वह मदद जो हमेशा हाज़िर है
1. एक मसीही, आध्यात्मिक बातों में कमज़ोर कैसे पड़ सकता है?
आना नाम की एक मसीही बहन का पति साक्षी नहीं था और उसकी नौकरी भी ऐसी थी कि उसका ज़्यादातर वक्त उसी में निकल जाता था। इसलिए नियमित तौर पर मसीही सभाओं में हाज़िर होना, प्रचार में हिस्सा लेना और बाइबल का अध्ययन करना, आना के लिए बहुत मुश्किल हो गया था। नतीजा, वह यहोवा से प्यार तो करती थी, मगर सच्चाई में कमज़ोर पड़ गयी। लेकिन शुक्र है कि प्राचीनों ने उसके लिए परवाह दिखायी और उसे आध्यात्मिक मदद दी।
2. सभी मसीही दूसरों की मदद करने के लिए कैसे हमेशा तैयार रह सकते हैं?
2 जब कोई, मसीही कलीसिया से मिलनेवाली आध्यात्मिक मदद को कबूल करता है, तो वह असल में दिखाता है कि वह यहोवा से मदद ले रहा है। यीशु मसीह कलीसिया के लिए जो प्यार और परवाह दिखाता है, प्राचीन उसकी मिसाल पर चलने की कोशिश करते हैं। इसलिए जिन्हें आध्यात्मिक कामों का पीछा करने में मुश्किल हो रही है, उनकी वे हिम्मत-अफज़ाई करते हैं और उन्हें कारगर तरीकों से मदद देते हैं। (1 थिस्स. 5:14) अकसर ऐसे लोगों में दोबारा जोश पैदा करने के लिए, सिर्फ बाइबल से तसल्ली देनेवाली आयतें दिखाकर चंद बातें बोलना काफी होता है। जो लोग कुछ समय से आध्यात्मिक बातों में कमज़ोर पड़ गए हैं, उनको सहारा देने में न सिर्फ प्राचीनों को बल्कि सभी मसीहियों को पहल करनी चाहिए। बेशक, हम सभी ने कभी-न-कभी महसूस किया होगा कि सोच-समझकर और “ठीक अवसर पर कही गई बात” में कितना दम होता है।—नीति. 25:11, नयी हिन्दी बाइबिल; यशा. 35:3, 4.
3, 4. दूसरों की मदद करने में क्या शामिल है, और हम ऐसा कैसे कर सकते हैं?
3 पहल कीजिए: जिन लोगों को आध्यात्मिक मदद की ज़रूरत है, उनकी खातिर प्यार और परवाह दिखाने के लिए ज़रूरी है कि हम पहल करें, हमदर्दी जताएँ और लगन से काम करें। जब योनातन को पता चला कि दाऊद बड़ी मुसीबत में है तो वह “उठकर उसके पास होरेश में गया, और . . . उसको ढाढ़स दिलाया।” (1 शमू. 23:15, 16) दूसरों की मदद करने के लिए उनके साथ कोमलता से पेश आइए। जब हमें उनके लिए सच्ची परवाह होगी तो हम उनकी हिम्मत बढ़ाने के लिए जो भी कहेंगे, उसके अच्छे नतीजे मिलेंगे। इसके अलावा, आध्यात्मिक तौर पर भटके हुए एक भाई या बहन को दोबारा पाने के लिए लगातार और जी-जान से कोशिश करने की ज़रूरत है, जैसा कि यीशु मसीह ने एक दृष्टांत देकर साफ-साफ समझाया था। (लूका 15:4) अगर हम वाकई किसी की आध्यात्मिक तरीके से मदद करना चाहते हैं, तो हम हिम्मत नहीं हारेंगे, फिर चाहे वह धीरे-धीरे ही तरक्की क्यों ना करे।
4 जब हम खुद पहल करके दूसरे भाई-बहनों को अपने साथ प्रचार में आने के लिए कहते हैं तो उन्हें कितनी खुशी होती है। मसलन, उन्हें जो हमारे पुस्तक अध्ययन समूह के हैं। उनके साथ प्रचार करते वक्त हम मौके का फायदा उठाकर उन्हें परमेश्वर की सेवा में ज़्यादा करने के लिए उकसा सकते हैं। इस तरह साथ मिलकर सेवा करने से जो खुशी मिलती है, वह खासकर उन लोगों का जोश बढ़ाती है जो सच्चाई में दोबारा मज़बूत होने की कोशिश कर रहे हैं।
5. कुछ लोगों को मदद देने के लिए प्राचीन कैसा इंतज़ाम कर सकते हैं?
5 एक प्यार-भरा इंतज़ाम: जिन्होंने कुछ समय से प्रचार में हिस्सा नहीं लिया है या कलीसिया के साथ संगति नहीं की है, उन्हें अपना विश्वास मज़बूत करने के लिए शायद थोड़ी ज़्यादा मदद की ज़रूरत हो। उनके लिए शायद इतना काफी हो कि कोई उनके साथ एकमात्र सच्चे परमेश्वर की उपासना करें, यहोवा के करीब आओ या बाइबल असल में क्या सिखाती है? जैसी किताबों से बाइबल अध्ययन चलाए। उनके साथ ज़्यादा समय तक अध्ययन जारी रखने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि वे बपतिस्मा-शुदा हैं। कलीसिया की सेवा समिति को ध्यान रखना चाहिए कि किन लोगों को ऐसे अध्ययन के इंतज़ाम से फायदा हो सकता है।—नवंबर 1998 और नवंबर 2000 की हमारी राज्य सेवकाई के प्रश्न बक्स देखिए।
6. एक बहन, आध्यात्मिक बातों में दोबारा मज़बूत कैसे हो सकी?
6 इस लेख की शुरूआत में जिस आना का ज़िक्र किया गया है, उसने खुशी-खुशी प्राचीनों की मदद कबूल की। एक तजुरबेकार बहन को उसके साथ बाइबल अध्ययन करने के लिए कहा गया। सिर्फ चार बार अध्ययन करने पर वह अपने आप को एक बार फिर परमेश्वर के करीब महसूस करने लगी। आना दोबारा सभाओं में जाने लगी और प्रचार में जाकर परमेश्वर की महिमा करने की इच्छा उसमें फिर से जाग उठी। उस तजुरबेकार बहन ने आना को एक और तरीके से मदद दी। वह आना को तब तक अपने साथ दूसरे बाइबल अध्ययनों में ले जाती रही, जब तक कि आना घर-घर प्रचार करने के लिए मज़बूत ना हो गयी। जी हाँ, आना को दोबारा आध्यात्मिक ताकत पाने के लिए बस किसी के सहारे की ज़रूरत थी!
7. दूसरों को आध्यात्मिक तौर पर मज़बूत करने से क्या-क्या आशीषें मिलती हैं?
7 जो कमज़ोर पड़ गए हैं, उन्हें मज़बूत करने से सभी को आशीषें मिलती हैं। जिसे मदद दी जाती है वह यहोवा के करीब आने में खुशी महसूस करता है और संगठन के साथ मिलकर सेवा करने में दोबारा जोशीला बन जाता है। उसकी आध्यात्मिक तरक्की देखकर प्राचीन भी बहुत खुश होते हैं। (लूका 15:5,6) जब सभी भाई-बहन एक-दूसरे के लिए प्यार-भरी परवाह दिखाते हैं तो वे एक-दूसरे के और भी करीब आते हैं। (कुलु. 3:12-14) वाकई, हमारे पास कितनी बढ़िया वजह है कि हम यहोवा की मिसाल पर चलें, जो मदद करने के लिए हरदम तैयार रहता है!—इफि. 5:1.