अपनी गरिमा दूसरों पर ज़ाहिर करके मसीह के पीछे हो लें
1. इस साल अधिवेशन के विषय का, गरिमा ज़ाहिर करने से क्या ताल्लुक है?
बाइबल बताती है कि इस पूरे जहान का महाराजाधिराज यहोवा वैभव या गरिमा का वस्त्र पहने हुए है। (भज. 104:1) यीशु ने हमेशा अपनी बातों और कामों से अपने वैभवशाली पिता की महिमा की और उसके ठहराए इंतज़ामों का आदर किया। (यूह. 17:4) हम भी यीशु के नक्शेकदम पर चलते हुए यहोवा की महिमा और आदर कर सकते हैं। और इस साल “मसीह के पीछे हो लें!” ज़िला अधिवेशन में ऐसा करने के हमें कई मौके मिलेंगे।
2. हर सेशन में हाज़िर होने के लिए हम अभी से क्या तैयारियाँ कर सकते हैं जिनसे यहोवा का आदर हो?
2 उपासना जिससे गरिमा झलकती है: यहोवा ने हमारे लिए जो आध्यात्मिक दावत रखी है, उसमें हाज़िर होने की अभी से तैयारियाँ करके हम यहोवा के लिए आदर दिखा सकते हैं। क्या आपने अपने बॉस से बात की है और अपने काम-काज में ज़रूरी फेरबदल किए हैं ताकि अधिवेशन के तीनों दिन आप हाज़िर हो सकें? क्या आपने अधिवेशन में जल्दी पहुँचने की योजना बनायी है ताकि आप सीट ढूँढ़ सकें और शुरूआती गीत और प्रार्थना में शामिल हो सकें? क्या आप अपने साथ दोपहर का खाना ले जाने की सोच रहे हैं ताकि आप वहीं अधिवेशन की जगह पर अपने भाइयों के साथ खा सकें? हर सेशन की शुरूआत में, संगीत बजने से पहले जब चेयरमैन हमें अपनी-अपनी जगह पर बैठने को कहता है, तो हमें फौरन बातचीत खत्म करके बैठ जाना चाहिए और कार्यक्रम के शुरू होने का इंतज़ार करना चाहिए।
3. कार्यक्रम को ध्यान लगाकर सुनने से हम अपनी उपासना की गरिमा कैसे बढ़ाते हैं?
3 कार्यक्रम को ध्यान से सुनकर भी हम स्वर्ग में रहनेवाले अपने पिता के लिए आदर दिखाते हैं। अपने शहर में हुए एक ज़िला अधिवेशन के बारे में एक पत्रकार ने लिखा, ‘वहाँ लोग बड़े आदर के साथ और दिलचस्पी से आध्यात्मिक बातों को सुन रहे थे। उनका यह अच्छा व्यवहार देखकर’ तो कोई भी इंसान उनकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाएगा। पत्रकार ने यह भी कहा कि वहाँ “बहुत सारे बच्चे थे . . . ताज्जुब की बात तो यह थी कि सब-के-सब या तो चुपचाप बैठे थे या पवित्र बाइबल में आयतें ढूँढ़ रहे थे।” एक बार जब सेशन शुरू हो जाता है, तो उस दौरान हमें खाने-पीने, दूसरों से गप्पे लड़ाने, मोबाइल पर SMS भेजने या गलियारों में टहलने में समय बरबाद नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम से पूरा-पूरा फायदा पाने में माता-पिता अपने बच्चों की मदद कर सकते हैं, इसलिए उन्हें बच्चों को अपने साथ बैठाना चाहिए। (व्यव. 31:12; नीति. 29:15) इन हिदायतों को मानकर हम दूसरों के लिए आदर और उस अनमोल आध्यात्मिक भोजन के लिए कदरदानी दिखाते हैं जो हमें परोसा जा रहा है।
4. अधिवेशन के दौरान हमें ऐसे कपड़े क्यों पहनने चाहिए जिनसे गरिमा झलकती हो?
4 पहनावा जिनसे गरिमा झलकती है: पिछले साल के अधिवेशन में यह भाषण दिया गया था: “मसीहियों की हैसियत से आपकी गरिमा दूसरों पर हमेशा ज़ाहिर हो।” भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि परमेश्वर के सेवकों को अपने पहनावे और बनाव-श्रृंगार से मसीही गरिमा ज़ाहिर करने की जी-तोड़ कोशिश करनी चाहिए। इन चितौनियों के लिए कई भाई-बहनों ने अपनी कदर ज़ाहिर की है। इस साल भी हमें इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। हम अपने पहनावे से दिखाते हैं कि हम यहोवा के बारे में साथ ही, उसके साक्षी होने का हमें जो सम्मान मिला है, उस बारे में कैसा महसूस करते हैं। हमें हमेशा ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जो ‘परमेश्वर की भक्ति करनेवालों’ को शोभा देते हैं।—1 तीमु. 2:9, 10.
5. अधिवेशन के शहर में, फुरसत के समय भी हम अपने पहनावे में गरिमा कैसे बनाए रख सकते हैं?
5 क्या सिर्फ अधिवेशन के दौरान ही हमारे पहनावे से गरिमा झलकनी चाहिए? हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अधिवेशन के शहर में कई लोग हमें बैज कार्ड पहने हुए देखेंगे। ऐसे में हमारे पहनावे से ज़ाहिर होना चाहिए कि हम दुनिया के लोगों से जुदा हैं। इसलिए फुरसत के समय भी, जैसे जब हम खाना खाने बाहर जाते हैं, हमें जीन्स, हाफ-पैंट या टी-शर्ट नहीं पहननी चाहिए। इसके बजाय, हमारा पहनावा ऐसा होना चाहिए जो अधिवेशन में हाज़िर होनेवाले मसीही सेवकों को शोभा देता है। इससे हम बाहरवालों को क्या ही बढ़िया गवाही दे सकते हैं! और यहोवा यह देखकर खुश होता है कि उसके सेवक होने के नाते हमारे पहनावे से गरिमा झलकती है।
6. मसीही गरिमा ज़ाहिर करने के क्या अच्छे नतीजे होते हैं?
6 ऐसे नतीजे जिनसे खुशी मिलती है: अधिवेशन के मौकों पर मसीही गरिमा ज़ाहिर करने से हम दूसरों को गवाही देने का रास्ता तैयार करते हैं। इतना ही नहीं, हमें देखकर लोग हमारे बारे में अच्छी राय कायम करते हैं। एक अधिवेशन के आखिर में एक अधिकारी ने यह कहा: ‘हमने आज तक ऐसे लोग नहीं देखे जो इतने अदब से पेश आते हैं। आप लोगों का व्यवहार बिलकुल वैसा ही है जैसा परमेश्वर हम सबसे उम्मीद करता है।’ अपनी गरिमा ज़ाहिर करने से हम एक-दूसरे के लिए प्यार और आदर दिखाते हैं और यहोवा की महिमा करते हैं। (1 पत. 2:12) हम यह भी दिखाते हैं कि हम यहोवा का भय मानते हैं और उससे सिखलाए जाने की हमें जो अनोखी आशीष मिली है, उसकी दिल से कदर करते हैं। (इब्रा. 12:28) तो आइए, इस साल “मसीह के पीछे हो लें!” ज़िला अधिवेशन में हम पूरी-पूरी कोशिश करें कि हमारी गरिमा दूसरों पर ज़ाहिर हो।
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ज़िला अधिवेशन के लिए याद रखनेवाली बातें
◼ कार्यक्रम का समय: तीनों दिन, कार्यक्रम सुबह 9:20 पर शुरू होगा। हॉल के दरवाज़े सवेरे 8 बजे खोले जाएँगे। जब राज्य संगीत बजना शुरू होता है तब हम सभी को अपनी-अपनी सीट पर बैठ जाना चाहिए, ताकि शुरूआत से ही कार्यक्रम की गरिमा बनी रहे। कार्यक्रम, शुक्रवार और शनिवार को शाम 5:05 पर और रविवार को 4:10 पर खत्म होगा।
◼ गाड़ियाँ खड़ी करना: अधिवेशनों में हमें जहाँ गाड़ियाँ खड़ी करने की इजाज़त दी जाएगी, वहाँ ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह दी जाएगी। गाड़ियों में आनेवालों को अधिवेशन का बैज कार्ड पहनना चाहिए ताकि उन्हें पहचानना और जगह देना आसान हो। विकलांग भाई-बहनों को अपनी गाड़ी खड़ी करने के लिए एक अलग जगह दी जाएगी, जहाँ उनके सिवा कोई और अपनी गाड़ी नहीं खड़ी करेगा। ज़्यादातर अधिवेशनों में गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह कम होती है, इसलिए जहाँ तक हो सके कुछ लोगों को मिलकर एक ही गाड़ी में सफर करना चाहिए, बजाय इसके कि हर गाड़ी में सिर्फ एक-दो जन सफर करें।
◼ सीटें रखना: आप सिर्फ अपने घर में रहनेवालों या आपकी कार में सफर करनेवालों के लिए सीट रख सकते हैं।
◼ दोपहर का खाना: दोपहर के खाने के लिए अधिवेशन की जगह छोड़कर कहीं और जाने के बजाय, कृपया अपने साथ खाना लाइए। आप खाना एक छोटे-से डिब्बे में ला सकते हैं जो आपकी सीट के नीचे आसानी से आ सके। अधिवेशन में खाने के बड़े-बड़े डिब्बे, काँच के बर्तन और शराब लाना मना है।
◼ दान: ज़िला अधिवेशन का इंतज़ाम करने में काफी खर्च होता है। ऐसे इंतज़ाम के लिए अपनी कदरदानी ज़ाहिर करने के लिए हम अपने राज्य घर में या अधिवेशन की जगह पर, दुनिया-भर में हो रहे काम के लिए अपनी इच्छा से दान कर सकते हैं। अगर आप अधिवेशन में चेक के रूप में दान देते हैं, तो चेक “Watch Tower” के नाम पर होना चाहिए।
◼ दुर्घटनाएँ और एमरजंसी: आपात सेवाओं ने शिकायत की है कि कई लोग छोटे-मोटे मामलों को लेकर उन्हें फोन करते रहते हैं। अगर अधिवेशन की जगह पर कोई दुर्घटना होती है या अचानक किसी की तबियत खराब हो जाती है, तो पास में मौजूद किसी मददगार भाई (अटेंडंट) को इत्तला कीजिए। वह भाई फौरन फर्स्ट-एड विभाग को खबर देगा ताकि वहाँ मौजूद काबिल लोग जायज़ा ले सकें कि मामला कितना गंभीर है और फिर ज़रूरी मदद दे सकें। और अगर ज़रूरत पड़े तो फर्स्ट-एड विभाग के लोग ही 102 नंबर पर फोन करेंगे।
◼ बधिरों के लिए: सिर्फ बैंगलोर के अँग्रेज़ी अधिवेशन में साइन लैंग्वेज में कार्यक्रम पेश किया जाएगा।
◼ रिकॉर्डिंग: किसी भी तरह के रिकॉर्डर को अधिवेशन के इलेक्ट्रिकल या साउंड सिस्टम के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। और उनका इस्तेमाल सिर्फ इस तरह करना चाहिए कि दूसरों को परेशानी न हो।
◼ इत्र: कुछ अधिवेशन ऐसे हॉल में रखे जाते हैं जहाँ ए.सी. या एयर कूलर की वजह से सारे खिड़की-दरवाज़ों को बंद रखना पड़ता है। इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि आप इत्र, परफ्यूम, कलोन वगैरह कम इस्तेमाल करें ताकि ऐसे लोगों को तकलीफ न हो जिन्हें साँस की बीमारी है या कोई और परेशानी है।—1 कुरि. 10:24.
◼ फॉलो अप फॉर्म: अधिवेशन शहर में जब हम किसी को गवाही देते हैं और वह दिलचस्पी दिखाता है, तो उसका नाम-पता, प्लीज़ फॉलो अप (S-43) फॉर्म में भरना चाहिए। अधिवेशन में आते वक्त, प्रचारकों को अपने साथ एक-दो फॉलो अप फॉर्म लाने चाहिए। इसके अलावा, आप ये फॉर्म अधिवेशन में साहित्य विभाग से भी ले सकते हैं। आप इस फॉर्म को सही-सही भरकर या तो साहित्य विभाग को दे सकते हैं या फिर अधिवेशन से लौटने पर अपनी कलीसिया के सचिव को दे सकते हैं।—फरवरी 2005 की हमारी राज्य सेवकाई का पेज 6 देखिए।
◼ रेस्तराँ: कई रेस्तराँ में, बिल के मुताबिक कर्मचारियों को 10 से 15 प्रतिशत टिप या बख्शिश देने का दस्तूर होता है।
◼ होटल: (1) ज़रूरत-से-ज़्यादा कमरों की बुकिंग मत कीजिए और एक कमरे में जितने लोगों को रहने की इजाज़त है, उससे ज़्यादा लोगों को मत ठहराइए। (2) अगर आपको अपनी बुकिंग रद्द करनी है, तो फौरन होटलवालों को इत्तला कर दीजिए। (3) सामान ढोने के लिए होटल की ट्रॉली तभी लीजिए जब आपको उसका इस्तेमाल करना हो। और ट्रॉली का इस्तेमाल करने के फौरन बाद उसे लौटा दीजिए, ताकि दूसरे भी इस्तेमाल कर सकें। (4) अगर कमरे में खाना पकाना मना है, तो मत पकाइए। (5) कमरे की साफ-सफाई करनेवाले कर्मचारियों को हर दिन टिप दीजिए। (6) मसीही होने के नाते हम होटल में रहते वक्त ऐसे इंतज़ामों का नाजायज़ फायदा नहीं उठाएँगे, जैसे मुफ्त नाश्ता, कॉफी और बरफ या ठंडा पानी। (7) होटल में काम करनेवालों के साथ पेश आते वक्त हमेशा आत्मा के फल दिखाइए। (8) होटलों के नाम और किराए की सूची में एक दिन का पूरा किराया दिया गया है, मगर इसमें कर शामिल नहीं है। अगर होटलवाले आपसे किसी सुविधा के लिए पैसा माँगते हैं, जिसकी आपने न तो गुज़ारिश की है और ना ही उसका इस्तेमाल किया है, तो उन्हें पैसा मत दीजिए। साथ ही, इस बारे में जल्द-से-जल्द अधिवेशन के रूमिंग डिपार्डमेंट को इत्तला कीजिए। (9) अगर आपको होटल के कमरे के बारे में कोई शिकायत हो, तो अधिवेशन में रूमिंग डिपार्डमेंट को ज़रूर बताइए।