परमेश्वर की सेवा स्कूल की चर्चा
अक्टूबर 30,2006 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी। स्कूल अध्यक्ष, 30 मिनट के लिए सितंबर 4 से अक्टूबर 30,2006 तक के हफ्तों में पेश किए भागों पर हाज़िर लोगों के साथ चर्चा करेगा। [ध्यान दीजिएः जिस सवाल के बाद कोई हवाला नहीं दिया गया है, उसके जवाब के लिए आपको खुद खोजबीन करनी है।—सेवा स्कूल किताब के पेज 36-7 देखिए।]
भाषण के गुण
1. शांत और संतुलित होकर बात करने की क्या अहमियत है, और हम अपनी चिंता को कैसे कम कर सकते हैं? [be-HI पेज 135 पैरा. 5-पेज 137 पैरा. 3, सभी बक्स]
2. जब कोई हमसे हमारे विश्वास के बारे में पूछता है, तब हमें क्यों बाइबल से जवाब देने की कोशिश करनी चाहिए? [be-HI पेज 143 पैरा. 1-3]
3. हम बाइबल का इस्तेमाल करने में और भी माहिर कैसे बन सकते हैं? [be-HI पेज 144, बक्स]
4. प्रचार में दूसरों को सिखाते वक्त, बाइबल का ज़्यादा-से-ज़्यादा इस्तेमाल करने की क्या अहमियत है, और हम कलीसिया की सभाओं में इसका इस्तेमाल करने का बढ़ावा कैसे दे सकते हैं? [be-HI पेज 145-6, सभी बक्स]
5. हम किन दो मकसद से आयतों का परिचय देते हैं? [be-HI पेज 147 पैरा. 2]
भाग नं. 1
6. भजनों की किताब में कौन-सा जीता-जागता संदेश दिया गया है? [bsi06-HI पेज 17 पैरा. 23]
7. नीतिवचनों को कब लिखा और इकट्ठा किया गया था? [bsi06-HI पेज 20 पैरा. 5]
8. नीतिवचन क्या है, और इब्रानी भाषा में इस किताब का नाम क्यों एकदम सही है? [bsi06-HI पेज 20 पैरा. 6]
9. नीतिवचन 2:1-5 हमें उकसाता है कि हम ज्ञान, सूझ-बूझ और समझ की लगातार ऐसे खोज करें मानो हम ‘चान्दी और गुप्त धन’ की खोज कर रहे हों। इस बढ़ावे का मतलब क्या है? [be-HI पेज 38 पैरा. 4]
10. नीतिवचन की किताब से ही हम कैसे जान सकते हैं कि इसे किस मकसद से लिखा गया था? [bsi06-HI पेज 21 पैरा. 19]
हफ्ते की बाइबल पढ़ाई
11. दाऊद ने कैसे उस ‘दूध छुड़ाए हुए लड़के की तरह अपने मन को शान्त और चुप किया, जो अपनी मां की गोद में रहता है,’ और हम उसकी मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? (भज. 131:1-3)
12. भजन 139:7-12 में परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे शब्दों से हमें क्या दिलासा मिल सकता है?
13. भजन 145 के मुताबिक, यहोवा की महानता की कुछ मिसालें क्या हैं, जिनके लिए हम अपनी प्रार्थना और प्रचार में उसकी बड़ाई कर सकते हैं? (भज. 145:3)
14. किस मायने में यहोवा का भय मानना “बुद्धि का मूल” और “बुद्धि का आरम्भ” है? (नीति. 1:7; 9:10)
15. नीतिवचन 7:1,2 में बतायी “मेरी बातों” और “मेरी आज्ञाओं” में क्या शामिल है?