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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 18पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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उसे काटकर: यीशु यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार इस्तेमाल कर रहा था। वह कह रहा था कि एक व्यक्ति को हाथ, पैर या आँख जैसी कोई भी अनमोल चीज़ त्यागने के लिए तैयार रहना चाहिए, बजाय इसके कि वह उसकी वजह से पाप कर बैठे और परमेश्वर से विश्वासघात करे। (मत 18:9) बेशक यीशु अपने शरीर को नुकसान पहुँचाने का बढ़ावा नहीं दे रहा था, न ही कह रहा था कि इंसान किसी तरह अपने अंगों का गुलाम है। उसके कहने का मतलब था कि इंसान को अपने किसी अंग के ज़रिए पाप करने के बजाय उसे मार डालना चाहिए या ऐसा समझना चाहिए मानो वह शरीर से कट गया हो। (कुल 3:5 से तुलना करें।) उसे हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए किसी भी चीज़ को आड़े नहीं आने देना चाहिए।
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