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  • युद्ध और लड़ाइयों का सब पर असर
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2025
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तसवीरें: 1. एक सैनिक एक टैंक के आगे-आगे चल रहा है। 2. अलग-अलग देशों के आदमी, औरतें और बच्चे जिन्होंने युद्ध की मार सही है।

युद्ध और लड़ाइयों का सब पर असर

“दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद दुनिया में सबसे ज़्यादा युद्ध और लड़ाइयाँ आज हो रही हैं। दो अरब लोग यानी हर चार में से एक व्यक्‍ति ऐसी जगह में रह रहा है, जहाँ कोई-न-कोई लड़ाई हो रही है।”

संयुक्‍त राष्ट्र के उप-महासचिव, आमीना जे. मोहम्मद, 26 जनवरी, 2023.

युद्ध कभी-भी और कहीं भी छिड़ सकता है। और इसका असर ना सिर्फ उन लोगों पर पड़ता है, जो इसकी चपेट में आते हैं बल्कि दूर-दूर के देशों के लोगों पर भी पड़ सकता है। यही नहीं, युद्ध खत्म होने के बाद भी लोगों को लंबे समय तक उसके बुरे अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं। आइए इसके कुछ उदाहरण देखें।

  • एक तसवीर जिसमें दो हाथ एक खाली कटोरा पकड़े हैं।

    भुखमरी: संयुक्‍त राष्ट्र के एक संगठन “विश्‍व खाद्य कार्यक्रम” के मुताबिक, “भुखमरी की सबसे बड़ी वजह है युद्ध। दुनिया में जितने लोगों को खाने की कमी है, उनमें से 70 प्रतिशत लोग ऐसी जगहों में रहते हैं जहाँ युद्ध और हिंसा हो रही हैं।”

  • एक तसवीर जिसमें एक औरत बहुत दुखी है और चेहरे पर हाथ रखी है।

    घायल होना और मानसिक बीमारियाँ होना: जब किसी इलाके में जंग छिड़ने का खतरा रहता है, तो वहाँ के लोग बड़े तनाव में आ सकते हैं और चिंता में डूब सकते हैं। दूसरी तरफ जो लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं जहाँ युद्ध हो रहे हैं, उन्हें ना सिर्फ ज़ख्मी होने बल्कि मानसिक बीमारी होने का भी खतरा रहता है। और दुख की बात है कि अकसर उन्हें ज़रूरी इलाज नहीं मिल पाता।

  • एक तसवीर जिसमें एक परिवार बड़े-बड़े सामान उठाए जा रहा है।

    घर-बार छोड़कर भागना: संयुक्‍त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के मुताबिक, सितंबर 2023 तक दुनिया के 11 करोड़ 40 लाख से भी ज़्यादा लोगों को मजबूरन अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। इस समस्या की एक बड़ी वजह है, युद्ध और लड़ाइयाँ।

  • एक तसवीर जिसमें एक परिवार अपने छोटे-से घर के बाहर खड़ा है।

    आर्थिक संकट: युद्ध की वजह से अकसर लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे, चीज़ों के दाम बहुत बढ़ जाते हैं। और जो पैसा स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में लगाना चाहिए, सरकारें उसे सेना के ऊपर लगा रही हैं। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है। यही नहीं, युद्ध में सबकुछ तबाह हो जाता है। उसे दोबारा बनाने में बहुत पैसा जाता है।

  • एक तसवीर जिसमें एक टूटे पाइप से तेल बह रहा है।

    पर्यावरण को नुकसान: युद्ध के दौरान ज़मीन को जानबूझकर बरबाद किया जाता है, जिसके अंजाम लोगों को भुगतने पड़ते हैं। हवा, पानी और मिट्टी, सबकुछ दूषित हो जाता है। इस वजह से लंबे समय तक लोगों को सेहत से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं। इसके अलावा, युद्ध के दौरान जगह-जगह बारूदी सुरंगें भी बिछायी जाती हैं। युद्ध खत्म होने के बाद भी लोगों को इनसे खतरा रहता है।

इसमें कोई शक नहीं कि युद्ध से ना सिर्फ तबाही मचती है बल्कि सभी को इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ती है

युद्ध के बारे में शास्त्र में भविष्यवाणी

शास्त्र में पहले से बताया गया था कि “दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्‍त” में, यानी जिस समय में हम जी रहे हैं, उस दौरान युद्ध और लड़ाइयाँ होंगी। (मत्ती 24:3) यीशु मसीह जब धरती पर था, तब उसने कहा:

  • “तुम युद्धों का शोरगुल और युद्धों की खबरें सुनोगे, . . . क्योंकि एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र पर और एक राज्य दूसरे राज्य पर हमला करेगा।”—मत्ती 24:6, 7.

  • “जब तुम युद्धों और हंगामों की खबरें सुनो, तो घबरा न जाना।”—लूका 21:9.

    यहाँ “हंगामों” का मतलब बगावत, खलबली, सरकार का विरोध करना, दंगे-फसाद और राजनैतिक उथल-पुथल भी हो सकता है।

ज़्यादा जानने के लिए jw.org पर लेख “‘अंत के समय’ या ‘आखिरी दिनों’ की क्या निशानी होगी?” पढ़ें।

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