबल पढ़ाई में कौन-सी बात अच्छी लगी और उन्हें क्या फायदा हुआ। इसके बाद स्कूल अध्यक्ष, विद्यार्थियों को अपने-अपने क्लासरूम में जाने के लिए कहेगा।
भाग नं. 2: 4 मिनट या उससे कम। यह पढ़ाई का भाग है जो एक भाई पेश करेगा। विद्यार्थी को दिया गया भाग सिर्फ पढ़ना चाहिए, उसे शुरूआत और आखिर में कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। स्कूल अध्यक्ष खासकर ऐसी काबिलीयतें बढ़ाने में विद्यार्थियों की मदद करेगा, जैसे समझ और प्रवाह के साथ पढ़ना, सही तरीके से मतलब पर ज़ोर देना, आवाज़ में उतार-चढ़ाव लाना, सही ठहराव देना और सहजता से पढ़ना।
भाग नं. 3: 5 मिनट। यह भाग किसी बहन को दिया जाएगा। इस भाग के लिए उसे सेवा स्कूल किताब के पेज 82 पर दी गयी सूची में से या तो एक सैटिंग दी जाएगी, या फिर उसे खुद उसमें से सैटिंग चुननी होगी। विद्यार्थी को दिए गए विषय का इस्तेमाल करना चाहिए और उसे प्रचार के किसी पहलू पर इस तरह लागू करना चाहिए कि वह सच्चा लगे और अपने इलाके में प्रचार करने के लिए कलीसिया के काम आए। अगर कार्यक्रम में यह नहीं बताया गया है कि इस भाग के लिए कहाँ से जानकारी लेनी है, तो विद्यार्थी को हमारे साहित्य से खुद खोजबीन करके जानकारी इकट्ठी करनी होगी। नए विद्यार्थियों को ऐसा भाग दिया जाना चाहिए, जिसमें बताया गया हो कि किस किताब से जानकारी लेनी है। स्कूल अध्यक्ष का खास ध्यान इस बात पर होगा कि विद्यार्थी किस तरह जानकारी पेश करती और समझाती है, और कैसे घर-मालिक को बाइबल की आयतों पर गहराई से सोचने और भाषण के खास मुद्दों को समझने में मदद देती है। स्कूल अध्यक्ष एक और बहन को उसका सहायक ठहराएगा।
भाग नं. 4: 5 मिनट। विद्यार्थी को दिए गए विषय पर ही भाषण देना चाहिए। अगर कार्यक्रम में यह नहीं बताया गया है कि इस भाग के लिए कहाँ से जानकारी लेनी है, तो विद्यार्थी को हमारे साहित्य से खुद खोजबीन करके जानकारी इकट्ठी करनी होगी। अगर यह भाग एक भाई को सौंपा जाता है, तो उसे राज्य घर में हाज़िर लोगों को ध्यान में रखकर इसे एक भाषण के रूप में पेश करना चाहिए। अगर यह भाग एक बहन को दिया जाता है, तो उसे भाग नं. 3 की हिदायतों का पालन करना चाहिए। अगर स्कूल अध्यक्ष को लगता है कि फलाँ भाग नं. 4 किसी भाई को देना सही होगा, तो वह ऐसा कर सकता है। ध्यान दीजिए कि जिन विषयों के साथ यह निशान (*) दिया गया है, वे भाग सिर्फ भाइयों को दिए जाने चाहिए, जो इन्हें भाषण के रूप में पेश करेंगे।
सलाह: 1 मिनट। स्कूल अध्यक्ष हर विद्यार्थी-भाग के ठीक पहले यह नहीं बताएगा कि विद्यार्थी, भाषण के किस गुण पर काम कर रहा है। भाग नं. 2,3 और 4 के बाद, स्कूल अध्यक्ष बताएगा कि भाई/बहन के भाग में क्या-क्या बातें काबिले-तारीफ थीं। उसका सिर्फ इतना कहना काफी नहीं कि यह भाग “बहुत अच्छा” था, बल्कि साफ-साफ कारण बताना चाहिए कि इस भाग में भाई/बहन का फलाँ गुण क्यों असरदार था। अगर विद्यार्थी को सुधार करने की ज़रूरत है, तो उसे सभा के बाद या दूसरे वक्त पर अलग से कारगर सलाह दी जा सकती है।
वक्त: हर भाषण बताए गए वक्त के अंदर खत्म होना चाहिए और सलाहकार को भी उतना ही वक्त लेना चाहिए जितना उसे दिया गया है। भाग नं. 2,3 और 4 पेश करनेवाले विद्यार्थियों का अगर समय पूरा हो जाता है, तो समझ-बूझ के साथ उन्हें रुकने का इशारा किया जा सकता है। और अगर भाषण के गुण पर चर्चा करनेवाला भाई या भाग नं. 1 या बाइबल पढ़ाई से झलकियाँ पेश करनेवाला भाई ज़्यादा समय ले लेता है, तो उसे अकेले में सलाह दी जानी चाहिए। सभी को ध्यान रखना चाहिए कि वे अपना भाग वक्त पर खत्म करें। गीत और प्रार्थना को छोड़कर, पूरे कार्यक्रम का कुल समय है: 45 मिनट।
सलाह परचा: सेवा स्कूल किताब में है।
सहायक सलाहकार: स्कूल अध्यक्ष के अलावा, अगर कोई और काबिल प्राचीन है, तो उसे प्राचीनों का निकाय सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी सौंप सकता है। अगर कलीसिया में कई योग्य प्राचीन हैं, तो हर साल इस ज़िम्मेदारी को अलग-अलग प्राचीन निभा सकते हैं। सहायक सलाहकार की ज़िम्मेदारी है, ज़रूरत पड़ने पर भाग नं. 1 और बाइबल झलकियाँ पेश करनेवाले भाइयों को अकेले में सलाह देना। मगर ज़रूरी नहीं कि जब भी कोई प्राचीन या सहायक सेवक भाग पेश करता है, तो वह उसे सलाह दे।
ज़बानी चर्चा: 30 मिनट। हर दो महीने में एक बार, स्कूल अध्यक्ष ज़बानी चर्चा का कार्यक्रम चलाएगा। इस कार्यक्रम से पहले, जैसे ऊपर बताया है, भाषण के एक गुण पर चर्चा की जाएगी, साथ ही बाइबल पढ़ाई की झलकियाँ पेश की जाएँगी। ज़बानी चर्चा, पिछले दो महीनों और उस हफ्ते के स्कूल में दी गयी जानकारी पर होगी। अगर ज़बानी चर्चा के हफ्ते में आपकी कलीसिया का सर्किट सम्मेलन है, तो चर्चा को (और उस हफ्ते के बाकी कार्यक्रम को भी) अगले हफ्ते के लिए छोड़ देना चाहिए। और अगले हफ्ते का पूरा कार्यक्रम सम्मेलन में पेश किया जाएगा। अगर ज़बानी चर्चा के हफ्ते में सर्किट अध्यक्ष आपकी कलीसिया का दौरा करने आता है, तो उस हफ्ते के कार्यक्रम के मुताबिक ही गीत, भाषण गुण का भाग और बाइबल झलकियाँ पेश की जानी चाहिए। हिदायत भाषण (जो भाषण गुण के भाग के बाद दिया जाता है) अगले हफ्ते के कार्यक्रम से लिया जाना चाहिए। और अगले हफ्ते के स्कूल में, कार्यक्रम के मुताबिक भाषण के गुण का भाग और बाइबल की झलकियाँ पेश की जाएँगी और उसके बाद ज़बानी चर्चा होगी।
कार्यक्रम
जन. 1 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 24-28 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: जानकारी पर अमल कैसे करें (be-HI पेज 158 ¶2-4)
नं. 1: अपना विद्यार्थी-भाग तैयार करना (be-HI पेज 43 ¶1–पेज 44 ¶3)
नं. 2: यशायाह 26:1-18
नं. 3: td-HI 18ख आदम के पाप से सब इंसानों पर क्यों मुसीबतें आयीं
नं. 4: हम किस तरह “प्रभु यीशु मसीह को पहिन” सकते हैं? (रोमि. 13:14)
जन. 8 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 29-33 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: हमारे संदेश की अहमियत समझने में दूसरों की मदद करना (be-HI पेज 159 ¶1-4)
नं. 1: जब आपके भाग में एक विषय और सैटिंग होती है (be-HI पेज 44 ¶4–पेज 46 ¶3)
नं. 2: यशायाह 30:1-14
नं. 3: td-HI 18ग मना किया गया फल खाना आज्ञा का उल्लंघन था, न कि लैंगिक संबंध रखना
नं. 4: हम कैसे जानते हैं कि यहोवा परमेश्वर बच्चों से प्यार करता है
जन. 15 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 34-37 गीत 29 (222)
भाषण का गुण: शब्दों का चुनाव (be-HI पेज 160 ¶1-3)
नं. 1: सही-गलत के बारे में यीशु का नज़रिया पैदा कीजिए (w05-HI 1/1 पेज 9-10 ¶11-15)
नं. 2: यशायाह 34:1-15
नं. 3: सच्चा प्यार कैसे पैदा करें
नं. 4: td-HI 18घ पवित्र आत्मा के खिलाफ पाप क्या है
जन. 22 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 38-42 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: आसानी से समझ आनेवाली भाषा (be-HI पेज 161 ¶1-4)
नं. 1: विरोध की वजह से निराश मत होइए (w05-HI 1/1 पेज 15 ¶16-18)
नं. 2: यशायाह 38:9-22
नं. 3: td-HI 19क पुनरुत्थान—मरे हुओं के लिए आशा
नं. 4: हमें क्यों दूसरों के इरादे पर शक नहीं करना चाहिए
जन. 29 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 43-46 गीत 12 (113)
भाषण का गुण: रंग भरनेवाले और सही अर्थ देनेवाले शब्दों का इस्तेमाल (be-HI पेज 161 ¶5–पेज 162 ¶4)
नं. 1: हम क्यों यहोवा के न्यायदंड को सही मानते हैं (w05-HI 2/1 पेज 23-4 ¶4-9)
नं. 2: यशायाह 45:1-14
नं. 3: td-HI 19ख पुनरुत्थान स्वर्ग में या धरती पर जीने के लिए होगा
नं. 4: aमसीही क्यों होड़ की भावना रखते हुए बराबरी करने से दूर रहते हैं
फर. 5 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 47-51 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: शब्द जो जोश, भावनाएँ ज़ाहिर करें और जान डाल दें (be-HI पेज 163 ¶1–पेज 164 ¶2)
नं. 1: यहोवा का वचन हमें शुद्ध बनाए रखता है और सच्चे बने रहने में मदद देता है (w05-HI 4/15 पेज 11-12 ¶5-11)
नं. 2: यशायाह 50:1-11
नं. 3: td-HI 20क पूर्वजों की उपासना करना व्यर्थ है
नं. 4: क्या बाइबल तोहफे देने की मनाही करती है?
फर. 12 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 52-57 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: व्याकरण के नियमों के मुताबिक बोलना (be-HI पेज 164 ¶3–पेज 165 ¶1)
नं. 1: यहोवा का वचन हिम्मत देता है (w05-HI 4/15 पेज 12-13 ¶12-14)
नं. 2: यशायाह 55:1-13
नं. 3: त्याग की ज़िंदगी जीना फायदेमंद है
नं. 4: td-HI 20ख इंसानों का सम्मान किया जा सकता है, मगर उपासना केवल परमेश्वर की करनी चाहिए
फर. 19 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 58-62 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: आउटलाइन का इस्तेमाल (be-HI पेज 166 ¶1–पेज 167 ¶2)
नं. 1: यशायाह—क्यों फायदेमंद है (bsi06-HI पेज 31-2 ¶34-9)
नं. 2: यशायाह 60:1-14
नं. 3: हमें परमेश्वर की गुलामी करना क्यों मंज़ूर है?
नं. 4: td-HI 21क पृथ्वी के लिए परमेश्वर का मकसद
फर. 26 बाइबल पढ़ाई: यशायाह 63-66 गीत 17 (187)
भाषण का गुण: अपने विचारों का क्रम बिठाना (be-HI पेज 167 ¶3–पेज 168 ¶2)
ज़बानी चर्चा
मार्च 5 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 1-4 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: भाषण की आउटलाइन सरल रखिए (be-HI पेज 168 ¶3–पेज 169 ¶6)
नं. 1: यिर्मयाह का परिचय (bsi07-HI पेज 3 ¶1-5)
नं. 2: यिर्मयाह 3:1-13
नं. 3: सच्ची खुशी किस बात पर निर्भर करती है?
नं. 4: td-HI 21ख पृथ्वी कभी नाश नहीं की जाएगी, ना सुनसान रहेगी
मार्च 12 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 5-7 गीत 13 (124)
भाषण का गुण: तर्क के मुताबिक सिलसिलेवार जानकारी (be-HI पेज 170 ¶1–पेज 171 ¶2)
नं. 1: कलीसिया के लिए भाषण तैयार करना (be-HI पेज 47 ¶1–पेज 49 ¶2)
नं. 2: यिर्मयाह 5:1-14
नं. 3: td-HI 22क प्राण क्या है?
नं. 4: निर्गमन 14:11 में दिए सबक को हमारे समय में लागू करना
मार्च 19 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 8-11 गीत 24 (185)
भाषण का गुण: तर्क के मुताबिक सिलसिलेवार जानकारी पेश करना (be-HI पेज 171 ¶3–पेज 172 ¶5)
नं. 1: सेवा सभा के भाग और दूसरे भाषण तैयार करना (be-HI पेज 49 ¶3–पेज 51 ¶3)
नं. 2: यिर्मयाह 10:1-16
नं. 3: हम कैसे जानते हैं कि इब्राहीम, अय्यूब और दानिय्येल को पुनरुत्थान पर विश्वास था?
नं. 4: btd-HI 23क ऐसी प्रार्थनाएँ जिन्हें परमेश्वर सुनता है
मार्च 26 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 12-16 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: सिर्फ ज़रूरी बातें बताना (be-HI पेज 173 ¶1-4)
नं. 1: छुड़ौती—परमेश्वर की धार्मिकता की बड़ाई करती है (w05-HI 11/1 पेज 13-14)
नं. 2: यिर्मयाह 12:1-13
नं. 3: td-HI 23ख प्रार्थनाओं को व्यर्थ में दोहराना, मरियम या “संतों” से प्रार्थना करना सही नहीं
नं. 4: एक मसीही को किस मायने में गर्व महसूस करना चाहिए?
अप्रै. 2 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 17-21 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: नोट्स बार-बार देखे बिना बात करना (be-HI पेज 174 ¶1–पेज 175 ¶4)
नं. 1: जन भाषणों की तैयारी करना (be-HI पेज 52 ¶1–पेज 54 ¶1)
नं. 2: यिर्मयाह 20:1-13
नं. 3: td-HI 24क बपतिस्मा—मसीहियों के लिए एक माँग
नं. 4: cसलाह के बारे में हमारा नज़रिया कैसा होना चाहिए?
अप्रै. 9 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 22-24 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: नोट्स बार-बार देखे बिना बोलने के खतरों से बचना (be-HI पेज 175 ¶5–पेज 177 ¶2)
नं. 1: भाषण देनेवाले के फैसले (be-HI पेज 54 ¶2-4; पेज 55, बक्स)
नं. 2: यिर्मयाह 23:1-14
नं. 3: मसीही सेवा में हिस्सा लेने से क्यों हमें खुशी मिलती है
नं. 4: td-HI 24ख बपतिस्मा पापों को नहीं धो डालता
अप्रै. 16 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 25-28 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: जब दूसरे, कारण पूछते हैं (be-HI पेज 177 ¶3–पेज 178 ¶3)
नं. 1: सिखाने की कला में महारत हासिल कीजिए (be-HI पेज 56 ¶1–पेज 57 ¶2)
नं. 2: यिर्मयाह 26:1-15
नं. 3: td-HI 25क परमेश्वर का वचन, बाइबल उसकी प्रेरणा से लिखी गयी है
नं. 4: भूमि किस मायने में शापित ठहरी? (उत्प. 3:17)
अप्रै. 23 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 29-31 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: बोलचाल की शैली (be-HI पेज 179-80)
नं. 1: ‘अन्तर करें’ (be-HI पेज 57 ¶3–पेज 58 ¶2)
नं. 2: यिर्मयाह 31:1-14
नं. 3: यहोवा की महानता की सीमा क्यों नहीं है?
नं. 4: td-HI 25ख बाइबल, हमारे दिनों के लिए फायदेमंद सलाह देनेवाली किताब
अप्रै. 30 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 32-34 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: आपकी आवाज़ कैसी है (be-HI पेज 181 ¶1-4)
ज़बानी चर्चा
मई 7 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 35-38 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: ठीक से साँस लीजिए (be-HI पेज 181 ¶5–पेज 183 ¶2; पेज 182, बक्स)
नं. 1: सुननेवालों को सोचने के लिए उकसाइए (be-HI पेज 58 ¶3–पेज 59 ¶3)
नं. 2: यिर्मयाह 36:1-13
नं. 3: td-HI 25ग बाइबल सभी देशों और जातियों के लिए लिखी गयी
नं. 4: मसीही, अनिश्चितता की भावना पर काबू कैसे पा सकते हैं?
मई 14 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 39-43 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: तनी हुई पेशियों को तनाव-मुक्त करना (be-HI पेज 184 ¶1–पेज 185 ¶2; पेज 184, बक्स)
नं. 1: लागू करने का तरीका सिखाइए और अच्छी मिसाल कायम कीजिए (be-HI पेज 60 ¶1–पेज 61 ¶3)
नं. 2: यिर्मयाह 39:1-14
नं. 3: td-HI 26क इंसान का भाग्य पहले से तय नहीं किया गया है
नं. 4: dसच्चे मसीही क्यों शादी से पहले की मुलाकातों में पवित्रता बनाए रखते हैं
मई 21 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 44-48 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: दूसरों में दिलचस्पी लेना (be-HI पेज 186 ¶1-4)
नं. 1: बातचीत करने का कौशल कैसे बढ़ाएँ (be-HI पेज 62 ¶1–पेज 64 ¶1)
नं. 2: यिर्मयाह 46:1-17
नं. 3: खुद को धोखा देना क्या है, और हम इससे चौकस कैसे रह सकते हैं?
नं. 4: प्रकाशितवाक्य में बताए बाबुल को पहचानना
मई 28 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 49-50 गीत 28 (224)
भाषण का गुण: ध्यान से सुनना (be-HI पेज 186 ¶5–पेज 187 ¶4)
नं. 1: बातचीत कैसे जारी रखें (be-HI पेज 64 ¶2–पेज 65 ¶4)
नं. 2: यिर्मयाह 49:14-27
नं. 3: td-HI 27क मरियम यीशु की माँ थी, “परमेश्वर की माँ” नहीं
नं. 4: माँ-बाप को क्यों अपने बच्चों को पढ़कर सुनाना चाहिए
जून 4 बाइबल पढ़ाई: यिर्मयाह 51-52 गीत 15 (127)
भाषण का गुण: तरक्की करने में दूसरों की मदद करना (be-HI पेज 187 ¶5–पेज 188 ¶3)
नं. 1: यिर्मयाह—क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 3-4 ¶36-9)
नं. 2: यिर्मयाह 52:1-16
नं. 3: परमेश्वर से आज़ाद होकर अपनी मनमानी करना बेवकूफी है
नं. 4: td-HI 27ख मरियम, हमेशा कुँवारी नहीं थी
जून 11 बाइबल पढ़ाई: विलापगीत 1-2 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: व्यावहारिक तरीके से मदद करना (be-HI पेज 188 ¶4–पेज 189 ¶4)
नं. 1: विलापगीत का परिचय (bsi07-HI पेज 4-5 ¶1-7)
नं. 2: विलापगीत 2:1-10
नं. 3: td-HI 28क मसीह की वापसी इंसान नहीं देख सकते
नं. 4: क्यों सच्ची कृपा दिखाना कोई कमज़ोरी नहीं है
जून 18 बाइबल पढ़ाई: विलापगीत 3-5 गीत 26 (212)
भाषण का गुण: दूसरों का आदर करना (be-HI पेज 190 ¶1-4)
नं. 1: विलापगीत—क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 5-6 ¶13-15)
नं. 2: विलापगीत 4:1-13
नं. 3: td-HI 28ख मसीह की वापसी, संसार में होनेवाली घटनाएँ देखकर समझी जा सकती है
नं. 4: eसच्चे मसीही क्यों राजनीति में हिस्सा नहीं लेते
जून 25 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 1-5 गीत 6 (45)
भाषण का गुण: आदर के साथ दुआ-सलाम करना (be-HI पेज 191 ¶1–पेज 192 ¶1)
ज़बानी चर्चा
जुला. 2 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 6-10 गीत 3 (32)
भाषण का गुण: आदर के साथ अपनी बात कहना (be-HI पेज 192 ¶2–पेज 193 ¶2)
नं. 1: यहेजकेल का परिचय (bsi07-HI पेज 6-7 ¶1-6)
नं. 2: यहेजकेल 7:1-13
नं. 3: यहोवा के करीब आने के लिए क्या करने की ज़रूरत है (याकू. 4:8)
नं. 4: td-HI 29क उपासना में मूर्तियों और प्रतिमाओं के इस्तेमाल से परमेश्वर का अपमान होता है
जुला. 9 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 11-14 गीत 16 (143)
भाषण का गुण: यकीन के साथ बोलना (be-HI पेज 194 ¶1–पेज 195 ¶2)
नं. 1: भले काम करने में हियाव मत छोड़िए (w05-HI 6/1 पेज 29-30)
नं. 2: यहेजकेल 11:1-13
नं. 3: td-HI 29ख मूर्ति-पूजा, इस्राएल जाति की बरबादी की वजह बनी
नं. 4: प्रकाशितवाक्य 17:9-11 में लिखी बातों का मतलब क्या है?
जुला. 16 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 15-17 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: यकीन कैसे ज़ाहिर किया जाता है (be-HI पेज 195 ¶3–पेज 196 ¶3)
नं. 1: गलत सोच का विरोध कीजिए! (w05-HI 9/15 पेज 26-8)
नं. 2: यहेजकेल 16:1-13
नं. 3: चतुर बनने का मतलब क्या है (नीति. 13:16)
नं. 4: td-HI 29ग परमेश्वर के साथ किसी और की उपासना करना उसे मंज़ूर नहीं
जुला. 23 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 18-20 गीत 18 (162)
भाषण का गुण: व्यवहार-कुशलता के साथ, मगर दृढ़ता से (be-HI पेज 197 ¶1-3)
नं. 1: सवाल पूछनेवाले का नज़रिया समझना (be-HI पेज 66 ¶1–पेज 68 ¶1)
नं. 2: यहेजकेल 18:19-29
नं. 3: td-HI 30क मौत की वजह
नं. 4: सबूत, जो दिखाते हैं कि परमेश्वर का राज्य एक असल सरकार है
जुला. 30 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 21-23 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: गवाही देते वक्त व्यवहार-कुशलता (be-HI पेज 197 ¶4–पेज 198 ¶4)
नं. 1: सही तरीके से जवाब देना सीखिए (be-HI पेज 68 ¶2–पेज 70 ¶4)
नं. 2: यहेजकेल 23:1-17
नं. 3: td-HI 30ख मरे हुओं की हालत
नं. 4: महानता के बारे में सही नज़रिया क्या है?
अग. 6 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 24-27 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: सही अवसर पर सही बात कहना (be-HI पेज 199 ¶1-4)
नं. 1: चिट्ठियों के ज़रिए संदेश पहुँचाना (be-HI पेज 71-3)
नं. 2: यहेजकेल 24:1-14
नं. 3: मूसा किन तरीकों से मसीहियों के लिए एक उम्दा मिसाल था?
नं. 4: td-HI 30ग मरे हुओं से बात करना नामुमकिन है
अग. 13 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 28-31 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: परिवार में और दूसरों के साथ व्यवहार-कुशलता से पेश आना (be-HI पेज 200 ¶1-4)
नं. 1: आगे बढ़ते जाइए—तरक्की करते रहिए (be-HI पेज 74 ¶1–पेज 75 ¶3)
नं. 2: यहेजकेल 28:1-16
नं. 3: td-HI 31क यहोवा के साक्षियों की शुरूआत
नं. 4: बाइबल में शब्द “बैर” या नफरत का क्या मतलब है?
अग. 20 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 32-34 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: उन्नति के लिए अच्छी और सुहावनी बातें (be-HI पेज 202 ¶1–पेज 203 ¶2)
नं. 1: अपने वरदान का इस्तेमाल कीजिए (be-HI पेज 75 ¶4–पेज 77 ¶2)
नं. 2: यहेजकेल 34:1-14
नं. 3: परमेश्वर की आत्मा हमारी मदद कैसे करती है?
नं. 4: td-HI 32क परमेश्वर का नाम
अग. 27 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 35-38 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: बोलने का अंदाज़ सुहावना बनाए रखना (be-HI पेज 203 ¶3–पेज 204 ¶1)
ज़बानी चर्चा
सितं. 3 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 39-41 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: भाई-बहनों के साथ बात करते वक्त (be-HI पेज 204 ¶2–पेज 205 ¶4)
नं. 1: परमेश्वर के वचन से लगाव क्यों रखें? (w05-HI 4/15 पेज 15-16 ¶3-6)
नं. 2: यहेजकेल 40:1-15
नं. 3: क्या इंसान वाकई परमेश्वर को खुश कर सकते हैं?
नं. 4: td-HI 32ख परमेश्वर का वजूद
सितं. 10 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 42-45 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: ज़ोर देने के लिए दोहराना (be-HI पेज 206 ¶1-4)
नं. 1: जब बुढ़ापा बने “शोभायमान मुकुट” (w05-HI 1/15 पेज 8-9)
नं. 2: यहेजकेल 43:1-12
नं. 3: td-HI 32ग परमेश्वर के खास गुण
नं. 4: fहम “परायों का शब्द” कैसे पहचान सकते हैं? (यूह. 10:5)
सितं. 17 बाइबल पढ़ाई: यहेजकेल 46-48 गीत 19 (164)
भाषण का गुण: प्रचार में और भाषण देते वक्त दोहराना (be-HI पेज 207 ¶1–पेज 208 ¶3)
नं. 1: यहेजकेल—क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 7-8 ¶29-33)
नं. 2: यहेजकेल 47:1-14
नं. 3: td-HI 32घ सभी, एक ही परमेश्वर की सेवा नहीं कर रहे
नं. 4: gमाँ-बाप से मिली आध्यात्मिक विरासत, बच्चों के लिए सबसे बढ़िया तोहफा क्यों है
सितं. 24 बाइबल पढ़ाई: दानिय्येल 1-3 गीत 2 (15)
भाषण का गुण: शीर्षक को विकसित करना (be-HI पेज 209 ¶1-3)
नं. 1: दानिय्येल का परिचय (bsi07-HI पेज 8-9 ¶1-6)
नं. 2: दानिय्येल 2:1-16
नं. 3: संख्या 1,44,000 को क्यों एक असल संख्या कहा जाता है (प्रका. 7:4)
नं. 4: td-HI 33क यीशु, परमेश्वर का बेटा और उसका ठहराया राजा
अक्टू. 1 बाइबल पढ़ाई: दानिय्येल 4-6 गीत 8 (53)
भाषण का गुण: सही शीर्षक चुनना (be-HI पेज 210 ¶1–पेज 211 ¶1; पेज 211, बक्स)
नं. 1: क्रोध में आना कब जायज़ होता है? (w05-HI 8/1 पेज 13-15)
नं. 2: दानिय्येल 4:1-17
नं. 3: हम मपीबोशेत के जैसे बढ़िया गुण कैसे दिखा सकते हैं?
नं. 4: td-HI 33ख उद्धार के लिए यीशु मसीह में विश्वास करना ज़रूरी
अक्टू. 8 बाइबल पढ़ाई: दानिय्येल 7-9 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: मुख्य मुद्दों को उभारना (be-HI पेज 212 ¶1–पेज 213 ¶2)
नं. 1: यहोवा का “वचन” आपकी हिफाज़त करे (w05-HI 9/1 पेज 28-31)
नं. 2: दानिय्येल 7:1-12
नं. 3: td-HI 33ग यीशु में विश्वास करना ही काफी नहीं
नं. 4: बाकायदा प्रचार में हिस्सा लेने से कौन-सी खास खुशियाँ मिलती हैं?
अक्टू. 15 बाइबल पढ़ाई: दानिय्येल 10-12 गीत 23 (200)
भाषण का गुण: ढेर सारे मुख्य मुद्दे इस्तेमाल न करें (be-HI पेज 213 ¶3–पेज 214 ¶6)
नं. 1: दानिय्येल—क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 9-10 ¶19-23)
नं. 2: दानिय्येल 11:1-14
नं. 3: गलतफहमियों को दूर करने में, नम्रता का गुण कैसे हमारी मदद कर सकता है?
नं. 4: td-HI 34क परमेश्वर का राज्य इंसानों के लिए क्या करेगा
अक्टू. 22 बाइबल पढ़ाई: होशे 1-7 गीत 9 (37)
भाषण का गुण: दिलचस्पी जगानेवाली शुरूआत (be-HI पेज 215 ¶1–पेज 216 ¶4)
नं. 1: होशे का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 11-12 ¶1-8,14-17)
नं. 2: होशे 5:1-15
नं. 3: td-HI 34ख परमेश्वर के राज्य का शासन तभी शुरू हुआ जब मसीह के दुश्मन अपने कामों में लगे हुए थे
नं. 4: सच्चे मसीही किन तरीकों से धीरज दिखाते हैं
अक्टू. 29 बाइबल पढ़ाई: होशे 8-14 गीत 5 (46)
भाषण का गुण: प्रचार में लोगों का ध्यान खींचना (be-HI पेज 217 ¶1-4)
ज़बानी चर्चा
नवं. 5 बाइबल पढ़ाई: योएल 1-3 गीत 15 (127)
भाषण का गुण: शुरूआत में अपना विषय साफ-साफ बताना (be-HI पेज 217 ¶5–पेज 219 ¶2)
नं. 1: योएल का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 13-14 ¶1-5,12-14)
नं. 2: योएल 2:1-14
नं. 3: “सिद्ध प्रेम” का क्या मतलब है (1 यूह. 4:18)
नं. 4: td-HI 34ग राज्य लोगों के ‘हृदय’ में नहीं, ना ही इंसान की कोशिशों से बना है
नवं. 12 बाइबल पढ़ाई: आमोस 1-9 गीत 22 (130)
भाषण का गुण: असरदार समाप्ति (be-HI पेज 220 ¶1-3)
नं. 1: आमोस का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 14-15 ¶1-6,13-17)
नं. 2: आमोस 2:1-16
नं. 3: यह सच क्यों नहीं कि तजुरबा ही इंसान का सबसे बड़ा गुरु है?
नं. 4: td-HI 35क खून चढ़ाना, लहू की पवित्रता के नियम के खिलाफ
नवं. 19 बाइबल पढ़ाई: ओबद्याह 1–योना 4 गीत 29 (222)
भाषण का गुण: इन बातों का ध्यान रखें (be-HI पेज 220 ¶4–पेज 221 ¶4)
नं. 1: ओबद्याह और योना का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 16-17 ¶1-5,10-14; पेज 17-18 ¶1-4,9-12)
नं. 2: योना 1:1-17
नं. 3: धरती का फिरदौस बनने से पहले, आध्यात्मिक फिरदौस का होना क्यों ज़रूरी है
नं. 4: td-HI 35ख ज़िंदगी बचाने के लिए परमेश्वर का नियम तोड़ना जायज़ नहीं
नवं. 26 बाइबल पढ़ाई: मीका 1-7 गीत 15 (127)
भाषण का गुण: प्रचार में (be-HI पेज 221 ¶5–पेज 222 ¶6)
नं. 1: मीका का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 19-21 ¶1-8,16-19)
नं. 2: मीका 2:1-13
नं. 3: td-HI 36क मसीहियों के विरोध की वजह
नं. 4: नर्मदिल होने का मतलब क्या है
दिसं. 3 बाइबल पढ़ाई: नहूम 1–हबक्कूक 3 गीत 11 (85)
भाषण का गुण: सही जानकारी देना (be-HI पेज 223 ¶1-5)
नं. 1: नहूम और हबक्कूक का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 21-2 ¶1-711-12; पेज 23-4 ¶1-5,12-14)
नं. 2: हबक्कूक 1:1-17
नं. 3: td-HI 36ख पत्नी को पति के दबाव में आकर परमेश्वर से अलग नहीं होना चाहिए
नं. 4: हमेशा की ज़िंदगी क्यों उबाऊ नहीं होगी?
दिसं. 10 बाइबल पढ़ाई: सपन्याह 1–हाग्गै 2 गीत 21 (191)
भाषण का गुण: “विश्वासयोग्य वचन को दृढ़ता से थामे रहें” (be-HI पेज 224 ¶1-4)
नं. 1: सपन्याह और हाग्गै का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 25-6 ¶1-6,10-12; पेज 27-8 ¶1-7,13-16)
नं. 2: सपन्याह 3:1-17
नं. 3: रूपांतरण का दर्शन कैसे पूरा हुआ?
नं. 4: htd-HI 36ग पति को पत्नी के दबाव में आकर परमेश्वर की सेवा नहीं छोड़नी चाहिए
दिसं. 17 बाइबल पढ़ाई: जकर्याह 1-8 गीत 4 (43)
भाषण का गुण: जानकारी की सच्चाई परखना (be-HI पेज 225 ¶1-3)
नं. 1: जकर्याह का परिचय (bsi07-HI पेज 28-9 ¶1-7)
नं. 2: जकर्याह 7:1-14
नं. 3: td-HI 37क शादी के बंधन का आदर करना चाहिए
नं. 4: iआध्यात्मिकता का शादी पर कैसा असर पड़ता है?
दिसं. 24 बाइबल पढ़ाई: जकर्याह 9-14 गीत 1 (13)
भाषण का गुण: दूसरों के लिए समझने में आसान (be-HI पेज 226 ¶1–पेज 227 ¶2)
नं. 1: जकर्याह—क्यों फायदेमंद है और मलाकी का परिचय और क्यों फायदेमंद है (bsi07-HI पेज 29-30 ¶23-7; पेज 31-2 ¶1-6,13-17)
नं. 2: जकर्याह 10:1-12
नं. 3: td-HI 37ख मसीहियों को मुखियापन का सिद्धांत ज़रूर मानना चाहिए
नं. 4: हम ज़ुल्म सहने के लिए कैसे तैयार हो सकते हैं?
दिसं. 31 बाइबल पढ़ाई: मलाकी 1-4 गीत 20 (93)
भाषण का गुण: उन शब्दों के बारे में समझाना जो दूसरों के लिए नए हैं (be-HI पेज 227 ¶3–पेज 228 ¶1)
ज़बानी चर्चा
[फुटनोट]
a यह भाग सिर्फ भाइयों को सौंपिए।
b यह भाग सिर्फ भाइयों को सौंपिए।
c यह भाग सिर्फ भाइयों को सौंपिए।
d यह भाग सिर्फ भाइयों को सौंपिए।
e यह भाग सिर्फ भाइयों को सौंपिए।
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