युवा लोग पूछते हैं . . .
मैं इतनी बीमारी के साथ कैसे लड़ सकता हूँ?
जेसन सिर्फ़ १८ का था, लेकिन ऐसा लगता था कि शायद उसके जीवन के लक्ष्य अब हासिल न हों। उसने पूर्ण-समय के मसीही सेवक बनने की आशा की थी, लेकिन तब उसे पता चला कि उसे क्रोन्स् रोग था—एक पीड़ादायी और दुर्बल करनेवाला आँतों का विकार। लेकिन आज, जेसन अपनी परिस्थितियों का सफलतापूर्वक सामना कर रहा है।
संभवतः आप भी एक गंभीर बीमारी से लड़ रहे हैं। पिछले एक अंक में सजग होइए! ने आप जैसे युवा लोगों द्वारा सामना की जानेवाली चुनौतियों पर विचार किया।a आइए अब देखें कि कैसे आप अपनी स्थिति से सफलतापूर्वक निपट सकते हैं।
एक सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण
किसी-भी बीमारी का सफलतापूर्वक सामना करना एक सकारात्मक मनोवृत्ति की माँग करता है। बाइबल कहती है: “रोग में मनुष्य अपनी आत्मा से सम्भलता है; परन्तु जब आत्मा हार जाती है तब इसे कौन सह सकता है?” (नीतिवचन १८:१४) अंधकारमय, नकारात्मक विचार और भावनाएँ चंगाई को और ज़्यादा कठिन बना देती हैं। जेसन ने इस बात को सच पाया।
शुरू में, जेसन को नकारात्मक भावनाओं, जैसे क्रोध से लड़ना पड़ा, जो उसे नीचे ले जा रही थीं। किस बात ने मदद की? वह समझाता है: “प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! में हताशा पर दिए गए लेखों ने मुझे सकारात्मक दृष्टिकोण रखने में सचमुच मदद दी। अब मैं एक बार में केवल एक दिन की चिंता करता हूँ।”b
सतरह वर्षीया कारमॆन ने इसी प्रकार बातों के उज्जवल पहलू की ओर देखना सीखा। हालाँकि उसे सिकल-सॆल एनीमिया है, वह अपनी आशिषों पर ध्यान देती है। “मैं उन लोगों के बारे में सोचती हूँ जिनकी हालत मुझसे भी बदतर है और जो ऐसे काम नहीं कर सकते जिन्हें मैं कर सकती हूँ,” वह कहती है। “और मैं एहसानमंद महसूस करती हूँ न कि मुझे ख़ुद पर तरस आता है।”
नीतिवचन १७:२२ कहता है: “मन का आनन्द अच्छी औषधि है।” कुछ लोग शायद महसूस करें कि गंभीर बीमारी के समय हँसी-मज़ाक ठीक नहीं। लेकिन अच्छा हास्य और मनोहर संगति आपके मन को तरोताज़ा करते हैं और आपके जीने की इच्छा को बढ़ाते हैं। वास्तव में, आनंद ईश्वरीय गुण है, परमेश्वर की आत्मा का एक फल। (गलतियों ५:२२) यह मनोदशा आपको आनंद महसूस करने में मदद दे सकती है चाहे आप एक बीमारी से ही क्यों न लड़ रहे हों।—भजन ४१:३.
एक समझदार डॉक्टर को खोजना
एक ऐसे डॉक्टर का होना जो युवा लोगों को समझता हो, बहुत सहायक है। आमतौर पर एक युवा व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक ज़रूरतें एक वयस्क की ज़रूरतों से भिन्न होती हैं। एशली केवल दस साल की थी जब उसे संघातक मग़ज़ की रसौली के इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा था। एशली के डॉक्टर ने उससे स्नेहपूर्ण तरीक़े से व्यवहार किया और ऐसी बातें कीं जिन्हें वह समझ सकती थी। उसने उसे बताया कि कैसे उसके बचपन की बीमारी ने उसे डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित किया। जो इलाज किया जाएगा उसके बारे में उसने उसे आराम से लेकिन साफ़-साफ़ रीति से समझाया, सो वह जानती थी कि क्या उम्मीद रखे।
आप और आपके माता-पिता ऐसे चिकित्सीय पेशेवरों को खोजना चाहेंगे जो आपकी क़दर करते हैं और आपकी ज़रूरतों को समझते हैं। यदि किसी कारणवश आप उस देखभाल से जो आपको मिल रही है पूरी तरह सहज महसूस नहीं कर पाते, तो अपनी चिंताएँ अपने माता-पिता को बताने से मत झिझकिए।
अपने स्वास्थ्य के लिए संघर्ष कीजिए!
यह भी अनिवार्य है कि आप अपनी बीमारी से जिस तरीक़े से भी संघर्ष कर सकते हैं, कीजिए। उदाहरण के लिए, आप अपनी हालत के बारे में जितना भी जान सकते हैं जानिए। “बुद्धिमान पुरुष बलवान् भी होता है,” बाइबल का एक नीतिवचन कहता है। (नीतिवचन २४:५) ज्ञान अनजाने का डर निकाल देता है।
इसके साथ, एक जानकार युवा व्यक्ति को उसके इलाज में ज़्यादा-से-ज़्यादा शामिल किया जा सकता है और वह इसके साथ सहयोग देने की बेहतर स्थिति में होता है। उदाहरण के लिए, वह शायद सीखे, कि उसे बिना अपने डॉक्टर की सलाह लिए एक लिखी हुई दवा लेना बंद नहीं करना चाहिए। कारमॆन ने, जिसका ऊपर ज़िक्र किया गया है, सिकल-सॆल एनीमिया पर पुस्तक पढ़ीं, उसके माता-पिता ने भी ऐसा ही किया। जो उन्होंने सीखा था उससे उन्हें उस इलाज को प्राप्त करने में मदद मिली जिससे कारमॆन को सबसे ज़्यादा फ़ायदा हो सकता था।
यदि आपको कोई बात ठीक से समझ न आए तो अपने डॉक्टर से स्पष्ट सवाल पूछिए। ऐसा कहने के बजाय, जो आपको लगता है कि डॉक्टर सुनना चाहता है, ईमानदारी से बताइए की आप क्या सोच रहे और महसूस कर रहे हैं। जैसा बाइबल कहती है, “बिना सम्मति की कल्पनाएं निष्फल हुआ करती हैं।”—नीतिवचन १५:२२.
एक वक़्त ऐसा लगाता था कि एशली अपनी बीमारी के बारे में बात नहीं करना चाहती। वह केवल अपनी माँ से इस बारे में बात करती थी। एक चतुर समाज सेविका ने उससे अकेले में पूछा: “क्या आपको लगता है जैसे शायद आपको पूरी बात नहीं बतायी गई हो?” एशली ने क़बूल किया कि हाँ उसे ऐसा लगता है। सो उस महिला ने एशली को उसके मॆडिकल रिकार्ड दिखाए और उनके बारे में उसे समझाया। उसने डॉक्टरों को भी एशली से सीधे बात करने के लिए कहा, बजाय इसके कि वह औरों से उसके बारे में बात करे। अंत में, अपने दिल की बात कहने के बाद, एशली को वह मदद मिल सकी जिसकी उसे ज़रूरत थी।
जो आपके नज़दीक हैं उनसे सहारा
जब परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो जाता है, तो यह एक पारिवारिक मामला बन जाता है, जिसमें सभी के संयुक्त प्रयास की ज़रूरत होती है। एशली का परिवार और मसीही कलीसिया उसे सहारा देने के लिए एकजुट होकर आगे आए। कलीसिया को समय-समय पर याद दिलाया जाता था कि वह अस्पताल में थी। कलीसिया के सदस्य नियमित तौर पर उससे मिलने जाते थे, और उन्होंने परिवार के घरेलू काम में और खाना बनाने में तब तक मदद की जब तक वह परिवार अपनी सामान्य दिनचर्या में न आ गया। कलीसिया के बच्चे भी एशली से मिलने अस्पताल जाते थे, जब वह मिलने-जुलनेवालों से बात करने लायक़ होती थी। यह न केवल एशली के लिए अच्छा था बल्कि उसके युवा मित्रों के लिए भी।
लेकिन, इससे पहले कि लोग आपकी मदद कर सकें, उन्हें जानने की ज़रूरत है कि आपको मदद चाहिए। कारमॆन भावनात्मक और आध्यात्मिक सहारे के लिए अपने माता-पिता और कलीसिया प्राचीनों की ओर देखती है। वह अपने स्कूल के उन सहपाठियों से भी सहारा पाने की आशा रखती है जो उसके मसीही विश्वास में सहभागी हैं। “वे मेरा ध्यान रखते हैं,” कारमॆन कहती है, “और मुझे महसूस होता है कि मेरी परवाह की जा रही है।”
आपका स्कूल शायद आपको सहायक चिकित्सक और आर्थिक सलाह प्रदान कर सके और शायद व्यक्तिगत सहारे की पेशकश भी रखे। उदाहरण के लिए, एशली की अध्यापिका ने उसकी कक्षा को एशली से मिलने और उसे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। यदि आपके अध्यापक उन कठिनाइयों को नहीं समझते जिनका आप सामना कर रहे हैं, तो शायद आपके माता-पिता के लिए स्कूल अधिकारियों के साथ आपकी स्थिति पर आदरपूर्वक चर्चा करना ज़रूरी हो।
मन और शरीर का बुद्धिमानी से प्रयोग कीजिए
जब आप बहुत बीमार होते हैं, तो शायद आप कुछ भी करने के लायक़ नहीं हों लेकिन अपनी सारी शक्ति ठीक होने पर केंद्रित कीजिए। यदि आप एकदम कमज़ोर न पड़ गए हों, तो ऐसे अनेक सृजनात्मक काम हैं जिन्हें आप कर सकते हैं। लेखिका जिल क्रेमॆंट्स ने अपनी पुस्तक अपने जीवन के लिए लड़ना कैसा लगता है (अंग्रेज़ी) के लिए अनुसंधान के दौरान जो उसने देखा उस पर टिप्पणी की: “दो साल तक अस्पताल के गलियारे से आते-जाते, अनेक बच्चों को टीवी पर टकटकी लगाए देखना मेरे लिए दुःख की बात रही है। हमें इन बच्चों को ज़्यादा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। अस्पताल का बिस्तर एक व्यक्ति के लिए अपने दिमाग़ की कसरत करने की उत्तम जगह है।”
चाहे आप घर में हों या अस्पताल में, अपनी दिमाग़ी क्षमताओं की कसरत करना अकसर आपको अच्छा महसूस करने में मदद दे सकता है। क्या आपने चिट्ठियाँ या कविताएँ लिखने की कोशिश की है? चित्रकारी या पेन्टिंग करने की? यदि आपकी हालत अनुमति देती है तो एक वाद्य बजाना सीखने के बारे में क्या? स्वास्थ्य सीमाएँ होने के बावजूद भी अनेक बातों की संभावनाएँ हैं। निश्चित रूप से, सबसे बढ़िया काम जो आप कर सकते हैं वह है परमेश्वर से प्रार्थना करने की आदत डालना और उसके वचन, बाइबल को पढ़ना।—भजन ६३:६.
यदि आपकी हालत इज़ाज़त दे, तो उचित शारीरिक गतिविधि भी आपको अच्छा महसूस करने में मदद दे सकती है। इसी कारण से चिकित्सीय सुविधाओं के पास अकसर युवा मरीज़ों के लिए शारीरिक उपचार कार्यक्रम होते हैं। अनेक मामलों में उचित कसरत न केवल शारीरिक चंगाई को बढ़ाती है बल्कि आपके मनोबल को भी ऊँचा रखने में मदद करती है।
हिम्मत मत हारिए!
कठिन पीड़ा के समय, यीशु ने परमेश्वर से प्रार्थना की, उस पर भरोसा किया, और दर्द पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने आनंदपूर्ण भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया। (इब्रानियों १२:२) उसने अपने कष्टदायक अनुभवों से सीखा। (इब्रानियों ४:१५, १६; ५:७-९) उसने मदद और प्रोत्साहन स्वीकार किया। (लूका २२:४३) उसने अपनी परेशानी के बजाय दूसरों के हित पर ध्यान केंद्रित किया।—लूका २३:३९-४३; यूहन्ना १९:२६, २७.
हालाँकि शायद आप बहुत बीमार हों, आप भी दूसरों की प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। एक स्कूल रिपोर्ट के लिए, एशली की बहिन, अबीगेल ने लिखा: “वह व्यक्ति जिसकी मैं सबसे अधिक सराहना करती हूँ वह मेरी बहन है। हालाँकि वह अस्पताल जाती है और उसे आईवी चढ़ाया जाता है और सुईयाँ चुभोई जाती हैं, फिर भी वह हँसती हुई बाहर आती है!”c
जेसन ने अपना लक्ष्य नहीं छोड़ा, लेकिन थोड़ा-सी फेरबदल की। अब उसका लक्ष्य वहाँ सेवा करना है जहाँ परमेश्वर के राज्य के प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है। जैसा जेसन के मामले में है, शायद आप वह सब करने में समर्थ न हों जो आप करने की इच्छा रखते हैं। महत्त्वपूर्ण बात अपनी सीमाओं के अंदर जीना सीखना है, और न तो हद-से-ज़्यादा सुरक्षा बरतनेवाले बनें और न ही लापरवाह। जितना बढ़िया आप कर सकते हैं, उसे करने के लिए आपको बुद्धि और शक्ति देने के लिए यहोवा पर भरोसा कीजिए। (२ कुरिन्थियों ४:१६; याकूब १:५) और याद रखिए, ऐसा समय आएगा जब यह पृथ्वी एक परादीस होगी, जहाँ “कोई निवासी न कहेगा कि मैं रोगी हूं।” (यशायाह ३३:२४) जी हाँ, एक दिन आप दोबारा स्वस्थ हो जाएँगे!
[फुटनोट]
a मई ८, १९९७ की सजग होइए!, पृष्ठ १७-१९ देखिए।
b अक्तूबर १, १९९१, पृष्ठ १५; मार्च १, १९९०, पृष्ठ ३-९; प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी); और अक्तूबर २२, १९८७, पृष्ठ २-१६; नवंबर ८, १९८७, पृष्ठ १२-१६ सजग होइए! (अंग्रेज़ी) देखिए।
c वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित पारिवारिक सुख का रहस्य, पृष्ठ ११६-२७ भी देखिए।
[पेज 26 पर तसवीर]
बड़ी बहन अबिगेल एशली की हिम्मत की सराहना करती है