क्या आप किसी मसीही के अविश्वासी जीवन-साथी की मदद कर सकते हैं?
1. जिस मसीही भाई या बहन का जीवन-साथी सच्चाई में नहीं है, वह सच्चाई को कबूल करे, यह ख्वाहिश कौन-कौन रखता है?
क्या आपकी मंडली में ऐसे प्रचारक हैं, जिनके पति या पत्नी सच्चाई में नहीं हैं? अगर हाँ, तो इसमें दो राय नहीं कि ये प्रचारक चाहते होंगे कि इनके जीवन-साथी भी सच्ची उपासना में इनके साथ हो लें। लेकिन यह इच्छा सिर्फ इन्हीं की नहीं है। परमेश्वर की तरह पूरी मंडली भी यही चाहती है कि “सब किस्म के लोगों का उद्धार हो और वे सच्चाई का सही ज्ञान हासिल करें।” (1 तीमु. 2:4) हम अपनी मंडली के प्रचारकों के अविश्वासी जीवन-साथियों की कैसे मदद कर सकते हैं?
2. समझ से काम लेने से हम कैसे किसी के अविश्वासी जीवन-साथी की मदद कर पाएँगे?
2 सबसे पहले तो हमें मामलों को अविश्वासी जीवन-साथी के नज़रिए से देखना चाहिए। बहुत-से अविश्वासी लोग अपने परिवार से प्यार करते हैं और एक अच्छा जीवन-साथी और अच्छा पिता या माँ बनने की कोशिश करते हैं। लेकिन हो सकता है उन्हें अपने धर्म में अटूट विश्वास हो। शायद उन्हें यहोवा के साक्षियों के बारे में उतनी ही जानकारी हो, जितना उनके ऐसे दोस्तों ने बताया हो जो खुद भी साक्षियों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं रखते या जो हमें पसंद नहीं करते। कुछ इस बात से नाराज़ होते हैं कि उनका जीवन-साथी जो वक्त पहले परिवार के साथ बिताता था, अब वह उस वक्त को उपासना में लगा देता है। समझ से काम लेने से हमें किसी भाई या बहन के अविश्वासी जीवन-साथी के साथ प्यार और आदर से पेश आने में मदद मिलेगी। और उनसे मिलने पर हम बेवजह घबराएँगे भी नहीं।—नीति. 16:20-23.
3. अविश्वासी जीवन-साथी को सच्चाई की ओर खींचने का सबसे बेहतरीन तरीका क्या हो सकता है?
3 निजी दिलचस्पी: शुरू-शुरू में अविश्वासी जीवन-साथी को सच्चाई की ओर खींचने का सबसे बेहतरीन तरीका है, हमारे काम न कि बाइबल चर्चा। (1 पत. 3:1, 2) इसके लिए निजी दिलचस्पी दिखाना बहुत ज़रूरी है। मंडली की बहनें एक अविश्वासी पत्नी में दिलचस्पी दिखा सकती हैं और भाई अविश्वासी पति में दिलचस्पी दिखा सकते हैं। कैसे?
4. हम किस तरह निजी दिलचस्पी दिखा सकते हैं?
4 अगर आप अभी तक अविश्वासी साथी से नहीं मिले हैं, तो क्यों न आप उसके मसीही जीवन-साथी से सलाह करके उससे मिलने जाएँ? पहले-पहल अगर अविश्वासी जीवन-साथी ज़्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाता और आपसे मेल-जोल नहीं करता, तो निराश मत होइए। हमारा दोस्ताना व्यवहार और निजी दिलचस्पी देखकर शायद वह यहोवा के साक्षियों के बारे में अच्छा नज़रिया रखने लगे। (रोमि. 12:20) कुछ प्रौढ़ मसीही, अविश्वासी साथी और उसके परिवार को खाने पर बुलाते हैं और इस तरह वे एक-दूसरे को अच्छी तरह जानने और अपने बीच की दूरी मिटाने की कोशिश करते हैं। वे आध्यात्मिक विषयों पर ज़बरदस्ती बात न करके, उन विषयों पर बात करते हैं जिनमें अविश्वासी साथी को दिलचस्पी होती है। बाद में, जब अविश्वासी उनके साथ घुल-मिल जाता है, तब चाहें तो बाइबल से बात की जा सकती है। एक बार जब मंडली के कुछ लोगों से जान-पहचान हो जाती है, तो शायद वह हमारी किसी एक सभा में आने का न्यौता कबूल कर ले, ताकि वह जान सके कि उसकी पत्नी क्या सीख रही है। भले ही वह सच्चाई के बारे में ज़्यादा जानना न चाहता हो, लेकिन इस बात के लिए उसकी तारीफ ज़रूर की जा सकती है कि वह अपनी विश्वासी पत्नी का साथ दे रहा है।
5. अविश्वासी जीवन-साथी की मदद करने के लिए प्राचीन क्या कर सकते हैं?
5 प्राचीनों को खासकर अविश्वासी जीवन-साथी से बात करने की पहल करनी चाहिए और गवाही देने के मौके हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। एक अविश्वासी जो पहले बाइबल पर चर्चा के लिए राज़ी नहीं था, हो सकता है भयंकर बीमारी से गुज़रते वक्त या अस्पताल में भर्ती होने पर वह बाइबल से हौसला बढ़ानेवाली बातों पर ध्यान दे। जिन परिवारों में पति-पत्नी में से एक ही सच्चाई में है, जब वे किसी तकलीफ का सामना करते हैं जैसे परिवार के किसी सदस्य की मौत, तब प्राचीन उस परिवार को दिलासा देते समय अविश्वासी जीवन-साथी को भी साथ बैठने के लिए कह सकते हैं।
6. अविश्वासी जीवन-साथी की मदद करने के क्या कारण हैं?
6 जब एक अविश्वासी जीवन-साथी सच्चाई में आ जाता है, तो सोचिए इससे उसके मसीही साथी को कितनी खुशी होगी! इस मौके पर यहोवा, स्वर्गदूतों और मंडली के बाकी भाई-बहनों को भी बेइंतिहा खुशी होती है। (लूका 15:7, 10) लेकिन अगर शुरू-शुरू में अविश्वासी कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखाता, तब भी हम इस बात से खुश हो सकते हैं कि हम जो मेहनत करते जा रहे हैं, उससे यहोवा खुश होता है क्योंकि “वह नहीं चाहता कि कोई भी नाश हो बल्कि यह कि सब को पश्चाताप का मौका मिले।”—2 पत. 3:9.
[पेज 6 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
शुरू-शुरू में अविश्वासी जीवन-साथी को सच्चाई की ओर खींचने का सबसे बेहतरीन तरीका है, हमारे काम न कि बाइबल चर्चा