1
2
दाविद, यहूदा का राजा (1-7)
ईशबोशेत, इसराएल का राजा (8-11)
दोनों घरानों के बीच युद्ध (12-32)
3
दाविद का घराना ताकतवर (1)
दाविद के बेटे (2-5)
अब्नेर, दाविद की तरफ (6-21)
योआब ने अब्नेर को मार डाला (22-30)
दाविद ने उसके लिए मातम मनाया (31-39)
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7
दाविद मंदिर नहीं बनाएगा (1-7)
दाविद से राज का करार (8-17)
उसकी धन्यवाद की प्रार्थना (18-29)
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11
दाविद ने व्यभिचार किया (1-13)
उरियाह को मरवा डाला (14-25)
बतशेबा को पत्नी बनाया (26, 27)
12
नातान ने दाविद को फटकारा (1-15क)
बतशेबा के बेटे की मौत (15ख-23)
बतशेबा ने सुलैमान को जन्म दिया (24, 25)
रब्बाह शहर पर कब्ज़ा (26-31)
13
अम्नोन ने तामार का बलात्कार किया (1-22)
अबशालोम ने उसे मार डाला (23-33)
अबशालोम गशूर भागा (34-39)
14
योआब और तकोआ की औरत (1-17)
दाविद ने योआब की तरकीब भाँपी (18-20)
अबशालोम को लौटने की इजाज़त (21-33)
15
अबशालोम की साज़िश और बगावत (1-12)
दाविद यरूशलेम से भागा (13-30)
अहीतोपेल, अबशालोम से मिल गया (31)
अहीतोपेल को नाकाम करने के लिए हूशै को भेजा गया (32-37)
16
सीबा ने मपीबोशेत को बदनाम किया (1-4)
शिमी ने दाविद को शाप दिया (5-14)
अबशालोम ने हूशै को स्वीकार किया (15-19)
अहीतोपेल की सलाह (20-23)
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19
दाविद ने मातम मनाया (1-4)
योआब ने दाविद को फटकारा (5-8क)
दाविद यरूशलेम लौटा (8ख-15)
शिमी ने माफी माँगी (16-23)
मपीबोशेत बेगुनाह साबित हुआ (24-30)
बरजिल्लै को सम्मान दिया गया (31-40)
गोत्रों के बीच बहस (41-43)
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24
दाविद ने गिनती लेकर पाप किया (1-14)
महामारी से 70,000 लोग मरे (15-17)
दाविद ने वेदी बनायी (18-25)