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अनोखा पुनर्मिलन

ब्रिटॆन में सजग होइए! संवाददाता द्वारा

ब्रूस १९४५ में दो साल का था जब उसकी माँ, मरी ने उसे आखिरी बार देखा था। मरी से तलाक के बाद, ब्रूस के पिता को उसके पालन-पोषण का कानूनी अधिकार मिला। अपनी ममता को दबाते हुए, मरी ने तय किया कि यह उसके बेटे के हित में होगा कि उसका पालन-पोषण उसका पिता और सौतेली माँ करें, और मरी की तरफ से कोई भावात्मक खिंचाव न हो। कुछ समय बाद, ब्रूस के साथ उसका संपर्क पूरी तरह से टूट गया।

कुछ साल बाद मरी ने दूसरी शादी की और उसे एक और बेटा हुआ, लेकिन वह अब भी ब्रूस को याद करती थी। वह कहाँ होगा? किस हाल में होगा?

जब १९७६ में ब्रूस के पिता की मृत्यु हुई, तब मरी उसके अंतिम-संस्कार में गयी। अब ब्रूस ३०-३५ साल का सजीला नौजवान था और वहाँ अपनी सौतेली माँ के साथ आया था। क्योंकि मरी के मन में अभी-भी यह था कि ब्रूस अपनी सौतेली माँ को ही अपनी सगी माँ मानता होगा, इसलिए उसे लगा कि अपनी पहचान कराना ब्रूस के साथ न्याय न होगा, और वह भी ऐसे समय पर। मरी को पता नहीं था कि जैसे ही ब्रूस के पिता ने दूसरी शादी की उसने ब्रूस को ठुकरा दिया और उसकी दादी ने उसको पाला-पोसा था। यदि मरी यह सच्चाई जानती होती तो उसने अलग ही तरह से व्यवहार किया होता।

इसी समय के आस-पास मरी की मुलाकात सू नाम की एक यहोवा की साक्षी से हुई। मरी ने तुरंत ही एक गृह बाइबल अध्ययन स्वीकार कर लिया। संयोग से उसी समय ब्रूस और उसकी पत्नी ने सू के पति, ऐलन से बाइबल अध्ययन लेना शुरू किया। लेकिन, जल्द ही स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मरी ने अपना अध्ययन बंद कर दिया और घर बदल लिया।

यहोवा के साक्षियों ने १९९५ में मरी से दोबारा संपर्क किया। उसने अपना बाइबल अध्ययन फिर से शुरू किया और तेज़ी से प्रगति की। जब मरी के बपतिस्मे का समय आया, तब उसने एक मसीही प्राचीन को ब्रूस के बारे में बताया। उस प्राचीन ने पूछताछ की और पाया कि ब्रूस और उसका परिवार न सिर्फ यहोवा के साक्षी हैं बल्कि ब्रूस मरी के गृहनगर की एक कलीसिया में प्राचीन भी है!

ब्रूस की कलीसिया के दूसरे प्राचीनों को शंका थी। यदि वे ब्रूस को बताएँ कि उसकी माँ अगले खास सम्मेलन दिन में बपतिस्मा लेनेवाली है, तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या उसे पता भी है कि उसकी माँ ज़िंदा है? लेकिन, जैसे ही ब्रूस को सच्चाई पता चली, वह अपने परिवार को लेकर मरी से मिलने चल पड़ा। “अतीत को भूल जाओ; सत्य में महत्त्व है भविष्य का!” अपनी माँ को गले लगाते हुए ब्रूस के मुँह से ये सांत्वनादायी शब्द निकले।

मार्च १९९६ में, ७८ साल की उम्र में मरी का बपतिस्मा हुआ। इंग्लॆंड में यहोवा के साक्षियों के ईस्ट पॆनाइन सम्मेलन गृह में ब्रूस ने अपनी माँ को बपतिस्मा दिया। अपनी माँ को एक आत्मिक बहन के रूप में पाकर ब्रूस कितना पुलकित था!

[पेज 24 पर तसवीर]

ब्रूस, अपनी माँ के साथ

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