पीछे मत हटिए—नाकाबिल होने की भावना पर काबू पाइए
1. क्यों कुछ लोग बाइबल अध्ययन की पेशकश करने से हिचकिचाते हैं?
क्या आप बाइबल अध्ययन की पेशकश करने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि आपको लगता है कि आपमें अच्छी तरह अध्ययन चलाने की काबिलीयत नहीं है? बीते ज़माने में यहोवा के कई वफादार सेवक, जैसे मूसा और यिर्मयाह को भी ऐसा ही महसूस हुआ था जब उन्हें ज़िम्मेदारी दी गयी थी। (निर्ग. 3:10, 11; 4:10; यिर्म. 1:4-6) इससे पता चलता है कि खुद को नाकाबिल महसूस करना कोई नयी बात नहीं है। लेकिन इस भावना पर कैसे काबू पाया जा सकता है?
2. हमें क्यों यह नहीं सोचना चाहिए कि घर-घर का प्रचार करना काफी है, बाइबल अध्ययन दूसरे चला लेंगे?
2 हमें याद रखना चाहिए कि यहोवा हमसे कभी-भी ऐसा काम करने के लिए नहीं कहता जो हमारे बस के बाहर हो। (भज. 103:14) इसलिए ‘चेले बनाने’ और ‘लोगों को सिखाने’ की ज़िम्मेदारी हम पूरी कर सकते हैं। (मत्ती 28:19, 20) यहोवा ने यह सम्मान सिर्फ तजुरबेकार या काबिल लोगों को ही नहीं दिया है। (1 कुरिं. 1:26, 27) इसलिए हमें बाइबल अध्ययन चलाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि घर-घर का प्रचार करना काफी है, बाइबल अध्ययन दूसरे चला लेंगे।
3. किस तरह यहोवा हमें बाइबल अध्ययन चलाने के काबिल बनाता है?
3 यहोवा हमें काबिल बनाता है: यहोवा ही है जो हमें चेले बनाने के काम के लिए योग्य बनाता है। (2 कुरिं. 3:5) अपने संगठन के ज़रिए उसने हमें ऐसी बाइबल सच्चाइयाँ सिखायी हैं जो आज दुनिया के ज्ञानवान लोग भी नहीं जानते। (1 कुरिं. 2:7, 8) उसने महान शिक्षक यीशु के सिखाने के तरीके बाइबल में दर्ज़ कराए हैं ताकि हम वे तरीके अपना सकें। यहोवा मसीही मंडली के ज़रिए लगातार हमें प्रशिक्षण देता है। इतना ही नहीं, उसने हमें अध्ययन कराने के लिए किताबें भी दी हैं। जैसे, बाइबल सिखाती है किताब जो सच्चाई को सिलसिलेवार ढंग से और आसानी से समझने में मदद देती है। इन सबकी मदद से बाइबल अध्ययन चलाना शायद उतना मुश्किल न हो जितना की हमें लगता है।
4. हम क्यों भरोसा रख सकते हैं कि यहोवा हमारी मदद ज़रूर करेगा?
4 मूसा और यिर्मयाह, यहोवा की मदद से अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर पाए। (निर्ग. 4:11, 12; यिर्म. 1:7, 8) हम भी यहोवा से मदद माँग सकते हैं। और वह ज़रूर हमारी मदद करेगा, क्योंकि जब हम किसी के साथ बाइबल अध्ययन करते हैं तो हम उसे यहोवा के बारे में सच्चाई सिखा रहे होते हैं और यह परमेश्वर को भाता है। (1 यूह. 3:22) इसलिए हम आपको बढ़ावा देते हैं कि आप बाइबल अध्ययन चलाने के काम में हिस्सा लेने का लक्ष्य रखें। यह सेवा का ऐसा पहलू है जिसमें भाग लेकर आपको खुशी और भरपूर आशीष मिलेगी।