5 (इसलिए नहीं कि हमने नेक काम किए थे+ बल्कि यह उसकी दया थी),+ तो उसने हमें पानी* के ज़रिए जीवन देकर+ और पवित्र शक्ति के ज़रिए नया बनाकर हमारा उद्धार किया।+
5 (इसलिए नहीं कि हमने नेक काम किए थे+ बल्कि यह उसकी दया थी),+ तो उसने हमें पानी* के ज़रिए जीवन देकर+ और पवित्र शक्ति के ज़रिए नया बनाकर हमारा उद्धार किया।+