प्रचार की सभाओं से पूरा-पूरा फायदा उठाइए
1. प्रचार की सभाओं से हमें क्या फायदे होते हैं?
घर-घर के प्रचार में निकलने से पहले, आम तौर पर प्रचार की सभाएँ रखी जाती हैं। अगर इन्हें अच्छी तरह चलाया जाए, तो इनसे कई फायदे होते हैं। इन सभाओं से हमें प्रचार के लिए कारगर हिदायतें और हौसला-अफज़ाई दोनों मिलती हैं। इसके अलावा, हमें दूसरे प्रचारकों के साथ काम करने का मौका मिलता है। नतीजा, हम एक-दूसरे की मदद कर पाते हैं और एक-दूसरे से सीखते हैं। (नीति. 27:17; सभो. 4:9,10) इन सभाओं का पूरा-पूरा फायदा उठाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
2. सभा चलानेवाला भाई किन बातों पर चर्चा कर सकता है?
2 सभा चलानेवाला भाई: प्रचार की सभाओं में किन खास बातों पर चर्चा की जानी चाहिए, इसकी जानकारी आम तौर पर नहीं दी जाती है। इसलिए अगर आप सभा चलानेवाले हैं, तो यह बेहद ज़रूरी है कि आप इसकी अच्छी तैयारी करें। आप किन बातों पर चर्चा कर सकते हैं? अगर दिन के वचन का सीधा ताल्लुक हमारी सेवा से हो, तो आप उस पर चर्चा कर सकते हैं, मगर हर सभा में सिर्फ दिन के वचन पर चर्चा मत कीजिए। बल्कि यह सोचिए कि कैसे आप प्रचार में जानेवाले भाई-बहनों को कारगर मदद दे सकते हैं। मिसाल के लिए, आप एक पेशकश पर चर्चा कर सकते हैं या उस पर एक प्रदर्शन दिखा सकते हैं। या फिर आप चाहें तो रीज़निंग किताब, सेवा स्कूल किताब या हाल की सेवा सभा के किसी भाग से चंद बातें बता सकते हैं। दूसरे मौकों पर आप चर्चा कर सकते हैं कि अगर आपके प्रचार इलाके में कोई समस्या आती है, तो उससे कैसे निपटा जा सकता है। या प्रचार के लिए आए बहुत-से भाई-बहन अगर वापसी भेंट करने की सोच रहे हैं, तो वे कैसे घर-मालिक की दिलचस्पी को बढ़ाकर उनके साथ बाइबल अध्ययन शुरू करेंगे, इस पर भी आप चर्चा कर सकते हैं। आप चाहें जिस विषय पर चर्चा करने का फैसला करें, मगर आपकी बातचीत से सभी का जोश और हौसला बढ़ना चाहिए।
3. सभा कितनी देर तक चलायी जानी चाहिए और इस दौरान सभा चलानेवाले भाई को क्या करना चाहिए?
3 सभा समय पर शुरू कीजिए भले ही आपको मालूम हो कि कुछ लोग देर से आएँगे। सोच-समझकर तय कीजिए कि कौन-किसके साथ प्रचार में जाएगा और जिनके पास प्रचार करने के लिए इलाका नहीं है, उन्हें बताइए कि कहाँ काम करना है। यह सभा 10 से 15 मिनट तक चलायी जानी चाहिए और अगर इसे कलीसिया की सभा के बाद रखा जाता है, तो इसे 10 या 15 मिनट से भी कम समय में खत्म होना चाहिए। सभा के आखिर में हरेक प्रचारक को बताया जाना चाहिए कि उसे किसके साथ और कहाँ काम करना है। सभा का अंत प्रार्थना से किया जाना चाहिए।
4. प्रचार की सभाओं से पूरा-पूरा फायदा उठाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
4 आप मदद कर सकते हैं: कलीसिया की सभाओं की तरह, इस सभा में भी समय पर पहुँचकर हम यहोवा के लिए आदर और दूसरों के लिए लिहाज़ दिखाते हैं। सभा के दौरान होनेवाली चर्चा में भाग लीजिए। सभा चलानेवाला भाई आपको किसी के साथ काम करने के लिए कह सकता है या आप सभा से पहले ही अपना साथी चुन सकते हैं। अगर आप प्रचार के लिए अपना साथी खुद चुनते हैं, तो हमेशा अपने करीबी दोस्तों को साथ मत ले जाइए। इसके बजाय, अपना ‘हृदय खोलकर’ अलग-अलग भाई-बहनों के साथ प्रचार में जाने की कोशिश कीजिए। (2 कुरि. 6:11-13) सभा खत्म होने पर अपना साथी मत बदलिए और प्रचार के लिए तुरंत रवाना हो जाइए।
5. प्रचार की सभाओं का मकसद क्या है?
5 प्रचार की सभाओं का वही मकसद होता है जो कलीसिया की सभाओं का होता है। ये सभाएँ भी हमें “प्रेम और भले कामों में एक दूसरे को उत्साहित” करने के लिए रखी जाती हैं। (इब्रा. 10:24,25) अगर हम प्रचार की सभाओं से फायदा उठाने की कोशिश करें, तो हम अपनी सेवा पूरी कर पाएँगे जो वाकई एक ‘भला काम’ है!