सिलखड़ी की बोतल
शुरू में इत्र की ये छोटी-छोटी बोतलें एक ऐसे पत्थर से बनायी जाती थीं, जो मिस्र में अलबास्त्रोन नाम की जगह के पास पाया जाता था। यह पत्थर कैल्शियम कार्बोनेट का एक रूप है। बाद में यह अलबास्त्रोन के नाम से जाना गया। यहाँ दिखायी गयी बोतल मिस्र में पायी गयी थी और यह ईसा पूर्व 150 और ईसवी सन् 100 के बीच की है। इससे मिलती-जुलती बोतलें जिप्सम जैसे कम कीमतवाले पत्थरों से भी बनायी जाती थीं। इन्हें भी सिलखड़ी (अँग्रेज़ी में अलबास्तर) कहा जाता था, क्योंकि इनमें भी इत्र भरा जाता था। लेकिन कीमती तेल और इत्र के लिए ऐसी बोतलें इस्तेमाल की जाती थीं जो असली सिलखड़ी पत्थर से बनी थीं। जैसे, वह तेल जिससे दो बार यीशु का अभिषेक किया गया था, एक बार जब वह गलील में एक फरीसी के घर में था और दूसरी बार तब, जब वह बैतनियाह में शमौन के घर में था, जो पहले कोढ़ी था।
चित्र का श्रेय:
© Trustees of the British Museum. Licensed under CC BY-NC-SA 4.0 (http://creativecommons.org/licenses/by/4.0/). Source: http://www.britishmuseum.org/research/collection_online/collection_object_details.aspx?objectId=449197&partId=1&searchText=1888,0601.16
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