“आनन्द से यहोवा की आराधना करो!”
1. यहोवा के सेवकों को किस बात से बड़ा आनंद मिलता है?
प्रेरित पौलुस ने लिखा: “प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्दित रहो।” (फिलि. 4:4) दूसरों को सुसमाचार सुनाने और यहोवा की उपासना करने में भेड़ समान लोगों की मदद करने से, हमें बड़ा आनंद मिलता है। (लूका 10:17; प्रेरि. 15:3; 1 थिस्स. 2:19) लेकिन अगर हम पाते हैं कि प्रचार में हमारी खुशी कम हो रही है, तब हम क्या कर सकते हैं?
2. प्रचार करने की ज़िम्मेदारी हमें किसने दी है, यह बात हमेशा मन में रखने से हमारी खुशी कैसे बढ़ सकती है?
2 परमेश्वर से मिला काम: याद रखें कि प्रचार करने की यह ज़िम्मेदारी हमें यहोवा ने दी है। वाकई, हमारे लिए यह कितने सम्मान की बात है कि हम राज्य का संदेश सुनाने और चेला बनाने के काम में “परमेश्वर के सहकर्मी” हैं! (1 कुरि. 3:9) फिर कभी न दोहराए जानेवाले इस काम में मसीह यीशु हमारे साथ है। (मत्ती 28:18-20) स्वर्गदूत भी इस काम में पूरी तरह जुटे हुए हैं और आज इस महान आध्यात्मिक कटाई में हमारा हाथ बँटा रहे हैं। (प्रेरि. 8:26; प्रका. 14:6) बाइबल के साथ-साथ परमेश्वर के लोगों के अपने तजुर्बे, इस बात का ठोस सबूत देते हैं कि इस काम में यहोवा हमारी मदद कर रहा है। इसलिए प्रचार में हम “परमेश्वर की ओर से परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह” के संगी बनकर जाते हैं। (2 कुरि. 2:17) है न यह खुश होने की एक ज़बरदस्त वजह?
3. परमेश्वर की सेवा में अपनी खुशी बरकरार रखने में प्रार्थना कैसे हमारी मदद करती है?
3 परमेश्वर की सेवा में अपनी खुशी बरकरार रखने के लिए प्रार्थना करना निहायत ज़रूरी है। (गल. 5:22) हम सिर्फ परमेश्वर की ताकत से उसका काम पूरा कर सकते हैं। इसलिए हमें पवित्र आत्मा के लिए उससे गिड़गिड़ाकर बिनती करनी चाहिए क्योंकि परमेश्वर, अपने माँगनेवालों को दिल खोलकर देता है। (लूका 11:13; 2 कुरि. 4:1, 7; इफि. 6:18-20) जब हमारा विरोध किया जाता है या जब लोग दिलचस्पी नहीं दिखाते, तब भी अपने प्रचार काम के बारे में प्रार्थना करते रहने से हमें सही नज़रिया रखने में मदद मिलेगी। प्रार्थना की मदद से हम निडरता से और खुशी-खुशी प्रचार का काम करते रहेंगे।—प्रेरि. 4:29-31; 5:40-42; 13:50-52.
4. अच्छी तैयारी करने से कैसे प्रचार में हमारी खुशी बढ़ती है और तैयारी करने के कुछ कारगर तरीके क्या हैं?
4 अच्छी तैयारी करें: प्रचार में अपनी खुशी बढ़ाने का एक कारगर तरीका है कि हम अच्छी तैयारी करें। (1 पत. 3:15) ज़रूरी नहीं कि ऐसी तैयारी करने में बहुत वक्त लगे। नयी-नयी पत्रिकाओं के लिए दिए सुझावों या जिस साहित्य को आप पेश करने की सोच रहे हैं, उसके लिए क्या कहना सही होगा, उस पर एक नज़र डालने के लिए तो चंद मिनट ही काफी है। घर-मालिक से बातचीत कैसे शुरू करें, इसके लिए आप रीज़निंग किताब या हमारी राज्य सेवकाई के पुराने अंकों की मदद ले सकते हैं। कुछ प्रचारकों ने पाया कि वे घर-मालिक से जो कहना चाहते हैं, अगर उसे चंद शब्दों में एक कागज़ पर लिख लें, तो इससे उन्हें काफी मदद मिलती है। बीच-बीच में वे याद ताज़ा करने के लिए कागज़ पर एक नज़र डालते हैं। इससे उनकी घबराहट दूर होती है और उन्हें हिम्मत के साथ प्रचार करने का आत्म-विश्वास मिलता है।
5. खुश रहने से हमें और दूसरों को क्या फायदे मिलते हैं?
5 खुश रहने के कई फायदे होते हैं। हमारी खुशी देखकर लोग हमारे संदेश की तरफ खिंचे चले आएँगे। खुशी हमें हर तरह के हालात में धीरज धरने के लिए मज़बूत करती है। (नहे. 8:10; इब्रा. 12:2) इन सबसे बढ़कर, खुशी से की गयी हमारी सेवा से यहोवा की महिमा होती है। इसलिए आइए, हम ‘आनन्द से यहोवा की आराधना करें।’—भज. 100:2.