नया सर्किट सम्मेलन कार्यक्रम
जनवरी, १९९९ से शुरू होनेवाले दो दिन के सर्किट सम्मेलन कार्यक्रम का विषय है “परमेश्वर की आज्ञा का पालन कर और जीवित रह।” (नीति. ४:४) सम्मेलन में इस बात पर ज़ोर दिया जाएगा कि परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना क्यों एक बोझ नहीं है। इसके अलावा, यह बताया जाएगा कि परमेश्वर की इच्छा पूरी करने से कैसे ताज़गी और सच्ची खुशी साथ ही भविष्य के लिए आशा मिलती है।—मत्ती ११:२८-३०; यूह. १३:१७.
मसीह के आदेशानुसार जो सम्मेलन में बपतिस्मा लेना चाहते हैं, उन्हें प्रिसाइडिंग ओवरसियर से बात करनी चाहिए और वह इसके लिए ज़रूरी प्रबंध करेगा।—मत्ती २८:१९, २०.
एक परिचर्चा में परमेश्वर और अपने भाइयों को प्रेम दिखाने के कुछ व्यावहारिक तरीके बताए जाएँगे। (यूह. १३:३४, ३५; १ यूह. ५:३) कार्यक्रम के अंतर्गत भजन १९ और ११९ से दिल छू लेनेवाली सलाह दी जाएगी। हालाँकि इन भजनों में दी गई ईश्वर-प्रेरित सलाह हज़ारों साल पहले लिखी गई थी, हम देखेंगे कि यह आज व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए कैसे फायदेमंद है।
ज़िला ओवरसियर द्वारा जन भाषण दिया जाएगा जिसका शिर्षक है, “परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर” (सभो. १२:१३) आज युवा अपने जीवन का सबसे अच्छा उपयोग कैसे कर सकते हैं और वे अनंत भविष्य पर पूरा विश्वास क्यों रख सकते हैं इसी पर सर्किट ओवरसियर का आखिरी भाषण होगा। “राज्य व्यवस्था” के मुताबिक जीने से मिलनेवाले अनेक लाभों के बारे में बताते हुए ज़िला ओवरसियर कार्यक्रम समाप्त करेगा। (याकू. २:८) वाकई, इस सम्मेलन के कार्यक्रम में सभी उपस्थित होना चाहेंगे!