थोड़ी भी दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट कीजिए
आज हममें से कई लोग सच्चाई में इसलिए हैं क्योंकि किसी प्रचारक ने राज्य संदेश में हमारी दिलचस्पी देखी और उसे बढ़ाने के लिए वह दोबारा हमसे मिलने आया। शायद उसने ऐसा एक बार नहीं बल्कि बार-बार किया होगा। ठीक उसी तरह हमें भी उन लोगों से दोबारा मिलने की भरसक कोशिश करनी चाहिए जो थोड़ी भी दिलचस्पी दिखाते हैं। क्योंकि ‘चेला बनाने’ के काम में वापसी भेंट करना भी शामिल है!—मत्ती 28:19,20.
2 दिलचस्पी पता कीजिए: हो सकता है एक व्यक्ति हमारा साहित्य न ले, मगर फिर भी उसके चेहरे के हाव-भाव, बोलने के लहज़े, या उसकी बातों से ज़ाहिर हो जाए कि उसे राज्य संदेश में थोड़ी-बहुत दिलचस्पी है। इसी बिना पर हम उससे वापसी भेंट कर सकते हैं। एक भाई ने एक ऐसे व्यक्ति से लगातार पाँच हफ्तों तक मुलाकातें की जिसने कोई साहित्य नहीं लिया था। छठवीं मुलाकात में जाकर उस व्यक्ति ने साहित्य कबूल किया और आखिरकार उसके साथ बाइबल अध्ययन शुरू हुआ।
3 अगर आपको लगता है कि सामनेवाले व्यक्ति को राज्य संदेश में दिलचस्पी है, तो फौरन वापसी भेंट कीजिए। हो सके तो कुछ ही दिनों में उससे दोबारा मिलने की कोशिश कीजिए। “दुष्ट” शैतान को मौका मत दीजिए कि जो कुछ आपने उस व्यक्ति के दिल में बोया है, उसे वह छीनकर ले जाए। (मत्ती 13:19) इस बात का ध्यान रखिए कि अगर आपने उसे वापसी भेंट का समय दिया है, तो आप उससे मिलने ज़रूर जाएँ।—मत्ती 5:37.
4 सड़क गवाही में: सड़क पर या मौका देखकर गवाही देते वक्त अगर कोई व्यक्ति दिलचस्पी दिखाता है, तो क्या आप उससे दोबारा मिलने का इंतज़ाम करते हैं? इसके लिए आप बातचीत के आखिर में कह सकते हैं: “आपसे बात करके मुझे अच्छा लगा। क्या हम दोबारा मिल सकते हैं?” कुछ प्रचारक ऐसे हालात में दिलचस्पी दिखानेवाले को या तो अपना फोन नंबर देते हैं या फिर उसका नंबर माँगते हैं। अगर लोग आपको नियमित तौर पर किसी इलाके में सड़क पर गवाही देते हुए देखें, तो आपके माँगने पर उन्हें अपना फोन नंबर या पता देने में कोई झिझक नहीं होगी। और यदि वे फोन नंबर या पता देने से इनकार कर दें, तो आप सड़क पर ही दोबारा मिलकर उनकी दिलचस्पी बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं।
5 जब हम उस नए पौधे को फलता-फूलता देखते हैं, जिसे हमने सींचा था और जिसकी देखभाल की थी, तो हम कितने खुश होते हैं। वैसी खुशी हमें तब मिलती है जब हम किसी व्यक्ति से वापसी भेंट करते हैं और उसे आध्यात्मिक तरक्की करते देखते हैं। (1 कुरि. 3:6) तो क्यों न आप उन सभी लोगों से दोबारा मिलने का लक्ष्य रखें जिन्होंने थोड़ी भी दिलचस्पी दिखायी है?